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Click hereआपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 75" में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ। उसके बाद मैंने लिली को चोदा। एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी। फिर मैंने लंड की साफ़ किया और कुछ खा पि कर ऊर्जा प्राप्त करअगले सत्र की तयारी की और मैं तरोताजा महसूस कर रहा था।
फिर मैंने हुमा को घोडी बना कर पीछे से चोदा और उसके बाद लंड बाहर निकाल कर लड़कियों को पुरुष का स्खलन कैसे होता है दिखाया।फिर मिली ने ऊँगली और मेरे लंड के जादू का अनुभव किया ।
अंतरंग हमसफ़र भाग 75 से उद्धृत :
इस आनंदमय यौन सम्बंध को लम्बा करने के लिए, मैं उसे जितना संभव हो सके उतना गतिहीन और कठोर हो कर उसके ऊपर लेटा रहा, मैंने उसे वास्तव में खुद को चुदवाने दिया, ताकि उसकी उग्र हरकतें उसे और उत्तेजित करें और उसे जल्दी से चरम उत्कर्ष की और बढ़ जाये और ऐसा ही हुआ, और वह जल्द ही तनाव में आ गई और खुद को उसने तेजी से ऊपर की ओर उछालते हुए ओह, माय डार्लिंग!... माय डार...लिंग बोलते हुए उसने उत्साहपूर्वक स्खलन किया ।
उसकी योनि के कामुक तरकश के संकुचन और तेज झटको ने मुझे भी बहुत उत्तेजित कर दिया । पर मैंने खुद को थोड़ा नियंत्रित किया और जब स्खलन के बाद उसके आनंद की ऐंठन कम हो गयी और उसमे रोमांच कम हो गया तो मैंने उसे मजे ले-ले कर धीरे-धीरे चोदने लगा। लेकिन यौन जुनून, कामुक उत्तेजना और वासना का एक और चक्रवात मिलि के शरीर में उठा और फिर से उसने मेरे नीचे हिलना और उछलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपनी पीठ ऊपर उठा ली और फिर उसका सिर उसकी इच्छाओं के उत्साह में एक तरफ से दूसरी तरफ लुढ़क गया।
अब मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था। मैंने उसकी जम कर तेजी से चुदाई की। मिलि ने खुद को पागलों की तरह ऊपर की ओर झटकते हुए मेरे हर धक्के का जवाब दिया। फिर दोनों के अंदर एक चक्रवात आया और फिर परमानंद में मैंने मिली के अंदर स्खलन किया और मिली ने आनंद के सबसे कामुक कम्पन के साथ उत्साही स्खलन करते हुए मेरे वीर्य की उबलती हुई श्रद्धांजलि प्राप्त की।
अब आगे:-
कुछ देर के लिए हम दुनिया भूल एक दुसरे की बाहो में खो गए, हम एक-दूसरे की बाँहों में कसकर बंधे थे-फिर धीरे-धीरे हमारे होंठ कोमल चुंबन में मिले और फिर मैंने धीरे-धीरे मेरे लंड को मिलि की योनी से बाहर निकाला। लिली और एमी।सपना और अन्य सभी लड़कियाँ उस पर गिर गईं और उसे जोश से चूमने लगी । फिर लिली ने मिली के कान में कुछ फुसफुसाया और तुरंत मिली उठ गई और मुझ पर एक प्यार भरी नज़र से देखते हुए वह लड़कियों के साथ टॉयलेट में चली गई। मैं भी अपने कमरे में चला गया और जल्दी से सबसे आवश्यक और स्वागत योग्य शेव की और्व फिर गर्म पानी से स्नान किया; फिर मैंने अपनी रात की पोशाक संकेत के रूप में पहन ली कि अब आज रात के लिएआराम का समय हो रहा है।
जब सब टॉयलेट से वापिस कमरे में लौट आयी तो मिली ने कोमलता से मुझे चूमा और बोली आपका बहुत धन्यवाद दीपक! ओह, तुम्हारे साथ हमने कितने मजे किये हैं और तुम भी हम सब के साथ कितने अच्छे रहे हो! और अब मेरे प्यारो याद रखना प्यार के इस खेल में आराम का पूरा महत्त्व है इसलिए अब सोने और आराम का समय हो गया है। सपना प्रिय! आप कृपया रुकें! सबको शुभ रात्रि ताकि हम सब कल फिर इस खेल को जारी रखें ।
मैं भी अपने कमरे में चला गया और अन्य सब लड़किया भी अपने कमरों में आराम करने चली गयी ।
लगभग पंद्रह मिनट बाद मिली ने चुपचाप मेरा दरवाजा खोला और धीरे से कहा, 'दीपक!' और मैं फौरन उसके कमरे में चला गया। वह अभी भी अपनी नाइटी में थी; मैंने उससे इसे उतारने के लिए विनती की और फिर से वह नग्न हो मेरे सामने खड़ी हो गई। मैंने उसके बिस्तर की ओर इशारा किया और जल्द ही हम उस पर कंधे से कंधा मिलाकर लेट गए, मेरा बायाँ हाथ उसके चारों ओर था जबकि मेरा दाहिना हाथ उसके स्तनों के साथ थोड़ा-सा खेलकर उसकी योनी के पास चला गया।
फिलहाल मैंने उसका हाथ थाम लिया और धीरे से उसे अपने लंड पर ले गया, जो अभी अर्ध जागृत था। एक प्यारी-सी मुस्कान के साथ वह उसके साथ खेलने लगी, कभी उसे सहलाने, कभी दुलार करने, मेरी गेंदों को महसूस करने लगी, जाहिर तौर पर वह ऐसा करके प्रसन्न थी। कहने की जरूरत नहीं है कि मेरे लंड में जीवन लौटने के लक्षण दिखने लगे थे और जल्द ही यह फिर से उचित तौर पर कड़ा और बड़ा और गया था।
'क्यों दीपक! तुम फिर से तैयार हो!'
'हाँ जान! आपका धन्यवाद!' मैं कृतज्ञता के चुंबन करते हुए बड़बड़ाया-'और तुम?'
मिली पहले शरमायी, फिर कामुकता से झुंझलायी क्योंकि मेरी उंगली उसकी योनी के गर्म और नम अंदरूनी हिस्से में फिसल गई थी अब कोई जवाब आवश्यक नहीं था क्योंकि उसकी आँखें उसकी उत्तेजना का वर्णन कर रही थी। मेरी लंड अब पूरा कठोर हो चूका था।
वो बोली धन्यवाद आप बाद में एक साथ दे देना अभी आपको एक कार्य पूरा करना है । आज हमारे मिलने के उपलक्ष्य में और इस मौके को ख़ास और यादगार बनाने के लिए आज आपको एक कुंवारी का कौमार्य भेदन करना है । और वह आपका इन्तजार मेरे साथ वाले कमरे में कर रही है ।
दुसरे कमरे में एक लड़की साडी लपेटे सर पर हल्का-सा घूंघट करके खड़ी थी मैं लपक कर उसके पास गया और अपने दोनों हाथ उनकी कमर पर रख दिए. मेरी भूखी नज़रें उस पर जमी हुई थीं। लगता था कि मैं उसे अपनी आँखों से ही खा जाना चाहता हो। वह उसे लम्पटता से घूरते हुए मिली से बोला, "मिली मेरी किस्मत खुल गई. ऐसा जबरदस्त कुंवारा माल तुमने अब तक कईं छुपा रखा था अब मैं इस चकाचक माल की दावत उड़ाऊंगा।"
मैंने उस लड़की के होंठों पर और गालो पर ऊँगली फिराते हुए कहा, "ओह, कितने नर्म हैं, फूल जैसे! और गाल भी इतने चिकने!" उसने मेरी आँखों को उसके मलाईदार पके दिखने वाले स्तनो के मांस पर महसूस किया। वह अपने निपल्स को सख्त होते हुए महसूस कर रही थी।
मेरा हाथ उनके पूरे चेहरे का जुगराफिया जानने की कोशिश कर रहा था। पूरे चेहरे का जायजा लेने के बाद मैंने उसका घूंघट उठा दिया तो देखा ये तो सपना है । मैंने उसे अपनी अंगूठी तोहफे के तौर पर दी और फिर मेरा हाथ उसके गले और कंधे पर फिसलता हुआ उनके सीने पर पहुँच गया। मैंने आगे झुक कर अपने होंठ उसके गाल से चिपका दिए और अपनी जीभ से पूरे गाल को चाटने लगा। साथ ही मेरी मुट्ठी सपना के उरोज पर भिंच गई. सपना डर रही थी कि मैं उसके स्तन को बेदर्दी से दबाऊंगा पर मेरी मुट्ठी का दबाव न बहुत ज्यादा था और न बहुत कम।
जारी रहेगी