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VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 18
लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगा।
हमारी चुदाई के बाद जूही भाभी के चेहरे पर अलग ही रौनक आ गयी थी। भाभी की ख़ुशी को देखकर ऐसा एकदम साफ लग रहा था कि वह अपनी प्यासी नजरों से बार-बार मेरे लंड को ही देख रही थी। मेरा लंड भी मान ही नहीं रहा, जब-जब मैं जूही रानी को देखता था लंड ठुमका लगा रहा था।
इतने में रोजी बोली आप दोनों कपडे पहन लो। दोपहर के भोजन का समय हो रहा है। भाई महाराज और अन्य लोग आ रहे हैं। हमने कपड़े पहने और फिर रानी माँ, भाई महाराज और सभी लोग खाने की मेज पर आ गए। भोजन के बाद सब लोग आराम करने चले गए और फिर रानी माँ मेरे पास ऐना और राजपुरोहित को ले कर आयी और बोली कुमार गुरुदेव अमर ब्रह्मऋषि जी ने ऐना के हाथो प्रसाद भेजा है और आज साय काल में संगीत इत्यादि होगा जिसका मतलब था कि अब हमे गुरुदेव के आश्रम नहीं जाना है।
मेरा लंड मान ही नहीं रहा था, ऐना को देख खड़ा हो गया और 2--3 बार ऐना और रानी माँ ने भी देख लिया। रानी माँ ऐना को मेरे पास छोड़ कर चली गयी तो ऐना ने कहा "क्यों अपने आप को तकलीफ दे रहे हो, ज़्यादा खड़ा करकर रखोगे, दर्द होने लग जायेगा" मैंने कहा "तुम बैठा दो फिर, इतनी चिंता कर रही हो" ऐना ने हस्ते हुए कहा " आप इतने दिनों बाद मिले हो मैं इतनी जल्दी नहीं मानूंगी, गुरुदेव का भेजा हुआ ख़ास जड़ी बूटियों वाला रसाद खा लीजिये ताक़त आएगी।
तभी वहाँ जूही रानी भाभी भी गुप्त रास्ते से आ गयी और ऐना हुए जूही दोनों सखिया गले मिली और मैंने जूही के मोटे-मोटे मम्मो को अपने दोनों हाथों की हथेलियों में लेकर मसलना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से भाभी के मुहं से आईईई स्सीईईईइ की आवाज निकलने लगी। फिर जूही रानी भाभी ने मुझे इशारा दिया उसके बैडरूम में आने का और ऐना को लेकर गुप्त रास्ते से अपने बैडरूम की और चल दी, मैं उसके पीछे-पीछे अपना लंड खुजाता हुआ चल दिया, जैसे ही मैं उनके बैडरूम में घुसा तो मैं जूही रानी भाभी की दो मस्त-मस्त चूचियों को पीछे से पकड़कर मसलने लगा। जूही रानी ने चुदासी-सी होते हुए मुझसे कहा "मुझे लंड की भूख लगी है और अब मुझसे और रुका नहीं जा रहा, जल्दी कपडे उतारो और मुझे चोद कर मेरी चुदाई की प्यास भुजा दो" हम दोनों ने अपनी हवस शांत करने के लिये काफी जल्दी कपडे उतार लिए और नंगे हो गए। मैंने सोचा आराम से करेंगे, लेकिन जूही से रुका नहीं जा रहा था वह तो मेरे लंड से चुदवाने के लिये बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी।
उधर ऐना भी नंगी हो गयी और वह मेरा लंड चूसने के लिये नीचे बैठ गयी और लंड अपने मुह में रख कर चूसने लगी। मुझे ऐना से अपना लंड चुस्वाने में इतना मजा आ रहा था कि मैं अपने मुह से आह-आह आह आह-आह आह आहा अह आहा-आहा अह आहा अह आहा उन्ह-उन्ह उन्ह उन्ह-उन्ह उन्ह उन्ह-उन्ह ओह्ह ओह्ह-ओह्ह की सिस्कारियाँ निकाल रहा था। थोड़ी देर तक ऐना ने मेरा लंड चूसा।
जूही बेड पर अपनी दोनों टांगे चौड़ी करके लेट गयी । जूही भाभी की टांगो को चाटने के बाद अपना मुह जूही की चूत में डाल कर चाटने लगा और अब जूही भी आह-आह आह अह आहा-आहा अह आहा हा आहा हा हह आहा हाहिह्ह इह्ह-इह्ह इह्ह इह्ह-इह्ह उन्ह उन उन्ह-उन्ह उन्ह उन्ह-उन्ह इह्ह इह्ह-इह्ह इह्ह इह्घ इह्ह-इह्ह इह्ह आह-आह आहा अह आहा की सिस्कारिया निकाल रही थी। ऐना मेरा लंड चूसने के बाद अंदर लेनेके लिए मेरे नीचे लेट गयी और बोली अब दाल दो अंदर कुमार।
सेक्सी जूही रानी भाभी ने कहा "कुमार एक शर्त पर ऐना को चोदने दूंगी, जैसे मैं कहु, वैसे करो" जूही रानी भाभी ने पहले इशारा किया उनकी चुत चाटते रहने के लिए और बोली आप अपना वीर्य मेरे अंदर ही गिराना। मैंने कहा जैसी आपकी आज्ञा भाभी जी। मैं पीठ के बल लेटा और बोला ऐना तुम लंड के ऊपर आ जाओ और भाभी आप मेरे मुँह पर आ जाओ। फिर ऐना मेरे अपर बैठ कर लंडअंदर ले गयी और उछलने लगी और भाभी मेरे मुँह पर आ गयी।
मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड ऐना की योनि में डाल दिया। उसका मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया।
ऐना तड़फ कर बोली "आज क्या हो गया है आपको?"
मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए।
हम दोनों पहले भी चुदाई कर चुके थे, परन्तु आज जैसी चुदाई का आनन्द पहले कभी नहीं आया था।
मैंने खूब बढ़िया तरीके से जीभ घुमा-घुमा कर जूही की-की चुत चाटी। साथ में उन दोनों की चूचियों को भी मसलता रहा। जूही रानी भाभी मुझसे अपनी चुत चटवाते-चटवाते बिलकुल पागल हो गयी। जूही रानी भाभी अपनी बाहों में भरकर ऐना के नंगे बदन को चुम रही थी और ऐना भी उसको चुम रही थी और मैं एक तरफ जूही भाभी की चुत को अपनी जीभ से चोद रहा था और दूसरी तरफ ऐना को उछाल कर चोद रहा था।
चूत चुसाई के बाद जूही रानी बिलकुल मदहोश और गरम हो चुकी थी और दोनों लगभग एक साथ झड़ गयी। अब वक़्त आ गया था जहा मुझे जूही की चुदाई करनी थी। काफ़ी देर तक उन दोनों को सहलाने के बाद मैंने दोनों को जगह बदलने का इशारा किया और दोनों ने जब जगह बदल ली तो बिना जूही रानी के कहे, मैंने जूही रानी की चुत पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया। तो जूही भाभी बोली अब घुसा दो अपना लंड मेरी योनि में। मैंने उससे कहा "सब कुछ मैं ही करूँगा, तो आप क्या करोगी?"
ये कहते हुए मैंने लंड योनि से हटा लिया।
जूही भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और वह मेरे ऊपर बैठ कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी। ऐना अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाले जा रही थी। तो मैंने कहा आप ही इसे अंदर लो। जैसे ही जूही ने अंदर लिया मैंने भी एक जोर का धक्का ऊपर को लगा दिया और मेरे लंड का प्रहार जूही रानी भाभी सहन नहीं कर पाई और काफी ज़ोर से चिलायी आई! भाभी दर्द के मारे इतना ज़ोर से चीखी की पूरे घर को सुनाई दे जाये पर ऐना ने शायद जो होने वाला है उसे भांप लिया था और अपना मुँह जूही के मुँह से लगा दिया जिससे चीख वही दब गयी और दोनों लिप किश करने लगी। उनकी प्यासी योनि में खंजर के जैसे लगे जोर के झटके की वजह से भाभी तेज दर्द होने पर बिन पानी मछली के जैसे छटपटाने लगी और अब भाभी की चूत में मेरा लंबा मोटा लंड पूरा चला गया था।
मेरा लंड जूही भाबी की योनि में पूरा अंदर प्रवेश करते ही ऐना ने उसके बदन को अपनी बाहों में भरा और मैं काफी ज़ोर-ज़ोर से लंड को ऊपर नीचे करने लग गया और जोर-जोर से अपने लंड से उसकी चुत में झटके मारने लगा। मैंने भाभी को चोदने में मैंने अपना पूरा ज़ोर लगा दिया और उसकी चुत पर अपने लंड से तबाड तोड़ वार करने लगा। भाभी का पूरा गदराया हुआ बदन भी हर झटके के साथ हिल रहा था, जिसकी वजह से उनके पैरों की पायल की छन-छन आवाज़ से मेरा जोश अब पहले से भी ज्यादा बढ़ रहा था।
जूही भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल कर पूरे लंड को सुपारे से टट्टों तक को दबा-दबा कर चुदवा रही थी और चूत को जोर-जोर से उछाल-उछाल कर चुदाई करने लगी। मैं भी अपने नितम्ब ऊपर को उठा कर धक्के देना लगा और ऐना की छूट चाटने लगा। हम तीनो को बहुत मजा आ रहा था और तीनो ही अपने मुह से आह हाह आहा उन्ह उन्हिह्ह इह्घ की सिस्कारिया निकाल रहे थे।
भाभी की योनि में मेरा लंड हर एक बड़े ही तेज दमदार धक्के के साथ पूरा अंदर जा रहा था जो भाभी के दर्द और मजे दोनों को पहले से भी ज्यादा बढ़ा रहा था। भाभी को इस तरह से मस्ती में आकर करहाते हुए देखकर मैंने जूही भाभी के तने हुए बूब्स को धीरे-धीरे दबाना शुरू किया।
जल्द ही मेरी और जूही की रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई, चुदाई के मारे जूही का बुरा हाल था। अब उससे रुका नहीं जा रहा था, वह बोली "मेरा तो बस होने वाला है, मैं गई, मैं गई... फ़ाड़ दो... पूरा डाल-डाल कर पेलो, आज तो बहुत खुजली हो रही है इस बुर में सारी खुजली मिटा दो इस बुर की।"
करीब 30 मिनट की जोरदार ठुकाई के दौरान जूही भाभी और ऐना दोनों दो बार झड़ी, जूही रानी भाभी ने कहा "आज आपको क्या हो गया है कुमार मुझसे अब सहन नहीं हो रहा, मैं थक गयी हूँ और बहुत दर्द हो रहा है, दूर हटो" मेरे तगड़े लंड से अपनी कसी हुई चुत की ठुकाई करवाते वक्त जूही की चुत में बहुत तेज दर्द हो रहा था जिसके कारण वह भाभी लेट गयी। उन्हें कुछ होश नहीं था। पर मेरा अभी पानी निकलना बाकि था।
उसी समय आधी बेहोशी में भाभी ने अपने दोनों पैरों को मोड़ लिया और अपनी दोनों गोरी भरी हुई जांघो को फैला दिया, जिसकी वजह से मैं भाभी के दोनों पैरों के एकदम बीच में आ गया। मैंने लंड योनि में घुसाया और अपनी तरफ से तेज-तेज धक्के देकर भाभी की जवानी का भरपूर आनंद लेने लगा और उसे बेदर्दी से चोदता रहा... इस बीच जूही भाभी लेटी रही और मैं उन्हें बैठ कर चोद रहा था और तो ऐना मुझे मेरे ओंठो पर चूमने लगी और फिर ओर्गास्म की एक शृंखला थी और मुझे तुरंत पता चल गया की भाभी क्या महसूस कर रही हिअ क्योंकि उसका बदन उत्तेजना से कांप रहा था। मैंने खुद को गर्मागर्म महसूस किया और मैं उसमें पिघल गया। मैं कांप गया क्योंकि ऐंठन ने मुझे हिला दिया था। मैं बस उसके अंदर फैल गया। जवाब में उसका गर्भ भी कांप उठा। आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और मैं सारा का सारा माल जूही की योनि में भरता चला गया। हम तीनो नंगे ही एक दुसरे से चिपक कर लेटे रहे मेरा लंड भाभी की योनि में ही था।
जूही भाभी लगभग बेहोश थी तो मैंने सेक्सी कामसूत्र की देवी को होश में लाने के लिए भाभी के शरीर से लिपट गया उनके स्तन सहलाने लगा और ऐना भाभी की पीठ अपने दोनों हाथों से सहलाने लगी। हमने भाभी के नंगे शरीर को थोड़ा मसला और जब वह थोड़ा होश में आयी और उस समय सेक्सी भाभी ने हल्की-सी आईईईई माँ मर गई की आवाज अपने मुहं से बाहर निकालकर उन्होंने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और वह अब ज़ोर-ज़ोर से सांसे लेने लगी और मैं उन्हें चूमने लगा। तो जूही भाभी ने अपनी दोनों आखें खोली और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। उन्होंने मुझे और जूही दोनों को इस जोरदार मजेदार चुदाई के लिए धन्यवाद कहा।
हम दोनों हंस पड़े। मैंने नीचे देखा, मेरा लंड और योनी अभी भी स्पंदित है। मैंने उसे खींच कर एक बार फिर हमने गले लगा लिया। मेरा लंड अभी तक कठोर था और जब तक मेरा लंड खड़ा हुआ था, वह मेरे स्ट्रोक प्राप्त करना जारी रखना चाहती थी। जब तक मैं कठिन था मैं भी चुदाई के आनंद को लम्बा करना चाहता था। मैंने अपनी कठोरता को खोने का अनुभव नहीं किया। मैंने उसे कूल्हों पर पकड़कर साथ में चिपका लिया। जूही भाभी आश्चर्य और खुशी में हांफ रही थी क्योंकि लंड और योनी को नए कोण मिले थे।
मैंने उसे वहीं पकड़ कर रखा और धीरे से घुटने टेक दिए। मैंने ये सुनिश्चित करते हुए कि मेरा लंड कभी भी योनि से बाहर न निकले मैंने उसे वापस लिटाया और उसके ऊपर चला गया। एक बार जब हम बिस्तर पर लेट गए, तो मैं अपनी बाईं करवट शिफ्ट हो गया और हम एक-दूसरे के साथ चिपके रहे और मैंने बायाँ पैर ऊपर उठा लिया ताकि मेरा लंड कभी योनि से बाहर न निकले।
ऐसा लग रहा था कि जूही के लिए मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगा। मैं और रानी दोनों अपने धारावाहिक मुठभेड़ों की तीव्रता से थक चुके थे। मेरे इरेक्शन को जाने ना देने के लिए उसने मुझे अपनी खुली योनी के ऊपर खींच लिया। वह बड़ी खुश खिली हुई नजर आ रही है जैसे आज भाभी को सारी ख़ुशी मिल गई है। उसकी टांग मेरे साथ चिपक गयी और दोनों सो गए, मेरा धड़कता हुया लंड धड़कते हुए, अभी भी उसके अंदर ही था।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार