अंतरंग हमसफ़र भाग 308

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10.16 दुल्हन की बहन की पहली चुदाई
3.5k words
5
45
00

Part 308 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

भाग 16

दुल्हन की बहन की पहली चुदाई

जब मैं सुबह रेस्टोरेंट पहुँचा तो वहाँ देखा कि एरिक और मीका नाश्ते की टेबल पर पहले से बैठे हुए थे ।मैं उनसे मिला और बातचीत की। उनके अनुरोध पर मैं उनके साथ ही टेबल पर बैठ गया। उनके पास एक लड़की बैठी हुई थी मीका ने मुझसे उसका परिचय करवाया । वह मीका की बहन थी । वह मीका से भी ज्यादा सुंदर थी । उसका नाम लिलिया था। हम सब ऐसे बाते करने लगे जैसे पुराने दोस्त हो । हमने साथ में नाश्ता किया । एरिक ने मुझे शाम के रिसेप्शन में आमंत्रित किया । लिलिया ने ग्रीन कलर का बैकलेस टॉप और रेड कलर की मिनी स्कर्ट पहनी थी जिसमें वह काफी हॉट लग रही थी। लिलिया ने अपने बालों को साइड से जुड़ा बनाया था। कानों में छोटे झुमके लटके हुए, और वह काफी हॉट लग रही थी ।

उनका फिगर तो था ही 34 26 36 का टॉप थोड़ा टाइट होने के कारण उसके बड़े बूब्स और निपल दिख रहे थे। हम नाश्ता खाते-खाते बातचीत करने लगे। बात करते-करते मैंने उनसे कहा-आप और लिलिया दोनों बहुत खूबसूरत लग रही हो और हॉट भी!

इस पर वह दोनों हंस पड़ी। नाश्ते के बाद एरिक और मीका अपने कमरे में चले गए क्योंकि उनको वापिस घर लौटना था । लिलिया मेरे साथ बैठ बाते करती रही और ये जान कर काफी प्रभावित थी की मैं डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा हूँ। फिर मीका का लिलिया को फ़ोन आया की उसे पैकिंग कर बाहर आने में 1 घंटा लग जाएगा। लिलिया भी उसे होटल में रुकी हुई थी और वह बोली वह भी अपनी पैकिंग कर लेगी और लिलिया ने मुझे अपने रूम में आने के लिए आमंत्रित किया थोड़ी ना नुकुर के बाद हम उसके रे कमरे में चले गए । वह मेरे आगे चल रही थी । पीछे से लिलिया की मटकती गांड को देखकर मेरा ईमान डोल पड़ा क्योंकि उनका टॉप बैकलेस और स्कर्ट शॉर्ट थी और टाइट भी थी । उसने दरवाजा खोला और वह मेरे आगे अंदर आ गयी । मैं दरवाजे पर ही रुका था। उसने मुझे फिर से आमंत्रित किया और फिर मैं उसके पीछे अंदर गया और दरवाजा भेड़ दिया।

हम दोनों एक दूसरे के सामने थे लिलिया ने उस दिन लाल लिपस्टिक लगाई थी जो उस पर बहुत फब रही थी। उसका सामान पैक था । उसने पुछा चाय पियोगे तो मैंने कहा अभी नाश्ता किया है । चाय की जरूरत नहीं है और हम एक दुसरे को देख रहे थे । कभी मैं उनसे नजर चुराता तो कभी वह मुझसे! इस तरह करीब 2 मिनट हो गए, हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान भी थी और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में डालकर आंखें देखने लगे।

ना जाने उस पल में क्या हुआ कि हम दोनों एक दूसरे के इतने समीप आ गए अचानक से मैं और वह दोनों आगे बढ़े और एक दूसरे के होंठ पर होंठ रख दिए और हमारा एक लंबा किस का दौर चला।

इस दौरान ना मैंने उन्हें छुआ... ना उसने मुझे! बस हमारे होंठ एक दूसरे से मिले थे, हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुंह के अंदर घूम रही थी। हमने करीबन 10 मिनट तक स्मूच किया। इसके बाद हम लोग अचानक अलग हो गए और फिर एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कुराने लगे।

लिलिया ने मेरे होंठों की ओर इशारा करके बताया कि उसकी सारी लिपस्टिक मेरे होंठों पर थी।

मैंने अपने जेब से रुमाल निकाल कर अपने होंठों को साफ़ कर लिया और मैंने लिलिया से कहा-अब मैं निकलता हूँ। वह कुछ नहीं बोली । मैं जैसे ही पलटा और दरवाजे को खोलने ही वाला था कि लिलिया पीछे से आकर मुझसे चिपक गई. उसके बूब्स की गर्माहट मैं मेरी पीठ पर महसूस कर रहा था। मैं पलटा और एक दूसरे को गले लगाते हुए मैंने चुम्बनों की बौछार लिलिया के गालों पर कर दी।

मैं उसके होंठों को चूसने लगा।

मैं उसकी बैकलेस टॉप वाली पीठ पर मैं अपने दोनों हाथ चला रहा था। फिर मैं उसकी नंगी कमर पर अपना हाथ चलाने लगा और दबाने लगा।और उसके चेहरे पर चुम्बन करे जा रहा था। वह बेचैन हो रही थी और चुंबन में मेरा साथ दे रही थी।

हम दोनों किस करते-करते उसके बेडरूम तक आ गए और मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और हम बिस्तर पर एक साथ गिर गये। लेकिन हमारी किस की रफ्तार कम ना हुई.

मेरे हाथ उसके पूरे शरीर पर घूम रहे थे। उसकी पीठ, उसकी कमर, उसके हिप्स तक मेरा हाथ पहुँच गया था, जिन्हें मैं दबा रहा था और ऊपर से उसके चेहरे उसके गले और उसके माथे पर चूमाचाटी जारी रखी।

हम दोनों बेड पर एक दूसरे के ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने बहुत बार लिलिया के गालों पर हाथ फेरा, कभी मैं उसकी कमर पर चुटकी ले लेता, कभी मैं उसके कंधे पर हाथ रख का धीरे से उसके स्तनों को छू रहा था।

वह तो मानो मदहोश होने लगी। मैं भी अपना आपा खो रहा था। मैं उसके बूब्स की बीच में बने घाटी को देखने लगा । जैसे ही उसका ध्यान गया कि उसके बूब्स को मैं देख रहा हूँ, उसने तुरंत अपने बड़े गोल बूब्स को अपने दोनों हाथों से ढक लिया और उन्हें छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी। मैं उसके पूरे शरीर को देख रहा था।

मैं अब तक की सबसे सुंदर और कामुक युवा महिलाओं में से एक के साथ अकेला था और सभी संकेत मेरे पक्ष में थे। जिस तरह से वह कमरे में चली उसने मुझे बताया कि वह जानती थी कि वह कितनी आकर्षक है। उसके कूल्हे सबसे उत्तेजक फैशन में लहरा रहे थे, उसकी गांड का प्रत्येक गोल नितम्ब का ग्लोब अलग-अलग लुढ़क रहा था है और उसकी छोटी स्कर्ट तंग, चिपकी हुई बुनाई के खिलाफ दबाव डाल रहे थे। उसकी तंबी सुंदर टाँगे और उसके पैर सफेद रेशमी जुराबों में बड़े करीने से लिपटे हुए थे,। यहाँ तक कि उसके घुटनों तक नर्म बछड़े की खाल के जूते, लाल स्कर्ट से कंट्रास्ट करता गहरा हरा, चिकना और चमकदार टॉप छूने में अच्छा लग रहा था। हरा बैकलेस टॉप जिसमे से उसकी पीठ मुझे साफ तौर पर दिख रही थी। उसकी पीठ बहुत चिकनी थी । इतनी चिकनी के मेरे स्पर्श करने पर मेरे हाथ फिसल कर उसकी कमर और नितम्बो पर जा रहे थे और सामने से उसके बूब्स की घाटी जिसे उसने अपने हाथों से ढक रखा था।उसकी चिकनी कमर नंगी दिख रही थी। छोटी टाइट स्कर्ट उसके कूल्हों और जाँघों को ढक रही थी पर प्रत्येक उभार स्पष्ट था । मेरे सामने का यह दृश्य मुझे बड़ा ही मनमोहक लग रहा था।

मैंने उसकी बाजू पकड़ उसे अपने पास खींचा तो वह अपने बूब्स को छुपाते हुए आईने के सामने पलट गई और शीशे की तरफ देखने लगी। मैंने इस मौके का फायदा उठाया, मैंने उसके पास जाकर पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा और अपना हाथ कंधे से नीचे सरकाते हुए उसके हाथों पर से चलाते हुए उसकी कमर पर रख दिया। अब वह पीछे मेरी ओर हल्की झुक गई. उसकी पीठ मेरे सीने से लगी थी और मेरा चेहरा उसके गर्दन के पास था।

मैंने उसके गले पर एक हल्की-सी किस की और उसके कान में 'आई लव यू' कहा और फिर से उसके गले पर किस किया। किस के बाद वह जल्दी से घूमकर मेरी ओर पलटी और मेरे सीने से लग गई.

मैं उसकी पीठ पर हाथ रखकर हम ऐसे ही रहे फिर मैंने अपने आपको उससे दूर किया और उसकी ओर देखने लगा।

वह भी अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखे थी।

अब मैंने नीचे से हाथ डालकर उसके पेटीकोट के ऊपर से और एक हाथ उसकी कमर में डाल कर उसे अपने गोदी में उठा लिया और उसे बेड पर ले गया । मैंने उसे बेड पर बैठाया और अपनी शर्ट और बनियान उतार दी। मेरे सामने बैठी हुई वह बहुत सेक्सी लग रही थी। लिलिया ऐसे बैठी हुई थी जैसे वह एक गुड़िया हो। मैं बेड पर चढ़कर कर उसके साथ बैठ गया।

मैंने उसके दोनों हाथों को जो उसके बूब्स को ढके हुए थे, उन्हें हटा दिया। अब उसके क्लीवेज की घाटी मेरे सामने थी। अब मैं थोड़ा नीचे होते हुए बूब्स की घाटी पर और सामने की ओर से उसके बूब्स पर किस करने लगा और दबाने भी लगा। कुछ पल बाद मैं उसके नंगे पेट पर किस करने लगा।

मैंने उसके हाथों को चूमा और उसे अपनी ओर खींचा। हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए. मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ, कमर और उसकी गर्दन को सहला रहे थे और उसके हाथ भी मेरी पीठ पर आ चुके थे।

तब मैंने उसके माथे आँखों नाक । गालो और पूरे चेहरे पर किस करना शुरू किया। धीरे-धीरे मैं उसके होंठों पर आ गया और उसके होंठों को चूमने लगा। जल्दी ही मैं अपनी जीभ उसके मुंह में डाल कर चूसने लगा। हम दोनों के बीच यह गहरा चुम्बन 10 मिनट चला फिर मैं उसके पीछे गया, पीछे से उसकी पीठ पर किस करने लगा। धीरे-धीरे मैं उसकी कमर पर आ गया और फिर से उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।और उसके टॉप जो डोरियों से बंधा था उसे खिंच कर खोलने लगा।

वह हल्का-सा विरोध कर रही थी लेकिन इसमें उसकी भी रजामंदी थी!

उसने लाल रंग की जालीदार बिकनी टाइप ब्रा पहनी हुई थी।मैंने उसकी पीठ पर किस किया।

फिर मैं आगे आकर बैठ गया और उसके पैरों पर हाथ रखते हुए अपना हाथ ऊपर की ओर ले जाने लगा। मेरे हाथ उसके घुटनों पर से उसकी जांघो तक आ गए और उसकी स्कर्ट तक आ गया और उसने अपने पैर सीधे कर लिए और वह पीठ के बल लेट गई. फिर मैंने पैंट को खोल दिया अब मैं उसके सामने अपने अंडरवेअर में था।

मैं उसके ऊपर आ गया। मैं उसके गालों पर चुम्बन करते हुए उसके बूब्स के ऊपर किस करने लगा और उन्हें दबाने भी लगा। उसने अपना हाथ मेरी पीठ पर डाल लिया। कुछ देर बाद मैंने हाथ नीचे करते हुए उसकी स्कर्ट के हुक को खोल दिया और अपने हाथों और पैरों की मदद से उसको टांगों से अलग कर दिया। अब वह लाल ब्रा और लाल पेंटी में मेरे सामने थी।

मैंने ज्यादा देर न करते हुए उसकी ब्रा को खोल दिया।और उसके शरीर से अलग कर दिया। अब उसके बूब्स मेरे सामने नंगे थे।

अब लिलिया के गोल बूब्स मेरे सामने नंगे थे। मैं बूब्स को चूसने लगा और दुसरे हाथ से दबा भी रहा था। वह अपना हाथ मेरे सर पर रखकर अपने वक्ष पर दबा रही थी और वह वासना भरी सिसकारियाँ ले रही थी। साथ ही मैं अपना एक हाथ से नीचे करके उसकी पैंटी के ऊपर से उसके चूत के दाने को मसल दिया और ज्यादा देर न करते हुए उसकी पैंटी को अंदर हाथ डालकर उसकी चूत को मसलने लगा जिससे वह बेकरार हो गयी और मुझे और जोर से किस करने लगी।

मैंने जल्दी ही उसकी पेंटी को उसके शरीर से अलग कर दिया और उसने भी जल्दी ही अपनी दोनों टांगें फैला दी। वह बोली डॉक्टर मैं भी कुंवारी हूँ और मुझे मेरी बहन मीका और जीजा एरिक ने बताया है कैसे आपने उसकी मदद की है वह बोली-डॉक्टर आप तो बहुत एक्सपर्ट हैं। आप का लंड बहुत लम्बा बड़ा और मोटा है। मेरी चूत में आप अपना लंड घुसा कर इसे खोल दीजिये। और मैं चाहती हूँ की आप मेरी भी मदद करिये ताकि मुझे भी भविष्य में सेक्स करने में कोई दिक्क्त नहीं हो ।

मैंने लिलिया को धीरे से चूमा और मैं उसके पूरे शरीर को धीरे-धीरे सहलाने लगा। उसके बूब्स दबाने लगा। उसके निप्पलों को खूब मसला और चूसा। मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत में उंगली डाली और उसके G स्पॉट और उसकी भगनासा को खूब छेड़ा। अब मेरे लिए खुद को रोक पाना बहुत मुश्किल था क्योंकि मेरा लंड भी पूरा टाइट हो चुका था। मैंने अपना अंडरवेअर निकला तो मेरा बड़ा लम्बा लंड देख उसका मुँह खुला रहा गया । मैंने लंड उसके हाथ में दे दिया और वह मेरे लंड को सहलाने लगी। फिर मेरा पूरा शरीर सहलाने लगी।

कुमारी लिलिया की जवान चूत चिकनी हो चुकी थी। उसमें से खूब पानी निकलने लगा था। मैं समझ गया था कि अब वह बहुत गर्म हो गई थी और इस समय कुछ भी किया जा सकता था। अब लोहा गर्म था और मुझे बस आगे बढ़कर चोट मारनी थी । मैं जल्दी से उसकी टांगों के बीच में आकर उसके ऊपर चढ़ गया और उसका पूरा शरीर अपने शरीर से मसलने लगा। वह और बेकरार होकर मुझे अपनी ओर खींचने लगी। उसकी साँसें तेज चलने लगीं। वह कराहने लगी-अह्ह्ह! बहुत मजा आ रहा है।

लिलिया की आँखें छत पर टिकी हुई थीं, फिर मैंने छूट के दाने को-को छुआ, पहले धीरे से सहलाया, फिर और ज़ोर से।

मेरा दूसरा हाथ नीचे चला गया और अपना लिंग ऊपर उठाया, पहले हाथ से उसकी उजागर जांघों को सहला कर उसकी चिकनाई की जांच की, योनि के होंठ नरम और गीले थे और मैंने उनके अंदर नमि और चिकनाई महसूस की।

"कसी हुई टाइट चूत," मेरी लार टपक रही थी, मैं लिलिया की अंतरंग नमी में अपनी उंगली रगड़ रहा था। "नरम, गीली टाइट योनि!"

मैं पीछे हुआ, जोर से सांस ली। "मैं--मैं अब करने जा रहा हूँ," उत्तेजना से हांफते हुए वह बुदबुदायी। "मेरी बहन ने कहा है कि मैं तुम्हारे साथ इसका आनंद लूं।" लिलिया की जाँघों के बीच छोटे गुलाबी उद्घाटन पर अपनी आँखें रखते हुए, मैं उन्मत्त जल्दबाजी में फुसफुसाया। "मैं अपना लंड तुम्हारी चूत के अंदर धकेलने जा रहा हूँ!" लिलिया एक छोटी लड़की की तरह खिलखिला उठी,, फिर अपनी जाँघों को जहाँ तक हो सके फैला दिया।

मेरी छाती, पेट और पैर बालों से ढके हुए थे और मेरे विशाल लिंग के नीचे, बड़ी-बड़ी गेंदें कस कर फैले हुए मांस में बंद थीं। मैंने सही मौका देखकर अपना लंड उसकी चिकनी मुलायम मखमली कुंवारी चूत के छोटे से छेद पर रखा और लंड से उसकी योनि को रगड़ा और धीरे-धीरे से थोड़ा अन्दर करने लगा। योनि टाइट थी छेद छोटा था । इतनी आसानी से अंदर नहीं जा रहा था ।

मैंने अपने अंडकोषो को सहलाया, लिलिया के योनी को देखा। "" मैं बुदबुदाया। "मैं अब तुम्हे चोदने वाला हूँ!" मैंने एक हाथ बढ़ाया, लिलिया के पैरों में से एक को पकड़ लिया, उसे बिस्तर के किनारे की ओर ले गया-फिर उसके दूसरे पैर के साथ भी ऐसा ही किया।

रेशमी सफ़ेद जुराबों से ढकी टांगो के बीच एक चमकदार वी का गठन हुआ लेकिन योनि ओंठ अभी भी मिले हुए थे। गीले गुलाबीपन को घूरते हुए मैं हांफने लगा। "वाह क्या तंग योनी है," मैं फिर से बुदबुदाया।

मैं जोर से साँस ले रहा था और फैले हुए पैरों के बीच रेंगा और मेरी बालों वाली जांघें लिलिया के कोमल रेशमीपन के खिलाफ दब गईं। मेरा हाथ नीचे पहुँच गया, और अपने धड़कते लिंग को पकड़ लिया, उसे गीले छोटे उद्घाटन की और बढ़ा दिया जी अब मेरी प्रतीक्षा कर रहा था और वासना की कठोर, गोल गेंदे योनि के होठों पर चुभ रही थी। मैंने लिंग योनि के छेद पर लगया तो पूरा छेद छिप गया फिर मैं अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा लंडमुंड उसकी योनि के छेद से-से काफी बड़ा लग रहा था।

"छोटी," मैंने तारीफ़ की क्योंकि मुझे पता था इस तंग योनि की चुदाई में बहुत मजा आने वाला है और लिलिया को लगा मैंने उसकी यो नई के छेद के छोटे होने की शिकायत की है, "इतना छोटी!" मैंने अपने शरीर को झटका दिया और लिलिया का पेट जोर से कांपने लगा। मेरे लिंग का सिरा फिर से छोटी, तंग योनि की ओर मुड़ा-फिर मैंने अपने कंधों को ऊपर की ओर झटका दिया। "मुझे करने दो--" मैंने लिलिया के चेहरे पर हाँफते हुए कहा, "--मुझे करने दो......!" मैंने एक हाथ से टांगो को फैलाया ओर फिर लड़की के चेहरे पर चूमा। "तुम--तुम्हें--" वह बचकानी गुस्से में कराह उठी। "लेकिन मेरी बहन मीका ने कहा आप कर सकते हो!"

वह फिर से अपने हाथ नीचे ले गया इस बार दोनों हाथों से; लिलिया की जाँघों को जकड़ लिया, उन्हें एक दर्दनाक, तनावपूर्ण विभाजन में फैला दिया। "अब मैं चोदना चाहता हूँ--"।

फिर मैं अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा फिर मेरा शरीर फिर से लपका-और इस बार मेरे लिंग का सर फिसलन भरी योनि में घुस गया और अंदर सरक गया।

"ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!" लिलिया थरथरायी क्योंकि उसने महसूस किया कि नरम दीवारें मेरे कठोर अंग को जकड़ रही हैं। "अंदर-ऊह्ह्ह-मेरा लंड अंदर है!"

उसको मैंने बोला-जब लंड गहराई में जायेगा तो थोड़ा दर्द होगा। वह आँखे बंद किये हुए लेटी हुई थी और मुझे लगा अब चूत लंड के प्रवेश के लिए त्यार थी। मैंने उसे कसकर पकड़ा और-और लंड का एक तेज झटका उसकी चूत में मारा।

मेरा लंड लिलिया की जवान कुंवारी चूत में सरसराता हुआ घुस गया और उसके कौमार्य की झिल्ली से टकराया तो लिलिया को दर्द का अहसास हुआ और उसने चौंक कर मेरी तरफ देखा। उसका शरीर फिर से लपका-और इस बार उसकी शाफ्ट का अंत फिसलन भरी योनि में घुस गया और अंदर सरक गया।

"ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!" लिलिया थरथरायी क्योंकि उसने महसूस किया कि नरम दीवारें मेरे लिंग को जकड़ रही हैं। "अंदर-ऊह्ह्ह-!" उसका पूरा शरीर दर्द से भर गया।

"निचोड़ो!" मैं चिल्लाया। "मेरे लंड को निचोड़ो, अपनी योनि के अंदर से मेरे लिंग को निचोड़ो!" और उसकी योनि ने मेरे लिंग को कस कर जकड़ लिया और मेरे पूरे शरीर को वासना के आनंद से भर दिया। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और अब मैंने धीरे-धीरे लंड उसकी चूत में आगे पीछे घिसना शुरू कर दिया। मैं घिसते हुए ही लंड को हल्का अंदर बाहर भी कर रहा था। मैंने उसके हर हिस्से को छुआ। मैंने उसे फिर से चूमा; मैंने अपने उग्र चुंबन के साथ सब कुछ चूसा, विशेष रूप से उसकी योनी के खुले हुए होंठो को अपने लंड से बार-बार रगड़ा, जो आनंद के फव्वारे से तरल धारा के साथ गीले और नम थे, जिसे मैंने अपना लंड डाला हुआ था।

फिर मैंने एक जरा-सा तेज झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी कौमार्य की झिल्ली को फाड़ता हुआ उसकी चूत में पूरा चला गया। वह जोर से चीख उठी। मैंने लंड को अंदर की ओर धकेला, जिससे फैली हुई योनि की दीवारें और भी व्यापक रूप से खुल गयी। लिलिया का कौमार्य भंग हो गया और उसका कौमर्य भंग होने पर निकला रक्त चादर पर बह गया। वह चिल्लाई-आह्ह... आईई...डॉक्टर प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकालिए... अभी के अभी लंड को बाहर निकालिए... आह्ह... बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने एक झटका फिर मार दिया और लिलिया के शरीर को अंदर की ओर धकेलते ही मुझे ऊपर की ओर झटका लगा। मैंने लिलिया के चेहरे पर अपना चेहरा दबाया, अपने गीले, गर्म होठों से उसके मुंह को टटोला-फिर उसे भूख से चूमा। "मुझे--मुझे आपकी मदद के लिए किसी की ज़रूरत नहीं है," जब उसने अपना सिर पीछे खींचा, तो मैं बुदबुदाया, "मैं यह सब अपने आप कर सकता हूँ!"

मेरा धड़कता अंग, सूजी हुई और स्पंदन करती हुई योनि में फिर से अंदर की ओर धंसा-फिर वापस पीछे किया, फिर अंदर सरकाया, बाहर निकाला। "ऊहीह," वह चिल्लायी, "निकालो मुझे छोड़ो और छोड़ो-ऊह!" मुझे उसकी टाइट चूत में बहुत मजा आ रहा था। मैंने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

मैंने उसके गालों ओंठो पर किस करना शुरू कर दिया। लेकिन नीचे मेरे झटके वैसे ही चालू थे। साथ में मैं उसके बूब्स को पकड़कर बेरहमी से मसल रहा था। उसे दर्द होने के बाद भी मेरा साथ दिए जा रही थी।

उसने अपने लिंग को लगातार बढ़ती ताकत और गति के साथ अंदर-बाहर कर दिया वह सिसकारते हुए कहने लगी-चोद दो। जोर से चोदो। चोदो मेरी चूत को... आह्ह... लंड... मुझे लंड मिल गया... आह्ह मेरी चूत में लंड... ओह्ह... हम्म्म... ईईस्स... ओह गॉड। जोर से पेलो डॉक्टर चोद दो मुझे।

जैसे ही उसका चरमोत्कर्ष शुरू हुआ लिलिया का कसा बदन ऐंठा और शरीर यातना भरे मांस का एक झटकेदार पिंड बन गया।

मैं अचानक चिल्लाया, "मैं तुम्हारे अंदर फुहार मारने वाल हूँ।" जैसे ही उसकी योनि सिकुड़ी "आअर्घ!" मैंने एक गहरी कराह निकाली और फिर अपने शरीर को बेतहाशा मरोड़ा। मेरे लिंग के गोल सिर में कटे हुए होंठ खुल गए, रस की एक तेज फुहार निकली, फिर बंद हो गई-फिर से खुली, फिर से उछली। " मेरी आवाज ऊंची हो गई, फिर जब लिलिया ने मेरे ने रस की फुहारें अपने अंदर महसूस की तो तेज झटके उसके शरीर को हिला गए। आखिरकार मैं उसकी चूत में ही स्खलित हो गया। लिंग नरम हो गया और आकार में कम हो गया, और उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया।

कुछ देर बाद मेरे फ़ोन पर फूफा जी का सन्देश आया की एक निवेश योजना जिसमें फूफा ने मेरे नाम पर निवेश किया था, परिपक्व हो गई थी और इसे भुनाने के लिए मुझे बैंक की नजदीकी शाखा में जाने की आवश्यकता थी। मैं उनसे शाम की पार्टी में मिलने का वादा कर बैंक के बारे में पता करने निकल गया । जहाँ हम रुके थे उस होटल के पास ही बैंक की शाखा थी।

कहानी जारी रहेगी

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