अम्मी बनी सास 063

Story Info
तना मॉटाा ताज़ा लंड
2.2k words
5
289
00

Part 63 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

शाज़िया को चूँकि अपने ज़्यादा तर टेक्स्ट मसेज्स एक बार पढ़ने के बाद डेलीट करने की आदत थी। इसीलिए रज़िया बीबी ने जितने भी टेक्स्ट पढ़े वो बस आम नोइयत के थे।

फोन के मसेज सेक्षन को बंद करने के बाद रज़िया बीबी के ज़हन में ख़याल आया। क़ि क्यों ना वो अपनी बेटी और बेटे की शादी पर उतारी गई फोटो और वीडियो को देखे।

ये सोच कर रज़िया बीबी ने फॉरन फोन में बना हुआ फोटो फोल्डर खोला। और शाज़िया, ज़ाहिद और नीलोफर, जमशेद की शादी की फोटो को एक एक कर कर देखने लगी।

शाज़िया ने अपने फोन में मुकतल्फ दिनो में खींची गई काफ़ी सारी फोटो और वीडियोस स्टोर की हुई थी। जिन्हे रज़िया बीबी बड़े गौर से देखने में मसरूफ़ थी।

फोटो देखते हुए रज़िया बीबी मोबाइल फोन की टच स्क्रीन पर अपने हाथ फेर कर स्क्रीन को आगे मूव करने में मसरूफ़ थी। कि इतने में एक फोटो रज़िया बीबी की आँखों के सामने आई।

ये फोटो देख कर ना सिर्फ़ रज़िया बीबी के हाथों के तोते उड़ गये। बल्कि इस तस्वीर को देखते ही रज़िया बीबी के जिस्म में से पसीना भी छूटने लगा।

ये फोटो किसी मर्द की थी जिस का चेहरा तस्वीर में नज़र नही आ रहा था।

इस फोटो में नज़र आने वाला ना मालूम मर्द ने अपने हाथ में एक निहायत मोटा और लंबा लंड थामा हुआ था।

और वो बहुत मज़े और जोश से अपने मोटे,बड़े और सख़्त लंड की मूठ लगाने में मसरूफ़ था।

"उफफफफफफफफ्फ़! में मर जाऊ, इत्नाआआअ बड़ाआाआआ और इतना मॉटाा ताज़ा लंड!" अपनी बेवगी के इतने सालों बाद,रात की तन्हाई में, आज एक असली लंड की तस्वीर को यूँ अपनी आँखों के सामने अचानक देख कर रज़िया बीबी के मुँह से बे इख्तियार निकला। और मोबाइल फोन की स्क्रीन पर चलती हुई रज़िया बीबी की उंगली उधर ही रुक गई।

"ये किस की फोटो है और ये मेरी बेटी के फोन में क्यों है" मोबाइल फोन की स्क्रीन पर माजूद फोटो पर अपनी नज़रें जमाते हुए रज़िया बीबी सोचने में मसरूफ़ थी।

सोचते सोचते रज़िया बीबी के हाथ की उंगली बे इख्तियारि में फोन की स्क्रीन से टच हुई। तो एक और फोटो उस के सामने आ गई।

जिस में नीलोफर वो ही बड़ा और मोटा लंड अपने मुँह में ले के उस को मज़े से चूस रही थी। जिस लंड को देख कर एक ही लम्हे पहले रज़िया बीबी की आँखे फटी की फटी रह गई थी।

" छी छी छीई ये नीलोफर कितनी गंदी है कि ये एक मर्द के लंड को अपने मुँह में इस तरह ले रही है तोबा तोबा" रज़िया बीबी ने कभी ख्वाब में भी चुदाई के इस तरीके के बारे में नही सोचा था। इसीलिए पहले पहल रज़िया बीबी को नीलोफर की ये हरकत देख कर नीलोफर पर गुस्सा आने लगा।

" हाईईईईईईईईई! मगर ये इतना ज़ालिम लंड है किस का, जिसे नीलोफर अपने मुँह में भर कर बड़े मज़े और स्वाद ले ले कर एक कुल्फि की तरह चूस रही है" नीलोफर को यूँ इतना बड़ा लंड अपने मुँह में भर कर सक करते देख कर रज़िया बीबी का तज्सोस भर गया।

रज़िया बीबी ने नेक्स्ट फोटो देखने के लिए जल्दी से अपनी उंगली को स्क्रीन पर फिराया।

तो सामने आने वाली फोटो में रज़िया बीबी को उस बड़े और मोटे ताज़े जवान लंड के मलिक की शकल नज़र आ गई। जिस लंड को देख कर रज़िया बीबी के जिस्म और चूत में चीटियाँ सी रैंगने लगी थी।

रज़िया बीबी ने देखा कि इस बड़े और मोटे ताज़े लंड का मलिक कोई और नही बल्कि उस का अपना सगा बेटा ज़ाहिद है।

"ओह ये तो मेरा अपना बेटा ज़ाहिद हाईईईईईईईईईईई!" रज़िया बीबी के मुँह से निकला। और वो हैरत के साथ तस्वीर में, अपने बेटे ज़ाहिद को नीलोफर की चूत को चाटते हुए देखने लगी।

"हाईईइ! नीलोफर तो नीलोफर,मेरा बेटा भी इतना बे शरम हो गया है कि नीलोफर की पिशाब वाली जगह पर अपने मुँह को रख कर उसे इतनी बेशर्मी से चूस रहा है,उफफफफ्फ़ कितने गंदे हैं ये दोनो" अपने बेटे ज़ाहिद के मुँह को इस तरह नीलोफर की चूत से चिपका देख कर रज़िया बीबी को घिन आने लगी।

मगर इस के बावजूद उस ने एक लम्हे के लिए भी अपनी नज़रें अपने बेटे के लंड से नही हटाईं। और वो उसी तरह तस्वीर में नज़र आने वाले अपने बेटे के तने हुए लंड को इन्मिहक और गौर से देखती रही।

रज़िया बीबी की अपने ही सगे बेटे के तगड़े लंड को यूँ बिना झिझक के देखने की वजह ये थी।कि कल अपनी ही कोख से जनम लेने वाले अपने सगे बच्चो को आपस में शादी कर के एक हक़ीकत में बीवी की तरह अपनी सुहाग रात मनाने की इजाज़त देने के बाद। रज़िया बीबी तो पहले ही अपनी और अपने बच्चो के दरमियाँ माँ और औलाद के मुकद्दस रिश्ते की शर्म-ओ-हया के नाज़ुक धागे को तोड़ चुकी थी।

इसी लिए शायद अब अपने ही सगे बेटे के लंड का यूँ खुला खुला दीदार करने में रज़िया बीबी को किसी किस्म की शर्म महसूस नही हो रही थी।

"अछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! तो ये ही वो फोटो हैं, जिन को दिखा कर नीलोफर ने ज़ाहिद और शाज़िया दोनो बहन भाई का आपस में जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करवाया था" नीलोफर और ज़ाहिद को एक दूसरे के जिस्म के नाज़ुक हिस्सो को इस कदर जोश और मस्ती से प्यार करते देख कर रज़िया बीबी ने सोचा।

"उफफफफफ्फ़ मेरे बेटे का लंड तो किसी भी गरम से गरम औरत की चूत की प्यास बुझाने की सलिहियत रखता है" अपने बेटे के मोटे,लंबे और सख़्त लंड को पहली बार अपनी नज़रों के सामने नंगा देखते हुए रज़िया बीबी सोचने लगी।

"हाईईईईईईईईईई! मेरी अपनी सग़ी बेटी शाज़िया कितनी खुस नसीब है कि जिसे अपनी ही सगे भाई का इतना जबर्जश्त लंड नसीब हुआ है, जो उस की दो साल से प्यासी गरम फुद्दि की प्यास अब दिन रात बुझाने लगा है"ये सोचते सोचते रज़िया बीबी की च्ढ्ढी उस की अपनी चूत से निकलते हुए रस से गीली हो गई।

"हाईईईईई! में ये क्या सोचने लगी हूँ, इस से पहले तो मेरे ज़हन में इस किसम के ख़यालात कभी नही उमड़े, में पहले तो कभी इतना बेचैन नही हुई,ये आज एक दम से इतनी आग केसे" रज़िया बीबी सोचने लगी।

असल में रज़िया बीबी ने अपनी शादी के दौरान और फिर अपनी बेवगी के इतने साल बाद भी कभी ख्वाब में भी अपने शोहर के अलावा किसी गैर मर्द के बड़े में सोचा तक ना था।

इसीलिए रज़िया बीबी को आज जब इतने बड़े और जवान लंड को यूँ अचानक दीदार का मोका मिला था। जो कि किसी आम मर्द का नही बल्कि उस के अपने सगे बेटे का लंड था।

तो उस लंड को देख कर रज़िया बीबी के जिस्म के साथ साथ उस के ख्यालात में भी एक अजीब सी तब्दीली आ रही थी।

रज़िया बीबी अपने दिल और ज़हन को संभालने की पूरी कोशिश कर रही थी। मगर अपने बेटे की नंगी तस्वीरो ने उस की चूत की हालत बुरी कर दी थी।

अपने बेटे के लंड को देखते हुए रज़िया बीबी ने बे इख्तियारि में अपनी पैंटी के अंदर हाथ डाला।तो उसे अंदाज़ा हुआ कि उस की फुद्दि अपने बेटे के मोटे और लंबे लंड की तस्वीर देख कर अपने ही पानी से बहुत भीग चुकी थी।

रज़िया बीबी की सालों से खुसक फुद्दि को कल रात उस के अपने ही बेटा और बेटी की गरम सिसकियों और फिर अब अपने बेटे की चुदाई की फोटो ने उसे जिंदगी के इस मोड़ पर ला खड़ा किया था। जहाँ से रज़िया बीबी चाहने के बावजूद राहे-फरार इख्तियार नही कर पा रही थी।

ज़ाहिद का इतना बड़ा लंड अपनी नज़रों के सामने देख कर रज़िया बीबी के जिस्म में एक आग सी लग गई थी।

अपने सगे बेटे के जवान और बड़े लंड को देख कर रज़िया बीबी की जो हालत इस वक्त हो रही थी। शायद ये ही हालत देख कर किसी शायर ने इस पाकिस्तानी गाने के ये बोल लिखे थे कि,

"ये आज मुझ को क्या हुआ ला ला ला अजीब सा सरूर है बदन नशे में चूर है कहा सुना मेरा माफ़ करना ये आज मुझ को क्या हुआ ला ला ला"

रज़िया बीबी का दिल-ओ-दिमाग़ तो उसे आगे बढ़ने से रोक रहा था। मगर उस की फुद्दि आज उस के दिमाग़ से उठने वाली किसी आवाज़ को सुनने पर राज़ी नही थी।

इसीलिए रज़िया बीबी ने अपनी पानी छोड़ती चूत के आगे हर मानते हुए अपनी पतली सी चड्धी और ब्रेज़ियर को उतार कर एक तरफ फेंका।

साथ ही रज़िया बीबी ने अपने पैरों को चौड़ा करते हुए बहुत प्यार से अपनी सॉफ सुथरी चूत के ऊपर अपने हाथ को फिराया। तो रज़िया बीबी के हाथ की दरमियानी उंगली उस की अपनी गीली चूत के दाने से छू गई।

"हाआआआआआआ" अपने हाथ से अपनी चूत के दाने को यूँ इतने सालों बाद छूते ही रज़िया बीबी सिसकार उठी।और रज़िया बीबी की उंगली उस की अपनी ही चूत के पानी से भीग गई।

रज़िया बीबी की चूत ने आज उसे इतना गरमा दिया कि उस के सोचने समझने की सारी शक्ति ख़तम हो गई और वो अपनी आँखे बंद कर कर अपनी चूत के दाने को अपने हाथ से मसल्ने लगी।

आज इतने सालों बाद अपनी ही फुद्दि से यूँ छेड़ छाड़ करने और अपनी फुद्दि के दाने को अपनी उंगली से रगड़ने में रज़िया बीबी को एक अजीब सा मज़ा आने लगा था।

अपनी चूत इत्नी ज़्यादा गीली होने की वजह से रज़िया बीबी को अपनी चूत के दाने पर अपनी उंगलियाँ फैरने में कोई दिक्क़त महसूस नही हो रही थी।और जैसे जैसे रज़िया बीबी को स्वाद आता गया, वैसे वैसे उस की रफ़्तार उस की फुद्दि के दाने पर बढ़ती गई।

रज़िया बीबी ने इस तरह की हरकत तो अपनी बेवगी के उन पहले सालों में भी नही की थी।जब वो अपने शोहर की ताज़ा ताज़ा मौत के बाद रात की तन्हाई में अपने जिस्म की आग के आगे मजबूर हो कर रोने भी लग जाती थी।

मगर आज उम्र के इस हिस्से में जब किसी औरत की जिस्मानी ख्वाहिशें मंद पड जाती है।

तब रज़िया बीबी के अपने ही सगे बेटे ने उस के जिस्म में दबी जिन्सी आग को इतना बढ़ावा दिया था। कि आज वो अपनी बेटी शाज़िया की तरह अपने ही हाथ से अपनी ही खुद लज़्जती पर उतर आई थी।

अपनी चूत के दाने को मसल्ते हुए रज़िया बीबी अब इतनी गरम हो चुकी थी कि उसे होश ही नही रहा था कि वो इस वक्त किधर पड़ी है और क्या कर रही है।

अपनी फुद्दि पर हाथ फिराते हुए रज़िया बीबी को न जाने की सूझा कि उस ने अचानक अपनी दो उंगलियों को अपनी गीली फुद्दि के अंदर घुसा दिया।

"उफफफफफफफफफफफफफ्फ़! हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई! ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!" अपनी बेवगी के इतने सालों बाद अपनी फुद्दि के बंद सुरकून के अंदर अपने ही हाथ की उंगलियों के लामास को पा कर रज़िया बीबी मज़े की शिद्दत से चिल्ला उठी।

अपनी गरम और प्यासी चूत से पहली बार खेलते खेलते रज़िया बीबी को कल वाला वाकिया याद आ गया। जब उस के भारी और मोटे मम्मे उस के अपने बेटे ज़ाहिद की जवान और सख़्त छाती से लग कर प्रेस हुए थे।ये सीन याद करते ही रज़िया बीबी के जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया।

अपने बेटे का जवान जिस्म,चेहरा और उस का खड़ा हुआ सख़्त लंड ज्यों ही रज़िया बीबी की बंद आँखों के सामने ज़ाहिर हुआ। तो रज़िया बीबी को यूँ महसूस हुआ जैसे उस की अपने हाथ की उंगलियाँ नही। बल्कि उस के अपने सगे बेटे ज़ाहिद के हाथ की मोटी उंगलियाँ उस की फुद्दि की तह में जा कर उस की प्यासी चूत में आग लगा रही हैं।

"हाईईईई! ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड!" ज्यों ही रज़िया बीबी ने अपनी बंद आँखो से अपने ही बेटे के हाथ और लंड का अपने ज़हन में तसवोर किया। तो मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी फिर चिल्ला उठी।

रज़िया बीबी जानती थी कि आज वो अपने घर में बिल्कुल अकेली है इसीलिए उस ने अपने मूह से निकलने वाली आवाज़ को रोकने की कोई कोशिश भी नही की।

जिस वजह से उस के मुँह से निकलने वाली सिसकियों की आवाज़ उस के कमरे से निकल कर बाहर पूरे घर में गूंजने लगी थी।

"उफफफफफफफफ्फ़! आज क्या हो रहा था ये सब" रज़ाई बीबी एक लम्हे के लिए अपनी इस सोच से बाहर आई।

अपने बेटे के मोटे और तगड़े लंड का सोच कर अपने हाथ को अपनी फुद्दि पर पहली बार फेरते हुए रज़िया बीबी को समझ आ गई।कि उस की मोटी फुद्दि में लगी हुई आग की वजह सिर्फ़ और सिर्फ़ उस के अपने बेटे ज़ाहिद का जवान और सख़्त लंड है।

इसी लिए अपनी बेटी शाज़िया की तरह आज रज़िया बीबी पर भी उस के अपने ही सगे बेटे के जवान,मोटे और बड़े लंड ने ऐसा जादू किया था।कि रज़िया बीबी अपने होश-ओ-हवास गवाँ बैठी थी।

आज रज़िया बीबी के अपने सगे बेटे ने अपनी ही अम्मी के जिन्सी जज़्बात को इतना भड़का दिया था। कि रज़िया बीबी ने फॉरन अपनी आँखें बंद कीं और अपने बेटे के मोटे लंड को अपने ज़हन में दोहराते हुए अपनी चूत पर तेज़ी से अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाने लगी।

"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! हाईईईईईईईईईईईईईईई!मेरे बेटे ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड!" पानी बेटे के मुतलक सोचते सोचते रज़िया बीबी की उंगलियाँ अपनी चूत के अंदर और चूत के दाने पर लगातार घूमती हुई रज़िया बीबी को अपनी मंज़िल की तरफ ले जा रही थी।

"ज़ाहिद ज़ाहिद मेरे बेटे ज़ाहिद" अपनी चूत से खेलते हुए रज़िया बीबी बेचैनी से अपने बेटे ज़ाहिद को पुकार रही थी।

जारी रहेगी

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous