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Click hereबल्कि अपनी सौतन अम्मी और शोहर भाई की जबरदस्त चुदाई को अपनी तसवर्ती आँखो से देख देख कर गरम होने में भी मसरूफ़ थी।
चुदाई की पछ पच की आवाज़ों को सुन कर सुन कर शाज़िया की अपनी साँसे ना सिर्फ़ तेज हो रही थी।
बल्कि अपनी अम्मी की गरम सिसकियाँ और मज़े भरी चीखे सुन सुन कर शाज़िया के हाथ की उंगलियाँ भी अपनी चूत के देने को बुरी तरह मसल रही थी।
और फिर उधर जब ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड के उपर अपने लंड का पानी छोड़ा। तो दूसरी तरफ शाज़िया ने अपनी चूत के पानी को अपने हाथ से खारिज करते हुए अपने जिस्म और गरम चूत को ठंडक पहुँचा कर सकून की नींद सो गई।
दूसरी सुबह रज़िया बीबी की आँख ज़ाहिद से पहले खुल गई। तो कल की चुदाई की वजह से रज़िया बीबी को अपने अंग अंग में दर्द और जिन्सी सकून का एक अनोखा अहसास महसूस हुआ।
कल अपनी ज़ाहिद के मोटे और जवान लंड से अपनी प्यासी चूत और जिस्म की प्यास बुझवाने के बाद आज रज़िया बीबी को अपने भारी वजूद भी बहुत हल्का फूलका महसूस हो रहा था।
अपनी अंखँ खुलते ही रज़िया बीबी ने देखा कि नींद की हालत में उस की एक टाँग अपने बेटे ज़ाहिद की कमर के उपर पड़ी हुई थी।
जब कि दूसरी तरफ ज़ाहिद का एक हाथ रज़िया बीबी के भारी वजूद के गिर्द लिपटा हुआ था।और नीचे से ज़ाहिद का ढीला लंड अपनी अम्मी की गुदाज रान के साथ रगड़ खा रहा था।
आज अपने नंगे वजूद को यूँ अपने ही जवान बेटे की बाहों में पा कर रज़िया बीबी खुद ब खुद मुस्कराने लगी।
रज़िया बीबी को बाथ रूम जाना था। इसीलिए नींद से जागते ही बिस्तर से उठ कर बाथरूम वो जाने लगी। तो एक दम पीछे से किसी ने उस के हाथ की कलाई को पकड़ लिया।
रज़िया बीबी ने अपनी गर्दन मोड़ कर एक दम पीछे देखा। तो अपने बेटे ज़ाहिद को अपनी तरफ मुस्कराते हुए देख कर रज़िया बीबी किसी नई नवली दुल्हन की तरह शर्मा कर रह गई।
जारी रहेगी