एक नौजवान के कारनामे 190

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दुल्हन का सोलह श्रृंगार
2.5k words
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Part 190 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-4

दुल्हन का सोलह श्रृंगार

PART 10​

वो मुझसे बोली आप बिदाई के समय मेरी रत्नावली भाभी से क्या कह रहे थे?

अरे वो तो मजाक था सब रो रहे थे मैंने सोचा थोड़ा मूड हल्का कर दू इसलिए जब भाभी गले लगी तो कह दिया था देखो प्लीज रोना नहीं, तुम रो कर गले लगोगी ... और फिर मुझसे कण्ट्रोल नहीं होगा।

ज्योत्स्ना ने मुझे प्यार से कंधे पर मारा और बोली- बस मौका मिला नहीं कि फ़्लर्ट चालू!

मैंने कहा- अरे फ़्लर्ट क्या ... इतनी सुन्दर सलहज अगर इतना करीब आकर गले से लगा ले, तो क्या मन नहीं बहकेगा!

उसने कहा- कुछ भी न ...क्या मैं सुन्दर नहीं, हूँ जो कोई दूसरी ऐसे कोई थोड़ा पास आयी कि बहक जाओ।

अरे! वो कोई थोड़ा है मैंने ाबत संभालते हुए कहा और मेरा मतलब था आप रोयेंगी तो मैं भी रोने लगूंगा आपकी भाभी और मेरी सलहज है और सलहज और नन्दोई का तो रिश्ता ही प्यार भरा होता है आप जानती हो मैं आपको शब्दों से परे प्यार करता हूँ, लेकिन और भी बहुत कुछ था जिसके इशारा मेरा लंड कर रहा था । मैंने ज्योत्सना को पकड़ लिया, घर की सवारी के शेष समय के लिए उसके बालों और गालों को सहलाया। फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. मेरे अचानक ऐसे हमले के लिए शायद वो तैयार नहीं थी।

जब तक वो समझ पाती, मैंने उससे बांहों में भर लिया था. उसकी चूचियां मेरे सीने से ऐसे सट गई थी कि जैसे उसके दोनों चुच्चे मुझमें समा जाएंगे. मेरे हाथ उसकी कमर और पीठ पर चिपके थे. और मेरी जीभ उसके मुँह में एक बार फिर घूम कर मजा ले चुकी थी और मैं अब अनुभवी खिलाड़ी की तरह उसके होंठों को चूस रहा था. और मेरे हाथ उसकी उत्तेजना को बढ़ाने की कोशिश में लगे थे।

दुल्हन को रखने के लाइसेंस के साथ और उसकी मासूमियत को लूटने के इरादे के साथ लैस, मुझे अब उसे पाने की ज़रुरत महसूस हो रही थी । मैं सोच रहा टघा की मैं उसे चाहता हूं। मुझे उसकी बहुत सख्त जरूरत है, और जल्द ही, मैं उसे पा लूंगा।

मैंने अपने हाथ से घूँघट थोड़ा सरका के ज्योत्स्ना का सर अपने कंधे पे कर लिया. हलके से उसके कान मे बोलै थोड़ा मैं रिलेक्स कर को घर पर पहुँच के फिर सारी रस्मे चालू हो जाएँगी. दिन भर की थकान, कुछ साथ की गरमी और कुछ कंधे का सहारा,तो ज्योत्स्ना थोड़ी देर मे ही पूरी तरह नीद मे तो नही तंद्रा मे खो गयी. कुछ देर बाद हमारी कार थोड़ा धीमी हो गयी और जैसे ही कार उस रोड पर आयी जिससपे हमारे घर था मैंने उसे हिलाया और कहा, बस हम लोग पहुँचने वाले है तुम थोड़ा पानी पी लो और फ्रेश हो जाओ., ज्योत्स्ना सीधी हो कर अपनी सीट पर बैठ गईं और उसने अपना लहंगा चोली और चुनरी सीधी कर ली । एक वेट टिश्यू पर्स से निकाल कर मुझे दिया मैंने अपना मुँह पुछा और उसने दुसरे टिश्यू से अपना मुह साफ़ किया और वह मेरी ओर मुड़ी, और उसकी गर्म, मुस्कान लौट आई। वह मुस्कुरायी, और फिर से मेरे ओंठो पर एक त्वरित चुंबन दिया, और मेरी जीभ को धीरे से काटकर समाप्त किया। उसने फिर कहा, "आई लव यू, मेरे प्यारे दीपक कुमार!"

मैंने उत्तर दिया, "एंड आई लव यू, मेरी राजकुमारी ज्योत्सना कुमार!" आखिरकार! वो सुन कर फिर से शर्मा गयी और उसके गाल गुलाबी हुए फिर लाल हो गए!'

जैसे ही हमारी गाडी घर के दरवाजे पर पहुंची तो माँ ने दरवाजा खोला, और गेट पर हाथ में पानी का लौटा लेकर खड़ी हो गई। गाडी के रुकने पर मैं कार से बाहर निकला और अपनी नई नवेली दुल्हन को घर में लाने के लिए दरवाजा खोला।

प्रिया ने मेरा हाथ थाम लिया और कार से बाहर निकली और पहले मुझे देख फिर मान को देख मुस्कुराई। हम पोर्च में हाथ में हाथ डाले कुछ कदम चले, वो चिल्ला पड़ी जब मैंने उसे अपनी बाहों में ऊपर उठाया और तभी मेरे फूफेरे भाई बॉब और जेन ने कहा, "यह दुल्हन को दहलीज तक ले जाने का एक पश्चिमी रिवाज है।"

"यह अच्छा है," वो मेरे कान में बोली, "जानू आप मुझे कभी भी उठा कर ले जा सकते हैं!"

मैं द्वार की ओर बढ़ा, और माँ ने हमे गेट पर रोका हम सब हंस रहे थे जब मैंने ज्योत्सना को उनके पैरों पर खड़ा किया और फिर माँ और ताई जी ने कुछ रस्मे पूरी की. माँ हटी तो बहने आ गयी और बोली भाई नेग दो तभी दुल्हन अंदर ला सकते हो.. मैंने उन्हें भी १००००/- का नेग दिया और फिर हम आगे बढ़े। माँ ने ज्योत्सना के गाल पर किस किया और कहा, "ज्योत्सना आपके नए घर में आपका स्वागत है और एक नई जिंदगी आपका इन्तजार कर रही है!"

गेट पर इस छोटे से अनुष्ठान के बाद हम लिविंग रूम में चले गए। माँ ने कुछ चाय बनाई थी, और हमने चाय पी. रिश्तेदार, कजिन, औरते, बहने ताई जी मौसिया मुझे मुबारक दे रहे थी की मेरी दुल्हन ज्योत्स्ना बहुत खूबसूरत है ।

और उस के बाद ढेर सारी रस्मे, गाने लेकिन मेरी बड़ी भाभी ऐश्वर्या और ताई जी ने एक के बाद एक सारी रस्मे जल्द ही करवा दी. उसके बाद कंगन खोलने की रसम थी और भाभियो ने मुझे खूब चिड़ाया (उसी समय मुझे पता चला कि कंगन और उसके खोलने का क्या 'मतलब' है कि उसके बिना रात को दूल्हा, दुल्हन का मेल नही हो सकता.) तब ताई जी बोली गुरूजी का आदेश है कंगना आज ही खुलेगा।

जब सारी रस्मे ख़तम हो गयी तो जूही एक कमर्रे मे ले गयी और बोली कि अभी 10 बज रहे हैं तुम थोड़ी देर आराम कर लो ब्यूटी पारलर वाली आ रही होगी ।

जेन. अनुपमा और विजया ने मेरी प्रियतमा दुल्हन ज्योत्सना का सोलह श्रृंगार की पूरी तयारी की हुई थी मोना टीना हेमा और रीती आयी और सब लड़कियो ने साथ साथ ज्योत्स्ना का सोलह श्रृंगार करना करना शुरू कर दिया।

सबसे पहले पूरे बदन पे मसाज और हल्के से चंदन और गुलाब का लेप किया. फिर फेशियल इत्यादि सब करवाया फिर उन्होंने उसकी चूत को वीट लगा कर बिलकुल मक्खन चूत बना दिया और पूरे बदन की फिर से मालिश करके और उबटन लगा कर एक टब मे नहलाया जिसमे गुलाब जल और गुलाब की पंखुड़िया और ना जाने क्या क्या पड़ा था. उसने उसका जिस्म मसल मसल कर नहलाया और उसके बाद एक बारी फिर उसके बदन की क्रीम से मालिश की जिससे उसका पूरा बदन बिलकुल चिकना हो गया। फिर पूरे बदन पर ख़ास इत्र मला. -(1)।

फिर मेहँदी -- जब तक हथेली पर पिया के नाम की मेंहदी न लगे, तब तक दुल्हन का रंग फीका ही रहता है. और मेंहदी का रंग जितना गहरा हो, उतना ही प्रेम को दर्शाता है. इसके लिए चाय पत्ती का पानी, लौंग का धुंआ, तेल वगैरह का भी प्रयोग होता है. पिया के प्रेम का प्रतीक जो है, वो है रंगत भरी मेंहदी। मेकअप करने वाली लड़किया बदन पर सुंदर मेहँदी देख कर चकित थी उन्होंने हाथो पैरो और बदन पर लगी मेहंदी को उन्होंने रेफ्रेश कर दिया था जिससे मेहदी की हल्की सी महक भी आ रही थी. -(2)।

अब बारी थी परिधान की इस खासमौके के लिए परिधान भी ख़ास था लहंगा चोली जो सुहागरात को खास बनाने का काम करनेवाला था ख़ास तौर पर बनवाया गया था. उसका टॉप नीचे से एकदम पतला था. फिर टीना ने ज्योत्स्ना को खूब गहरी साँस लेने को कहा, और फिर उसने एक एक कर के उसने डोरिया बाँध दी. राजकुमारी की कमर बहुत पतली लग रही थी पर उसके उभार, एकदम छलक के बाहर आ रहे थे. लहंगे के साथ टॉप बिलकुल मैचिंग था ।. हल्की सी बहुत पतली स्ट्राप लेस्स पुश अप पिंक ब्रा थी जो उभारो को और उभार रही थी. ुर उसकी पतली लंबी गर्दन के नीचे, डोरियों से बंधी हुई टाइट चोली, जो उसके लिए मोना और टीना से खास तौर से बनवाई थी. कुछ ज़्यादा ही लो कट थी, और सिर्फ़ एक डोरी से पीठ पे बँधी. लेकिन थी बड़ी सुंदर, हल्की, गुलाबी जिसपे बहुत सारा एमरॉइडरी का चमकदार काम था, और उन्ही के शेप के साथ बीच मे सन्करि दरार में दो अध खिले, कमल के फूल जिसमे उरोज. समा नहीं रहे थे..लहँगे के अंदर एक खूब पतली सी मॅचिंग गुलाबी लेसी थान्ग सी पैंटी पहनाई, बस मुश्किल से दो अंगुल आगे से चौड़ी और पीछे तो एक पतली सी पट्टी, जो शरारत मे पार्लर वालीयो ने मेरे पीछे की दरारो के बीच सेट कर दी थी. और इसमे एक खास बात ये भी थी कि इसमे एक छोटा सा गोल्डन हुक भी लगा था, और उसी से वो पेंटी खुलती थी और फिर लहंगा भी 36 कली का गुलाबी, जिसपे चाँदी और सोने का भारी काम किया हुआ था, और इतने नीचा कि बस किसी तरह कुल्हो के सहारे टिका था. कमर तो ज्योत्स्ना की पतली थी ही चोली की फिटिंग करते समय टीना और टाइट कर दी जिससे पूरा क्लीवेज नज़र आ रहा है. और उसके दोनो उभार खूब उभर के सामने आ रहे थे. -(3)।

फिर हेमा और मोना ने बालो में गजरा सजा दिया -- और गजरे ने काले, घने और लंबे बालो की सुंदरता को कई गुना बढ़ा दिया. हेमा बोली राजकुमारी जी आपके पिया का दिल जीतने के लिए काले बालों पर यह गजरा काफी है. आप जब भी जूड़ा बनाएं, चोटी बनाएं या फिर बालों को खुला रखें, गजरे से शोभा बढ़ाना न भूलें-(4)।

उसके बाद

अब मेकअप शुरू हुआ टीना ने सबसे पहले आँखों में काजल लगाया और कजरारे नैनों का जादू जब पिया पर चल जाए, फिर मोहब्बत से भला कौन रोक पाएगा. आंखों से ही मन के भावों की अभिव्यक्ति होती है. और भावों की अभिव्यक्ति जितने सुंदर तरीके से दी जाए उतना ही प्रेम बढ़ता है. तो कजरारे नैनों से प्रेम का जादू बिखेरना शुरू कर दिया । कुछ लटो को खुला छोड़ दिया जो गालो को छेड़ती हुई सहला रही थी. और खूब घनी कतर सी तिरछी भौहे, सपनिलि बड़ी आँखो मे हल्की सी काजल की रेखा, पलको पे हल्का सा मास्कारा, प्यारी सी आइ लॅशस -(5)।

फिर चेहरे पर श्रृंगार करते हुए फिर हल्के गुलाबी रूज से हाइ चीक बोन्स, नेतुरल गुलाबी होंठो पे हल्की सी वेट लुक वाली गुलाबी लिपस्टिक जो उसके पंखुड़ी जैसे होंठो को और रसीला बना रही थी. ओंठो के ठीक ऊपर दायी और जो ब्यूटी स्पॉट तिल था उन्होने उसे और गाढ़ा कर दिया था. और जब पतली लंबी गर्दन के नीचे और फिर उन्होंने क्लीवेज पे भी पूरा मेकप किया था जिससे उसका रंग भी बाकी मेकप की तरह ही हो जाय और उसे थोड़ा सा और डार्क कर दिया जिससे क्लीवेज की गहराई और खुल के और उसके कारण उरोजो के उभार और भी उभरे हुए नजर आने लगे (6)।

फिर माथे के बीचो बीच बिंदी लगाई और उसे सजाया. अनुपमा बोली बिंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा-सा लगता है. पिया के नाम की माथे पर चांद सी दमकती बिंदिया दुल्हन की आभा का निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. बिंदी पिया के करीब होने का एहसास दिलाती है। और सब हसने लगी (7)।

अब गहनों को बारी थी मांग सबसे पहले आराम दायक और सुंदर फूलो से बने गहने पहनाये फिर ।टीका ज्योत्सना के माथे पर सजा कर उसे दुल्हन का रूप दिया जो हीरे की एक स्ट्रिंग की तरह लग रहा था, उसके सिर के केंद्र से एक माणिक लटका हुआ था ।. जिसने उस के मुखमंडल की शोभा को इतना बढ़ा दिया की सब की नजरे उस पर ही टिक गयी और फिर मांग में लाली लगाई -- मांग में सिंदूर के बिना सुहागन के सभी श्रृंगार व्यर्थ हैं. रीती बोली राजकुमारी सुहागने अपने पिया की लंबी उम्र के लिए लंबा सिंदूर अपनी मांग में भरती हैं. इसलिए आप हररोज अपनी मांग में सिन्दूर जरूर भरना क्योंकि पिया के सौभाग्य रूप में धरती पर होने का संदेश है सिंदूर. सुहागरात का सिंदूर बेहद खास क्योंकि ये शादी के समय पहली बार मांग में भरा गया है. और फिर सबसे आखिर में दुल्हन के गले में सुंदर फूलो के हार डाल दिए (8)।

फिर विजया ने उसके हाथो मे पूरी कुहनी तक भर भर के गुलाबी, लाल चूड़िया, हाथी दाँत का चूड़ा और जडाउ कंगन पहनाये और उसकी कलाइयों को चांदी और गहनों के चूड़ियों के कंगन से सजाया गया और बाजूबंद भी पहना दिए और बोली चूड़ि‍यां -- हाथों में चूड़ियों की खनक, न केवल पति-पत्नी के प्रेम की ओर संकेत करती हैं, बल्कि मन को प्रफुल्ल‍ित भी रखती हैं. बेशक जीजू को भी बेहद पसंद होगी आपकी चूड़ियों की यह खनक. तो जीजी फिर खूबसूरत, खनकती चूड़ियों को पहनने में कभी कोई कोताही नहीं रखिएगा। (9)

जूही भाभी ने कर्णफूल या झुमके पहनाये -- आज के समय में इन्हें बोलचाल की भाषा में ईयरिंग्स कहा जाता है. पारंपरिक झुमके या फिर लटकन या सेट के साथ या परिधान से मिलते-जुलते कर्णफूल खूबसूरती को चार चांद लगा देते हैं । उसके कानो में झुमके थे जो प्रत्येक कान पर एक केंद्र माणिक के साथ हीरे की चूड़ी की तरह दिखते थे (10)।

फिर जूही ने गले में हार पहनाये सबसे बड़े हार में बड़े हीरे के हुप्स थे, जिसमें हीरे के स्ट्रिंगर अलग-अलग लंबाई में सामने लटके हुए थे, जिससे प्रत्येक स्ट्रिंगर के अंत में एक माणिक के साथ उसकी छाती के केंद्र में "V" बना हुआ था । फिर गले के श्रृंगार के लिए उसके गले में परिवार का हीरे मोती जड़ा पारंपरिक हार पहनाया. और, मोती और कुंदन जड़ित रानी हार भी पहना कर उसे दुल्हन रानी का रूप दे दिया जो उसके सौंदर्य को बढ़ा रहे थे. फिर उन सब के ऊपर मंगलसूत्र पहनाते हुए जूही बोली -- पिया के नाम का मंगलसूत्र सोलह श्रृंगार का सबसे अहम हिस्सा है. मंगलसूत्र है तो नारी के लिए सारे साज-श्रृंगार हैं, (11)।

फिर रीती ने उसके नाख़ूने पर नेल पोलिश लगाईं और अंगूठीया पहना ऊँगलीयो में सोना, चांदी, हीरा, मोती व कुंदन की अंगूठिया और हाथफूल पहना कर पहना कर हाथो का श्रृंगार किया. सोना, चांदी, हीरा, मोती व कुंदन की अंगूठियो और हाथफूल हाथों के सौंदर्य को खूब बढ़ा रही थी (12)।

फिर हेमा ने दुल्हन की कमर मे सोने के घुंघरू जड़े पतली सी रूपहली करधन बाँध दी और रीती ने गहरी नाभि पे ना सिर्फ़ उन्होने हल्का सा मेकप किया बल्कि वहाँ भी डिज़ाइन बना दिया. इस कमरबंद से उसकी कमर की खूबसूरती बढ़ गयी और वो बहुत सेक्सी दिखने लगी पतली कमर पर सोने के घुंघरू जड़ी करघनी बहुत जच रही थी (13)।

फिर हल्दी लगे पैरो पर थोड़ा महावर लगाया और सुहागन स्त्री का प्रतीक बिछिया पहनाई. दुल्हन के लहंगे से मिलती जुलती कुंदन, हीरा व मोती जड़े घुंघरु व चेन वाले सुंदर बिछिया से पैरों को सजाया तो पैरो की रौनक बहुत बढ़ गयी (14)।

फिर मोटी पायजेब पहना दी जिसने, आपके पैरों की खूबसूरती को चार चाँद लगा दिए बल्कि पायजेब के घुंघरुओं की मीठी सी छनक दुल्हन का भी दिल दिल धड़काने लगी (15)।

सबसे अंत में, लंबी सुतवा नाक मे एक बड़ी सी नथ, जिसमे एक मोटी और दो छोटे छोटे घुंघरूवाली बड़ी सी नथनी, या नथ पहनाई जिससे चेहरे की रौनक बढ़ गयी. मांग टीका और नथनी ने मिलकर चेहरे की रौनक को इतना बढ़ा दिया की सब की नजरे वही जम गयी (16)।

कहानी जारी रहेगी

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