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Click hereजब कि बिस्तर पर लेटी शाज़िया, अपने भाई के हाथ के मज़े से बे हाल होते हुए आहिस्ता आहिस्ता सिसकते हुए आआआअ!!.आआआआअ! करने लगी थी।
कुछ देर बाद जब ज़ाहिद ने अपनी उंगलियों को अपनी बहन शाज़िया की फुद्दि से बाहर निकाला।तो ज़ाहिद की उंगलियाँ उस की बहन शाज़िया की फुद्दि के गरम पानी से तर हो चुकी थी।
फर्श पर बैठे ज़ाहिद ने अपने हाथ ऊपर ले जा कर अपनी उंगलियों को अपनी बहन शाज़िया के होंठो पर फेरते हुए कहा "शाज़िया अपना मुँह खोल कर अपनी गरम चूत के ताज़ा पानी का ज़ायक़ा तो चेक करो मेरी बहन" ।
"हीईीईईईईईई!! आज मुझे मेरी अपनी ही चूत का पानी पिला रहे हो भाईईईईईई!" कहते हुए शाज़िया ने गरम जोशी से अपना मुँह खोला और अपने भाई की उंगलियों को अपने मुँह के अंदर ले कर ज़ाहिद की उंगलियों पर लगा हुआ अपनी ही चूत का मज़े दार पानी चाट-चाट कर सॉफ करने लगी।
जब शाज़िया ने ज़ाहिद की उंगलियों पर लगा अपनी चूत का सारा पानी पी लिया। तो ज़ाहिद ने अपनी बहन के मुँह से अपनी उंगलियाँ निकाल लीं।
फिर बेड के नीचे बैठे हुए ज़ाहिद ने अपने मुँह को आगे बढ़ा कर अपने होंठो को अपनी बहन की जवान फुद्दि के मुँह पर रखा और अपनी बहन की गरम और जवान फुद्दि के फूले हुए दाने पर अपनी गरम और लंबी ज़ुबान रख दी।
"उफफफफफ्फ़ भाईईईईईईईईईईईई!, कितनी गरम ज़ुबान है आप की" ज्यों ही ज़ाहिद की ज़ुबान शाज़िया की चूत के दाने से टकराई. तो मज़े की शिद्दत से शाज़िया मचल उठी।
शाज़िया की चूत के दाने को अपनी ज़ुबान से सक करते हुए ज़ाहिद ने अपने हाथ से अपनी बहन की चूत को खोला और अपनी ज़ुबान को अपनी बहन की चूत के अंदर डालते हुए शाज़िया की चूत की दीवारो को भी चाटने लगा।
"ओह हाईईईईईईईईईईईईई!" अपने भाई की ज़ुबान को अपनी चूत की तह तक आते हुए महसूस कर के शाज़िया बे इंतहा गरम हो गई.
शाज़िया ने बिस्तर पर लेटे-लेटे अपनी कमर को उपर उठाया और अपने मेहन्दी लगे हाथों को अपने भाई के बलों में घुमाते हुए. ज़ाहिद के सर को ज़ोर से दबा कर अपने भाई का मुँह अपनी चूत में दबा दिया।
अपनी बहन को यूँ मज़े से बे हाल होते देख कर उस की चूत के गरम पानी को चूसाता और चाट्ता ज़ाहिद भी अपनी बहन की गरम जोशी के इस अंदाज़ से पागल हो रहा था।
कुछ देर इस तरह अपनी बहन की फुद्दि में अपनी ज़ुबान फैरने के बाद ज़ाहिद मज़ीद जोश में आते हुए कमरे के फर्श से उठा और बेड पर चढ़ कर अपनी बहन के बराबर लेट गया।
होटेल के बिस्तर पर लेटते ही ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया को बिस्तर से उठा कर उसे अपने मुँह पर बैठा लिया।
अब कमरे का मंज़र कुछ यूँ था। कि शाज़िया ने अपनी चूत को अपने भाई के नरम होंठो पर रखा हुआ था।
जब कि ज़ाहिद ने अपने दोनों हाथों से अपनी बहन की भारी गान्ड को काबू करते हुए नीचे से अपना मुँह अपनी बहन की गरम फुद्दि से यूँ चिपकाया हुआ था।जैसे कोई प्यासा कौआ पानी के किसी बर्तन सेआपना मुँह लगाता है।
बिल्कुल इस तरह ज़ाहिद भी अब अपनी बहन की गरम फुद्दि में अपनी ज़ुबान डाल कर शाज़िया की चूत से निकलते हुए अपनी बहन की फुद्दि का नमकीन पानी "शर्प शर्प" कर के पीने लगा था।
शाज़िया अपने भाई की ज़ुबान के मज़े की वजह से जिस्मानी स्वाद की बुलंदियों पर उड़ रही थी।
जिस की वजह से उस के मुँह से निकलती हुई सिसकियाँ होटेल के कमरे में फैल कर कमरे के माहौल को मज़ीद रोमॅंटिक बना रही थी।
अपने भाई के मुँह से इतना जबरदस्त मज़ा लेती हुए शाज़िया का दिल चाहने लगा।कि वह भी अपने मुँह से इसी तरह का मज़ा अपने भाई को दे।
ये ही सोचते हुए शाज़िया ने अपनी चूत से चिपटे हुए अपने भाई के मुँह को हटाया और फिर खुद उठ कर बिस्तर के ऊपर लेटे हुए अपने भाई ज़ाहिद के पास बैठ गई।
अपने भाई के करीब बैठ कर शाज़िया ने जल्दी से अपने भाई की शलवार का नाडा खोल दिया।
ज़ाहिद की शलवार का नाडा खोलते ही शाज़िया ने देखा कि उस के भाई ज़ाहिद का लंड फुल तन कर उस के सामने खड़ा हुआ था। जो कि अब अपनी जवान बहन के गरम होंठो की तवज्जो का तलबगार था।
अपने भाई के गरम जवान खड़े हुए लंड को देख कर शाज़िया की आँखों में एक अजीब-सी चमक आ गई।
शाज़िया ने अपने दोनों हाथों से अपने भाई के लंड को पकड़ा और अपना मुँह पूरा खोल कर अपने भाई ज़ाहिद के लंड की टिप पर आहिस्ता से एक चुम्मि दी।
ज़ाहिद अपने पास बैठी अपनी बहन को उस के लंड पर यूँ चुम्मि देते हुए बड़े प्यार से देख रहा था।
फिर शाज़िया ने भी अपने भाई ज़ाहिद की आँखों में आँखे डाल कर उसे देखते हुए अपने होठों को भाई के लंड पर रख दिया और ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह में भर कर ज़ोर-ज़ोर से उस की चुसाइ करने लगी।
"हाईईईईईईई! ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!" अपनी बहन के मुँह को अपने लंड पर महसूस कर के ज़ाहिद के मुँह से सिसकियाँ बुलंद होने लगीं।
अपनी बहन से अपना लंड चुस्वाते-चुस्वाते ज़ाहिद ने ना सिर्फ़ अपनी कमीज़ भी उतार दी।
बल्कि उस के लंड को "चुबल्ती" (चूस्ती) हुई अपनी बहन के जिस्म से भी उस की कमीज़ उतार कर शाज़िया को भी पूरा नंगा कर दिया।
अपने भाई के हाथों नंगा होते ही शाज़िया ज़ाहिद के लंड से अपना मुँह हटा कर ऊपर हुई और अपने भाई के मुँह में अपनी ज़ुबान डाल दी।
अपनी बहन के जवान और रस भरे होंठो को सक करने के दौरान ज़ाहिद इतने जोश में आया। कि वह अपनी बहन के नरम होंठो पर लगे हुए अपने ही लंड के नमकीन पानी को भी चूसने लगा था।
अब होटेल के कमरे में मौजूद शाज़िया की ज़ुबान ऊपर से तो अपने भाई ज़ाहिद की लंबी ज़ुबान से अपनी लड़ाई लड़ाने में मसरूफ़ थी।
जब कि इसी दौरान शाज़िया ने अपने एक हाथ को नीचे ले जा कर अपने भाई के मोटे और बड़े लंड की मूठ लगाना शुरू कर दी थी।
ज़ाहिद अपनी बहन के प्यार के इस अंदाज़ से बे हाल होते हुए अपने मुँह से निकलने वाली सिसकारियों को नहीं संभाल पा रहा था।
कुछ देर बाद नीलोफर ने अपने भाई के होंठो से अपने होंठ अलग करते हुए अब अहिस्ता आहिस्ता अपने भाई ज़ाहिद के गालों, गरदन और फिर उस की छाती को चूमना शुरू कर दिया था।
अपनी बहन का प्यार का ये वलिहाना अंदाज़ देख कर ज़ाहिद के जिस्म में भी एक आग-सी भड़क उठी और उस का लंड तन कर उस की धुनि से लगने लगा था।
अब ज़ाहिद की जवान और सख़्त छाती पर अपनी गरम ज़ुबान घूमते हुए शाज़िया आहिस्ता-आहिस्ता दुबारा अपने भाई के जवान, सख़्त और बड़े लंड के बहुत नज़दीक आ गई।
और उस ने अपने भाई के लंड को अपने हाथ में थामते हुए बहुत नज़दीक और बड़े गौर से अपने भाई के बड़े लंड का जायज़ा लेना शुरू कर दिया।
जारी रहेगी