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Click hereआपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 74" में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ। उसके बाद मैंने लिली को चोदा। एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी। फिर मैंने लंड की साफ़ किया और कुछ खा पि कर ऊर्जा प्राप्त करअगले सत्र की तयारी की और मैं तरोताजा महसूस कर रहा था।
फिर मैंने हुमा को घोडी बना कर पीछे से चोदा और उसके बाद लंड बाहर निकाल कर लड़कियों को पुरुष का स्खलन कैसे होता है दिखाया।फिर मिली ने ऊँगली के जादू का अनुभव किया ।
अंतरंग हमसफ़र भाग 74 से उद्धृत :
मैंने ऊँगली उस नाजुक छेद में आगे बढ़ाना शुरू कर दिया जिससे उसे सबसे उत्तम गुदगुदी और कामुक संवेदनाएँ अनुभव हुई जिनका मिली ने कराहते हुए स्पष्ट रूप से आनंद लिया। उसने मुझे मेरेी गर्दन के चारों ओर पहले से कहीं ज्यादा कसकर पकड़ लिया। अपने होंठों को मेरे ऊपर ले लिया और मुझे जोर से चूमना शुरू कर दिया। और जब मैंने पूरी उंगली उसकी योनी के छेद में डाल दी और ऊँगली हिला कर उसे मोहक रूप से उत्तेजित करना शुरू कर दिया, तब उसने काफी हद तक खुद पर से नियंत्रण खो दिया और अपनी यौन इच्छाओं और मेरे आगे अपनी कामुक वासना की संतुष्टि के लिए खुद को अनर्गल रूप से आत्मसमर्पण कर दिया।
वह बोली आपकी ऊँगली ने तो कुछ जादू कर दिया है मुझे कुछ हो रहा है ।
मैंने कहा ये तो अभी तर्जनी ऊँगली का जादू है अभी तो आपको बड़ी और मोटी ऊँगली के जादू भी अनुभव होगा और उसे चूमने लगा और साथ-साथ ऊँगली आगे पीछे करने लगा।
ओह! प्रिय!' मिलि ने हांफते हुए, मेरी उंगली को उसकी योनी में और अधिक उग्र परिश्रम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खुद को पागलों की तरह आगे की ओर झटका दिया.
यह देखकर कि मिली अब कामोत्तेजक शिखर के कगार पर थी, मैंने उसके भगशेफ पर हमला किया और उसे तेजी गुदगुदाया। 'हा!...हा!...हा!!!...' अवर्णनीय तरीके से वो काम्पी और हांफते हुए वो झड़ गयी और मेरी ऊँगली को उसके मलाईदार रस से भिगो दिया ।
अब आगे:-
लिली ने अपनी बहन एमी को चूमा और फिर वह दोनों सबसे पहले के पास मिली के पास आई, और वे दोनों स्वर्ग का आनंद अनुभव कर रही अपनी बड़ी बहन को बधाई देने के लिए उसके पास आयी । उनके पीछे-पीछे बाकी लड़किया भी मिली के पास आ गयी । मिली अभी भी उसी आनंद के खुमार में डूबी हुई थी और लगभग आधी बेहोश थी, मैंने सावधानी से अपनी उंगली को उसकी योनी से बाहर निकाला और विजेता की मुद्रा में मैंने उन्हें अपनी ऊँगली को उन्हें दिखाया, जो की गीली, चमकदार और मिली के मलाईदार रस से चिपचिपी थी । तभी लिली ने उस ऊँगली को अपने मुँह में लिया और वह सारा रस चाट गयी और फिर ओंठो से वह रस सबसे पहले एमी और फिर बाकी लड़कियों को उस रस को थोड़ा-थोड़ा चटाया और सबसे आखिर में मेरे ओंठो के साथ अपने ओंठ जो की मिली के मलाईदार रस से चिपचिपे थे लगा दिए।
तभी मिली अर्ध मूर्छा से बाहर निकली और उसने बेचैनी से खुद को हिलाया, फिर एक लंबी सांस ली और जैसी वह किसी सपने से बाहर आ गयी हो वैसे अपनी आँखें खोलीं। जैसे ही उसकी आँखे लिली, मेरे से और अन्य लड़कियों से मिली उसे याद आ गया वह असल में कहाँ थी और क्या कर रही थी। वह शरमा गई, और अपना चेहरा अपने हाथों में दबा लिया, शर्म से बड़बड़ाते हुए बोली, 'ओह, दीपक! ये तुमने क्या किया! ओह दीपक!'
मैंने कहा कि अगर तुम छिपना चाहती हो तो मेरी बाहों में छिप जाओ वह एक दम से मेरी तरफ लपकी और मैंने उसे प्यार से मेरी बाहों में ले लिया और कहा, 'शर्म की कोई बात नहीं है, प्रिय आपकी बहने सखियया और सहायिकाये आपको बधाई देने आयी हैं!' बहुत खुश मिली ने मुझे कृतज्ञतापूर्वक चूमा, लिली फिर बारी-बारी एमी, सपना, शबनम, हुमा और रोजी को गले लगाया, फिर ओह, डार्लिंग! मेरे प्रिय, दीपक बड़बड़ाते हुए खुद को मेरी बाहों में फेंक दिया। मैं तब तक उठ गया था ।
लेकिन मेरा लंड उसके नरम गर्म तल की हरकतों से इतनी कड़ा और सूज गया था कि वह प्रचंड उत्तेजना के कारण कठोर हो गया था। 'ओह, देखो'! लिली बोली और उसने मेरे लंड की ओर इशारा किया और बोली देखो इसकी क्या हालत है फिर मैंने मिली को उसके बिस्तर पर लिटाया उसके नितम्बो के नीचे एक सख्त तकिया रखा और उसकी जाँघों को अलग किया, जिससे मिली की योनि शानदार ढंग से प्रदर्शित हुई, और उसे देख कर मेरे उग्र लण्ड ने एक तुनका लगाया।
बहुत जल्द ही लड़कियों ने आनंददायक उत्साह और प्रत्याशा के साथ झूमते हमे घेर लिया। 'अब दीपक, मिली को चोदो!' लिली बोली। मुझे किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थी। एक झटके में बिस्तर पर और मिली की टांगों के बीच में था और मैं बस अपना लंड उसकी योनी में डालने ही वाला था थी कि सपना ने मासूमियत से बीच में हस्तक्षेप किया। 'दीपक, क्या मैं इसे महसूस कर सकती हूँ?' उसने पूछा। उसकी इस बात पर हम सब हँसे।
'हाँ प्रिय! क्यों नहीं' मैंने उत्तर दिया, 'बेशल आप इसे महसूस कर सकती हैं और आप चाहे तो अपने अंदर भी ले सकती हैं जो चाहे कर सकती है और आप इसे मिलि की योनि में भी डाल सकती हैं!'
सपना के कोमल कुंवारे हाथ के स्पर्श से मेरा औजार खुशी से और कड़ा हो गया। उसने हाथ से लंड को पकड़ा ओर सहलाया और मेरे लंड को अपनी प्यारी उंगलियों में पकड़े हुए सपना ने बड़ी चतुराई से उसके सिर को मिली की धड़कटी हुई योनी की तरफ निर्देशित किया और खुशी से इंच दर इंच उसे मिली की योनि में गायब होते हुए देखा । मिली अपने अंदर मेरे लंड को महसूस करके उत्साह के साथ कराह रही थी। मैं उसको चुंबन करने लगा और मेरे हाथ उसके स्तनों को मसलने लगे।
अब हम दोनों बहुत उत्तेजित और उत्साहित थे लेकिन मैंने धीरे-धीरे आनंद लेने के लिए निश्चय किया। जैसे ही मिली ने मुझे अपनी योनी के अंदर मह्सूस किया और साथ में मेरी बाहें उसके चारों ओर मजबूती से जकड़ी हुई हैं, और उसके स्तन मेरे सीने में दब कर चपटे हो गए हैं और मैं उसके ओंठो को लगातार चूम रहा था तो उसने खुद को मेरे नीचे बेतहाशा हिलाना शुरू कर दिया । फिर वह कभी लड़खड़ाने तो कभी थरथराने लगी कभी उसने अपने आप को झकझोरा, और फिर अपने पैरों को बेचैनी से मेरे पैरो से रगड़ने लगी और कभी-कभी उन्हें मेरे चारों ओर घुमा के मेरे नितम्बो के ऊपर ले गयी।
इस आनंदमय यौन सम्बंध को लम्बा करने के लिए, मैं उसे जितना संभव हो सके उतना गतिहीन और कठोर हो कर उसके ऊपर लेटा रहा, मैंने उसे वास्तव में खुद को चुदवाने दिया, ताकि उसकी उग्र हरकतें उसे और उत्तेजित करें और उसे जल्दी से चरम उत्कर्ष की और बढ़ जाये और ऐसा ही हुआ, और वह जल्द ही तनाव में आ गई और खुद को उसने तेजी से ऊपर की ओर उछालते हुए ओह, माय डार्लिंग!... माय डार...लिंग बोलते हुए उसने उत्साहपूर्वक स्खलन किया ।
उसकी योनि के कामुक तरकश के संकुचन और तेज झटको ने मुझे भी बहुत उत्तेजित कर दिया । पर मैंने खुद को थोड़ा नियंत्रित किया और जब स्खलन के बाद उसके आनंद की ऐंठन कम हो गयी और उसमे रोमांच कम हो गया तो मैंने उसे मजे ले-ले कर धीरे-धीरे चोदने लगा। लेकिन यौन जुनून, कामुक उत्तेजना और वासना का एक और चक्रवात मिलि के शरीर में उठा और फिर से उसने मेरे नीचे हिलना और उछलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपनी पीठ ऊपर उठा ली और फिर उसका सिर उसकी इच्छाओं के उत्साह में एक तरफ से दूसरी तरफ लुढ़क गया।
अब मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था। मैंने उसकी जम कर तेजी से चुदाई की। मिलि ने खुद को पागलों की तरह ऊपर की ओर झटकते हुए मेरे हर धक्के का जवाब दिया। फिर दोनों के अंदर एक चक्रवात आया और फिर परमानंद में मैंने मिली के अंदर स्खलन किया और मिली ने आनंद के सबसे कामुक कम्पन के साथ उत्साही स्खलन करते हुए मेरे वीर्य की उबलती हुई श्रद्धांजलि प्राप्त की।
जारी रहेगी