एक नौजवान के कारनामे 128

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कुंवारी हेमा का कौमार्य भंग ​
2.2k words
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Part 128 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 50

कुंवारी हेमा का कौमार्य भंग ​

मुझे उसकी बहन मरीना को इतने जोरदार तरीके से चोदते हुए देखकर अब हेमा की काम इच्छा बहुत बढ़ गई थी। और वह तुरंत अब मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर लेना चाहती थी मरीना ने मेरा लंड फिर छुआ तो लंड फिर से अकड़ने लगा जिसने हेमा के युवा शरीर को उत्तेजना से कंपा दिया था और वह मेरे बड़े, लम्बे मांसल लंड के साथ अब अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी। जितना उसे पहले डर लगा था इस बार वह उतनी ही ज्यादा उत्सुक थी लंड अंदर लेने के लिए इसलिए इस बार हेमा ने ठान लिया था कि वह अपनी चुत के होठों के बीच मेरा बड़ा लंड लेगी और उन सभी बेतहाशा मनभावन भावनाओं का अनुभव करेगी जो स्पष्ट रूप से उसकी बहन के शरीर में सम्भोग के दौरान हुई थी। लंड को देख कर उत्तेजित हुई हेमा ने अपने निप्पल को उंगलियों में ले कर थोड़ा मोड़ना शुरू कर दिया।

मैं हेमा को उत्तेजित देख अविश्वास में वहीं खड़ा रहा। वह बहुत मोहक और सुंदर लग रही थी। उसके स्तनों का घेरा छोटा और चमकीला गुलाबी था और उसके निप्पल गहरे गुलाबी रंग के हो गए थे। उसके स्तन निर्दोष थे, एक दूधिया रंग के साथ चिकनी त्वचा और वह अपने साथ खेलती रही और धीरे से कराहने लगी। उसका बायाँ हाथ अब और अधिक जोर से हिल रहा था और उसका दाहिना हाथ उसके सख्त निपल्स को और भी जोर से दबा रहा था ।

उसकी ऐसी हालात देख कर मरीना ने आग्रह किया की मास्टर अब आपको हेमा के साथ सम्भोग करना चाहिए। मैंने अविश्वास में सिर हिलाया तो हेमा ने जोर देकर कहा कि उसे भी इसे आजमाने की अनुमति दी जाए और उसके आग्रह की तीव्रता ने मेरे लंड को भड़का दिया। मुझे मालूम था की हेमा की योनि छोटी थी, वास्तव में बहुत छोटी थी, लेकिन मैं यह भी महसूस कर रहा थी की वह अब हर संभव तरीके से मुझे पाने के लिए दृढ़ और त्यार थी। मैंने कहा हेमा एक बार शुरू होने के बाद अब मैं रुकूंगा नहीं।

तो हेमा बोली, मैंने लड़कियों और मेरी बहन को भी तुम्हारे साथ ऐसा करते देखा है? अगर वे इसे ले सकती हैं तो मैं भी ले सकती हूँ।

तो अब मेरी कुंवारी सचिव हेमा की नथ उतरने जा रही थी।

मैं बोला "तो फिर मेरा लंड मुँह में ले लो तो मजा आ जाएगा।"

मरीना बोली चुसाई मैं कर देती हूँ। "

मैंने उसका हाथ उठाया और उसकी उँगलियों को चूसने लगा। मैंने उसे अपनी मजबूत बाहों में करीब खींच लिया और उसे चूमने के लिए उस के करीब अपने होंठ ले जाया गया। मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसने अपने होठों को चौड़ा करके बाध्य किया। धीरे-धीरे वह मुझे चुंबन करने लगी और एक यौन उन्माद में हमारे हाथ एक-दूसरे के शरीर को सहला रहे थे और हमारी जीभ आपस में गुंथी हुई थी।

फ़िर मैंने हेमा को पकड़ लिया उसे अपने पास खींचा और उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा। वह पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर-जोर से चूमने लगी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था।

उधर मरीना मेरा लंड मुँह में ले कर धड़ाधड़ चूसे जा रही थी। मेरा लंड एक बार फ़िर से एकदम खड़ा और कड़क हो गया। मैं हेमा की चूचियाँ दबाने लगा और मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया। फिर मैं हेमा की चूचियाँ को पीने लगा। चूचियों को पीने से हेमा की हालत और खराब हो गई, मेरा लंड पूरा सख्त हो चूका था तो मरीना भी अब मेरा लंड चूसना छोड़ वहीं पर बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी। मैं अब हेमा की चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। हेमा ने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया।

नेरा एक हाथ हेमा की चिकनी बुर पर चला गया और मैं उस पर हाथ फ़ेरने लगा, परन्तु इस बार मैंने अपनी उंगली उसकी बुर में नहीं डाली क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह फ़िर से ना बिदक जाए, इसलिए मैं सिर्फ़ उसकी बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।

मेरी हथेलियों और हेमा के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से लड़की की चूत को पहले से कहीं अधिक गर्म कर दिया।

मेरे होठों में उसके ओंठ थे और मैं पूरी भावना उसे चुंबन करते हुए अपने दुसरे हाथ को उसके स्तनों पर घूमते हुए पीठ पर ले जाकर उसके कामुक नितम्बो को पकड़ा और सहलाना शुरू कर दिया।

जैसे ही मैंने उसके नितम्बो के गालों को जोर से फैलाना शुरू किया तो मेरे हाथ उसकी नंगी गांड पर आ गए। और मैंने उसकी गांड के गालों के बीच में और उसकी चूत में एक उंगली खिसका दी। उसकी छूट उस समय बिलकुल गीली हो टपक रही थी और मुझे उसकी योनि बहुत तंग महसूस हो रही थी मैंने थोड़ा जोर लगा कर मेरी ऊँगली उसमें लगभग एक इंच डाल थी और मैंने उंगली को उसकी गीली चूत के अंदर रगड़ना शुरू कर दिया था।

इस बीच मैंने आवेशपूर्ण चुंबन जारी रखा। मैंने उसके स्तनों को जोर से पकड़ का दबा दिया तो वह कराहने लगी । मैंने उसको मुँह को चूमना बंद कर उसके दाए स्तनों को धीरे से शुमा और फिर चाटा और निप्पलों को कुतरना शुरू कर दिया।

मेरा मुँह उसके बाएँ निप्पल की ओर बढ़ा और उसे चूसने और कुतरने लगा।, वह कराहती रही और मेरे दूसरे हाथ उसके दाहिने स्तन को पकड़कर उसे दबाने लगा । उसने मेरे सख्त लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया फिर मैंने अपना मुँह उसके दूसरे निप्पल पर स्थानांतरित कर दिया, जिसे मैंने जोर से चूसा । और मैंने उसके हाथ को अपने लंड की ओर निर्देशित किया और उसे अपनी मर्दानगी का अहसास कराया।

"हे भगवान," वह फुसफुसायी, "यह मेरी कल्पना से बहुत बेहतर है।" उसकी आँखों में वासना का भाव था ।

अब मुझे लग रहा था कि इसकी बुर पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार है। परन्तु बुर एकदम नई थी, इसलिए मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और तड़फ़ाया जाए ताकि पहली बार लंड लेने में इसकी गर्मी इसके दर्द के एहसास को कम कर दे।

हेमा अब काफ़ी गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, उसने मुझसे कहा-अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। मेरी बुर में दर्द होने लगा है, डाल दो अब इसमें।

पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी।

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है। मैंने उसे उठा लिया और उसे बेड पर लिटा दिया। और उसे चुंबन किया उसके गालो को चाटा और उसकी गर्दन चाटने केबाद, उसके कंधो को चाटा और फिर उसके स्तनों को चूसा फिर उसके स्तनों के बीच की घाटी को चूसा और उसका प्रत्येक रसीला निप्पल तब तक चूसा जब तक यह बिलकुल लाल नहीं हो गया। मेरा मुँह और नीचे गया और उसकी नाभि में मेरी जीभ घूमी और वह कराहने लगी मैंने उसकी नाभि पर लार के छोटे-छोटे घेरे खींचे। दूसरे हाथ से मैंने उसकी चूत को फैलाया, अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके उसके सख्त और उत्तेजित भगशेफ को उजागर किया और अपना अंगूठा से उसके भगशेफ को रगड़ दिया। मेरा मुंह उसकी जाँघों पर और नीचे चला गया, और उसके भगशेफ को सहलाने, कुतरने और उसके मलाईदार मांस को चूसने लगा। मैंने ऊँगली तो अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सका क्योंकि उसकी योनि बहुत टाइट थी मैंने अपनी जीभ को उसकी भगशेफ पर घुमाया और अपनी जीभ से कुशलता से उसे फड़फड़ाना शुरू कर दिया, उसकी भगशेफ को चूसते हुए उंगलियाँ उसकी योनि के अंदर रगड़ने लगा इस बात का ध्यान रखते हुए कि उसके हाइमन पर जोर न पड़े। । वह जोर-जोर से कराहने लगी क्योंकि मेरा चूसना और तेज हो गया ।

मैंने हेमा की दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया।

उसकी योनि पर लार टपकाने लगा। मैंने उसे चुम कर बोला और ये कुंवारी के तौर पर तुम्हारा आखिरी चुंबन है!

"वह शरमाते हुए बोली जी हाँ सर"।

मैंने अपनी हरकतों को जारी रखा फिर उसकी चूत से अधिक रस निकलन शुरू हो गया । और मेरी जीभ और उन्स्की योनि उसके रस और मेरी लार के चिकने संयोजन के साथ चमक रही थी। मैं उसकी योनि और भगशेफ को लगातार चूसता रहा और उसके भगशेफ को हिलाता रहा और उसे तब तक उँगलियों से छेड़ता रहा जब तक कि वह उसके शरीर में कंपकंपी और ऐंठन शुरू नहीं हो गयी। हेमा के मुह से आहे निकल रही थी। वह मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी।

जब वह कांपने लगी तो उसकी जांघों के किनारों को अपनी जांघों से दबाते हुए उसकी योनि के ऊपर मैंने लंड एक दो बार घिसा और उस मिले जुले चिकने रस को लंड पर लगा कर लंड को चिकना किया अब मेरा कठोर लंड योनि में जाने के लिए तैयार था।

मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा 8 इंच का लंड अंदर नहीं जा रहा था। अत: मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पांव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी चुत ऊपर की ओर उठ गई तथा लंड उसकी चूत के छेद के बिल्कुल सामने आ गया।

मैंने हेमा को चुम और सहला कर गर्म कर शारीरिक तौर पर और हेमा ने मेरे लंड के प्रवेश के लिए खुद को मानसिक तौर पर त्यार किया। वह जानती थी कि प्रवेश करते ही मेरा लंड उसकी योनी को फैला कर चौड़ा कर देगा। वह यह भी जानती थी कि वह मेरे लंड को अपनी योनी के अंदर लेने के लिए आज तक इतनी ज्यादा उत्साहित नहीं हुई थी और इस इच्छा के कारण उसने अपनी एड़ी को एक साथ मेरी गांड के नितम्बो के चारों ओर कस लिया था, उसमें एक विशेष उत्साह था। उसने मेरे, सुडौल शरीर को सहलाया और मुुझे देखकर मुस्कुराई, उसकी कामुक इच्छा की दृष्टि ने मुझे प्रोत्साहित किया।

जब मैं नहीं हिला, तो उसने अपने कूल्हों को ऊपर की और एक झटका दिया, जिससे उसकी योनी का मुंह में मेरे लंड के सिर घर्षण करते हुए छेद पर टिक गया। उस घर्षण ने उसकी योनी के माध्यम से यौन भावना का एक और चौंकाने वाला झटका भेजा और उसके होठों पर आश्चर्यजनक खुशी की कराह निकली।

मरीना समझ गयी अब मेरा क्या इरादा है और हेमा के स्तन सहलाने लगी और उसे लिप किश करने लगी ।

इससे पहले कि हेमा अपने परमानंद की स्थिति से उबर पाती, मैं जल्दी से खड़ा हो गया और मैंने अपनी उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया और अपने सदस्य को उसकी योनि के छेद में लगा कर तेजी से टक्कर मारी कि उसने दर्द और अविश्वास से मेरी ओर देखा। फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक ज़ोर का धक्का लगाया और लंड लगभग एक इंच लंड उसकी बुर में घुस गया।

तकलीफ के मारे हेमा का मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, वह ज़ोर से चिल्लाई "घुस्स्स गया... मरर गई।" हेमा चीखने चिलाने लगी । हाअ, राआआआजा, सरररर आईईई, चोदो और जोर से चोदो। मेरी चूत को फाड़ दी, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई!माँ, आहहहाँ!,

हेमा अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी। उसके आश्चर्य ने दर्द को रास्ता दे दिया अभी भी कुछ ही सेकंड पहले से कामोन्माद उत्साह के साथ मिला हुआ आश्चर्य एक ढ़ाके के साथ ही दर्द में बदल गया।

वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। मैं एक बार पीछे हटा और अन्दर की ओर दवाब दिया। थोड़ा-सा लंड पीछे किया और फिर से आगे को धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लंड हेमा की कौमार्य की झिल्ली तक पहुँच चूका था और हायमन से टकरा रहा था लंड लगभग 2 इंच अंदर चला गया था । मेरे लिंग को हेमा ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिससेलंड चिकना हो गया था।

अगली बार मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया "ओह दीदी" हेमा के मुह से निकला उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर पहले ही से उसकी परमानंद की स्थिति के कारण एंठन में था और जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी के अवरोध को भेद कर अंदर घुस गया। लंड चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा अन्दर तक चला गया हेमा की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता और अजीब से अनुभव से पगला गयी । मेरे हिप्स भी कड़े होकर अंदर को दवाब दे रहे थे और लंड पूरा अन्दर जा चूका था ।

जैसे ही मेरे लंड ने उसके कौमार्य की पतली झिल्ली को विभाजित किया और उसकी योनी में घुस गया वह चीख पड़ी। वह महसूस कर रही थी कि जितना उसने कभी सोचा होगा उसकी योनी का विस्तार उससे कहीं अधिक हो रहा था। जैसे-जैसे मेरा लंड उसकी योनि में आगे गया वह अद्भुत स्पष्टता के साथ मेरी चुभन को महसूस कर रही थी। मेरे लंड का हर उभार, हर हलचल उसके दिमाग में दर्ज हो गई। हेमा मेरे लंड के प्रति अत्यधिक सचेत हो गई और एक पल में ऐसा लगा कि उसका पूरा शरीर एक अति संवेदनशील योनी में बदल गया है कि वह पूरी तरह से मेरे लंड से भर गयी है।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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