अम्मी बनी सास 074

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दूर नही रह पा रहा
1.7k words
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Part 74 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
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अम्मी बनी सास

Part 074

दूर नही रह पा रहा

शाज़िया को अपने भाई की दुल्हन बनने के बाद अपने भाई ज़ाहिद के मोटे और सख़्त लंड की इतनी आदत पड़ चुकी थी। कि अब ज़ाहिद की तरह शाज़िया को भी अपने भाई का लंड लिए बैगर सकून नही मिलता था।

लेकिन अपने पेट में परवरिश पाने वाले अपने भाई के बच्चे की हिफ़ाज़त की खातिर शाज़िया अब ना चाहते हुए भी लेडी डॉक्टर की हिदायत पर अमल करने पर मजबूर थी।

शाज़िया को अपने भाई के लंड का स्वाद चखे हुए दो हफ्ते होने लगे थे। और अब उस की चूत की आग भी उसे परेशान करने लगी थी।

शाज़िया की चूत अपनी तलाक़ के बाद में पूरा एक साल लंड के लिए इतना नही मचली थी। जितना उस की चूत अपने भाई ज़ाहिद के लंड के लिए इन दो हफ्तों में तडपी थी।

इन दो हफ्तों में शाज़िया ने रात की तन्हाई में एक दो दफ़ा अपनी चूत में उंगली करने की कोशिश भी की थी।

मगर आज कल अपनी अम्मी रज़िया बीबी के कमरे में सोने की वजह से शाज़िया डर्ती रही कि कही उस की अम्मी ना जाग जाए।

"काश नीलोफर इधर होती तो उस की गरम और नोकिली ज़ुबान से अपनी फुद्दि को ठंडा कर लेती" शाज़िया ने अपनी फुद्दि की गर्मी से तंग हो कर रात की खामोशी में अपने बिस्तर पर करवटें बदलते हुए सोचा।

मगर खराब क़िस्मत कि नीलोफर तो उस से कोसों मील दूर अपने भाई/शोहर जमशेद का बिस्तर गरम करने में मसरूफ़ थी।

इसीलिए शाज़िया अब अपनी सहेली की खिदमत भी हासिल करने से दूर थी।

इसीलिए हर रात की तरह इस रात भी चार-ओ-नचार शाज़िया को अपनी चूत की खुशियों का गला घौन्ट कर सोना ही पर गया।

दूसरे दिन दोपहर को शाज़िया और उस की अम्मी रज़िया बीबी अपने घर के काम काज में मसरूफ़ थी। कि इतने में पड़ोस की किसी आंटी ने रज़िया बीबी को फोन कर के अपने घर में किसी काम के सिलसिले में बुलाया।

"बेटी तुम बाकी का काम ख़तम कर दो में अभी तुम्हारी आंटी की बात सुन कर आती हूँ" ये कहते हुए रज़िया बीबी घर से बाहर चली गई।

अपनी अम्मी के जाने के कुछ देर बाद शाज़िया अपने और अपने भाई ज़ाहिद के कमरे में चली आई।

शाज़िया आज काफ़ी दिनो बाद "अपने" कमरे में आई थी।

कमरे में आते ही शाज़िया की नज़र कमरे में अपने भाई ज़ाहिद की इधर उधर बिखरी हुई चीज़ों पर पड़ी।

"उफफफफफफफफफफफ्फ़ भाई ने भी क्या गंद मचा रखा है कमरे में" शाज़िया ज़ाहिद की बे तर्तीब चीज़ों को देख कर बडबडा उठी।

इस से पहले कि शाज़िया अपने भाई के कमरे की तरतीब ठीक करती। कि इतने में शाज़िया की नज़र अपने सोहाग के बिस्तर पर गई।

अपने बिस्तर पर नज़र डालते ही शाज़िया के ज़हन में अपने भाई के साथ गुज़ारे हुए सारे गरम लम्हात एक दम से फिल्म की स्लाइड की तरह घूम गये।

अभी शाज़िया अपने भाई/शोहर के साथ बिताई गई चन्द हसीन यादों में ही खोई हुई थी। कि इतने में शाज़िया की नज़र बेड की साइड टेबल पर पड़े हुए अपने भाई ज़ाहिद के मोबाइल फोन पर पड़ी।

ये ज़ाहिद का सॅमसंग गॅलक्सी फोन था। जिस में लगे हुए अच्छे कॅमरा की वजह से ज़ाहिद इस फोन को ज़्यादा तर फोटो खैंचने के लिए ही इस्तेमाल करता था।

अपने भाई के फोन को टेबल पर पड़ा देख कर शाज़िया के जेहन में एक आइडिया आया।

"आज कल मेरी चूत ना मिलने की वजह से भाई यक़ीनन बहुत बे चैन हो रहे होंगे,चलो अगर भाई को मेरी लाइव चूत अभी नही मिल सकती तो क्यों ना उसे अपनी नंगी तस्वीरे दिखा कर ही उस के लंड की तसल्ली कर दूं" इस आइडिया के ज़हन में आते ही शाज़िया ने आहिस्ता आहिस्ता और एक एक कर के अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया। और साथ ही साथ अपनी नंगी तस्वीरो को खैंच खैंच कर अपने भाई के मोबाइल में महफूज़ करने लगी।

इस से पहले ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया की जितनी भी नंगी फोटो देखी थी। वो सब नीलोफर और जमशेद की धोके से खैंची गई ख़ुफ़िया तस्वीरे थी।

मगर आज शाज़िया खुद अपने हाथ से अपनी नंगी फोटो खैंच कर अपने भाई के लिए सेव कर रही थी। और इस अमल के दौरान शाज़िया की चूत अपने भाई के लंड को याद कर के बहुत गरम हो चुकी थी।

"अम्मी अभी आती ही होंगी" ये सोच कर शाज़िया ने जल्दी से अपना काम ख़त्म किया और ज़ाहिद का कॅमरा वापिस उसी जगह रख दिया।

शाज़िया अपने कपड़े पहन कर अपने ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ गई। और अपने हाथ अपनी कमर के पीछे ले जा कर अपनी कमीज़ की ज़िप बंद करने लगी।

"क्यों ना में जल्दी से अपना कमरा ही ठीक कर लूँ" अपने कपड़े पहन कर शाज़िया ने सोचा। और वो जल्दी जल्दी फर्श पर बिखरे हुए ज़ाहिद भाई के कपड़े और शूस को उठा उठा कर अलमारी और टोकरी में फैंकने लगी।

शाज़िया अपने भाई के कमरे में पड़े हुए गंद को समिटने में इतनी मसरूफ़ थी। उसे पता ही नही चला कि कब उस का भाई ज़ाहिद घर वापिस आ कर अपनी बहन को अपने कमरे की सफाई करता बहुत ध्यान से देख रहा है।

ज़ाहिद तो वैसे ही आज कल अपनी अम्मी के गुदाज बदन को छूने और अपनी अम्मी रज़िया बीबी के मोटे मम्मो और चुतड़ों को सोच सोच कर बे इंतहा गरम हो रहा था।

इसीलिए जब ज़ाहिद ने शाज़िया को यूँ बे खबर उस के कमरे में आ कर काम करते देखा। तो अपनी बहन की मस्त जवानी देख कर ज़ाहिद भी बे काबू हो गया।

ज़ाहिद खामोशी से आहिस्ता आहिस्ता चलता हुआ शाज़िया के पीछे आया।

ज्यों ही ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया के नज़दीक पहुँचा। तो उस की नाक में अपनी बहन की जवानी की खुसबू का एक झोंका सा आया।

अपने बच्चे की माँ बनने वाली अपनी ही सग़ी बहन के वजूद की इस मधुर महक को सूंघ कर ज़ाहिद का लौडा गरम हुआ।

ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया के बड़े बड़े मम्मो को अपने हाथों में थामा और अपनी बहन के कान में सेरगोशी की "क्या हाल है मेरी जाने मन"।

शाज़िया अपने भाई की इस तरह अचानक घर आमद की तवक्को नही कर रही थी।

इसीलिए शाज़िया ने ज्यों ही अपने मोटे मम्मो पर अपने भाई के सख़्त हाथों की गिरफ़्त महसूस की। तो उस के मुँह से एक सिसकारी फूट पड़ी" हाईईईईईईईईईई! "

ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी बहन के मुँह से ये सिसकारी सुनी। तो उसे अंदाज़ा हो गया कि उस की तरह उस की बहन शाज़िया भी अपने जिस्म की गर्मी को काबू करने मे नाकाम है।

इसीलिए ज़ाहिद एक सेकेंड के लिए शाज़िया के जिस्म से अलग होते हुए अपनी कमीज़ को उतारा और दूसरे ही लम्हे अपनी बहन के वजूद के गिर्द अपनी बाहें लपेट दीं।

अपनी बहन शाज़िया को अपनी बाहों में दबोचते ही ज़ाहिद ने शाज़िया के मोटे मम्मों को अपने हाथों में पकड़ कर उन्हे ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया। और साथ ही साथ अपनी बहन की गर्दन पर अपने गरम होन्ट चिस्पान कर दिए।

"उूउउइईईईईई!,अब बस भी करो, आप की ये बे सबरी कब ख़तम हो गी भाईईईईईईईईईईई! " शाज़िया ने जैसे ही अपने गर्दन पर अपने भाई के होंठो और गरम ज़ुबान को रेंगता हुआ महसूस किया। तो अपने भाई ज़ाहिद की तरह शाज़िया के जिस्म में लगी हुई जवानी की आग भड़क उठी। लेकिन इस के बावजूद शाज़िया अपने भाई को मज़ीद आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही थी।

" हाईईईईईई! में क्या करूँ मेरी जान,तुम्हारे इस मक्खन जैसे बदन को देख कर मेरा लंड और भी बे करार हो जाता है" ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया के मम्मो को एक हाथ से दबोचते हुए अपना दूसरा हाथ शाज़िया की शलवार के अंदर ले गया। और अपनी बहन की फूली हुई फुद्दि को अपने हाथ में दबोचते हुए शाज़िया की चूत में उंगली डालने लगा।

"उफफफफफफफफ्फ़ भाईईईईईईईई! आप बड़े बेशरम हो रहे है, अम्मी पड़ोस में गई हैं अभी आती ही होंगी,प्लीज़ अब बस करोन्ंननननणणन्! नैईईईईईईईई!" अपनी प्यासी गरम फुद्दि पर अपने भाई की उंगलियाँ घूमती हुई महसूस कर के शाज़िया मज़े से बे हाल होते हुए तडपी।

"हाईईईईईईईई! में तरस रहा हूँ तुम्हारी इस मस्त फुद्दि का पानी पीने के लिया, बस मुझे एक बार अपनी इस प्यारी फुद्दि का नमकीन पानी पिला दो ना, में वादा करता हूँ कि में लंड अंदर नही डालूंगा!" ज़ाहिद ने शाज़िया की अम्मी वाली बात को नज़र अंदाज़ करते हुए अपनी बहन की चूत के उपर अपनी उंगली को रगड़ते हुए कहा।

"आअहह,सस्सिईईईईईई!, ओईइ!,अब छोड़ो भी भाईईईईईईईई!, नही तो में झड जाउन्गी,ऊओह,ओह्ह्ह्ह! अमिीई! बड़ा मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईई!" ये कहते हुए ना चाहते हुए भी शाज़िया अपने जिस्म की गर्मी के हाथों मजबूर हो गई। और शाज़िया अपने चूतड़ अपने भाई ज़ाहिद के लंड पर रगड़ने लगी।

शाज़िया ने ज्यों ही अपनी मोटी गान्ड को अपने भाई के बड़े लंड के ऊपर रगड़ा तो ज़ाहिद समझ गया कि शाज़िया भी गरम हो चुकी है। इसीलिए उस ने जल्दी से अपनी बहन के कपड़े उतारे और शाज़िया को मुकम्मल नंगा कर दिया।

जिस वक्त ज़ाहिद अपने हाथों से अपनी बहन के कपड़े उतार कर उसे नंगा करने में मसरूफ़ था। उसी लम्हे रज़िया बीबी अपने घर में दाखिल हुई।

घर में आते ही रज़िया बीबी को ज़ाहिद के कमरे से आवाज़ आती हुई सुनाई दी।

"लगता है ज़ाहिद दोपहर का खाना खाने घर आया है" रज़िया बीबी ने सोचा और अपने बेटे के कमरे के पास से गुज़र कर किचन की तरफ जाने लगी।

ज्यों ही रज़िया बीबी अपने बेटे के कमरे के सामने पहुँची तो अपने बेटे ज़ाहिद को अपनी बेटी शाज़िया के कपड़े उतार कर नंगा करने का मंज़र देख कर रज़िया बीबी के कदम उधर ही रुक गये। और वो दीवार की ओट में खड़े हो कर अपने सगे बेटा और सग़ी बेटी का आपस में मियाँ बीवी वाला खेल एक बार फिर से देखने में मसरूफ़ हो गई।

"उफफफफफफफफफ्फ़! लगता है कि लेडी डॉक्टर के मना करने के बावजूद मेरे बेटे ज़ाहिद का लंड अपनी बहन की फुद्दि से दूर नही रह पा रहा,इसी लिए तो वो अपनी प्रेगनेंट बहन से मस्ती करने पर तुला हुआ है" अपने बेटे ज़ाहिद को अपनी बहन शाज़िया के जिस्म से उस का ब्रेज़ियर उतारते देख कर रज़िया बीबी ने सोचा। और ये सोचते ही रज़िया बीबी के पूरे बदन में एक झूर झूरी सी फैल गई।

ज़ाहिद और शाज़िया की तरफ देखते हुए रज़िया बीबी ने शलवार के ऊपर से अपनी चूत को छुआ। तो उसे महसूस हुआ कि वो तो नीचे से गीली हो रही है।

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