ससुर बहु का प्यार परवान चढ़ा

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सपना -- छि: बाबूजी.. आप कैसे गन्दी बातें कर रहे हैं!  प्लीज..

मैं -- ओके बहु सॉरी..नहीं कहूंगा कुछ..

सपना -- ठीक है मैं ये जीन्स टॉप नहीं पहनती, मैं कुछ और ट्राई करती हूँ।

मैं अभी भी अपने आप को कण्ट्रोल किये बैठा था. सुबह से कई बार बहु की खुली चूचि और जांघों को देख मेरे लंड में तूफ़ान सा मचा हुवा था. मुझे बहुत मन हो रहा था, के बहु मुझसे चुद जाए और अपने गरम होंठो से चूस कर मेरे लंड का पानी निकाल दे.

मैं अपना हाथ अपनी पैंट के अंदर डाल कर लंड को मसल रहा था,

बहु अपने कपडे उतार रही थी. रेड पेटीकोट और खुली हुई रेड ब्लाउज में उसके पीठ गोरी चिकनी चमक रही थी। वो अपनी ब्लाउज लगभग उतार चुकी थी और उसकी वाइट ब्रा नज़र आ रही थी. बहु की कमर तक नंगी पीठ देख मुझसे रहा नहीं गया. मैंने बहु को पीछे से पकड़ लिया और उसकी नंगी पीठ और कमर पे किस करने लगा. बहु चौंक गई..

सपना -- बाबूजी ये क्या कर रहे हैं ?

मैं -- अपनी माल सी बहु की पीठ चूम रहा हूँ.. करने दे बहु तुम आज बहुत हॉट लग रही हो.

(मैं किस करता हुवा बहु की नाभि को अपने जीभ से चाटने लगा उसके गहरी नाभि के छेद में अपनी पूरी जीभ डाल दी और अपने दांतो से उसके नरम मुलायम पेट को काटने लगा. बहु काँप रही थी और उसकी उँगलियाँ अनायास ही मेरे बालों में आ कर रुक गयी.

सपना -- बाबूजी.. रुक जाईये ये आप क्या कर रहे हैं.

मैं -- (मैं साड़ी के ऊपर से बहु की बुर दबाने लगा), अपनी पैंटी उतार दे बहु मुझे अपनी बुर का जूस पी लेने दे.

सपना -- प्लीज बाबूजी ऐसे मत बोलिये!

(बहु दौड़ के बाथरूम की तरफ भाग गई)मेरी वासना शांत नहीं हुई थी, मैं बहु को चोदने के लिए बेताब था, लेकिन कोई रास्ता ना निकलता देखकर वापस डाइनिंग हॉल में लौट आया. कुछ देर बाद बहु भी डाइनिंग हॉल में खाना ले कर आ गई. हम वहीँ अपना लंच करने लगे. हमेशा की तरह आज भी बहु मेरे बगल में बैठी थी और एक साइड टीवी पे इंडिया पाकिस्तान का मैच आ रहा था. मैं टेबल के नीचे अपना लंड पायजामे से बहार निकाल कर सहलाने लगा, बहु ये सारा नज़ारा अपनी आँखों से देख रही थी. कई बार मैंने बहु का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रखा मगर वो कुछ देर मेरा लंड हिलाने के बाद हटा लेती थी,  मैंने धीरे से अपना हाथ बढ़ा कर बहु की सलवार खोल दी. मेरे हाँथ की थोड़ी सी हरकत पे बहु ने अपना पैर फैला दिया जैसे वो मुझे अपनी चूत का रास्ता बता रही हो. अंदर हाथ डाला तो देखा के बहु की बुर बहुत ज्यादा गीली हो चुकी हैं. मैंने जैसे ही उसकी बुर को हाथ लगाया उसकी बुर से चिपचिपे पानी की धार निकल पड़ी. बहु को मस्ती चढ़ने लगी उसके मुँह से उम्म्म उम् की आवाज़ आ रही थी और वो मज़े लेते हुवे अपने होठ को बार बार जीभ से गिला कर रही थी.

मैंने फिर से बहु का हाथ अपने लंड पे रख दिया इस बार बहु देर तक मेरे लंड की स्किन को ऊपर नीचे कर मुट्ठ मारती रही. मैं भी उसकी बुर में लगातार उँगलियाँ पेल रहा था. बहु एक हाथ ऊपर टेबल पे रखी थे और एक साल्ट की डिबिया से खेल रही थी. खेलते-खेलते डिबिया टेबल के नीचे चली गई.

सपना -- ओह बाबूजी डिबिया नीचे गिर गई. आपकी तरफ चली गई क्या? एक मिनट देखती हूँ.

अगले ही पल बहु चेयर से उतर कर जमीन पे बैठी इससे पहले के मैं कुछ समझ पाता, बहु ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा उसका स्किन खींच के नीचे किया और मेरे लंड को सीधा अपने मुँह में ले लिया. बहु के गरम -- गरम मुँह में अपना लंड जाते ही मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई. बहु तेज़ी से मेरा लंड चूस रही थी, मुझे एक पल के लिए यकीन ही नहीं हुवा, बहु बिना किसी डर के एक रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. बहु के थूक और लार से मेरा लंड गिला हो गया उसके मुँह की गर्मी पाकर मैं फच्चफच्च की आवाज़ करते हुए बहु के मुँह में ही स्खलित हो गया. बहु मेरा सारा वीर्य पी गई और वापस आ कर चेयर पे बैठ गई।  बहु के मुँह में वीर्य गिरा कर मुझे बहुत संतुष्टि मिली. बहु टेबल पे पड़े टिश्यू उठा कर अपना मुँह साफ़ करने लगी. लंच करने के बाद बहु अपने कमरे में जा चुकी थी।  मैं बहु के पीछेपीछे उसके कमरे तक आ गया. बहु कमरे में लेटी थी, उसकी कुर्ती एक तरफ से उठी हुई थी। उसकी मांसल गांड और जांघ देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैं चुपके से बहु के करीब लेट गया और अपना हाथ आगे बढ़ा बहु की चूचि दबाने लगा.

सपना -- आह बाबू जी ये क्या कर रहे हैं? आप मेरे कमरे में?

मैं -- तुम बहुत सेक्सी हो बहु तुम्हारे बूब्स कितने सॉफ्ट हैं.

सपना -- बाबूजी.. , आप प्लीज जाइये यहाँ से.

मैं -- (एक हाथ से बहु की सलवार खोल उसकी नंगी जाँघों को सहलाने लगा)

सपना  प्लीज बाबूजी आप बहुत एक्साइटेड थे, इसलिए मैंने लंच टेबल पे आपका लंड मुँह में लेकर आपका पानी निकाल दिया था ताकि आप सेटीसफ़ाई हो जाएँ और मुझे तंग ना करें.

मैंने एक झटके में उसकी ब्रा उतार कर बेड के नीचे फेंक दी, उसकी नंगी बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने हाथ से मसल कर बोला...

मैं झूठ मत बोलो बहु लंच टेबल पे मैंने जब तुम्हारी सलवार खोल अंदर हाथ डाला था तो तुम्हारी चूत पहले से ही गीली थी..

सपना मेरी बात सुनकर शर्मा गई.. सपना -- बाबू जी वो तो... ऐसे ही....

मैं -- ऐसे ही कैसे गीली थी बहु??  (मैं बहु की पैंटी उतार उसकी बुर को कस कर दबा के बोला)।

सपना -- आआआआआआहहहहहहहहहह.... छी: बाबूजी कैसी बात कर रहे हैं.

मैं -- तो क्या हुवा  (मैंने बहु की बुर में अपनी ऊँगली डाल दी.. )।

मैं -- देख बहु अभी भी तेरी बुर पनियाई हुई है।

सपना -- ओह बाबू जी छोड़िये ना... (बहु के होठ और शरीर की जुबान दो अलग अलग इशारे कर रहे थे..)

एक तरफ बहु मुझे मना कर रही थी और दूसरी तरफ वो अपनी बुर को फैला, मेरे उँगलियों को अंदर रास्ता दे रही थी.. मस्ती में उसकी आँखें बंद हो जा रही थी. मैंने अपने सारे कपडे उतार दिए. बहु को भी अब तक पूरा नंगा कर चुका था. उसकी नंगी चूचियों को चाटते हुए, मैं कमर तक नीचे उसकी नाभि पे जाकर रुक गया.

कोमल- ओह बाबूजी ये आप क्या कर रहे हैं.. बहु ने मेरे बाल पकड़ लिए और अपनी जाँघे खोल मुझे नीचे की ओर -- करने लगी..)।

मुझे उसकी इस हरकत से समझ आ गया के बहु मुझे अपनी बुर पिलाना चाहती है मगर मैं जानबूझ कर अपने जीभ को उसकी नाभि पे फेरता रहा. बहु धीरे धीरे मदहोश हो रही थी.. उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी।

सपना -- आह बाबूजी.. जाइये नीचे जाइये ना.. (बहु ने एक बार फिर मुझे नीचे की ओर -- किया)

सपना -- बाबूजी.. आआआआआआहहहहहहहह प्लीजज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़.. आआह मेरी बुर चाटिये ना..

मैं -- क्या बहु..?

सपना -- मेरी बुर चाटिये ना..

मैं -- नहीं बहु .. (मैं बहु को और तड़पाना चाहता था..)।

 (बहु अपना बुर ऊपर उचका के बोली)।

सपना   बाबूजी अब चाटिये ना.. मैंने बिना देरी किये अपना मुँह बहु की गरम गीली बुर पे रख दिया.. बहु की बुर पे हलके हलके बाल थे, जो उसकी बुर के बहते चिपचिपे पानी से सन चुके थे. उसकी बुर मे से अजीब सी स्मेल आ रही थी.. जो मुझे और पागल कर रही थी. मैं अपनी जीभ निकाल बहु की चूत चाटने लगा

सपना -- आआआआआआआआआआहहहहहहहहहहहह... उममममममममममम!!!! बाबू जी... ओह्ह्ह्हह्हह और चाटिए............

मै -- बहु.... तुम्हारी बुर कितनी अच्छी स्मेल कर रही है.. उम्मम्मम्म

 सपना -- छी बाबूजी.. चुप राहिए!

इस वक़्त मेरे एक्साइटमेंट की कोई सीमा नहीं थी.. मैं अपना लंड पकड़ हिलाने लगा..

मैं बहु के पास बैठ गया और बहु इतनी उत्तेजित हो चुकी थी के मेरे कुछ कहे बगैर वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.. अपना लंड चुसवाने के बाद मैं बहु के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड बहु की बुर से सटाया ही था के उसकी गरम बुर की चिकनाई पाकर मेरा लंड आसानी से बहु की बुर के अंदर सरक गया।

मै -- ये ले बहु.. तेरी चूत इतनी गीली है के मेरा लंड अंदर फिसल गया... और  करो बहु....

(मैं बहु की बुर में अपना लंड डाल उसे चोदने लगा.. और दोनों हाथो से उसकी चूचियों को भी मसलने लगा)।

सपना -- और चोदिए बाबूजी.. अपनी  बहु को.. मैं आपसे  चुदवाउंगी.

मैं -- हाँ मेरी  बहु..  चुदवा ले.. तुझे सोच कर तो मोहल्ले में सैकड़ों लड़के रोज़ाना बिस्तर पे अपना माल गिराते हैं. (मैं तेज़ी से बहु को चोदने लगा.. )।

सपना -- उम्मम्मम्म... और चोदिए.. बाबूजी.. मेरा पानी निकलने वाला है..

मैं -- हाँ बहु मैं भी अब और नहीं रुक सकता, मेरा भी पानी छूटने वाला है..

सपना -- आह बाबू जी अंदर मत गिराइए नहीं तो मैं प्रेग्नेंट हो जाउंगी.. आज आप अपनी बहु के मुँह को अपने माल से भर दीजिये..

मैं -- ठीक है बहु.. (बहु की बुर गीली होने से लगतार फच्च-फच्च की आवाज़ हो रही थी..)

सपना -- चोदिए बाबू जी.. अपनी बहु को और चोदिए...

बहु की ऐसी बात को सुनकर.. मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और अपना लंड बहार निकाल कर बहु के मुँह के पास ले गया.. बहु अपने हाथ में मेरा लंड पकड़ जोर से मुट्ठ मारने लगी.. और अगले ही पल मेरा सारा माल उसके मुँह और चेहरे पे निकल गया.. बहु को चोदने के बाद मेरे लंड से इतना माल निकला के बहु के चेहरे बूब्स पेट सब पर गिरा.. और मेरी  बहु मेरे माल से नहा ली. मेरे लिए आज का दिन बहुत ही यादगार होने वाला था, क्योंकि जिस चीज़ के लिए मैं महीनो से वेट कर रहा था, जिसको सिर्फ अपने खयालो में सोचसोच कर मुठ मारता था आज उसी बहु को मैंने उसके बर्थडे वाले दिन चोद दिया. मैं बिस्तर के पास बैठा अपनी पैंट पहन रहा था, इस बात की फ़िक्र हो रही थी की चुदाई के बाद बहु का रिएक्शन कैसा होगा. मैं ऐसी असमंजस में पड़ा था, लेकिन बहु अपने बिस्तर पे नंगी लेट अपनी एक टाँग ऊपर उठा कर पैंटी पहनने की कोशिश कर रही थी. उसके चेहरे पे कोई ऐसे भाव नहीं थे जिससे मुझे लगे के वो अपने हस्बैंड को चीट कर गिल्ट महसूस कर रही है.

दिन बीतते गए मेरी जवान बहु अब काफी खुल गई थी, घर में बहु कम कपड़ों में रहती थी. मुझे जब चांस मिलता मैं बहु को छू लिया करता. पुरे दिन मैं बहु के बारे में सोच या उसे देख माल मारता रहता

कहानी खत्म। मज़ा आया हो तो कमेंट ज़रूर करना।

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