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Click hereलेकिन शाज़िया को अपनी सहेली की हालत से पहले ही उसके बार-बार झड़ने की खबर थी और वो गधा भी, जिसके घड़घड़ाते लंड पर यास्मिन की चूत पिघल रही थी, यह बात जान गया था। शाज़िया भी यह नज़ारा देख कर बेहद गरम और मस्त हो गयी थी और उसका जिस्म नशे में चक्कराने लगा था। इसलिए वो यास्मिन को संभालने की बजाये खुद एक तरफ पसर कर अपनी चूत को उंगलियों से ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगी।
जैसे-जैसे गधे का रोमांच बुलंद होने लगा, वो यास्मिन की मलाईदार कढ़ाई में मज़बूती से अपना लंड पेल कर उतनी ही जोर से चोदने लगा। उसके टट्टे इस वक़्त इतने भारी हो गये थे कि उसके पिछवाड़े को अपने वजन से नीचे खींचते मालूम हो रहे थे और उसके लंड के धक्के भी नीचे से ऊपर की तरफ लगते महसूस हो रहे थे और यास्मिन को भी ऊपर-नीचे उठा-झुका रहे थे। यास्मिन के नीचे वो लकड़ी का तिपाया स्टूल बूरी तरह चरमराता हुआ हिलने लगा था और अचानक पलट कर एक तरफ गिर गया। यास्मिन धड़ाम से ज़मीन पर टकरायी और उसका लचिला, सुडौल जिस्म साँप की तरह ज़मीन पर ऐंठने और मरोड़ने लगा पर उसकी लंड-भरी चूत हवा में उँची उठी हुई थी। उसने अपने घुटने मोड़ कर अपने ऊँची हील के सैंडल वाले पैर ज़मीन पर सपाट रखे हुए अपने कंधे ज़मीन पर टिका दिये और अपने कुल्हे हवा में उठा कर अपने चूतड़ झुलाने लगी। गधे का मोटा मूसल लंड यास्मिन को उछालते और पछाड़ते हुए उसकी चूत चोद रहा था। गधे के लंड का गोश्त और उसकी रगें जोर से धड़क रही थीं और यास्मिन उस जसीम-ज़ख़ीम लंड के सिरे पर ऊपर-नीचे झूल रही थी।
गधे ने अपनी गर्दन के बाल लहराते हुए अपना सिर जोर से ऊपर झटका। उसकी आँखें बिल्कुल सफ़ेद और वहशी लग रही थीं। उसके पुठे जोर से हिलने लगे और वो अपना लंड इंधन की तरह यास्मिन की मलाईदार भट्ठी में ठेलने लगा। यास्मिन भी झड़ती, फिर संभलती और फिर बार-बार झड़-संभल रही थी। गधे का इंज़ाल नज़दीक आने लगा तो उसका लंड और भी फूल गया। यास्मिन को ऐसा लग रहा था जैसे लकड़ी के लठ्ठे से चुद रही हो, जैसे कि तोप की नाल उसकी चूत में ठेल दी गयी हो और वो अब बेसब्री से उस तोप के धमाके का इंतज़ार कर रही थी।
"चोद मुझे... गधे... फ़क मी... चोद!" यास्मिन चिल्लायी, lभर दे मेरी चूत अपनी मलाई से... क्रीम मॉय कन्ट यू फकिंग डॉन्की!"
गधा जोर से रेंका और उसके जबड़े से थूक के छींटे उड़ गये। गधे के टट्टों में धमाका हुआ और यास्मिन की चूत में कूटती हुई लंड की नाल में से ज़बरदस्त सैलाब की तरह उस की मनी दौड़ पड़ी।
"आआआआईईईईईईईईंईंईंईंईं....!" यास्मिन की कान फाड़ू चींख निकली जब उसे अपनी चूत की गहराइयों में गधे की मनी बर्बरता से बहती हुई महसूस हई। उसकी चूत भी अपनी मलाई छोड़ने लगी। अपना सिर और कंधे ज़मीन पर टिकाये हुए यास्मिन ने अपनी टाँगें ऊपर उछाल कर अपनी रानें गधे के इर्द-गिर्द लपेट लीं और अपनी चूत में दफन उसके मनी छिड़कते लौड़े पर झटकती और ऐंठती हुई वो उस हलब्बी लंड पर तांडव सा करती हुई सवारी करने लगी। गधे ने अपने लंड के छेद से मनी दागते हुए अंदर धक्का लगाया और यास्मिन की गाँड और ऊँची उठा दी। फिर गधे ने अपना लंड पीछे खींचा तो यास्मिन के कुल्हे नीचे ढलक गये और उसकी चूत लंड के सिरे तक नीचे फिसल गयी। गधे ने फिर जोर से अंदर ठेला और यास्मिन की चूत फिर झटके के साथ ऊपर चढ़ गयी और लंड के छेद से गाढी मनी की नयी धार फूट पड़ी।
गधे की मनी का ख़ज़ाना निहायत मालूम हो रहा था और उसके टट्टे कभी ना सूखने वाले मालूम हो रहे थे। गधे के लंड के हर धक्के के साथ गरम मनि यास्मिन की चूत में बह रही थी और यास्मिन भी अपनी चूत में फूटती मनी के हर एक फव्वारे को महसूस करते हुए झड़ रही थी। आख़िर में गधे का लंड डगमगाने लगा और यास्मिन की चूत में मनी की एक आखिरी धार दाग कर ढीला पड़ गया। गधा अपनी टाँगें चौड़ी फैलाये हुए खड़ा था और उसका मज़बूत जिस्म थरथरा रहा था। उसका लंड ऊपर-नीचे झूमने लगा तो यास्मिन भी उसके सिरे से जुड़ी ऊपर-नीचे हिलने लगी। गधे के फ़ौलादी जसीम लंड के मुकाबले यास्मिन का वजन नाचीज़ था।
गधे का लंड फिर नीचे लटक गया और नर्म पड़ना शुरू हो गया। यास्मिन की चूत धीरे-धीरे उसके लंड के सुपाड़े की तरफ नीचे फिसलने लगी। नीचे फिसलते हुए उसकी चूत लंड की नाल के हर हिस्से पर चिपकती हुई चूस रही थी। लंड के सिरे तक फिसलने के बाद वो कुछ लम्हे उससे लटकी रही। उस फड़कते लंड पर उसने अपनी गाँड ऊपर-नीचे झटकायी और फिर धीरे से वो उसके लंड से जुदा हो गयी।
यास्मिन की गाँड धप्प से ज़मीन पर टकरायी और उसकी खुली चूत में से उसकी चूत का रस और गधे की खूब सारी मनि रवाँ होकर ज़मीन पर फैलने लगी। उसकी सहेली शाज़िया भी अपनी चूत को उँगलियों से चोदती हुई कुछ ही देर पहले झड़ी थी और नशे में बेसुध सी पड़ी हुई वो यास्मिन को नीम-बाज़ आँखों से देखते hue मुस्कुरा रही थी।
अपनी सहेली की चूत से मलईदार रस ज़मीन पर बहता देख, शाज़िया एक झटके में खिसककर पस्त पड़ी यास्मिन की बुरी-तरह चुदी चूत पर मुँह लगा कर मनी का ज़ायक़ा लेने लगी। वो यास्मिन की चूत में से चूस-चूस कर गधे की मनी पी रही थी। कुछ देर बाद जब यास्मिन ने अपनी आँखें खोलीं तो देखा की शाज़िया उसकी चूत में से तमाम मनी चूस लेने के बाद अब उसकी टाँगों, पैरों और सैंडलों पर लिसड़ी गधे की मनी भी चाट रही थी।
"साली राँड! सारा चाट-पोंछ कर पी गयी.. मेरे लिये कुछ तो छोड़ देती...!" यास्मिन मुस्कुराती हुई आहिस्ता से फुसफुसायी।
"अरे यार... अभी तो काफ़ी है... देख तेरी टाँगों के बीच में फर्श पर कितनी सारी पड़ी हुई है!" शाज़िया ने बे-सब्री से यास्मीन के सैंडलों पर से मनी चाटते हुए जवाब दिया।
यास्मिन भी घूम कर वैसे ही ज़मीन पर फैली गधे की मनी चाट कर उसका ज़ायक़ा लेने लगी। करीब दस मिनट तक तमाम मनी चाट लेने के बाद दोनों चुदैल औरतें बुरी तरह लड़खड़ाती उस छप्पर से निकलीं। दोनों गिरती-पड़तीं शाज़िया के बेडरूम में पहुँचीं।
"यार... अळ्ळाह का शुक्र है की मैं तेरे यहाँ आयी... इतनी अच्छी छुट्टियाँ तो मैंने पहले कभी नहीं बितायीं... मज़ा आ गया... अब तो मैं क़मज़ कम हफ्ते भर और रुक कर खूब मज़े करूँगी... क्या ख्याल है..." यास्मिन अपनी सहेली के मनी से चिपके होंठ चूसती हुई बोली।
"श्योर मॉय डार्लिंग... मैं तो सुबह फिर से उस गधे से अपनी गाँड मरवाने की सोच रही हूँ... इमैजिन हाऊ इट वुड फील लाइक बींग फक्ड इन ऐस बॉय एन ऐस...!" शाज़िया हँसी।
यास्मिन ने शाज़िया के चूतड़ों पर हाथ फिराते हुए उसकी गाँड में धीरे से एक उंगली डाल डी और बोली, "माशाल्लाह... मज़ा आ जायेगा... यार एक बात बता... और भी दूसरे एनिमल मिल सकते हैं क्या चुदाई के लिये इस फार्म पर... मेरा मतलब की जैसे बकरा, घोड़ा, बैल... और हाँ व्हॉट अबाउट पिग..?"
दोनों खिलखिला कर हंस पड़ी।
"साली निहायत हरामखोर है यार तू तो.... घोड़ा-बकरा-बैल तो समझ सकती हूँ लेकिन सुउउउअर.... मादरचोद तेरा कोई दीन-ईमान है की नहीं.... ख़ुद के साथ मुझे भी इस नाजायज़ हरामकारी में शरीक़ होने के लिए आमादा कर रही है भोंसड़ी की...!" शाजीया फ़र्ज़ी बनावटी ग़ुस्से से यासमीन को मज़ाक़ में ताना मारा!
यास्मीन ने भी उसी तंज़िया अन्दाज़ में शाज़ीया को हंसते हुए जवाब दिया, "वाह-वाह मोहतरमा... अब आप किस मुँह से मुझे दीन और ईमान से आगाह कर रही हैं.... चुदासी कुतिया की तरह जो रोज़ाना अपने कुतों से चुदवाती हो.... और आज भी बहन की लौड़ी जो गधे के साथ चोदम-चुदाई का मज़ा लिया... वो सब क्या हलाल है... बोल साली लंडखोरनी....!"
दोनों ही खिलखिला कर हंसने लगी। "और मुझे यक़ीन है साली की हक़ीक़त में कभी सुअर से चुदाई का मौक़ा मिला ना तो उसका लंड अपनी चूत में लेने और यहाँ तक कि उसकी हराम मनी पीने के लिए तू ही सबसे ज़्यादा आमादा होगी!" शाजिया के गाल को चूमते हुए याज़मीन बोली।
"सही फ़रमाया यार तूने... वैसे सुअर या बाक़ी जानवरों का तो मालूम नहीं लेकिन हाँ कभी-कभार बंदर ज़रूर नज़र आ जाते हैं यहाँ.... क्या ख़्याल है... बंदर का लंड चलेगा!" शाज़िया ने हंसते हुए पूछा और यास्मीन को जानकर अपने आग़ोश में ले लिया!
"अरे यार शाज्जिया मेरी जान... ज़रा किंकी और मुनफ़रिद-तरीन ज़बरदस्त चुदाई के काबिल लौड़ा होना लाज़िम है... फिर वो सुअर हो या बंदर का... सब क़ुबूल है... क़ुबूल है.... क़ुबूल है!" यास्मीन ने बेहद मस्ती भरे अन्दाज़ में कहा!
"आमीन-आमीन!" दोनों एक साथ हंसते हुए बोल पड़ीं और फिर यास्मीन शजिया के होंठों पे होंठ रख कर चूसने लगी। कुछ देर एक-दूसरे को चूमने सहलाये हुए दोनो उसी हालत में सिर्फ हाई-हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी, एक-दूसरे से लिपट कर सो गयीं।
॥॥ दोनों सहेलियों की विकृत चुदास ज़िंदगी का आग़ाज़ ॥॥
Hey Reena,
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