अम्मी बनी सास 088

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लेकिन इस वक्त रज़िया बीबी अपने बेटे को नहलेने के लिए नंगा नही कर रही थी।

बल्कि आज तो रज़िया बीबी खुद अपने बेटे ज़ाहिद के लंड के पानी से नहाने के मूड में थी।

इसी लिए ज़ाहिद की निक्कर उतारने के अमल के दोरान रज़िया बीबी की चूत बहुत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी।

"हाईईईईईईईईईई! दिल करता है कि अपने बेटे के मोटे लंड को अपनी छाती से लगा कर प्यार करूँ" निक्कर उतारते ही ज़ाहिद का मोटा लॉरा फुल तन कर अपनी अम्मी की भूकि नज़रों के सामने नामुदार हुआ।

तो अपने बेटे के मोटे सख़्त लंड को देखते ही रज़िया बीबी को अपनी भारी छातियों में एक अजीब किसम का खिचाव महसूस होने लगा।

इस खिचाव के साथ ही रज़िया बीबी के दिल में एक नई सी ख्वाहिश पेदा हुई।

ये ख्वाहिश ऐसी थी। जिसे सोचते ही रज़िया बीबी को खुद अपने उपर भी हैरत हुई।

क्यों कि रज़िया बीबी ने तो ज़ाहिद के अब्बू की हैयत में भी ऐसी किसी हरकत के मुतलक कभी सोचा तक नही था।

मगर आज इस ख्याल के ज़हन में आते ही ना सिर्फ़ रज़िया बीबी के मुँह से राल टपकने लगी।

बल्कि इस के साथ साथ रज़िया बीबी की चूत में से भी उस की फुद्दि का पानी भी बहने लगा।

अपनी इस सोच और ख्वाहिश को अमली जामा पहनने की खातिर ज़ाहिद के कदमों में बैठी रज़िया बीबी ने आगे को झुकते हुए अपने जिस्म को अपने बेटे के जिस्म से थोड़ा और नज़दीक किया।

तो ज़ाहिद की टाँगों के दरमियाँ खड़ा हुआ उस का मोटा लंड रज़िया बीबी के हवा में झूलते हुए मम्मो के दरमियाँ में फँस गया।

अपने बेटे के लंबे और सख़्त लंड को अपने मम्मो के दरमियाँ क़ैद करते ही रज़िया बीबी ने अपने दोनो हाथों से अपनी बड़ी छातियों को पकड़ कर एक साथ मिलाया। और फिर अपने मम्मो को अपने बेटे के जवान लंड के ऊपर और नीचे फैरने लगी।

"हाईईईईईईईईईई! ईईईईईईईईईईई! आज तो आप के प्यार करने के सारे अंदाज़ ही निराले हैंन्न अम्म्म्ममममममी! जनंननननणणन्!" अपने मोटे लंड को अपनी अम्मी के बड़े बड़े सॉफ्ट मम्मो की गिरफ़्त में पा कर ज़ाहिद मज़े से बिस्तर से उछल पड़ा।

इस से पहले तक ज़ाहिद ने जब भी कभी शाज़िया, नीलोफर या किसी और औरत के मम्मो के दरमियाँ अपने लंड को रगड़ा था। तो इस काम की इब्तिदा हमेशा ज़ाहिद ने खुद ही की थी।

मगर आज ये पहला मोका था। जब एक औरत जो उस की अपनी सग़ी अम्मी भी थी।वो खुद अपने मम्मो को आपस में जोड़ कर अपने बेटे को मम्मे चुदाइ के मज़े देने पर तूल आई थी।

इस मज़े के असर से बे हाल हो कर ज़ाहिद ने बिस्तर पर बैठे बैठे अपनी गान्ड को हिलाना शुरू किया।

तो ज़ाहिद का मोटा लंबा लंड उस की अम्मी के भारी मम्मो के दरमियाँ तेज़ी से रगड़ खाने लगा।

"उफफफफफफफफफफफफ्फ़! ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड! तुम्हारे लंड की सख्ती ने तो मेरे मम्मो को पागल कर दिया है, जब ये बड़ा लंड मेरी चूत में जाएगा तो मेरी फुददी की तो फिर से शामत ही आ जाए गी बेटॅयायेयीययाया!" अपने जवान बेटे के मोटे लंड को अपनी छातियों के दरमियाँ उपर नीचे होता देख कर रज़िया बीबी भी मज़े से सिसकारते हुए बोली।

"हाईईईईईईईईईई! आप के मोटे मम्मो में इतना मज़ा है, तो आप की चूत तो इस से भी ज़्यादा मज़ा देगी मुझे " ज़ाहिद ने भी अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया। और बहुत गरम जोशी से अपनी अम्मी के मोटे मम्मो के दरमियाँ अपने लंड को फैरने लगा।

"उफफफफफफफफफफफफ्फ़! ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड! तुम्हारे लंड की सख्ती ने तो मेरे मम्मो को पागल कर दिया है, जब ये बड़ा लंड मेरी चूत में जाएगा तो मेरी फुददी की तो फिर से शामत ही आ जाए गी बेटॅयायेयीययाया" अपने जवान बेटे के मोटे लंड को अपनी छातियों के दरमियाँ उपर नीचे होता देख कर रज़िया बीबी भी मज़े से सिसकारते हुए बोली।

"हाईईईईईईईईईई! आप के मोटे मम्मो में इतना मज़ा है, तो आप की चूत तो इस से भी ज़्यादा मज़ा देगी मुझे " ज़ाहिद ने भी अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया। और बहुत गरम जोशी से अपनी अम्मी के मोटे मम्मो के दरमियाँ अपने लंड को फैरने लगा।

कुछ देर अपनी छातियों को अपने बेटे के लंड से चुदवाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने मम्मो को अपने हाथों की गिरफ़्त से आज़ाद किया।

तो ज़ाहिद के सख़्त लंड को उस की अम्मी के मोटे चूचों की जेल से रिहाई नसीब हो गई।

ज़ाहिद के लंड को अपने मम्मो से निकालने के बाद रज़िया बीबी अपने हाथों को अपनी पैंटी पर लाई। और बदस्तूर अपने बेटे की टाँगों के दरमियाँ बैठे बैठे रज़िया बीबी ने अपनी गीली पैंटी को उतार कर अपनी चूत को भी बिल्कुल नंगा कर दिया।

ज्यों ही रज़िया बीबी ने अपनी पैंटी को उतार कर उसे बेड पर पड़ी अपनी ब्रेज़ियर के पास फैंकने की कोशिश की।

तो ज़ाहिद ने एक दम से रज़िया बीबी के हाथों से अपनी अम्मी की गीली पैंटी को पकड़ लिया। और अपनी अम्मी की चूत के पानी से भीगी हुई पैंटी को अपने मुँह पर रख कर पैंटी पर लगे हुए अपनी अम्मी की चूत के पानी को सूंघने और चाटने लगा।

"हाईईईईईईईईईई!ईईईईईईईईई! आप की पैंटी पर लगे हुए आप की चूत के पानी को चख कर मुझे आइडिया हो चुका है कि आप की फुददी में आग लगी हुई है, इसीलिए आज रात आप से सुहाग रात मनाने में बहुत मज़े आएँगे अम्मिईीईईईईईईईई! जीिइईईईईईईई!" ज़ाहिद ने अपनी नोकेलि ज़ुबान को अपनी अम्मी की गीली पैंटी पर घुमाते हुए कहा।

"हान्ंननननणणन् आज तुम मेरे साथ सोहाग रात तो ज़रूर मनाओ गे, मगर मेरे साथ मनाई जाने वाली तुम्हारी ये सोहाग रात, उस सोहाग रात से मुक्तलिफ हो गी, जो इस से पहले तुम ने अपनी बहन शाज़िया के साथ मनाई है बेटा" अपने बेटे को यूँ अपनी पैंटी दीवाना वार चूमता देख कर रज़िया बीबी ने सिसकरते हुए ज़ाहिद को कहा।

"सुहाग रात में तो एक शोहर अपनी बीवी को चोदता है, इसीलिए में भी अब आप का सोहर बन कर आप की पहले से उतरी हुई नथ को दुबारा से उतारूँगा, तो फिर आज आप के साथ मेरी ये सोहाग रात मुक्तिलफ कैसे हो गी अम्मी जनाआआआआआआआआं!" अपनी अम्मी की कही हुई बात को ना समझते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी से पूछा। और इस के साथ ही अपनी अम्मी की पैंटी को अपने मुँह से अलग कर के बिस्तर पर रख दिया।

"ओह थोड़ा सबर तो करो, में शाज़िया और अपनी सोहाग रात के दरमियाँ वाले फरक को ना सिर्फ़ तुम्हें बता दूं गी, बल्कि अपनी अमल से तुम्हे ये फरक पूरी तरह समझा भी दूँगी बेटा" रज़िया बीबी ने अपने बच्चे ज़ाहिद की बात का जवाब देते हुए कहा।

"हाईईईईईईईईईई!ईईई! सबर ही तो नही होता, इसीलिए पहेलियाँ बुझवाने की बजाय, आप सीधी तरह पूरी बात बता दो ना अमिीईईईईईईईईईई!" अपनी अम्मी की बात को फिर ना समझते हुए ज़ाहिद झुंझला कर बोला।

"तुम बहुत ही बे सब्रे हो ज़ाहिद, अच्छा सुनो हां एक रवायती सोहाग रात में एक शोहर ही हमेशा अपनी बीवी को चोदता है, जब कि तुम्हारी और मेरी आज की ये सोहाग रात इसीलिए मुक्तलिफ हो गई, कि एक दुल्हन की हैसियत से आज में खुद अपने शोहर को चोदून्गि, मेरे बच्चेयययययययी" रज़िया बीबी ने जब अपने बेटे ज़ाहिद को यूँ बे सबरा होता देखा। तो उस ने ज़ाहिद के सामने अपने दिल की बात खोल कर रख दी।

(अपने बेटे ज़ाहिद के साथ रज़िया बीबी ने ये बात इसीलिए की थी। कि रज़िया बीबी असल में पुराने ज़माने की औरत थी।

जिस ने अपनी पहली चुदाई का मज़ा ज़ाहिद के अब्बू से शादी के बाद ही हासिल किया था।

अपनी बेवा की ज़िंदगी के दौरान ज़ाहिद के अब्बू रज़िया बीबी को बिस्तर पर सीधा लेटा कर हमेशा एक ही तरीके से उस की चुदाई किया करते थे।

इस चुदाई के दोरान ज़ाहिद के अब्बू रज़िया बीबी की चूत में अपनी लुली डाल कर चन्द धक्के मारते। और फिर कुछ ही सेकेंड्स में अपनी लुली का पानी रज़िया बीबी की चूत में छोड़ कर खुद एक दम सो जाते थे।

ज़ाहिद के अब्बू की रज़िया बीबी से की जाने वाली इस हम बिस्तरी को लंड का पानी निकलना तो कहा जा सकता था।

मगर इस सारे रंडी रोने को चुदाई कहना असल में चुदाई की तोहीन थी।

एक मर्द एक औरत के जिस्म से खेल कर उस के जिस्म की प्यास कैसे और किस किस तरीके से बुझा सकता है।

इस का अंदाज़ा रज़िया बीबी को पहली दफ़ा ज़ाहिद और नीलोफर की चुदाई की फोटो और वीडियो देख कर हुआ था।

उस के बाद रज़िया बीबी ने जब ज़ाहिद और शाज़िया के कमरे में होने वाली लाइव चुदाई का मंज़र अपनी आँखों से देखा। तो अपने बेटे ज़ाहिद को अपनी बहन की मुतलकिफ़ स्टाइल में चुदाई करता देख कर रज़िया बीबी के तो होश की उड़ गये थे।

फिर आज दोपहर को जब शाज़िया और ज़ाहिद ने मिल कर अपनी अम्मी रज़िया बीबी को चोद कर उस की प्यासी चूत को ठंडक पहुँचाई थी।

तो अपनी बेटी की गरम ज़ुबान और बेटे के मोटे लंड को अपनी मोटी चूत के उपर और अंदर ले कर रज़िया बीबी को चुदाई का असल मतलब समझ आ गया था।

इसीलिए ये ही वजह थी कि रज़िया बीबी आज अपने बेटे के कमरे में आने से पहले अपने दिल में ये तय कर चुकी थी।

कि उस ने आज अपनी सोहाग रात मनाते वक्त अपने नये सोहर बेटे के साथ चुदाई के वो ही तरीके दोहराने हैं।

जो ज़ाहिद इस से पहले नीलोफर और फिर अपनी बहन शाज़िया के साथ चुदाई के दोरान आज़मा चुका था।

यानी सादी लफ़्ज़ों में अगर ये कहा जाए। कि आज की रात रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद से चुदवाने नही,बल्कि खुद अपने बेटे ज़ाहिद को चोदने आई थी।तो ये ग़लत नही हो गा।)

"हाईईईईईईईईईई!ईईईईई! आप वाकई ही आज मुझे चोदने आई हाईईईईईिन! अम्मिईीईईईईई!" रज़िया बीबी के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर ज़ाहिद की खुशी की कोई इंतहा ना रही। और उस का लंड खुशी के मारे ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा।

"हाआँ ये वाकई ही सच है बेटा" कहते हुए रज़िया बीबी ने अपने बेटे के मोटे खड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ा। और ज़ाहिद के लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी।

ज़ाहिद के लंड को सहलाते सहलाते रज़िया बीबी अपने मुँह को अपने बेटे के सख़्त लंड के नज़दीक ले आई।

ज्यों ही ज़ाहिद का लंड और रज़िया बीबी का मुँह एक दूसरे के नज़दीक हुए।

तो ज़ाहिद के लंड की टोपी के सुराख से निकलनी वाली पिशाब की मखसोस बू (स्मेल) रज़िया बीबी की नाक में घुस गई।

"हाईईईईईईईईईई! शाज़िया और नीलोफर को ज़ाहिद का लंड मज़े मज़े से चूस्ता देख कर में तो समझी थी, कि शायद लंड में कोई बू नही होती, मगर यहाँ तो मामला इस के विपरीत है, नहियीईईईईईईईई में शायद अपने बेटे का लंड सक ना कर पाऊ" ये सोच जेहन में आते ही एक लम्हे के लिए रज़िया बीबी की हिम्मत जवाब देने लगी।

"हीईीईईईईईईईई! में तो आज अपने बेटे को खुद चोद कर ज़ाहिद को ये बताना चाहती थी। कि उस की बूढ़ी अम्मी की चूत में तो, उस की जवान बहन की चूत से ज़्यादा गर्मी मौजूद है, मगर में तो पहले ही मामले में नाकाम हो कर हार मानने लगी हूऊऊऊऊओन!" ज्यों ही रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की लंड चुसाइ से पीछे हटने का सोचा। तो दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी के दिल में ये बात आई।

चन्द लम्हे के लिए रज़िया बीबी की चूत और उस दिल-ओ-दिमाग़ में एक हल्की सी जंग हुई।

मगर आख़िर मे अपनी चूत के आगे हार मानते हुए रज़िया बीबी ने अपने जवान बेटे के तगड़े लंड की निहायत मोटी टोपी के लिए अपना मुँह पूरा खोल दिया।

ज्यों ही रज़िया बीबी का मुँह खुला। तो ज़ाहिद के बड़े लंड की मोटी टोपी उस की अम्मी की गरम ज़ुबान से पहली बार टच हुई।

"ओह!" ज़ाहिद का सख़्त लंड की फूली हुई टोपी रज़िया बीबी की गरम ज़ुबान से ज्यों ही छुई। तो दोनो माँ बेटे के मुँह से एक साथ सिसकारी निकल गई।

ज़ाहिद तो अपनी ज़िंदगी में कई दफ़ा नीलोफर और शाज़िया से अपने लंड को चूसा चुका था।

लेकिन रज़िया बीबी की पूरी ज़िंदगी में ये पहला मोका था। जब वो किसी मर्द के लंड को यूँ अपने पाक मुँह के साथ प्यार कर रही थी। और ये मर्द भी कोई आम मर्द नही बल्कि उस का अपना सगा बेटा ज़ाहिद था।

जिस का लंड अपने मुँह में ले कर चाटने के लिए रज़िया बीबी ने आख़िर अपने दिल को राज़ी कर लिया था।

ज़ाहिद के लंड की बू से डरी हुई रज़िया बीबी तो ये समझ रही थी। कि उसे यक़ीनन अपने बेटे ज़ाहिद के लंड का कोई स्वाद नही आएगा।

मगर ज़ाहिद के लंड की टोपी को पहली बार अपनी ज़ुबान के साथ छूते ही रज़िया बीबी को अपने बेटे के लंड का नमकीन ज़ायक़ा ना सिर्फ़ अच्छा लगा।

बल्कि रज़िया बीबी को ज़ाहिद के लंड की टोपी पर अपनी ज़ुबान घुमाते हुए एक अजीब सा सरूर भी मिला।

ज़ाहिद के लंड की बू से डरी हुई रज़िया बीबी तो ये समझ रही थी। कि उसे यक़ीनन अपने बेटे ज़ाहिद के लंड का कोई स्वाद नही आएगा।

मगर ज़ाहिद के लंड की टोपी को पहली बार अपनी ज़ुबान के साथ छूते ही रज़िया बीबी को अपने बेटे के लंड का नमकीन ज़ायक़ा ना सिर्फ़ अच्छा लगा।

बल्कि रज़िया बीबी को ज़ाहिद के लंड की टोपी पर अपनी ज़ुबान घुमाते हुए एक अजीब सा सरूर भी मिला।

ये शायद इसी सरूर का असर था। कि रज़िया बीबी अपनी सारी झिझक को ख़तम करते हुए अब बहुत प्यार और मज़े के साथ अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की टोपी पर अपनी गरम ज़ुबान घुमाने लगी थी।

"उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़! अम्मिईीईईईईईईई! जीिइईईईईईईईईईईईईईईई!" रज़िया बीबी की गरम ज़ुबान लंड पर पकड़े हुए महसूस कर के ज़ाहिद के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं।

"लंड चुसाइ का ये मेरा पहला तजुर्बा है,इसीलिए मुझे बताओ कि में सही लंड चूस रही हूँ ना, मेरे बच्चेयययी" ज़ाहिद की गरम सिसकियाँ जब रज़िया बीबी के कानों में पड़ी।

तो लंड की टोपी पर गरम ज़ुबान फेरते फेरते रज़िया बीबी ने अपनी बेटे ज़ाहिद की आँखों में आँखे डाल कर पूछा।

"उफफफफफफफफफफफ्फ़! मुझे तो यकीन ही नही हो रहा है, कि मेरी सग़ी अम्मी आज खुद मेरा लंड चूस रहियीईईई! हैं, हाईईईईईईईईई! में इतनी इज़्ज़त अफज़ाई के लिए आप का तहै दिल से शूकर गुज़ार हूँ अम्मी"अपनी अम्मी की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद सिसकारा।

"जो मज़ा तुम्हारे मरहूम अब्बू नही ले सके मुझ से,वो मज़ा में आज तुम्हे दूंगी मेरे बच्चे" रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के लंड को अपने दोनो हाथों में पकड़ा। और अपने बेटे के सख़्त मोटे लंड के उपर नीचे अपनी गरम और लंभी ज़ुबान को घुमाते हुए ज़ाहिद से कहा।

"हाईईईईईईईईईई!ईईईिन! बिल्कुल ऐसेयययययययी! ही चूसैींन्नननणणन्! अम्मिईीईईईईईईईईईई!" ज्यों ही रज़िया बीबी की ज़ुबान ने ज़ाहिद के लंड की रगों (वाइन्स) को छुआ।तो ज़ाहिद मज़े की शिद्दत से चिल्ला उठा।

कुछ देर अपने बेटे के लंड के उपर से ले कर नीचे तक अपनी ज़ुबान को फैरने के बाद रज़िया बीबी ने अपना पूरा मुँह खोला। और ज़ाहिद के मोटे लंबे लंड को अपने मुँह में भरते हुए बोली।"हाईईईईई! कितना शानदार लंड है मेरे बेटे का, में तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई हूँ मेरे बच्चे "

कहते हुए रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद के तगड़े लंड को अपने मुँह में भरा। और अपने बेटे के जवान लंड को लॉली पोप की तरह चूसने लगी।

जैसे ही रज़िया बीबी ने अपने बेटे के मोटे लंड को अपने गरम मुँह में लिया। तो ज़ाहिद के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

"ओह अम्म्म्मममममममी! ज़ाआआअँ!,मुझे लंड चुसाइ का ऐसा मज़ा आज तक किसी औरत ने नही दिया, जो मज़ा आप मुझे इस वक्त दे रही हाईईईईईईईईई!,उफफफफफफफफफफफ्फ़! हाईईईईईईईईईई!" इस के साथ ही बिस्तर पर बैठा हुआ ज़ाहिद एक दम से उठा। और फर्श पर खड़े हो कर रज़िया बीबी के मुँह को अपने बड़े लंड से चोदते हुए ज़ाहिद ने मज़े से कहा।

बे शक लंड चुसाइ वाला ये काम रज़िया बीबी अपनी ज़िंदगी में पहली बार कर रही थी।

मगर पहली बार इस तरह का काम करने के बावजूद रज़िया बीबी किसी माहिर रंडी की तरह अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की चूसाई लगा रही थी।

रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की टोपी को चाट्ती हुई नीचे जाती।और फिर चाट्ती हुई दूसरी तरफ से वापिस लंड की टोपी तक पहुँच जाती थी।

वापिस टोपी पर आ कर रज़िया बीबी फिर अपनी ज़ुबान से ज़ाहिद के लंड के चारों तरफ से चाट्ती। और फिर लंड को अपने मुँह में भर कर अपने बेटे के लंड को किसी कुलफी की तरहा चूसने लगती।

रज़िया बीबी को अपने बेटे के जवान लंड को पहली बार चूस कर इतना मज़ा मिल रहा था।

कि अपने बेटे के लंड को चूसने के साथ साथ रज़िया बीबी नीचे से अपनी चूत के दाने को भी अपने हाथ से रगड़ रगड़ कर अपनी फुद्दि को ज़ाहिद के मोटे लंड के लिए तैयार भी कर रही थी।

जब कि दूसरी तरफ अपनी अम्मी के मुँह की गर्मी को अपने तने हुए लंड पर महसूस कर के मज़े के मारे ज़ाहिद के मुँह से निकलने वाली सिसकियाँ तो रुकने का नाम ही है ले रही थी।और वो" "हाईईईईईईईईई!, ओह,उफफफफफफफ्फ़! अम्मिईीईईई!ई" कहता हुए रज़िया बीबी के मुँह को उस की चूत समझ कर चोदे जा रहा था।

रज़िया बीबी थोड़ी देर बहुत शौक और मज़े के साथ अपने बेटे के लंड को सक करती रही।

फिर कुछ देर बाद रज़िया बीबी ने आख़िर ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह से निकाला ।और फर्श पर बैठे बैठे ज़ाहिद के लंड को अपने हाथ में थाम कर अपने बेटे ज़ाहिद की आँखो में देखने लगी।

"अप ऐसे क्यों देख रही हैं मुझे अम्मी" रज़िया बीबी जब थोड़ी देर खामोश रही। तो ज़ाहिद ने अपने कदमों में बैठी अपनी अम्मी को सवालिया नज़रों से देखते हुए पूछा।

"ज़ाहिद महमूद वल्द (फ़तार) रहमत ख़ान! क्या तुम्हें रज़िया बीबी बेवा रहमत ख़ान अपने निकाह में कबूल है?" रज़िया बीबी ने अपने बेटे के मोटे नंगे लंड को अपने हाथ में थामा। और अपने जवान बेटे की आँखों में आँखे डालते हुए ज़ाहिद से पूछा।

रज़िया बीबी से लंड चुस्वाते वक्त ज़ाहिद तो ये समझ रहा था। कि लंड चुसाइ के दोरान सुहाग रात वाली जो बातें उस की अम्मी के मुँह से निकल रही थी। वो शायद उस की अम्मी की चूत की गर्मी का असर था।

मगर अब बाक़ायदा एक निकाह खुआन की तरह अपनी अम्मी को निकाह की रसम अदा करते देख कर ज़ाहिद के हाथों के तो तोते ही उड़ गये।

बाप के मरने के बाद बेटा अपने बाप की जायदाद में हिस्से दार बनते तो ज़ाहिद ने देखा और सुना हुआ ही था।

मगर ज़ाहिद की पूरी ज़िंदगी में आज ये पहला मोका हो गा। जब जायदाद के साथ साथ ज़ाहिद एक बेटे को अपने ही बाप की बेवा में भी हिस्से दार बनने के मुतलक सुन रहा था।और ये बात कहने वाली कोई और नही बल्कि उस की अपनी सग़ी बेवा अम्मी थी।

जो ज़ाहिद को खुद अपने मेरहूम शोहर की चोदि हुई चूत में हिस्से दार बनने की दावत दे रही थी।

ज़ाहिद चूँकि अपनी अम्मी से इस बात की तावक्को नही कर रहा था।

इसीलिए अम्मी के मुँह से ये सुनते ही एक लम्हे के लिए ज़ाहिद को वाकई ही समझ नही आया। कि वो अपनी अम्मी की इस बात का क्या जवाब दे।

मगर फिर दूसरे ही लम्हे ज़ाहिद को जैसे होश आया। तो वो एक दम से अपना मुँह खोल कर चल उठा। "ओह मुझे तुम अपने निकाह में कबूल हो रज़िया बेगम"

अपनी अम्मी को अपने निकाह में क़बूल करते वक्त ज़ाहिद के लंड ने इतना जोश मारा। कि ज़ाहिद के लिए अपने लंड पर काबू रखना मुश्किल हो गया।

और ज़ाहिद के लंड ने किसी आतिश फिशन (वालकानो) की तरह फुट कर अपने लावा अपने कदमो में बैठी हुई अपनी अम्मी के खुले मुँह में ही छोड़ दिया।

ज़ाहिद के लंड से निकलने वाला गरम वीर्य की मिकदर इतनी ज़्यादा थी।

कि जिस की वजह से ना सिर्फ़ रज़िया बीबी का मुँह और होंठ अपने बेटे ज़ाहिद के गरम पानी से भर गये।

बल्कि साथ ही साथ ज़ाहिद के लंड का थिक और गरम पानी रज़िया बीबी के मुँह से बारिश की बूँदों की तरह बह बह कर रज़िया बीबी के मोटे मम्मो को भी भिगोने लगा था।

"ओह मुझे ययययययययययी! बहुत अफ़सोस है कि में आप के मुँह में ही फारिग हो गया" ज़ाहिद ने जब अपने लंड के पानी को अपनी टाँगों के दरमियाँ बैठी हुई रज़िया बीबी के मुँह पर गिरते देखा। तो वो डर गया कि अब उस की अम्मी उसे गुस्से में आ कर बहुत डान्टेगि जी। इसीलिए ज़ाहिद फॉरन अपनी अम्मी से मज़रत करने लगा।

"अफ़सोस कि कोई बात नही, में तो खुद तुम्हारे लंड का पानी पी कर अपनी नई ज़िंदगी का आगाज़ करना चाहती हूँ, इसीलिए मेरे मूह में पानी छोड़ कर पहले मेरे मूह की प्यास भुजाओ, और फिर अपना लंड अंदर डाल कर मेरी चूत की मेरे बेटे " रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को जवाब दिया। और खुद मुँह खोल कर "शर्प शर्प" करती ज़ाहिद का गरम और लैस दार पानी अपने मुँह में निगलने लगी।

आज से पहले तक रज़िया बीबी ने अपनी पूरी शादी शुदा ज़िंदगी में लंड को सक करने के मुतलक कभी सोचा तक नही था।

मगर अब तक लंड चुसाइ के काम को "गंदा" और बुरा समझने वाली रज़िया बीबी ना सिर्फ़ अपने बेटे के लंड को चूस चूस कर उसे अपने लंड का पानी निकलने पर मजबूर कर चुकी थी।

बल्कि अब वो बहुत शौक से अपने बेटे के लंड के पानी को "रूफ अफज़ा" शरबत समझ कर पीने में भी मगन हो चुकी थी।

"आप की एक बात मुझे पसंद नही आई" अपनी अम्मी को दीवाना वार अपने लंड का चुसाइ लगाते देख कर ज़ाहिद बोला।

"वो क्या बेटा" रज़िया बीबी ने अपना मुँह ज़ाहिद के लंड की टोपी से हटाते हुए पूछा।

"आप मुझ से निकाह भी करती हैं, मेरे साथ सुहाग रात भी मनाती हैं,मगर इस के बावजूद मुझे बेटा ही कह कर मुकतिब कर रही हैं" ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से शिकवा किया।

"तो अब तुम क्या चाहते हो कि में तुम्हें क्या कह कर बुलाया करूँ ज़ाहिद" रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के लंड को हाथ में थामा और अपनी नज़रें उठा कर अपने बेटे से पूछा।

"वो ही जो एक मियाँ बीवी प्यार भरे अंदाज़ में एक दूसरे को कहते हैं" अपनी अम्मी की बात के जवाब में ज़ाहिद ने मुस्कराते हुए कहा।

"ओह नही मुझ से ऐसा नही हो सके गा बेटा" ज़ाहिद से अपने जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बेटे की फरमाइश पर शर्म महसूस करते हुए बोली।

"अच्छा अगर ये बात है तो छोड़ो मेरा लंड, जाओ में आप से नही बोलता" अपनी अम्मी का जवाब सुन कर ज़ाहिद ने नकली गुस्सा किया। और अपने लंड को अपनी अम्मी के हाथ से छुड़वाने लगा।

"हाईईईईईईईईईई! में सदके जऊऊऊऊ!, ठीक है में कोशिश करूँगी कि जैसा तुम चाहते हो, वैसे ही में तुम को मुताबिक करूँ" अपने बेटे के नकली गुस्से के आगे हार मानते हुए रज़िया बीबी फॉरन बोल पड़ी।

"कोशिश नही बल्कि आज से आप तेन्हाई में मुझे बेटे की बजाय मेरे सरताज ज़ाहिद कह कर बुलाया करो गी" ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को ताकीद करते हुए कहा।

"अच्छा और इस के जवाब में तुम मुझे क्या पुकारोगे " अपनी बेटे की बात सुन कर रज़िया बीबी के होंठो पर एक मुस्कराहट फेली।

में आप को बेगम और जान कह कर पुकारूँगा, मेरी बेगम रज़ैईईईईईईईईईईईईईईई! जनणनिईीईईईईईईईईईई!" अपनी अम्मी के साथ निकाह के बंधन में बँधते ही ज़ाहिद ने ज़िंदगी में पहली बार रज़िया बीबी को अम्मी कहने की बजाय "बेगम" और "जान" कह कर पुकारा।

तो अपने बेटे के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर रज़िया बीबी की चूत में लगी आग की शिद्दत पहले से बढ़ गई। और उस ने मज़ीद जोश में आते हुए ज़ाहिद के लंड से निकलने वाली पानी के आखरी क़तरे को भी लंड की टोपी से चाट चाट कर सॉफ कर दिया।

में आप को बेगम और जान कह कर पुकारूँगा, मेरी बेगम रज़ैईईईईईईईईईईईईईईई! जनणनिईीईईईईईईईईईई!" अपनी अम्मी के साथ निकाह के बंधन में बँधते ही ज़ाहिद ने ज़िंदगी में पहली बार रज़िया बीबी को अम्मी कहने की बजाय "बेगम" और "जान" कह कर पुकारा।

तो अपने बेटे के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर रज़िया बीबी की चूत में लगी आग की शिद्दत पहले से बढ़ गई। और उस ने मज़ीद जोश में आते हुए ज़ाहिद के लंड से निकलने वाली पानी के आखरी क़तरे को भी लंड की टोपी से चाट चाट कर सॉफ कर दिया।

अपने शोहर बेटे के लंड के वीर्य को पहली बार अपने हलक़ में उतारने के बाद रज़िया बीबी फर्श से उठ कर ज़ाहिद के सामने खड़ी हो गई।

ज़ाहिद के सामने खड़े हो कर दोनो मियाँ बीवी की नज़रें आपस में चार हुईं।

तो अपनी बीवी माँ के होंठो को अपने लंड के सफेद पानी से तर देख कर ज़ाहिद का ढीला पड़ते लंड में फिर से सख्ती आने लगी।

"उफफफफफफफफफ्फ़ आप ने मेरे लंड की मनी खा कर ये साबित कर दिया है, कि आज आप मुझ से चुदवाने नही, बल्कि मुझे चोदने आई हैं बेगम" ज़ाहिद अपनी अम्मी के होंठो पर लगा हुआ अपने लंड का पानी देख कर पागल हो गया।

ज़ाहिद ने फॉरन आगे बढ़ कर अपनी अम्मी के नंगे वजूद को अपनी बाहों में भरा। और अपनी नई नवेली दुल्हन के होंठो पर अपने होंठ रख कर रज़िया बीबी के मुँह पर लगे हुए अपने ही लंड का वीर्य को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा।