एक नौजवान के कारनामे 107

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दुल्हन बनी नीता.
3k words
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221
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Part 107 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 37

दुल्हन बनी नीता

हम तीनो आपस में लिपटे हुए थे । रीता नीता में मुँह पर लगा हुआ वीर्य चाट रही थि और नीता रीता में मुँह पर लगा हुआ वीर्य चाट रही थी । दोनों ने एक दुसरे का मुँह साफ़ किया और फिर हम तीनो बेतहाशा चुंबन करने लगे ।

तभी नीता ने कमरे में लगी हुई घडी की तरफ देखा टाइम 7.30 हो गया था । वह इस संशय में थी की अब आगे क्या किया जाए । क्या उन्हें अब चुदना चाहिए या आगे की चुदाई का कार्यक्रम खाने के बाद करना चाहिए? मैंने इसका मन पढ़ लिया और मैं इन दोनों को आज और अभी चोदना चाहता था । मुझे पता था ये दोनों अब पूरी तरह से गर्म और चुदाई के लिए पूरी तरह से त्यार हैं और अब ये किसी से भी चुद जाएंगी। इन्हे अब अगर मैं नहीं मिला तो किसी और नौकर से भी ये चुदवा लेंगी और चूँकि ये इनकी पहली चुदाई थी मैं इसे ख़ास भी बनाना चाहता था और मैंने उनका मन पढ़ा। दोनों के मन में किसी भी और लड़की की तरह ये इच्छा थी की वह अपनी पहली चुदाई दुल्हन की तरह करवाए।

मैंने तुरंत अपनी अंगूठी की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राजमाता को मानसिक निर्देश दिया की वह रात्रि भोजन को थोड़ा लेट करवा दे और इस बावत सन्देश सब को भेज दे और साथ ही सब लड़कियों और स्त्रियों के लिए राजसी वस्त्र भिजवा दे की सबको रात्रि भोजन के समय उन वस्त्रो और आभूषणों में आना है और रोजी और रूबी के हाथ उन वस्त्रो और आभूषणों को रीता और नीता के कमरे में भिजवा दे और मैंने रोजी रूबी टीना और मोना को निर्देश दिया वह आकर इन दोनों को दुल्हन की तरह सजा दे ।

कुछ देर तक हम चुंबन करते रहे फिर हम तीनों कुछ देर बैठे यह तय करने के लिए कि पहले किस्की चुदाई की जाएगी। तय हुआ कि पहले नीता की चुदाई की जाएगी।

"लेकिन हमें चोदने से पहले एक बहुत गंभीर बात पर चर्चा करनी होगी," रीता ने मेरी ओर अपना चेहरा घुमाते हुए कहा।

"वह क्या है मिस?" मैंने पूछा।

रीता ने कहा, "आपको बहुत सावधान रहना होगा कि आप हमारे योनी के अंदर न आएँ। अगर आप गलती से या जानबूझकर हमारे अंदर वीर्य छोड़ते हैं और बाद में अगर हम में से कोई भी गर्भवती हो जाती है तो हम दोनों आपको दोषी ठहराएंगे और आपको पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"

रीता ने धमकी भरी आवाज में मुझे बोला।

मैंने ऐसा अभिनय किया जैसे मैं एक पल के लिए कांप गया और, परिणामों के बारे में सोचकर मेरी रीढ़ की हड्डी में ठंडक फैल गई।

पर तभी नीता बोली दीपक परन्तु मैं आपके वीर्य को अपने अंदर महसूस करना चाहती हूँ... आज मेरी पहली बार है मैं पूरा मजा लेना चाहती हूँ इसलिए रीता आपको याद होगा आज जब हम कल्ले से वापिस आ रहे थे तो मैं एक स्टोर में कुछ सामान लेने गयी थी और आप उस समय किसी अपनी सहेली से फ़ोन पर बात कर रही थी तो आप बाहर रुक गयी थी ।

रीता बोली हाँ तो वहाँ क्या हुआ था?

नीता बोली आज मेट्रो में हुई हमारे साथ छेड़खानी के कारण मैं बहुत घबरा गयी थी और इस कारण से उस बड़े स्टोर के मेडिकल वाली दूकान से मैंने लड़की से मैं गर्भ धारण को रोकने के लिए दवाई ली थी और उसने बोला था इसे सम्भोग से बाद में ले कर बेफिक्र हो सम्भोग कर सकती हो ।

फिर मैंने घर आकर अपनी मेडिकल की किताबे खंगाली और इंटरनेट सर्च की तो पता चला लिंग और वीर्य योनि में तो गया ही नहीं था। इसलिए मैं सुरक्षित थी तो उसका प्रयोग नहीं किया मैं तो उसका इस्तेमाल करने वाली हूँ। इससे मैं सम्भोग का पूरा मजा ले पाऊँगी ।

मैं उसने पूछा कि आपका लास्ट पीरियड्स कब हुआ था ।

तो नीता बोली अभी दो दिन पहले ही मेरे पीरियड खत्म हुए हैं और रीता बोली मेरे पीरियड हुए 20 दिन से ज्यादा हो चुके हैं । तो मैंने कहा मुझे भी एक डॉक्टर ने बताया था पीरियड के 10-15 दिन का समय गर्भादान के लिए सबसे अनुकूल होता है इस समय सेक्स कर अगर वीर्य अंदर डाला जाए तो-तो प्रेग्नेंट होने का ज्यादा खतरा होता है अन्य समय सम्भोग सुरक्षित होता है और अब आप दोनों इस खतरे से सुरक्षित हैं ।

रीता ने फिर पुछा: क्या आप सब कुछ समझ गए हैं? " आप खतरे को जानते और समझते हैं ।

मैंने कहा, "नहीं...नहीं। मिस, ऐसा कभी नहीं होगा, मेरे पास नियंत्रण क्षमता है। अगर आप कहेंगी तो मैं ठीक बाहर निकाल लूँगा। अगर आप अनुमति दें, तो मैं मुंह के अंदर भी कर सकता हूँ।" आप जैसा कहेंगी मैं वैसा ही करूंगा ।

"ठीक है कि हम विचार कर लेते हैं।?" रीता ने स्टील की आवाज में कहा।

"जी, मिस," मैंने थोड़ा नाटक करते हुए जवाब दिया।

"अब, आप नीता की इच्छा के अनुसार आगे बढ़ सकते हैं," रीता ने कुछ देर सोचने के बाद आज्ञा दी। आप जान लीजिये इनका नाम नीता है और मेरा नाम रीता है । उसने अपने नाम बताये।

नीता नग्न थी और उसने अपने पैर और जाँघों को फैला रखा था। उसकी खूबसूरत मोटी गीली रसीली योनी फूल और उकेरी हुई चमचमाती कड़ी छोटी-सी भगशेफ आमंत्रित कर रही थी। उसके पास सुंदर घने योनी होंठ, खड़ी भगशेफ और घने काले मुलायम जघन बालों का एक लंबा त्रिकोण था।

"अगर आपको लगता है कि आप तैयार हैं? " मैंने गंभीरता से जवाब दिया, "मैं आपको कुछ भी चोट नहीं पहुँचाना चाहता" "चिंता मत करो," मैंने उसे आश्वासन दिया क्योंकि मैंने प्यार से उसके गाल पर अपनी उंगलियाँ चलाईं, "मैं यह करना चाहता हूँ और मैं चाहता हूँ कि यह आपके साथ सहज और आसान हो, मिस? "

नीता थोड़ा शर्माते हुए मुस्कुराई। "नीता! मेरा नाम नीता है धन्यवाद" वह फुसफुसायी।

"बस एक सेकंड," रीता अपने पैरों पर खड़े हुई और दूसरे कमरे में जाने से पहले जवाब दिया। रीता गीले तौलिये के साथ वापस आने से पहले कुछ पल के लिए बहते पानी की आवाज़ सुनाई दी।

वैसलीन के एक छोटे से जार के साथ रीता आयी और मुस्कुराई और तौलिये को प्लास्टिक की थैली पर रख दिया। रीता अपना मुँह साफ़ धो कर एक अन्य तौलिया लपेट कर आयी थी।

"आप बहुत बढ़िया चीज लायो हो रीता?" नीता ने हंसते हुए पूछा।

तभी दरवाजा खटखटाया और रीता ने पुछा कौन है?

दरवाजे पर रोजी थी और बोली आपके लिए राजमाता का सन्देश लायी हूँ।

रीता ने मुझे तुरंत कमरे के टॉयलेट में नीता के साथ भेज दिया और खुद तौलिया लपेट कर दरवाजा खोला।

रोजी ने अनुमति लेकर अंदर प्रवेश किया और राजमाता का सन्देश सुनाया की रात्रि भोजन एक घंटा देरी से होगा और साथ ही सब लड़कियों और स्त्रियों के लिए राजसी वस्त्र भिजवाये हैं और आपको रात्रि भोजन के समय उन वस्त्रो और आभूषणों में आना है । उसके बाद रूबी टीना और मोना भी कुछ स्नैक्स चॉकलेट और दूध के गिलास ले कर आ गयी। मोना एक योग्य फैशन डिजाइनर है और टीना एक प्रशिक्षित ब्यूटीशियन है। वे उन्हें तैयार होने में मदद करेंगी और बोली हम आपकी दोनों कोी त्यार होने में मदद करने आयी हैं । तब तक नीता भी टॉयलेट से स्नान करके बाहर आ गयी ।

फिर उन्होंने झिलमिलाते, झालरदार लचीले, रेशमी राजसी वस्त्रों को दिखाया और जो सबसे सुंदर और भारी और पारम्परिक थे उन्हें चुना फिर रीता और नीता ने इस पोशाकों से मैचिंग ज्वैलरी के कई जोड़े के साथ अपने चयन को पूरा किया।

रोजी रूबी टीना और मोना चारो ने मिल कर जल्दी से रीता और नीता को त्यार कर उन्हें दुल्हन की तरह सजा दिया । और बोली आज लगता है आप दोनों के इस तरह से दुल्हन बने देख सब लड़के दीवाने हो जाएंगे और दरवाज़ा बंद कर हंसते हुए चली गयी।

मैंने टॉयलेट में रखा हुआ टॉवल गाउन पहन लिया और बाहर आ गया मैं उनके शयन कक्ष की ओर बढ़ रहा था। लेकिन रीता ने मुझे बेडरूम में जाने से मना किया और मुझे पोशाक देते हुए बोली।

"दीपक रुको! रुको, बेडरूम में मत जाओ। तुम अपने आप को बाथरूम में तरोताजा करो, ठीक से स्नान करो, इन पोशाकों को पहनो, मैं तुम्हें पहली बार नीता के साथ तुम्हारी नई दुल्हन के लिए तैयार कर रही हूँ," रीता मुस्कुराते हुए कहा।

शाम 7.45 बजे के आसपास था। मैंने स्नान किया, वह पोशाक पहन ली और बेड की और बढ़ चला। मुझे देख रीता बोली दीआपक आप तो काफी हैंडसम हो । और नहाने के बाद इस राजसी कपड़ो में बिलकुल राजकुमार जैसे लग रहे हो।

नीता बेड पर बैठी थी। जैसे ही उसने मुझे देखा, वह पलंग से उठकर उसके पास आ गई। उन्होंने आशीर्वाद लेने के लिए मेरे पैर छुए। मैं उसे आशीर्वाद दिया और उसके मेरे करीब खींचा और उसके चेहरे पर से घूंघट हटा दिया और उसे एक चुम्बन कर दिया।

मैंने आदत के अनुसार जेब में हाथ डाला तो उसमे दो अंगूठीया रखी हुई थी जिसे देख मुझे समझ आया की रोजी जरूर मेरे कमरे में गयी होगी और मुझे वहाँ न पा कर और मेरा मानसिक आदेश पा कर उसे आभास हो गया था कि मैं इस दोनों तरुणियो के साथ अब क्या करने वाला हूँ इसलिए उसने मेरे कुर्ते में ये अंगूठीया रख दी थी, पर अब समस्या ये थी की मैं ये अंगूठी नीता को कैसे दू क्योंकि उसके सामने तो मैं एक गरीब माली बन कर आया था ।

मैंने फिर अपनी नगूठी की मानसिक शक्ति का प्रयोग करते हुए रीता और नीता के दिमाग में डाला की ये आम अंगूठीया मैंने पहनी हुई थी।

मैंने एक अंगूठी निकाली और नीता को देते हुए बोला हमारे प्यार और पहले मिलन की निशानी है आपके लिए। तो उसने अपना हाथ आगे कर दिया मैंने उसे वह अंगूठी पहना दी।

वह बहुत गोरी और तरुण लड़की थी और रीता से भी ज्यादा खूबसूरत थी। उसकी उम्र लगभग 18 वर्ष की थी पर लगती छोटी और तरुण थी। वह लंबी दुबली-पतली थी, उसका सुंदर मासूम चेहरा, बड़ी मासूम, आँखें, मोटे-मोटे पूर्ण कामुक थपथपाने वाले रसदार होंठ, जेट-काले, लंबे लहराते बाल, उसके बहुत मोटे और बड़े चिकने कूल्हे की लंबाई तक के बालों को एक मोटी-मोटी चोटी में व्यवस्थित कर चमेली के फूलों से सजाया गया था और वह खिलखिला रही थी। उसके पतले फ्रेम पर उसकी चोटी भारी और मोटी लग रही थी। उसके स्तन गोल और सुदृढ़ थे, पतली मिड्रिफ, पतली कमर, लंबी टाँगे थी। वह पतली, दुबली, नाजुक और कामुक लग रही थी, फिर भी बहुत ही सुडौल थी। उसके कॉलरबोन स्पष्ट रूप से प्रमुख थे जो उसे और अधिक वांछनीय बना रहे थे। उसके गालों के दोनों किनारों पर डिंपल बनाते हुए सुंदर मुस्कान थी। उसके बाएँ कॉलरबोन के ठीक नीचे सुंदर तिल था जो उसे कामुक बनाता है।

नीता शर्म से चुप थी जो उसकी गिरती आँखों से स्पष्ट थी, वह फिर बिस्तर के पास गई और दूध का गिलास उठाया, हाथ में दूध का गिलास लेकर वहाँ खड़ी मेरे आगे बढ़ने की प्रतीक्षा कर रही थी। (यह था एक नवविवाहित दुल्हन की भारतीय हिंदू परंपरा है जिसमे पत्नी अपने पति से उनकी पहली रात में मिलने की प्रतीक्षा और स्वागत करती है।)

मैं उसे बिस्तर के पास ले आया। उसने दूध का गिलास मुझे सौंप दिया। मैंने आधा गिलास पिया और उसे गिलास को अपने होठों से छूने की पेशकश की। उसने अपना मुँह खोला और दूध पी लिया। मैंने अपनी उंगली से उसके होठों से दूध के निशान मिटाए और उसका स्वाद चखा। मैंने नीता को देखा, जो युवा, दुबली और सुडौल, सुंदर और सेक्सी थी। मैंने उसके होठों पर अपनी उंगली ट्रेस की और कहा, "नीता, तुम एक खूबसूरत लड़की हो और मैं चाहता हूँ कि तुम्हें पता चले कि मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ।"

मैं उसके करीब हुआ तो नीता की आँखें बंद हो गयी मैं उसे किश करने लगा तो मेरे ओंठ उसके ओंठो की जगह उसके जबड़े की हड्डी के साथ जुड़े, मैंने इस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी गर्दन और फिर उसके नीचे और उसके कंधो तक कई छोटे-छोटे चुम्बन किये और फिर ऊपर जाते हुए जीभ से उसके जबड़े की ट्रेस करते हुए चाटा। वह कामुकता जनित तीव्र भावनाओ से काँप उठी। जैसे ही मैं उसके कान के पास पहुँचा और मैंने धीरे से उसके कान के लोब को चूसा, उसकी साँस धीमी हो गई।

"मैं तुम्हें कोई नुक्सान करने नहीं जा रहा हूँ, यह सिर्फ एक चुंबन है और हमने ये पहले भी किया है। इसका आनंद लें," मैंने एक हाथ से उसके ठोड़ी को पकड़ कर धीरे से उसके कान में मोहक ढंग से फुसफुसाया और उसका एक हाथ पकड़ लिया I

मैंने दूसरे हाथ से को उसके चेहरे पर फिराया और धीरे से उसका चेहरा अपनी ओर खींच लिया। वह थोड़ा-सा काम्पी लेकिन उसने मेरी उंगलियों और अंगूठे जो धीरे से उसकी ठुड्डी को सहला रहे थे उनका विरोध नहीं किया। मैंने कुशलता से उनके बीच के अंतर् को कम किया, उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और वह मेरे साथ लिपट गयी और उसने अपना बदन मेरे साथ चिपका मेरे को चूमने लगी।

मैंने अपनी जीभ उसके निचले होंठ पर चलाते हुए उसके मुँह में जीभ घुसानी चाहे तो उसने अपना मुंह खोल दिया और मेरी जीभ उसकी जीभ के साथ मिल गई। मैंने उसके हाथ को छोड़ दिया ताकि मेरे हाथ दूसरी जगहों पर जा सकें और उसने अपने हाथों मेरी छाती और कंधों पर घुमाया और अंत मेरे गले में डाल दिया। मैंने उसे करीब खींच लिया।

अब मेरी बारी थी उसे, उसकी महक, उसके स्वाद से चखने की। मैंने उसका स्वाद चखा वह गुलाब जैसी मासूमियत लिए हुई थी । वह मुझे चूमने लगी और उसके नाजुक हाथ ने मेरी गर्दन को छोड़ा और मेरे बालों में ऊपर की ओर चली गई।

नीता ने अपने मुंह से कराहते हुए मेरी सर में अपनी उंगलिया फिराना जारी रखा और फिर अपने हाथ के मेरे गाल पर ले आई। मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी पीठ के चारों ओर घूमते रहे, अपना रास्ता बनाते हुए, धीरे से उसके नितंबो को सहलाते रहे। जैसे ही मैंने खुद को उसके खिलाफ दबाया, वह कराह उठी, धीरे चुंबन को तोड़ मैंने उसे देखा, उसके गाल लाल हो गए थे और उसके होंठ चूमने से उभर हो बड़े हो गए थे और उसकी आँखों तीव्र जुनून के साथ चमकने लगी थी।

मैं उसे बिस्तर पर ले गया और उसकी बगल में बैठ कर उसकी गर्दन और कंधों चूमा और उसकी खुशबु लेते हुए गहरी सांस ले कर कहा, "आप बहुत सेक्सी और रोमांचक हो।"

और दूसरी तरफ रीता भी बेड के साथ सोफे पर दुल्हन बनी हुई बैठी हमारा कार्यक्रम देख रही थी। फिर में नीता के पास गया और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उससे बातें करने लगा और बोला कि आप यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि आपको सब मालूम है। नीता लाल रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थी। फिर मैंने धीरे से उसके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उनकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी। फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी। नीता सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी चूचीयाँ मेरे सीने से दब गयी थी।

मैंने उसकी दुल्हन बनारसी रेशमी साड़ी का पल्लू उतार दिया और ब्लाउज के ऊपर से उसके स्तनों को सहलाया।

फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला। तो नीता ने कहा कि मेरे प्यारे प्रेमी दीपक धीरे करो दर्द होता है। फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब नीता पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में नीता के बूब्स को दबाने लगा था। अब उनके मांसल बूब्स दबाने से वह सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी।

जिससे जोश में आकर मैंने उसके ब्लाउज को खोल दिया और हटा दिया, जबकि उसने चुपचाप अपने हाथों को आराम करने के लिए उठाया। मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके बड़े गोल, सख्त स्तनों और उसके निप्पलों को छुआ। उफ़फ्फ़ बनाने वाले ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उनका नाजुक, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ पेटीकोट में था। नीता बोली मुझे अब और मत तड़पाओ। आओ मेरे दीपक मेरी प्यास बुझा दो। अब उसकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है।

और उसको पूरा नंगा कर दिया। फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी नीता के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन।

मैंने नीता को बिस्तर पर लिटा दिया। नीता बिस्तर के किनारे पर लेट गई, उसके पैर फर्श को छू रहे थे और उसके बाल बिस्तर पर फैले हुए थे। मैं उसकी निर्दोष, दोषरहित, चमकती हुई चिकनी त्वचा, पूरी तरह से पका हुआ, विशाल शंक्वाकार, छोटे काले घेरों के साथ गोल कठोर और सीधे स्तन, फूला हुआ निप्पल, गहरी नाभि, उसके पेट का उठना और गिरना देख सकता था। बिस्तर पर वापस लेटे हुए, उसका नग्न कामुक शरीर कमरे में लाइट के उजाले में स्पष्ट रूप से मेरे सामने था। मैंने उसके घुटनों को ऊपर और चौड़ा खोल दिया जिससे मुझे उसकी बालों वाली योनी तक पूरी पहुँच मिल गई। मैं उसकी फैली हुई जाँघों के बीच बैठ गया, आगे झुक गया और नीता की खुली हुई चूत को देखा। उसकी प्यारी योनी के ठीक ऊपर उसकी एक बहुत छोटी लैंडिंग स्ट्रिप थी। उसके रस से योनि के होंठ गीले थे। उसकी भगशेफ सूज गयी थी और धड़क रही थी।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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