पुर्व प्रेमिका से मुलाकात

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काले रंग के निप्पल भी तने खड़ें थे मेरे हाथों ने उन को ऊंगलियों के बीच ले कर मसलना शुरु किया दूसरे को मुँह में ले कर चुसा जब इस से मन नही भरा तो मुँह खोल कर पुरा उरोज निगलने लगा और चुसने लगा। उस का खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था वह मुझें लेकर बेड पर लेट गयी। मैं अपने मुँह से उस के उरोजों का स्वाद ले रहा था उस के हाथ भी सरक कर मेरी ब्रीफ के ऊपर आ गये। तना हुआ लिंग कपड़े में फंसा हुआ लग रहा था वह अपने हाथ से उसे सहला रही थी। हम दोनों इतने लम्बे समय से एक दूसरे को जानते थे लेकिन चुम्बन को छोड़ कर और कोई शारीरिक नजदीकी कभी नही हुई थी।

आज तो लगता था कि जैसे सयंम का बाँध टुट गया था दोनों एक-दूसरे के शरीर को पुरा महसुस करना चाह रहे थें। मेरे उस के उरोजों को मसलने से हुई उत्तेजना के कारण उस ने दांतों से मेरे कन्धे पर काट लिया। मेरा हाथ भी उस की नाभि से होता हुआ उस के सपाट पेट को सहला कर पेंटी के उपर से योनि को सहला रहा था। इस के बाद उसकी भरी हुई जाँघों को हाथ से सहलाया मैं पहले उस के सारे शरीर को देखना और सहलाना चाहता था इस के बाद कुछ और का विचार था इस शरीर को देखने की तमन्ना जाने कब से थी आज वो पुरी हो रही थी इस लिये जल्दीबाजी के मुड में नही था उस का भी शायद यही विचार था वह भी मैंने सारे शरीर को महसुस करना चाहती थी।

हम दोनों ने इतना लम्बा विछोह सहा था कि हम दोनों की दशा अजीब सी हो रही थी सब कुछ पाना भी था लेकिन उसे पहले नजर भर कर देखना भी था। मैं ने उठ कर उस की योनि पर पेंटी के ऊपर से किस किया फिर उस की केले के तने के समान जाँघों को चुमता हुआ घुटनों को चुम कर पिड़लियों को चुमता हुआ उस के पंजों पर पहुँच गया। उस के मुलायम पंजो को चुम कर उस की पतली ऊंगलियों को एक-एक करके मुँह में ले कर चुमा उस के पंजों को जीभ से सहलाया फिर दूसरे पंजे के साथ भी ऐसा ही किया इस के बाद पंजे से होता हुआ पिड़लियां चुमता हुआ घुटनों और जाँधों को होंठों से सहला कर नाभी चुम कर जीभ से चाटता हुआ उरोजों तक गया और जीभ की नोक से दोनों उरोजों के निप्पलों को सहलाया।

मेरी इस हरकत से उस का बुरा हाल था वासना का उफान जोर मार रहा था उस ने भी मेरे लिंग को सहला कर मेरी जाँघों को हाथ से सहलाया और मेरे नीचे से निकल गयी मैं पेट के बल लेटा था और उस के हाथ और होठ मेरे सम्पुर्ण शरीर को अन्वेष्ण कर रहे थे। उस ने मेरे पंजे चुमे और पिड़लियों को हाथ से सहला कर जाँघों पर होंठों के निशान छोड़ती हुई कुल्हों पर दांतों के निशान लगा कर पीठ पर चुम्बन करती हूई मेरी गरदन चुम कर मेरे कानों की नोकों को जीभ से चाटने लगी। मेरे शरीर में जोर से कंरट सा दौड़ रहा था।

अब मैंने उसे पेट के बल लिटा कर उस की गरदन पर चुम्बन करते हुए पीठ कमर और कुल्हों पर चुमा। हाथों से जाँघों को सहलाया। इस सारे क्रियाकलाप में हम दोनों के शरीर की गरमी बहुत बढ़ गयी काम का वेग अपने चरम पर था लेकिन हम दोनों अभी दौड़ने के मुड़ में नही थे। हम दोनों कितने सालों से प्यासें थे इस लिये सब कुछ धीरे-धीरे पीना चाहते थे। मैंने पेंटी में हाथ डाल कर उसे नीचे खिसका कर उतार दिया उस के कुल्हों के बीच की गहराई में ऊंगली डाल कर पीछे से योनि को छुआ।

योनि भी तनाव से फुली सी थी वहाँ नमी भी थी। उस ने मेरे हाथ को पकड़ कर रोक दिया। फिर वह पलट गयी अब उस ने मेरी ब्रीफ को उतार दिया। उस के सामने मेरा तना हुआ लिंग जो अपनी पुरी छह इंच की लम्बाई में आ चुका था। उस ने पहले तो उसे हथेलियों से सहलाया फिर उस के सुपारे को मुँह में ले लिया और दांतों से दबा सा दिया मेरी सिसकी निकल गयी। उस ने कहा कि ऐसा करने की मेरी इच्छा जब से थी जब हम आलिंगन करते थे तो यह मेरे चुभा करता था। आज वो दिन आया है। मैंने कहा जो मन में है वो करो।

उस ने पुरे लिंग को मुँह में लेकर चुसना शुरु कर दिया। मैं चुपचाप पड़ा रहा। थोड़ी देर में मेरा तनाव कुछ कम सा हुआ तो पता चला कि मैं उस के मुँह में स्खलित हो गया हूँ। वो सारा वीर्य गटक गयी। अब मेरा नम्बर था मैं ने अपनी पोजिशन बदली और उस की योनि के उपर अपना मुँह कर के उस की क्लोरिट को मुँह में लेकर पीना शुरु किया एक ऊँगली योनि के अन्दर डाल दी। फिर उसे अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया।

उस के मुँह से आहहहहहहहहहहहहह ऊईईईईईईईईईईईईई उहहहहहहह निकलने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने क्लोरिट छोड़ कर ऊंगली निकाल कर अपनी जीभ योनि में डाल दी कसी हुई योनि में जीभ ने गहराई में जा कर चाटा नमकीन द्रव का स्वाद उसे मिला, मादक खुशबु भी आ रही थी। उत्तेजना के कारण उस ने अपनी टागें मेरे सर पर कस ली अब मैं सर हटा नही सकता था मेरी जीभ अपना काम कर रही थी उस ने मेरे कुल्हों के मांस में अपने नाखुन गड़ा दिये थे। उस का सारा शरीर जोर से हिल रहा था।

मुझें लगा कि अब देर नही करनी चाहिए सो मैं उस के पैरों के बीच बैठ गया और लिंग को योनि के मुँह पर लगा कर धक्का दिया पहले धक्के से तो सुपारा अन्दर नही गया, मैंने दुबारा उसे योनि के लबों के भीतर कर के धक्का दिया तो वह अन्दर घुस गया उस के मुँह से चीख निकल गयी, चीख को सुन कर मैं रुक गया। मैंने पुछा कि क्या बहुत दर्द हो रहा है तो उस ने सर हिलाया। मैंने लिंग को बाहर निकाल लिया इस पर वह बोली कि मेरी चिन्ता मत करो इसे डालो। मैंने दुबारा लिंग को डालने के लिये धक्का लगाया तो लिंग का सुपारा तो घुस गया लेकिन उस ने दर्द के कारण अपना ऊपर का होंठ निचले होंठ से दबा लिया।

दूबारा धक्का दिया तो उस ने सर को दर्द की वजह से इधर-उधर करना शुरु कर दिया मैंने अब पुरा दम लगा कर धक्का लगाया तो लिंग पुरा योनि में समा गया। वो नीचे से दर्द के कारण हाथ पैर हिला रही थी। मैंने उस के उरोजों को सहलाया और उस के होंठों को चुमा तो उसे थोड़ा आराम पड़ा। मुझें समझ नही आ रहा था कि दो साल वैवाहिक जीवन जीने वाली स्त्री को ऐसा दर्द क्यों हो रहा है। कुछ पुछने की हिम्मत भी नही हो रही थी सो जो चल रहा था उसे ही आगे बढ़ाया। धीरे-धीरे धक्कें लगानें शुरु किये कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और उस के कुल्हें भी उछलने लगे। मुझें चैन मिला।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपने ऊपर कर लिया अब वह अपने कुल्हें उठा-उठा कर मेरे लिंग को योनि में समाने की कोशिश करने लगी। मैं उस के उरोजों से खेलता रहा। जब वह थक गई तो मैं ने उसे नीचे कर लिया और उस की टांगों को ऊठा कर अपने कन्धों पर रख लिया अब लिंग पुरा अन्दर जा रहा था और योनि पर पुरी ताकत से टक्कर मार रहा था वो मुँह से आहहहहहहहहहहहह किल मी किल मी अईईईईईईईईईईईईईईईई आहआहहहहहहहहहहहहहहहहह कर रही थी। कमरा फच फच की आवाज से भर गया था। दोनों पसीने से नहा गये थे लेकिन कोई भी रुकने को तैयार नही था फिर अचानक आँखो के सामने सितारे नाच गये वह भी कराहने लगी और उस की दोनों टांगें मेरे कुल्हों के ऊपर लिपट गयी। नीचे लिंग के मुँह से इतना गरम वीर्य निकला की लगा कि आग ही लग गयी है। फिर गरम पानी की बौछार ने लिंग को नहला दिया।

दोनों पस्त हो कर एक-दूसरे के बगल में लेट गये। कुछ देर बाद मैंने उसे चुमा तो वह बोली कि जरा नीचे देखो कितना पानी निकल रहा है मैंने जब उठ कर उस की योनि को देखा तो वह लाल खुन से सनी हुई थी। मुझें कुछ समझ नही आया तो उसे बताया कि खुन निकला है। मैंने पुछा कि क्या महावारी हो रही है तो उस ने कहा कि नही यह तो कुवाँरापन खत्म हुआ है उस के कारण है। मैंने कहा कि कैसा कुवाँरापन? तो उस ने कहा कि मेरे इतने दर्द से कुछ समझ नही आया तो मैंने कहा कि तुम तो शादी शुदा हो तुम्हे दर्द क्यों हो रहा था तो उस ने उठ कर मेरे होंठ चुमे और कहा कि ये मेरा तुम्हारे लिए तोहफा है जो हर लड़की अपने पति को देना चाहती है।

मैं अब भी असमन्जस में था। मुझें परेशान देख कर वह बोली कि मेरी शादी मैटेरेलाईज ही नही हुई वह लड़का नपुंसक था उस का लिंग कभी योनि के अन्दर गया ही नही। उसे जब इलाज कराने को कहा तो उस ने मेरी पिटाई करनी शुरु कर दी। उस के बाद तो सेक्स एकतरफा हो गया वह मेरे पर लेटता लिंग रगड़ता और स्खलित हो कर हट जाता और क्या बताऊँ। मैं प्यासी कि प्यासी रह जाती थी मैंने अपने मन को तसल्ली दी कि मैंने तुम्हारे साथ धोखा किया था यह इसी कि सजा है। ये नही सोचा था कि मेरा कुवाँरापन तुम ही तोड़ोगे। जो चीज तुम्हारी थी आज तुम को मिल गयी है। मैं बहुत खुश हूँ।

मैंने कहा कि हाईमन इतने सालों तक बचा रहा कमाल है नही तो साईकिल चलाने आदि से भी टुट जाता है। मैंने उस से कहा कि ऊठ कर किसी कपड़ें से साफ कर ले ताकि पता चले कि और खुन तो नही निकल रहा है मैं खुन को देख कर डर गया हूँ। उस ने उठ कर कपड़ा ढुढ़ कर योनि साफ की तो पता चला कि अब खुन नही निकल रहा है। मुझें यह देख कर चैन मिला। उस ने मुझें भी साफ कर दिया। फिर मेरे पास आ कर बैठ गयी। बोली कि हमारी किस्मत में इतनी लम्बी प्रतिक्षा लिखी थी। हम दोनों ने मिलने के लिए कितना लम्बा इन्तजार किया है।

लेकिन इस सफर में कभी थके नही। मैंने उसे बांहो में कस कर कहा कि पीछे का सोचना बन्द कर देते है जो आज है उसे जी लेते है। वह मेरे से लिपट गयी। दोनों काफी देर तक ऐसे ही बैठे रहे कोई अतीत की बात नही करना चाहता था लेकिन दिमाग में अतीत की घटनाऐं फिल्म की तरह दौड़ रही थी। जब दिमाग अतीत से बाहर निकले तो लगा कि अभी तो सेक्स का आनंद लिया ही नही है फिर से करते है। मैंने उस के कान में कहा कि फिर करें तो उस ने कहा कि हाँ। यह कह कर उस ने मेरे निप्पलों पर अपने दांत से काट लिया।

हम दोनों फिर से उस सफर पर चलने के लिए तैयार हो गये जिस पर थोड़ी देर पहले चल कर आये थे। पुरानी प्यास थी एक बार से तो बुझने वाली नही थी, फिर दूबारा से वही सब कुछ दोहराया गया। वासना काम का तुफान फिर से उमड़ा। इस बार कोई दर्द आनंद को कम करने नही आया। संभोग लम्बा चला दोनों के शरीर पसीने से तर-बतर हो गये। सांस फुल गयी लेकिन रफ्तार कम नही हुई। चरम पर पहुँच कर ही दम लिया। मुझें लगा कि इस बार उस ने पुरा मजा लिया है। पुरे बेड का चक्कर लगा लिया हम दोनों ने सारी चद्दर पर दाग लग गये। जब हम रुकें तो बुरी तरह थक चुके थे। बदन टुट रहे थे।

हमारी सुहागरात तो आज ही मनी थी। रात आधी बीत गई थी। जब हम दोनों कुछ बोलने लायक हुऐं तो उस ने कहा कि गरदन पर और होठों पर लगे लवबाईट का क्या जबाव देगी? मेरे कहा कि दो-तीन दिन की छुट्ठी ले ले। मुझें भी ध्यान आया कि मैं भी कल ऑफिस नही जा पाऊँगा। अपनी सैक्रटरी को मैसेज किया कि मेरी आज की सारी अपाईन्टमेन्ट कैन्सल कर दे। मुझें फोन पर लगा देख उस ने पुछा कि अभी भी चैन नही है।

मैंने कहा कि मैडम आप के साथ रहने के लिए छुट्टी ऐप्लाई कर रहा हूँ, मेरी बात सुन कर उस की हँसी निकल गयी। बोली कि तुम से इतनी बाते करनी है कि एक छुट्टी कम पड़ेगी, मैंने कहा कि अब तो सारी जिन्दगी तुम्हारी बातें ही सुननी है सुनाती रहना। उस ने कहा कि कोई जल्दीबाजी तो नही कर रहे हो। मैं बोला कि कुछ नही कर रहा तुम्हारी बातें ही तो सुन रहा हूँ। सारी रात है तुम कहती रहो मैं सुनता रहूँगा।

मैंने उससे कहा कि कोई अपना ट्रेकसुट ही दे दो पहनने के लिए, ऐसे बैठा नही जा रहा है। मेरी बात सुन कर उस ने कहा कि ट्रेकसुट तो नही है लेकिन मेरा शॅर्ट डाल तो, मैंने कहा लाओ उसे ही दे दो। वह जब ले कर आयी तो मैंने कहा कि तुम्हारा साईज मेरे कैसे आयेगा तो वो बोली कि कुछ भी नही बदला है पहन कर देखो, डाला तो सही था। इस पर उस ने कहा कि तुम मेरे सामने बड़े हुऐ हो तुम्हारा हर साईज मुझें पता है। मैं हँस दिया। मैंने कहा कि मुझें तुम्हारा कोई साईज नही पता तो वो बोली कि मैंने पता ही नही चलने दिया।

ऊपर मैंने बनियान पहन ली। प्रिया बोली कि सुबह तुम्हारे लिए अन्डर गारमेन्ट लाने पड़ेगें। मैंने कहा कि गाड़ी में नये पड़ें है कल ही तो खरीदे थे। उस ने भी शॅर्ट डाल लिया था। वह बोली कि तुम्हें ध्यान है जब मैंने पहले-पहल शॅर्ट पहने थे तो तुम कितना गुस्सा हुये थे। मैंने कहा कि हाँ याद है मुझें यह बर्दाश्त नही था कि कोई तुम्हारी जाँघें घुरे। तुम भी तो मेरे टाईट जींस पहनने पर कितना लड़ी थी उस ने कहा कि कोई तुम्हें सैक्सी कहे यह मुझ से बर्दाश्त नही होता था। मैंने कहा कि मुझ जैसे सावंले लड़के को कौन सैक्सी कहता होगा तो उस ने कहा कि तुम्हें पता ही नही था कि कितनी लड़कियाँ तुम पर मरती थी कई ने तो मेरे मुँह पर कहा था कि तुझ सांवली काली लड़की में इस ने क्या देखा है।

मैंने हँस कर कहा कि मुझें तो किसी ने नही कहा नही तो उस पर भी लाईन मार लेते। वह हँस कर बोली कि मेरे पर तो लाईन मार नही पाये थे मैंने ही अपने आप प्रपोज करा था। मैंने कहा कि तुम्हारे सामने मैं कुछ कह ही नही पाता था। तुम जब छोड़ कर चली गयी थी तब भी तुम से बोल नही पाया था, तुम से लड़ना चाहता था पुछना चाहता था कि मेरे में क्या खराबी आ गयी है? लेकिन तुम सामने आती थी तो कुछ मुँह से नही निकलता था। वह हँसी और बोली कि लड़ लेते तो शायद मैं लौट आती। तुम तो मेरी हर बात पर रजांमंद हो जाते थे इस पर भी कुछ बोले नही। मुझे मारते पीटते, लेकिन जाने नही देते लेकिन तुम ने कहा कि तुम्हारी यही इच्छा है तो जाओ।

मैंने कहा कि जिस से प्यार करते है उस कि इच्छा को मान देते है जब तुम ने कहा कि उस से शादी कर रही हूँ तो मैं क्या कहता मेरी दूनिया ही मेरे से कह रही है कि अब मुझें तुम्हारी जरुरत नही रही तो मेरे लिए कुछ कहने करने को बचा ही नही था। मैंने आत्महत्या नही की बस यही बहुत था। नही तो उसी दिन यह किस्सा खत्म हो जाता। इतने सालों तक उस दिन की आग में जलता रहा हूँ इसी वजह से किसी और की तरफ आँख ऊठा कर नही देखा। काम और काम बस.यही जिन्दगी रह गयी थी।

नरक क्या होता है मैंने जीया है दस सालों तक। आज तुम्हारी आवाज सुन कर मन मान ही नही रहा था कि यह तुम हो। तुम तो मेरे लिये मर गयी थी मैंने सोचा था कि अगर किसी दिन सामने भी पड़ गयी तो ऐसे बगल से निकल जाऊँगा कि तुम्हें पहचानता ही नही हूँ। लेकिन मन पर किसी का जोर नही चलता है तुम्हे देख कर दस सालों का गुस्सा हवा हो गया फिर से तुम्हारे सामने कुछ नही कह पाया मैं।

वह चुपचाप सुनती रही और मुझ से सट कर बोली कि जो भी तुम्हारे मन है निकाल दो कल से मुझें तुम एक नये आदमी के रुप में चाहिए जो अतीत की यादों से मुक्त हो चुका हो। मैंने कहा कि हर बार कुछ ऐसा क्यों माँग लेती हो जो मैं दे नही पाता तब गोरा रंग माँग लिया था अब अतीत माँग लिया। मैं कुछ नही दे सकता तुम्हें। मेरे पास तुम्हे देने के लिये कुछ नही है। जवानी तो तुम्हारी याद में बिता दी है अब जो जिन्दगी पड़ी है उस के लिए बताओ क्या करुँ। उस ने मेरे कन्धे पर सर रख कर कहा कि बाकी जिन्दगी मेरे साथ बिताओ।

मैं भई तो इतने सालों से अकेली हूँ अब दोनों मिल कर एक-दूसरें का अकेलापन बाँटेगे। अब मैं तुम्हे छोड़ कर नही जा रही हूँ बड़ी मुश्किल से मिले हो। मैंने कहा कि मुझ से शादी करोगी। तो उस ने कहा कि मैं कितनी देर से यही शब्द सुनने को तरस रही थी। तुम सोच लो कही मेरा अतीत तुम्हारे भविष्य में बाधा न बन जाये। मैंने कहा कि मैं अतीत से नही डरता ना समाज की चिन्ता करता हूँ, सिर्फ तुम्हारा साथ चाहिए तो सब बाधाओं का सामना कर लुगाँ। काफी देर तक हम दोनों में से कोई कुछ नही बोला।

उस ने कहा कि तुम जैसा ठीक समझों करो, मुझें कोई आपत्ति नही है। मैंने पुछा कि पिछली शादी के तलाक के कागज पड़े है तो मुझें दे देना मैं अपने वकीन को दिखा कर पता कर लेता हूँ कि शादी में कोई बाधा तो नही आयेगी। हाँ अगर उस से कोई खर्चा वगैरा मिल रहा हो तो उसे अब नही लेना। मेरी बात सुन कर वो हँसी और बोली कि वो मुझें खर्चा देगा उस ने तो अदालत में तलाक ही इस शर्त पर दिया था कि मैं भविष्य में उस से कोई संबंध नही रखुँगी। फिर भी मैं तलाक के कागज तुम को दे दुँगी।

मैंने पुछा कि कैसी शादी चाहती हो सीधी-सादी या धुम-धाम वाली तो वह बोली कि ज्यादा धुम-धाम तो नही चाहिए लेकिन रीति-रिवाज वाली शादी चाहिए, मुझें बढ़िया कपड़ें लेने है। मैंने कहा कि जो मन में है बता दे वैसी ही शादी की तैयारी करवा देता हूँ। कपड़ें तो दोनों बढ़िया लेगे अब तो किसी चीज की कमी नही है। रिश्तेदार बुलाने है या नही। इस पर उस ने कहा कि सिर्फ माँ को बुलाना है अगर वो आयी तो किसी रिश्तेदार को बुलाने का मन नहीं है, सब ने मेरा बड़ा मजाक बनाया था। तुम तो अपने रिश्तेदारों को बुलाना तो मैंने कहा कि अब कोई बचा ही नही है।

किसी को नही बुलाते यहाँ के करीबी दोस्तों को बुला कर निजी शादी करते है। उस ने हाँ में सर हिलाया। मैंने कहा कि उसे अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी तो उस ने आश्चर्य से पुछा कि क्यो। मैंने कहा कि कम्पनी की पॉलसी है कि अगर दो काम करने वाले आपस में शादी करते है तो एक को कम्पनी छोड़नी पड़ती है। इस पर उस ने कहा कि मैं यह रुल बदलवा दूँगी मालिक से कह कर। मैं जोर से हँस पड़ा और बोला कि मालिक ही तो बोल रहा है कि उसे उस की बीवी का उस की कम्पनी में काम करना पसन्द नही है।

उस ने मेरी तरफ अजीब सी नजरों से देखा और कहा कि यह तो गलत है। मैंने कहा कि मैडम तुम मालकिन बन जायोगी तो नौकरी कैसे करोगी, मेरी बात सुन कर उस की हँसी छुट गयी। बोली कि मुझें तो चिन्ता हो गयी थी। मैं हँसता रहा। उस ने नकली गुस्से में मेरे को मारा और कहा कि अभी से रोब जमाना शुरु कर दिया है। मैंने कहा कि इस की आदत डाल लो बड़े दिनों तक आजाद रही हो अब मेरे अन्डर रहोगी। प्रिया बोली देखते है, मैं अन्डर रहती हूँ या तुम।

मैंने कहा कि कल से तुम मेरे घर पर आ जाना तो उस ने कहा कि तुम्हारे घर अब में शादी के बाद दुल्हन के रुप में ही आऊँगी। अभी नही आऊँगी तो मैंने पुछा कि फिर मैं कैसे मिलुगाँ तो बोली कि जैसे अब मिल रहे हो। मैंने कहा कि मुझें तुम्हारी चिन्ता रहेगी। तुम्हें मैं अकेला तो नही छोडूँगा। उस ने कहा कि वह इतने समय से अकेली रह रही है, मैंने उसे समझाया कि पहले और बात थी अब हालात बदल गये है। उसे इस मकान को छोड़ना पड़ेगा या मुझें उस के लिए सुरक्षा का प्रबन्ध करना पड़ेगा।

प्रिया बोली कि तुम कुछ ज्यादा रियेक्ट नही कर रहे हो। मैंने कहा कि मैडम मेरे जुतों में पैर डाल कर देखो तो तुम्हें मेरी बात समझ आयेगी। हम लोगो के कुछ अज्ञात दुश्मन होते है जिन की चिन्ता करनी पड़ती है। मेरा रात को यहाँ रुकना भी खतरे से खाली नही है। मेरी कार किसी की भी नजर में आ सकती है। वह बोली कि तुम कहाँ तक सोच लेते हो। मैंने कहा कि इस सालों में मैंने यही तो सीखा है।

मैंने उसे समझाया कि हम दोनों कोई और फ्लैट लेते हो जो यहाँ से अलग हो जहाँ पर तुम शादी तक रह सको और मैं भी आराम से आ जा सकुँ या कहो तो कल ही कोर्ट मैरिज कर लेते है तुम मेरे घर ही आ जाओ। उस ने कोर्ट मैरिज के लिए मुँह बनाया। मैं भी उस से राजी था तय हुआ कि वह मेरे एक दूसरे फ्लैट में सुबह शिफ्ट कर जायेगी। बाद में यहाँ से सामान वहाँ पहुँचवा देगें। उस ने कहा कि ज्यादा सामान नही है कुछ कपड़ें और घर के काम का किचन का सामान है। मैंने कहा कि उस फ्लैट में सब कुछ है उसे किसी चीज की जरुरत नही पड़ेगी सुबह सिर्फ कपड़ें बैग में डाल कर चलते है। इस के लिए वह तैयार हो गयी।

हमारी बातों में दिन निकल आया था उस ने अपनी छुट्टी के लिए मैसेज कर दिया। मैंने कहा कि नहाने का इन्तजाम है तो वो मेरा हाथ पकड़ कर बाथरुम में ले गयी। मैंने कहा कि पहले कार से कपड़ें निकाल लाता हूँ उसने कहा कि तुम नहाने जाओ मैं कपड़े लाती हूँ। इस पर मैंने कहा कि चाय तो पीला दो। वह बोली कि तुम खुद ही तो नहाने की जल्दी कर रहे हो। मैंने कहा कि मजाक कर रहा था। वह उठ कर चाय बनाने चली गई।

मैं कुछ सोचने लगा। अभी ऑफिस में कोई नही आया होगा इस लिए किसी को फोन नही कर सकता था। वह चाय ले कर आ गयी दोनों चाय पीने लगे तो वह बोली कि और कुछ पुछना है मुझ से मैंने कहा कि तुम ही बताओ कुछ और है जो बताना जरुरी लग रहा है। उस ने कहा कि कुछ समझ में नही आ रहा है सब कुछ इतनी जल्दी से हो रहा है कि दिमाग काम नही कर रहा है। मैंने कहा कि तुम्हारे पास आज का दिन है आराम से सोच लेना मुझें जो पुछना था मैंने पुछ लिया है तुम्हें कुछ पुछना है तो पुछ लो?

वो बोली कि तुम से क्या पुछुँ, मैंने कहा पुछ सकती हो कि कोई एक्स तो नही है। उस ने हँस कर कहा कि उस का तो पता है मैंने कहा कि इन दस सालों में कुछ ऐसा तो नही किया जिस को छुपा रहे हो। उस ने मुझ से कहा कि ऐसा कहोगे तो मारुँगी। मैंने कहा कि मैं तो ऐसे ही बता रहा था। उस ने कहा कि उसे अपने से ज्यादा मेरे पर विश्वास है इस लिये मुझ से कुछ नही पुछना उसे।

चाय पीने के बाद जब वो नीचे जाने के लिए तैयार हुई तो मैंने कहा कि मैं अभी नही नहा रहा हूँ उस के साथ उस के कपड़ें रखवा देता हूँ फिर एक बार ही चलेगे मैं उसे फ्लैट पर ले चलुँगा। उस ने कहा कि यह बदलाव क्यों किया मैंने कहा कि मेरा नहाना जरुरी नही है। आज में छुट्टी पर हूँ कही जाना नही है अभी फोन कर के फ्लैट की सफाई करवा देता हूँ फिर हम दोनों तुम्हारा सामान ले कर चलते है तुम्हे किसी का उधार वगैराह तो नही चुकाना है तो उस ने ना में सर हिलाया। मैं और वो उस के कमरे में उस के कपड़े बैग में रखने चले आये। उस के पास ज्याद कपड़े नही थे।

एक बड़े सुटकेस में सब आ गये। मैंने इस के बाद अपने स्टाफ को फोन करके फ्लैट को साफ करने के लिए कहा। और कहा कि किचन में सारा सामान भरवा दो। थोड़ी देर में वापस फोन आया कि सर आप एक घन्टे में जा सकते है। मैंने उस से कहा कि वह चलने के लिए तैयार है तो उस ने कहा कि नाश्ता कर के चले। मैंने कहा कि बड़ी भुख लग रही है नाश्ता कर के ही चलते है। उस ने कहा कि भुख तो लगेगी ही रात को इतनी मेहनत जो करी है। मैंने कहा कि अब तो रात की मेहनत करनी ही पड़ेगी मेरी बात सुन कर वो शरमा कर चली गयी।

नाश्ता करने में काफी समय लग गया, सुटकेस ले कर उस के फ्लैट को ताला लगा कि जब दोनों निकलें तो दस बज चुके थे। मैंने सुटकेस कार कि डिक्की में रखा और उस को बिठाया। मैं रास्ते में एक ज्वैलर की दूकान पर रुका तो उस ने पुछा कि क्या काम है तो मैंने कहा की जरुरी काम है उस को लेकर दुकान में गया और सैल्सगर्ल से कहा कि मैडम की रिंग फिगर के लिए अगुंठी दिखाये। उस ने कई अगुंठियाँ निकाल कर दिखाई मैंने उस से कहा कि उसे कौन सी पसन्द आ रही है तो उस ने कहा कि जो तुम पसन्द करो वही सही है मैंने एक अच्छी भारी सोने की अगुंठी पसन्द की। अगुंठी को पैक करवा कर हम दुकान से निकल आये।

रास्ते में उस ने पुछा कि इस की क्या जरुरत पड़ गयी मैंने कहा कि देखती जायो। रास्ते में पड़े हलवाई से मिठाई खरीद कर कार में रख दी। थोडी देर बाद ही अपने फ्लैट पर पहुँच गये उसे नीचे कार में छोड़ कर मैं ऊपर गया और फ्लैट खोल कर देखा कि कोई और तो नही है। काम करने वाले जा चुके थे। किचन सामान से भरा हुआ था। मैं नीचे कार में आया और उस को साथ ले कर कार की चाभी गार्ड को देकर कहा कि डिक्की में से सामान निकाल कर ऊपर ले आये। यहाँ सब लोग मुझें जानते है। वह चुपचाप मेरे साथ चलती रही। फ्लैट पर आ कर मैंने चाभी से फ्लैट खोला और उस को लेकर अन्दर आ गया।

वह अन्दर आ कर भौच्चकी सी हो गई थी, बोली कि यह कितना बड़ा है तो मैंने कहा कि तुम्हारा घर तो इस से भी बड़ा है। उस ने पुछा कि जब घर है तो यह क्यों लिया है, मैंने कहा कि इसे गेस्ट के लिए रखा हुआ है। अब यह तुम्हारा है। किचन उस को दिखाया और बताया कि सारा सामान भरवा दिया है उसे किसी बात की परेशानी नही होगी। कल से उस के पास एक पर्सनल असिस्टेन्ड आ जायेगी जो उस की सहायता करेगी। वो बोली कि इतने ताम-झाम की क्या जरुरत है मैंने कहा कि जरुरत है उसे शादी की तैयारी में सारे दिन घर से बाहर रहना पड़ेगा तो वह उस की हैल्प करेगी।

इस के बाद मैंने अपनी जेब से अगुंठी निकाल कर उस से उस का हाथ माँगा और उस को अगुंठी पहना दी मैंने कहा कि तुम आज से फॉरमली मेरी मगेतर हो गयी हो। उस की आँखो में आँसु आ गये। मैंने उस की आँखों को चुम कर कहा कि रोओ मत तो उस ने कहा कि ये खुशी के आँसु है। मैंने उसे एक लम्बा चुम्बन दिया वो मेरे गले में बांहे डाल कर लटक गयी। बोली तुम कब से इतने रोमान्टिक हो गये हो। मैंने कहा कि मैं तो पहले से ही था उस ने कभी देखा ही नही। मैंने कहा कि भई पहले जेब से कड़के होते थे इस लिए अरमान मार लेते थे। अब क्यों अरमान मारे।