मेरी विधवा मां की चुत चुदाई

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एक बार रात को मैंने घर आया तो मैंने अपनी विधवा माँ को फूफा..
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मेरी विधवा मां का नाम अर्चना है.

जब मां की उम्र 28 साल थी और मैं ** वर्ष का था, तभी मेरे पापा की मृत्यु हो गयी थी.

मेरी मां ने दूसरी शादी नहीं की और पापा की जगह मां को नौकरी मिल गई.

उनकी नौकरी सरकारी दफ्तर में बाबू की लग गयी थी क्योंकि पापा सरकारी नौकरी में थे.

उसके बाद यह कहानी मई, 2019 की है. उस समय मेरी उम्र 19 वर्ष और मां की उम्र 45 वर्ष हो गई थी.

उस दिन मैं सरकारी नौकरी का अपना पेपर देने मुरादाबाद गया हुआ था औऱ वापिस 12 बजे वाली गाड़ी से आ रहा था.

मेरी मां को ये मालूम था कि मैं कल आऊंगा जबकि मैं उसी रात 12 बजे स्टेशन पर उतरकर रिक्शा से घर पहुंच गया.

मेरे पास घर के गेट की एक चाबी रहती है इसलिए मैंने सोचा कि मां को क्या उठाऊं, खुद ही गेट खोल लेता हूं.

मैंने घर के दरवाजे पर पहुंचकर चाबी से गेट खोला और ये सोचकर धीरे से घर में दाखिल हुआ कि कहीं मां की नींद खराब न हो जाए.

जैसे ही मैं हाल में पहुंचा तो देखा कि मां के रूम की लाइट जल रही थी.

कमरे का दरवाजा खुला था औऱ कमरे से मां के कराहने औऱ उनकी सिसकारियों की दबी दबी आवाज़ आ रही थी.

मैं मां के रूम की ओऱ बढ़ा, तो नजारा देखकर मेरे होश उड़ गए.

मां बेड पर बिल्कुल नंगी पड़ी थीं और मेरे फूफा, जिनका नाम संजीव है, वो बेड के नीचे पंजों पर बैठकर मां की चूत चाट रहे थे.

साथ ही वो अपने एक हाथ से मां की एक चूची दबा रहे थे.

यह सीन देख कर मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था.

मैं सनाका खा गया था और एकटक उन दोनों को देखे जा रहा था.

कुछ ही पल बाद मुझे मेरी मां एक मस्त माल दिखने लगी थीं.

मैंने आज तक अपनी मम्मी को नंगी नहीं देखा था और जब आज उन्हें यूं नंगी देखा, तो वो मुझे किसी मादक माल जैसी लगीं.

मैं गेट के किनारे चुपके से सब देख रहा था कि देखूं आगे क्या होगा.

साथ ही मैं सोचने लगा कि मेरी मां कितनी बड़ी रंडी हैं, जो अपने ननदोई से चुद रही हैं.

तभी फूफा खड़े हो गए औऱ उन्होंने मां को इशारा किया.

मां बेड से तुरंत खड़ी होकर फूफा के सामने घुटनों पर बैठ गईं.

फूफा मां की ओर घूमे, तो मुझे फूफा का लंड दिखा, जो तकरीबन 3.5 इंच का था.

मां ने उनका लंड पकड़ा औऱ चूसने लगीं.

कुछ मिनट लंड चुसाई के बाद फूफा का लंड 6 इंच का हो गया था.

मां बोलीं- संजीव, अब तुम जल्दी से मेरी चुदाई कर दो, यदि तुम मेरी जिंदगी में न आते तो न जाने मेरा क्या होता.

फूफा जी बोले- खड़ी हो जा मेरी जान, ये मेरा लंड तेरे लिए और तेरी ननद के लिए ही है.

तो मां बोली- हां संजीव, अब मेरी चूत पूरी गर्म हो गई है, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. आज तुम मेरी ताबड़तोड़ चुदाई कर दो.

मां उठकर बेड के किनारे टांगें मोड़कर लेट गईं औऱ अपनी गोरी व मोटी चूचियों को मसलने लगीं.

फूफा जी अपने लंड को हाथ से आगे पीछे करते हुए बिस्तर पर आ गए.

वो मां की टांगों के बीच आकर लंड मां की चूत पर रगड़ने लगे.

तभी मुझे न जाने क्या हुआ, मैं ग़ुस्से से चिल्ला कर फूफा की ओऱ बढ़ा- साले कुत्ते, तुझे शर्म नहीं आती मादरचोद!

मैंने आगे जाकर फूफा का गला पकड़ लिया.

अचानक मुझे देखकर दोनों घबरा गए; दोनों के चेहरे सफेद पड़ गए थे.

मां घबराकर बोलीं- मयंक बेटा, तू यहां कैसे?

वो बेडशीट से अपने नंगे बदन को ढककर मेरे आगे हाथ जोड़कर रोती हुई बोलीं- मयंक बेटा, मुझे माफ कर दो, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है, बेटा मुझे माफ कर दो.

मेरी मां ज़ोर ज़ोर से रोने लगीं.

उधर मेरा फूफा अपने कपड़े उठा कर भाग गया.

मुझे मां पर भी बहुत गुस्सा आ रहा था.

मैं गुस्से में छत पर चला गया औऱ मां का नंगा बदन और चिकनी चूत मेरी नजरों में घूमने लगी.

मैंने एक सिगरेट जला ली और धुंआ उड़ाते हुए मां के बारे में सोचने लगा.

उनका नंगा बदन सोचकर मेरा लंड खड़ा हो गया था.

मैं सोचने लगा कि पापा की मृत्यु के बाद मां को लंड की चाहत ने ये करने पर मजबूर किया है, क्यों न मां की प्यास घर के अन्दर मैं ही बुझा दूँ, इससे मां को बाहर मुँह मारने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

कुछ देर तक मैं मां को चोदने की बात सोचता रहा. मुझे उनका मादक जिस्म बार बार कामुक कर रहा था.

मां की प्यास को लेकर मेरे मन में उन्हें चोदने का ख्याल पक्का हो गया था.

मैंने सोच लिया था कि भले ही मेरा उनका मां बेटे का रिश्ता है मगर लंड चुत में सिर्फ एक ही रिश्ता होता है और वो रिश्ता चुदाई का होता है.

मां को चोदने की ख्वाहिश लेकर मैं अपने कमरे में आ गया औऱ अल्मारी से शराब की बोतल निकालकर बैठ गया.

मैंने जल्दी जल्दी 4 पैग लगा लिए. इससे मुझे ख़ासा नशा हो गया औऱ मेरी आंखों में मां का नंगा बदन औऱ चिकनी चूत घूमने लगी.

अब मैं वासना से पागल हुआ जा रहा था.

उधर कमरे में अकेली मां थी.

तभी मेरे रूम में किसी के आने की आहट हुई, मैंने नजर उठाकर देखा तो सामने मां खड़ी थीं.

उन्हें देखकर मैंने मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया.

मां- मयंक बेटा, मुझसे बड़ी भूल हो गई है, मुझको माफ कर दे.

मैं कुछ नहीं बोला.

मां- तू कुछ तो बोल बेटा, मुझे जान से मार दे.

मैं पलटा औऱ बोला- मां, तुमने मुझे धोखा दिया है. न जाने फूफा से कब से चुद रही हो. तुम्हें उनसे चुदने में शर्म नहीं आई? मैं क्या मर गया था!

मेरी बात सुनकर मेरी मां ने मेरी तरफ देखा और सर झुका लिया.

एक पल रुक कर मैं फिर से बोला.

मैं- मैं बुआ औऱ दादी को तुम्हारी करतूत बताऊंगा.

मां दबी हुई आवाज में बोलीं- मयंक तुझे जो चाहिए, मैं दूंगी, लेकिन बेटा ये बात किसी को मत बताना. मैं बदनाम हो जाऊंगी. तुझे मेरी कसम है.

मेरी नजरों में वासना थी औऱ मैंने शराब भी पी रखी थी.

मां की इस बात को सुनकर मैं सोचने लगा कि मां के कहने का अर्थ क्या है कि क्या वो उनकी फूफा जी के साथ हो रही घटना को न बताने के लिए कह रही हैं ... या मेरे साथ लेटने की बात को न बताने की बात कह रही हैं.

मैं कुछ सोच कर बोला- मां, तुझे इस गलती की कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी.

मां सोचती हुई बोलीं- क़ीमत ... कैसी कीमत बेटा?

इस समय मां मेरे सामने मेरे पलंग पर बैठी थीं.

मैं बोला- मां, एक शर्त पर मैं तुम्हारी बात को अपने तक सीमित रख सकता हूं.

मां- कैसी शर्त बेटा?

मैंने तुरन्त अपना बरमुडा नीचे करके अपना मोटा लम्बा लंड मां की आंखों के सामने कर दिया.

मां मेरा लंड देखने लगीं.

हालांकि उस वक्त मेरा लंड पूरा टाईट नहीं था मगर तब भी वो वासना के कारण तना हुआ था.

मां- ये क्या बदतमीजी है मयंक, तुझे शर्म नहीं आती अपनी मां के सामने ऐसा करते हुए ... छी:!

मैंने मां से कहा- अब तुम बड़ी सती सावित्री बन रही हो, फूफा का लंड बड़े मजे से चूस रही थी. अब जब घर में ही लंड सामने है, तो नखरे दिखा रही हो?

मां मेरे लंड को लगातार देखती हुई बोलीं- वो तेरे फूफा थे, लेकिन तू मेरा बेटा है. मां बेटे के बीच में ये सब नहीं हो सकता. तुझे पाप लगेगा.

मैं लंड हिलाते हुए बोला- मां, मैं जानता हूँ कि तुम भी प्यासी हो, आओ मेरा लंड चूसो.

मां ललचाई नजरों से मेरे मोटे लंड को देखती हुई बोलीं- नहीं मयंक, ये गलत है ... मुझसे नहीं हो सकता है. तू मेरी बात मान जा बेटा.

मैं उनकी तरफ बढ़ा और लंड उनके मुँह के पास करते हुए बोला- मां, जब चूत भूखी हो, तब चूत को सिर्फ लंड की चाहत होती है. आपकी चुत को लंड चाहिए. मेरा लंड आपके सामने हाजिर है. ले लो इसे मुँह में ... और अपनी प्यास बुझा लो.

मैंने मां को अपने नजदीक किया और अपने हाथों से उनका चेहरा पकड़ लिया.

मां कुछ नहीं बोलीं और मेरे हाथ के जरा से दबाव से मेरे करीब हो गईं.

मैं उनके होंठ चूसने लगा.

फिर अचानक मां मुझे पीछे ढकेलती हुई बोलीं- ना बेटा ... मुझे दूर हो जा प्लीज़!

मैं उनके होंठ चूमने की कोशिश करता रहा.

वो कंपकंपाती हुई बोलीं- ये कभी नहीं हो सकता बेटा. मेरी प्यास को मैं तुझसे कैसे बुझवा सकती हूँ.

ये कहते हुए मां अपनी प्यासी आंखों से लंड देखने लगीं.

मैं अपने लंड को हिलाने लगा औऱ बोला- मम्मी, तुम अपना जीवन नष्ट कर लोगी और अपनी प्यास को किसी भी ऐरे-गैरे से बुझवा कर अपने लिए खतरा लेती रहोगी.

मां मेरे सीने से चिपक गईं और मुझे चूमती हुई बोलीं- ठीक है, जैसा तू चाहे. बस तू मुझे ठंडा कर दे.

मैं- हां कर दूंगा, चलो पहले मेरा लंड चूसो मेरी प्यारी मम्मी.

मां- हां मैं तेरे लंड की चुसाई भी करूंगी और तुम्हें अपनी जवानी से खुश भी कर दूंगी.

उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और मुँह में लंड लेकर चूसने लगीं.

आह ... मैं बता नहीं सकता कि मेरा लंड मम्मी के मुंह में जाने से मुझे कितना ज्यादा सुख मिल रहा था. मैं पागल हो गया औऱ मम्मी के बालों में हाथ घुमाने लगा.

लेकिन मम्मी मेरे मोटे लंड को सिर्फ़ तीन इंच तक ही चूस पा रही थीं.

मैं- मम्मी, पूरा लंड अन्दर तक लेकर चूसो न ... आह बहुत मजा आ रहा है.

मां- मैंने अपनी लाइफ में इतना बड़ा लंड नहीं देखा है. मुझसे अब और अन्दर तक नहीं होगा.

ये कह कर वो उठ खड़ी हुईं.

मैंने मम्मी को कसके पकड़ा और उनके होंठ चूसने लगा.

मम्मी भी रिस्पांस दे रही थीं. उनके मुँह की गर्मी मेरे लंड की आग भड़का रही थी.

फिर मैंने मम्मी की टी-शर्ट फाड़ कर उतारनी चाही तो मम्मी मुझे रोकती हुई बोलीं- नहीं मयंक ऐसे मत कर, प्यार से उतार ले न!

मैं मम्मी के होंठ चूसता हुआ बोला- मम्मी मत रोको, आज मुझे अपने मन की कर लेने दो.

मैंने मम्मी की टी-शर्ट को फाड़ कर उतारा और उनको ऊपर से नंगी कर दिया.

मेरे सामने मम्मी एक काले रंग की कसी हुई ब्रा में थीं.

ओह माय गॉड, क्या बूब्स थे मम्मी के, बिल्कुल सफेद, गोरे और चिकने.

मैं पागल सा हो गया.

मैंने तुरंत मम्मी को अपनी बांहों में भरा और हाथ पीछे ले जाकर उनकी काले रंग की ब्रा के हुक खोल दिए.

मम्मी की चूचियां उछल कर बाहर आ गईं. मम्मी ने अपने हाथों से अपनी दोनों चूचियां ढक लीं और मेरी तरफ वासना से देखने लगीं.

मैं- क्या मम्मी इतनी खूबसूरत चूचियों को क्यों ढक रही हो.

मैंने मम्मी का हाथ हटाया और एक चूची का निप्पल मुँह में भर लिया.

मैं बड़ी दीवानगी से मुंह में दूध भरकर चूसने लगा.

मम्मी की चूचियां बिल्कुल कमसिन लड़की जैसी थीं.

वो भी मेरे सर पर हाथ फेर कर मुझे अपनी चूचियां पिला रही थीं.

मैं उनकी दोनों चूचियों को दस मिनट तक पागलों की तरह चूसता रहा औऱ मम्मी मेरे सर पर हाथ फेरती हुई दूसरे हाथ से अपनी चूत को लोवर के ऊपर से मसलने लगी थीं.

वो कामुक सिसकारी भी भरने लगी थीं.

मम्मी- ओह ... मयंक मैं मर जाऊंगी, क्या कर दिया तूने आह ... आह.

मैंने मौके की नजाकत देखते हुए मम्मी के लोअर की इलास्टिक पकड़ कर नीचे खींच दिया.

मम्मी ने हल्का सा विरोध दिखाने के लिए लोअर को पकड़ने की नाकाम से कोशिश की, लेकिन मेरे इरादे के सामने वो फेल हो गईं.

कुछ ही सेकंड में लोअर मम्मी की टांगों से बाहर हो गया.

मम्मी की फूली हुई चूत लाल पैंटी में छिपी थी.

मैंने अपना मुँह पैंटी के ऊपर रखकर चूत को चाटने की शुरूआत कर दी.

मम्मी की चूत मखमली और गद्देदार थी. उनकी पैंटी से मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी.

मैंने अपनी उंगली पैंटी की इलास्टिक में फंसाकर पैंटी नीचे खींचना चाही लेकिन मम्मी मदहोशी में बोलीं- बेटा एक बार फिर से सोच ले कि तू अपनी मां की चुदाई करने जा रहा है. अभी भी समय है मान जा. बाद में मत पछताना कि तूने मेरे साथ ऐसा किया है.

मैंने कहा- अब हम दोनों इतने आगे आ गए हैं मां, अब तुम ऐसा क्यों कह रही हो?

मां ने कहा- क्योंकि तूने शराब पी हुई है.

मैंने कहा- शराब से ज्यादा नशा तो मुझे इन मदमस्त चूचियों का चढ़ गया है. तुमको भी नशा करना हो मां, तो मैं तुम्हें भी शराब पिला सकता हूँ.

मां ने मेरे लंड को हिलाते हुए कहा- मुझे अभी उसकी जरूरत नहीं है. अभी इसी को पीकर मुझे मजा आ रहा है.

मां की बात सुनकर मैंने जोर लगाकर पैंटी जांघों से नीचे कर दी.

वाह ... क्या मखमली औऱ खुशबूदार चूत थी. मैं चूत देखकर उस पर टूट पड़ा.

दोनों हाथों से मम्मी के चूतड़ कसके पकड़ लिए जो कि मलाई जैसे थे.

मैं अपनी जीभ चूत की फांकों के बीच गहराई तक घुमाने लगा.

मम्मी- आह मयंक ... क्या कर दिया तूने ... आह मैं मर ना जाऊं आज ... अह ... उई मां.

मां की चूत गोरे रंग की और खुशबूदार थी. मैं जीभ चूत की गहराई तक घुमाने लगा.

मम्मी अपनी चूचियों को मसलती हुई बार बार चूत को मेरी ओर धकेल रही थीं.

मैंने एक उंगली से चूत को चोदना शुरू कर दिया औऱ साथ साथ चूत की फांकों को होंठों में दबाकर चूसता रहा.

लगभग दस मिनट की फ़िंगरिंग और चूत चटाई के बाद एकाएक मम्मी का शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने मेरा सिर अपनी चूत पर तेजी से दबा लिया.

मां- आह मैं गई ... अहा.

मम्मी तेजी से झड़ गईं.

मैंने चूत का सारा पानी पी लिया.

मम्मी की सांसें बहुत तेज चल रही थीं- हाय मैं तो गई आह रब्बा.

मैं उनकी चूत को लगातार चूसता रहा.

मम्मी ने अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया.

मैंने मम्मी के हाथ उनके चेहरे से हटाकर मम्मी को पलंग से उठाया और कंधे पकड़कर अपने सामने नीच घुटनों पर बैठा लिया.

इस समय मेरा लंड पूरे उफान पर था.

मां ने सिहरते हुए मुँह खोला तो मैंने तुरन्त लंड मुँह में पेल दिया.

मम्मी मेरा लंड चूसने लगीं.

कुछ मिनट की लंड चुसाई के बाद मेरा लंड फूलने लगा और लोहे जैसा हो गया.

मम्मी के मुंह में लंड अब जा नहीं पा रहा था. मम्मी पीछे हटने लगीं.

तो मैंने जोश में कहा- अपना पानी तो निकाल लिया है अब मेरा लंड चूसकर मेरा भी पानी निकाल दो.

मम्मी- मयंक बेटा, मुझे माफ़ कर दे, तेरा लंड चूसना मेरे बस की बात नहीं है ... ये बहुत बड़ा है. मेरे क्या किसी औरत या लड़क़ी के बस में नहीं है.

मैं फिर से उनके होंठों को चूसने लगा.

मम्मी भी फुल रिस्पांस देने लगी थीं.

मेरे हाथ इस समय मम्मी के दोनों चूतड़ मसल रहे थे. बड़े मुलायम चूतड़ थे.

मेरा गधे जैसा लंड मम्मी की मांसल चूत से रगड़ खा रहा था.

अचानक मम्मी ने मेरा लौड़ा पकड़ लिया औऱ उसकी खाल हटा कर सुपारे को तेजी से आगे पीछे करने लगीं.

मेरा लौड़ा फटने को हो रहा था.

मैंने एकदम से मम्मी को बेड पर गिरा दिया औऱ अपने लंबे मोटे लौड़े को मम्मी की गर्म चूत पर रगड़ने लगा.

मोटे लंड से चुदने के डर से मम्मी तुरंत पीछे को सरक गईं औऱ घुटने मोड़कर दीवार के सहारे बैठकर कहने लगीं- नहीं नहीं, ये नहीं हो सकता है. मां बेटे के बीच ये सब नहीं हो सकता है. ये पाप होगा. ये गलत है मयंक, तू पगला गया है, जो अपनी सगी मां के साथ ऐसा करने की सोच रहा है. भगवान कभी ऐसे बेटे को माफ़ नहीं करेगा.

मुझे चिड़िया जाल से निकलते दिखने लगी- ये कुछ नया नहीं है, मेरे कई दोस्त अपनी मां औऱ बहन को चोदते हैं. इसमें हर्ज़ क्या है. मुझे तुम्हारी चुदाई करनी है, तो बस करनी है.

मम्मी कहने लगीं- बेटा अब भी वक्त है, मुझे छोड़ दे, मैं अपने बेटे के साथ सेक्स कैसे कर सकती हूं.

मैं मम्मी के सामने खड़ा अपना मूसल समान लंड को हिला रहा था.

बचने की उम्मीद ना देखते हुए मम्मी बोलीं- तू चाहे तो अपना लंड चूत के ऊपर रगड़ कर अपना काम निपटा सकता है. लेकिन इस बात की गारंटी दे कि अन्दर नहीं डालेगा.

मैंने मना किया- अन्दर क्यों नहीं, क्या दिक्कत है?

मां- एक तो हम दोनों मां बेटा हैं, दूसरे औरत की चूत की गहराई इतनी ज्यादा नहीं होती है कि इस तरह का लंड अन्दर तक ले सके. तुम्हारा लंड मेरी बच्चेदानी को फाड़कर मेरी अंतड़ियां बाहर निकाल देगा. ये किसी भी लड़की की हालत खराब कर देगा. क्या तू मुझे मारना चाहता है?

मैं- क्यों फालतू की बकचोदी कर रही हो मम्मी. यदि ऐसा होता तो अफ्रीका के बड़े बड़े लंड वाले क्या हाथ से हिला कर औलादे पैदा करते हैं. उनके लंड तो गधे के लंड के जैसे होते हैं.

मम्मी मेरे सामने हाथ जोड़कर बोलीं- तू अपने मन की करके ही रहेगा. तू आज अपनी मां की चूत फाड़ना चाहता है, तो बेशक फाड़ दे.

मैंने लंड मम्मी की चूत की फांकों के बीच फंसा दिया, लेकिन मम्मी ने अपना शरीर टाइट किया हुआ था, जिससे लंड सैट नहीं हो रहा था.

मैंने जांघों को सख्ती से फैलाया और लंड का टॉप चूत में घुसेड़ दिया.

मम्मी- आह मर गयी ... बहुत मोटा है ... निकाल ले बाहर मयंक.

मैं क़मर हिलाकर मम्मी की चूत चोदने लगा.

अभी मैं सिर्फ़ 4 इंच लंड से चोद रहा था.

मैंने दस मिनट चोदने के बाद लंड को ज्यादा घुसाने की कोशिश की तो मम्मी ने अपने हाथ मेरे पेट पर अड़ा दिए ताकि मैं ज़्यादा ना घुसा सकूं.

मम्मी बोलीं- मैं इससे ज्यादा सह नहीं पाऊंगी.

मैंने कहा- ठीक है, चिंता मत करो.

तब मैंने मम्मी को बेड पर ऊपर को सरकाया और उनके ऊपर पोजीशन बना ली.

मैंने अपने हाथ मम्मी की चूचियों के बगल में बेड पर टिकाए और पैर बेड के किनारे रखकर पंजों व हाथों पर बॉडी का बैलेंस बना लिया, फिर कूल्हे हिलाकर चूत के मुंह पर लंड सैट करके एक धक्का दे दिया.

मेरा लंड चूत को चीरता हुआ 5 इंच अन्दर सरक गया.

मम्मी- आह ह ... मर गई आज तो मैं!

मैंने अपना मुँह मम्मी के होंठों पर जमा दिया और उनकी चीख को बंद करके अपनी चुदाई की तरफ ध्यान दिया.

मैं धकापेल चोदने लगा.

इस पोजीशन में करीब दस मिनट चोदने के बाद मेरा मन पूरा लंड अन्दर ड़ालने को हो रहा था लेकिन मम्मी ने अपने दोनों हाथ मेरे पेट पर कसके अड़ा रखे थे.

तभी अचानक मम्मी हिलीं और मेरे शरीर का बैलंस बिगड़ गया. मेरा पूरा भार मम्मी के ऊपर आने से जो लंड चूत से बाहर था, सीधे चूत को फाड़ता हुआ अन्दर सरक गया.

मम्मी छटपटाने लगीं, उनकी आंखें बाहर आ गईं और मुँह खुल गया.

उनके मुँह से आवाज नहीं निकल रही थी. पूरा लंड घुस जाने से मुझे बड़ा सुकून मिला.

मैंने आव देखा ना ताव और मम्मी की चूत फाड़ने लगा; मैंने ताबड़तोड़ धक्के लगाने स्टार्ट कर दिए.

मम्मी मेरा लंड झेल नहीं पा रही थीं औऱ उनकी आंखें फ़ैल गई थीं.

मैं चोदने में मस्त था, तभी मैंने मम्मी के होंठ चूसना चाहे, तो मुझे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.

मैंने गौर से देखा तो मम्मी बेहोश हो चुकी थीं.

मैं रुक गया औऱ लंड की ओर देखा. मेरा पूरा लंड चूत के अन्दर था औऱ मम्मी की चूत लंड के चारों और टाइट चिपकी हुई थी. देखने से लग रहा था कि चूत फट जाएगी.

मैंने लंड बाहर खींचा तो पाया कि लंड खून से भीगा हुआ था.

मैं सोच में पड़ गया कि 45 साल की औरत की चूत से खून कैसे आया.

शायद मेरे लंड से चूत जख्मी हो चुकी थी.

मैंने सोचा कि कुछ भी हो जाए, आज इस चूत को फाड़ कर ही रहूँगा. मैंने पास रखे जग से पानी लेकर मम्मी के मुंह पर डाला.

मम्मी होश में आ गईं औऱ कराहने लगीं- मयंक मत कर बेटा, मेरी जान निकल जाएगी आज, तेरा ये बहुत बड़ा और मोटा है.

मैं- मम्मी मेरे लंड ने आपकी चूत में अब जगह बना ली है, अब आपको बाहर लंड नहीं ढूंढना पड़ेगा.

मैंने फिर से लंड चूत की फांकों में फंसा दिया और मम्मी की गोरी गोरी चूचियां चूसने लगा.

मम्मी को कराहना बंद नहीं हो रहा था.

बिना परवाह किए मैंने एक ही झटके में अपना समूचा लंड मम्मी की चूत में उतार दिया.

मेरा लंड बहुत टाइट जा रहा गया था.

इससे ये तो क्लियर हो गया था कि मम्मी ने ज्यादा सेक्स नहीं किया था.

मम्मी फिर से छटपटाने लगीं.

लेकिन मैं अब कहां रूकने वाला था ... मैंने ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.

प्रति मिनट 40-50 धक्के चूत पर लग रहे थे. पूरे कमरे में मम्मी की चीखें गूंज रही थीं.

काफी देर तक चोदने के बाद मैंने लंड बाहर निकाला औऱ उछल कर मम्मी की छाती पर दोनों तरफ़ टांग करके बैठ गया.

मैं लंड मम्मी के होंठों पर लगाने लगा.

मम्मी आधी बेहोशी में थीं, लंड देखकर हाथ जोड़ती हुई बोलीं- इसमें खून कहां से लगा?

मैं बोला कि ये हमारी सुहागरात की निशानी है.

ये कहकर मैंने लंड मुँह में घुसा दिया.

मम्मी गों गों करने लगीं.

मैं उनका मुँह चोदने लगा.

तभी मम्मी ने पूरी ताकत से मुझे पीछे धकेल दिया.

मैं मम्मी की टांगों के बीच आ गया औऱ लंड पकड़कर चूत पर लगाने लगा.

लेकिन मम्मी औऱ चुदने को तैयार नहीं थीं, वो बोली- मयंक काफी देर से मुझे चोद रहा है, अब बस कर. देख तूने चूत का क्या हाल कर दिया है, खून भी बह रहा है. मुझसे अब और नहीं होगा.

मैंने ग़ुस्से से कहा- लंड तो औरतों की चूत का गहना होता है. बिना लंड के चूत मुरझा जाती है. आज तो तुम्हें मेरे लंड को ठंडा करना ही पड़ेगा. चलो सीधी हो जाओ.

मम्मी लड़खड़ाती हुई बेड से खड़ी हो गईं और मेरे विकराल लंड को देखते हुए बोलीं- ये घोड़े का लंड है, कोई औरत नहीं ले पाएगी. किसी भी मर्द का लंड 6 इंच से बड़ा नहीं होता, तेरा न जाने कहां से इतना बड़ा हो गया?

मैंने हंस कर कहा- पापा की गैरमौजूदगी में किसी अफ्रीकन से चुदवा लिया होगा आपने. अब बकवास मत करो औऱ जल्दी से मेरा लंड ठंडा करो.

मम्मी कुछ नहीं बोलीं.

मैंने तुरन्त मम्मी को पीछे बेड पर धकेला और जैसे ही वो बेड पर गिरीं, मैंने उनकी दोनों जांघों के नीचे से हाथ निकालकर उनके चूतड़ों पर ग्रिप बना ली. उन्हें हवा में गोद में उठा लिया.

मम्मी सकपका गईं और बोलीं- अब क्या करना चाहते हो?

मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को चूत की दिशा दी औऱ मम्मी को थोड़ा नीचे आने दिया. मेरा लंड मम्मी की चूत में फंस गया.

अब मैंने मम्मी को ऐसे ही ड्रेसिंग टेबिल के सामने लेकर खड़ा हो गया औऱ मम्मी के कूल्हे सख्ती से पकड़कर अपने लंड पर उछाल उछाल कर उन्हें चोदने लगा.

ठपा ठप ठपा ठप लंड चूत के अन्दर बाहर बोरिंग कर रहा था और चूत से रस निकल कर फर्श पर टपक रहा था.

मम्मी चिल्लाये जा रही थीं लेकिन मुझ पर कोई असर नहीं हो रहा था.

मैं चोदने में मस्त था.

मम्मी ने दोनों बांहें मेरी गर्दन में लपेट रखी थीं और वो मेरे बड़े लंड से चुदने का मजा ले रही थीं.

मैंने हवा में मम्मी को घर के हर कोने में ले जाकर चोदा.

अंत में मैं उन्हें गेट के पास लेकर पहुंचा.

मम्मी बोलीं- क्यों मुझे बदनाम करने में लगा है ... थका नहीं तू ... मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं.

मैंने गेट के पास मम्मी को दस मिनट इसी पोजीशन में जबरदस्त तरीके से चोदना जारी रखा.

फ़िर मम्मी को नीचे उतारा औऱ खींच कर हॉल में ले गया.

मम्मी को डाइनिंग टेबल पर झुका दिया ओर पीछे से चूत में लंड एक ही धक्के में सरका दिया.

मम्मी की तेज चीख़ निकल गई.

मैं मम्मी के बाल पकड़कर खतरनाक तरीके से चोदने लगा.

अचानक मेरी नसें गर्म होने लगीं, जिससे मम्मी तुरन्त भांप गईं कि मेरा निकलने वाला है.

मम्मी बोलीं- मयंक बाहर झाड़ियो, अन्दर नहीं, यदि एक बूंद भी अन्दर गिरी तो मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी. जल्दी निकाल बाहर.

लेकिन मैंने धक्के औऱ तेज कर दिए. मैं लंबे लंबे धक्के लगाने लगा.

मम्मी चिल्ला रही थीं.

डॉगी स्टायल में चोदते हुए मैंने जड़ तक लंड चूत में घुसा दिया और पचर फ़चर चूत में झड़ने लगा.

'आह आह मम्मी मेरा हो गया!' ये बोलते हुए मम्मी की पीठ पर ढेर गया.

मैं हांफ रहा था औऱ मम्मी लंड बाहर निकलने की कोशिश कर रही थीं.

कुछ मिनट बाद मैंने लंड चूत से बाहर निकाला, तो देखा कि मम्मी की चूत से वीर्य और खून का मिक्स टपक रहा था.

मम्मी ऐसे ही पड़ी अपनी सांसें नियंत्रित करती रहीं.

मैंने मम्मी का नंगा शरीर गोद में उठाया औऱ बेड पर ले गया.

मैं उन्हें लिटा कर उनके बराबर में लेट गया.

मम्मी लगातार कराह रही थीं और मुझे चूम रही थीं.

फिर न जाने कब मेरी आंख लगी और मैं सो गया. मम्मी भी मेरे साथ नंगी चिपक कर सो गई थीं.

आगे क्या हुआ दोस्तो, वो अगली स्टोरी में बताऊंगा.

odinchacha
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