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Click hereकुछ देर दोनो माँ बेटे एक दूसरे का वजूद को अपनी बाहों में कस कर एक दूसरे के जिस्मों पर अपने हाथ घुमाते हुए एक दूसरे की ज़ुबान से ज़ुबान लड़ाते रहे।
"हाईईईईईई! मेरेयययी! सर्र्र्र्ररर!..."अपनी मोटी टाँगों के दरमियाँ से अपनी पानी छोड़ती चूत के मुँह पर रगड़ खाते ज़ाहिद के बड़े लंड को महसूस कर के रज़िया बीबी सिसकी तो सही।
मगर चाहने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद को अपना सरताज ना कह पाई और एक दम हकलाने लगी।
बचपन से ले कर जवानी तक ज़ाहिद को बेटा कह कर पुकारने की वजह से रज़िया बीबी के लिए अब ज़ाहिद को अब एक दम से अपना ख्वाविंद कह कर बुलाने में थोड़ी दिक्कत और हिचकिचाट महसूस हो रही थी।
मगर अपनी अम्मी के विपरीत ज़ाहिद तो अब अपनी अम्मी को अपनी दूसरी बीवी के रूप में कबूल करते हुए रज़िया बीबी को बेगम, जान और जानू जैसे इलफ़ाज़ से पुकारने लग गया था।
इस की वजह शायद ये रही कि अपनी सग़ी बहन शाज़िया को अपनी बीवी बनाने के बाद ज़ाहिद शाज़िया को बहन की बजाय जानू और ज़ोज़ा वगेरा कह कर बुलाने की आदत पहले ही पड़ चुकी थी।
इसी लिए अब अपनी सग़ी अम्मी को माँ की बजाय बीवी की तरह बुलाना ज़ाहिद को ज़्यादा दूस्वार नही लग रहा था।
ये वजह थी कि ज्यों ही रज़िया बीबी के भारी मम्मे ज़ाहिद की नंगी छाती के साथ चिपके। तो ज़ाहिद ने एक दम से अपनी अम्मी के मोटे मम्मे को हाथ में कसते हुए कहा "उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी बेगम के ये बड़े बड़े मम्मे तो बहुत ही जान लेवा है "।
"अब आ बिस्तर पर लेट जाए ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड!" कुछ देर अपने बेटे ज़ाहिद से अपने मम्मे दबवाने और ज़ाहिद के मुँह में उस के अपने लंड का पानी मुन्तिक़ल करने के बाद रज़िया बीबी अपने बेटे से अलग हुई।
और एक गहरी साँस ले कर ज़ाहिद से यूँ मुकतिब हुई। जैसे एक बीवी अपने शोहर से मुकतिब होती है।
"मुझे बिस्तर पर लिटा कर क्या करने का इरादा है तुम मेरी जान" अपनी अम्मी का उसे यूँ एक शोहर की तरह पुकारने का अंदाज़ ज़ाहिद के दिल को भा गया।
इसी लिए ज़ाहिद भी अब अपनी अम्मी के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने आप को आहिस्ता आहिस्ता अपनी ही अम्मी के शोहर के रूप में ढालने लगा था।और इस नये रूप को इख्तियार करने के दोरान ज़ाहिद को एक अजीब सी खुशी और मज़ा मिल रहा था।
"में आप को बिस्तर पर लिटा कर ना सिर्फ़ आप का लंड दुबारा चूसना चाहती हूँ, बल्कि इस के साथ साथ अब अपनी चूत भी आप से चटवाना चाहती हूँ, जानुउऊुउउ" इस बार रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के दिल और लंड पर मज़ीद अँगारे बरसाते हुए एक अदा के साथ अपने शोहर बेटे से ये बात कही।
जिस की वजह से ज़ाहिद के लिए इनकार मुमकिन ही ना रहा। और किसी फर्माबर्दार शोहर की तरह अपनी बीवी का हुकम मानते हुए ज़ाहिद फॉरन बिस्तर पर जा लेटा।
ज़ाहिद के बिस्तर पर लेटते ही रज़िया बीबी भी बिस्तर पर चढ़ गई।
बिस्तर पर आते ही रज़िया बीबी ने अपनी दोनो टांगे चौड़ी कर के बिस्तर पर लेटे ज़ाहिद के जिस्म के दोनो ओर रखीं।
तो रज़िया बीबी अपने जवान बेटे के जिस्म पर इस अंदाज़ में आ गई। कि रज़िया बीबी की गान्ड का रुख़ तो ज़ाहिद के मुँह की तरफ था।जब कि रज़िया बीबी का मुँह अपने बेटे ज़ाहिद के पेट पर सुस्त (लेज़ी) पड़े हुए उस के लंड की तरफ था।
ज़ाहिद के जिस्म के उपर इस अंदाज़ में बैठ कर रज़िया बीबी ने अपने भारी जिस्म को नीचे झुकाया।
तो रज़िया बीबी की मोटी फुद्दि का मुँह बिस्तर पर लेटे ज़ाहिद के मुँह के बिल्कुल आन उपर आ गया।
रज़िया बीबी की चूत अपने जवान बेटे के मुँह के इतने करीब हुई।
तो रज़िया बीबी की पानी छोड़ती फुद्दि से उस की चूत का नमकीन पानी बारिश के पहले क़तरे की तरह टपक कर ज़ाहिद के खुले मुँह से उस के हलक़ में उतर गया।
"हाईईईईईईईईईई!ई शाज़िया की तरह आप की फुद्दि के पानी का ज़ायक़ा भी बहुत मज़े दार है बेगम" अपनी अम्मी की चूत को बिना छुए ही फुद्दि के पानी का स्वाद चाख कर ज़ाहिद मस्त हुआ। और अपने मुँह को अपनी अम्मी की चूत के मज़ीद पास ला कर अपनी अम्मी की बिना बालों वाली,फूली हुई चूत की महक को अपने नथुनो से सूंघते हुए कहने लगा।
ज़ाहिद इस पोज़िशन में बिस्तर पर लेट कर नीलोफर और अपनी बहन शाज़िया की चूत को कई दफ़ा चाट चुका था।
और चूत चाटने के इस अंदाज में तो ज़ाहिद को अब इतनी महारत हासिल हो चुकी थी। कि ज़ाहिद इस महारत की वजह से उसे पाकिस्तान के "सितारही इम्तियाज़" (प्राइड ऑफ पर्फॉर्मेन्स) अवॉर्ड के लिए नामज़द किया जा सकता था।
इसी लिए ज्यों ही ज़ाहिद के मुँह के उपर झुकी हुई रज़िया बीबी की चूत के लब अपने बेटे के मुँह के नज़दीक हुए।
तो अपनी अम्मी की फुद्दि से निकलने वाली खुसबू को नाक के रास्ते अपने जिस्म में उतारते हुए ज़ाहिद ने अपने हाथ उपर बढ़ा कर सब से पहले अपनी अम्मी के मोटे और भारी मम्मो को अपने हाथों में थामा।
और फिर नीचे से अपने मुँह को पूरा खोल कर अपनी अम्मी की चूत की फूली हुई पंखुड़ियों को अपने मुँह में भर लिया।
हाला के शाज़िया अपनी अम्मी की चूत को चाट कर रज़िया बीबी को चूत चटाई के स्वाद से पहले ही रोशनास करवा चुकी थी।
मगर इस के बावजूद ज़ाहिद ने ज्यों ही आज पहली बार अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को अपने गरम मुँह में भरा।
तो अपने जवान शोहर की गरम ज़ुबान को अपनी सुहागन फुद्दि के साथ पहली बार टकराता हुए महसूस कर के रज़िया बीबी के जिस्म में एक सनसनी सी दौड़ गई।और मज़े और स्वाद की शिद्दत की वजह से रज़िया बीबी का मुँह खुला गया था।
रज़िया बीबी ने अपनी फुल्ती सांसो के साथ अपने दोनो हाथों से अपने बेटे के सर को थामा। और अपनी फूली हुई चूत के गुदाज होंठो को ज़ाहिद के होंठो पर तेज़ी के साथ रगड़ा।
अपनी चूत के लिप्स को अपने जवान बेटे के होंठो पर फेरते ही रज़िया बीबी सिसक उठी। और उस के मुँह से बे इकतियार निकल गया "आआआअहह"।
इधर दूसरी तरफ बे शक ज़ाहिद इस से पहले कई बार नीलोफर और अपनी बहन शाज़िया की चूत को चाट कर उन दोनो गरम फुद्दियो के पानी का स्वाद ले चुका था।
मगर इस के बावजूद अपनी अम्मी रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद के लिए भी ये पहला मोका था। जब वो ज़िंदगी में पहली बार अपनी अम्मी के उस मोटे मोटे फुद्दे को अपने मुँह में भर कर प्यार कर रहा था।
जो ज़ाहिद की जनम भूमि होने के साथ साथ अब उस की बीवी का दर्जा भी पा चुकी थी।
इसीलिए जिन्सी हवस की गर्मी में मदहोश हो कर ज़ाहिद अपने मुँह को खोल कर अपनी अम्मी की चिकनी, गरम और रस टपकाती हुई चूत पर अपनी जीभ चलाने लगा।
ज़ाहिद की नुकीली ज़ुबान की टिप ज्यों ही रज़िया बीबी की चूत की दीवारों को चीर कर उस की प्यासी फुद्दि के अंदर गुसी।
तो अपने बेटे की ज़ुबान की गर्मी को अपनी चूत की गहराई में महसूस कर के रज़िया भी मज़े से चिल्लाई, "उफफफफफफफफफफ्फ़!! आआआआआआअहह! ज़ाहिद्द्द्दद्ड! बहुत प्यारा लग रहा है, चाटो और चाटो म्म्म्म! मममममम! बहुत मज़ा आ रहा है मुझे मेरी जानंनननणणन्!"
ज़ाहिद की ज़ुबान की गरमी के हाथों बे हाल होते हुए रज़िया बीबी आजे को झुकी। और ज़ाहिद के ढीले लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपने बेटे के लंड की मूठ लगाने लगी।
जारी रहेगी