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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 41B
कुंवारी रीता की पहली चुदाई
उसने मेरे विशाल लंड को नीता को चोदते हुए देखा था और चकित रह गई कि नीता कितनी खुशी से मेरा सारा लंड लेने में सक्षम थी और पहली चुदाई का उसने पूरा आनंद लिया था। लेकिन मेरे लंड को नीता की योनी में जाते देख रीता घबरा भी गई थी।
रीता मेरे साथ मेरे लंड से पहली चुदाई का अनुभव लेना चाहती थी। वह चाहती थी कि हमारे शरीर मिलें। वह जानती थी कि मैं उसे चोट नहीं पहुँचाऊँगा। वह जानती थी कि दर्द होगा लेकिन वह मेरे साथ अपना कौमार्य खोने के लिए तैयार थी।
वो थोड़ा घबराती हुई बोली दीपक क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा? ये मेरी चूत फाड् तो नहीं देगा? मैं बोला नहीं मेरी रीता रानी ये तो तुम्हारा आशिक़ है और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है। इसी से तो हम दोनों के प्यार के मजे मिलेंगे। मैंने उन्हें उसे प्यार करने को कहा। पहले तो वह घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि। फिर मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे।
फिर मैं खड़ा हुआ और उसके बाद मैंने रीता को खड़ा किया और उससे चिपट गया मेरा लंड उनकी चुत ढूंढ़ने लगा। उसकी छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उसे लिप किस करने लगा । मेरे हाथ उनके पीठ और चूतड़ दबाने लगे । उसके बाद मैंने रीता को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ रीता की पीठ लगने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए। हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और एक दुसरे के शरीर कि महसूस कर रहे थे। मेरा लंड रीता के चूतड़ों की दरार में था।
मैंने उसका मुँह घुमा कर अपनी तरफ किया और उसे चूमा और उसके स्तनों को सहला आकर उनसे खेला, और उसके कान और गर्दन पर चुंबन किया । जब मैनेउसके कानो को चलते से कुतरा और उसके कान के किनारों के आसपास चूसा, और उसकी गर्दन को चूम लिया। मैंने फिर उसे घुमा कर उसका चेहरा अपनी और कर लिया उसे ओंठो पर किश किया मैं थोड़ा और नीचे चले गया और उसके स्तनों को चूमते हुए और चाटने के बाद निप्पल को कुतरा। वह धीरे धीरे कराह रही थी और अपने नाखूनों का इस्तेमाल मेरी पीठ और बट पर कर रही थी। मैं उसके खड़े निप्पलो को चाटता रहा। उसके निप्पल कितना प्यारे और और कोमल थे मुझे पता था कि वह कैसा महसूस कर रही थी। मैंने बहुत धीरे-धीरे उन चीजों को किया जिससे उसे आराम मिले। मैंने उसके शरीर के ऊपरी भाग को लगभग पूरा चूमा और चाटा । रीता अपने गर्म होंठों से मेरे नग्न शरीर पर प्यार कर रही थी।
मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो उसे जैसे करंट सा लगा और रीता ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी। उसका कमसिन गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया और गीली चूत रिसने लगी मानो मुझे आवाज दे रही हो जल्दी चोदो! मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी। मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया। मैंने धीरे धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू दी। वो गु गु करके कराहने लगी। मैं चूमने लगा, मैंने थोड़ा मुँह को अलग किया तो बोली अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। फिर उसकी ये कराहे मेरे ओंठो में कैद हो रह गयी।
उसके स्तनों पर कई मिनट ध्यान देने के बाद, मैं जैसे ही अपना मुँह उसी नाभि को चूमने के बाद नीचे ले गया वह कराह उठी। मैंने उसके जघन योनि के टीले को पार किया, और जल्द ही उसके नारीत्व का सामना कर रहा था।
मैंने उसकी चुत को चूमा तो उसकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया। मैं उसकी चूत को चूमने लगा, रीता बोली बहुत अच्छा लग रहा है। फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह! ओमम्म्मममम! अब नीता तुरंत रीता के ओंठो को चूमने लगी ताकि उसकी आवाज बाहर ना जाये और नीता ने उसके स्तन सहलाये।
फिर मैं उसे ऊँगली से लगातार चोद रहा था तो वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह की आवाजे निकल रही थी।
फिर नीता ने रीता को लिप किश करते हुए उसके स्तनों को मसलना शुरू कर दिया। कभी उसके निप्पल को उमेठती, तो कभी स्तनों को दबा देती। उसके बाद वो सीधी लेट गयी और मैंने चूत को सहलाना शुरू कर दिया। फिर मैंने रीता के क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया। रीता का बुरा हाल था। उनकी मुह से आहे निकल रही थी। वो मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी।
बिना किसी पूर्व चेतावनी के, मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल ली और उसे उसके भगशेफ पर सरका दिया। वह कूद गई और हांफने लगी। मैंने उसकी ओर देखा और सोच रहा था कि क्या वह परेशान हो गयी है। मैंने जो देखा उसने मुझे और भी अधिक उत्तेजित कर दिया। वह बस लाइट्स में फंसे हिरण की तरह मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पर आनद के भाव थे। मेरे होंठ उसके स्तनों से नीचे की ओर उसकी योनि की ओर चले गए। जब मेरी जीभ उसकी नम योनी के गर्म मांस से जुड़ी तो रीता व्यावहारिक रूप से उछल पड़ी। मैं उसके भगशेफ पर फिर से लपका। रीता ने फिर हांफते हुए अपने कूल्हे ऊपर उठा दिए और मेरी जीभ उसकी योनि से चिपकी रही और वो कराहती रही चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स! हहा! और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह! आहहह! आहहह! कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।
जारी रहेगी
दीपक कुमार