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VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन
CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)
PART 3
कितना, कितनी बार
रोजी मेरे पास आयी और बोली कुमार ऐश्वर्या भाभी आपसे और दुल्हन से मिलना चाहती है तो मैंने कहा उन्हें बुलाओ और मैंने कपडे पहने ही थे की भाभी आ गयी और बोली हम जा रहे हैं मैंने उन्हें कुछ तोहफे दिए ।
कुछ देर बाद अनुपमा भाभी का फोन आया मैंने उसका फ़ोन लाउडस्पीकर पर डाल दिया और उन्होंने ज्योत्स्ना से पुछा कितनी बार?
ज्योत्स्ना सिर्फ़ खिलखिलाती रही. ।
अरे बोल ने.. एक बार दो बार ।"
वो फिर सिर्फ़ खिलखिलाती रही और मैं उसे चूमता रहा।
" अनुपमा भाभी बोली ज्योत्स्ना साफ साफ बताऔ कितनी बार चुदवाया, एक बार दो बार या ऐसा तो नही कि कही कुछ गड़बड़.।"
"भाभी आप का रेकॉर्ड तोड़ दिया."ज्योत्स्ना खिलखिलाती हुई बोली और पांच बार उँगिलया फ़ोन पर खटखटा दी ।
"क्या मैं मान नही सकतीकुमार कितना सीधा साधा है. तीन बार से ज़्यादा हो नही सकता." अनुपमा भाभी चकित थी ।
"तो ठीक है, आप इनसे खुद ही पूछ लीजिए ।"
" कितना बड़ा है, कितना मोटा।"
ज्योत्स्ना शर्माती हुई मुस्कुरा रही थी ।
"आप ऐसे नही बताओगी. अच्छा बताऔ 6 इंच 7 इंच या 8 इंच.."उन्होने सवाल जारी रखे।
"मेने नापा तो नही पर जो आपने अंत मे बताया था..उससे भी बड़ा है " उसे भाभी को जलाने और चिढ़ाने मे मज़ा आ रहा था ।
और कितना मोटा १ इंच या २ इंच? बताओ न दीदी! भाभी बोली।
उसने बोला इससे भी ज्यादा।
" हाय राम इतना मोटा और बड़ा और कितनी देर तक किया उसने 5 मिनिट 10 मिनिट 15 मिनिट"उन्होने अगला सवाल दागा.।
"नही और." वो रात के बारे मे सोच रही थी और शरमा रही थी कि कितनी देर तक "तो क्या आधे घंटे तक"भाभी ने चकित हो के पूछा "हाँ बस थोड़ी और देर तक."।
" मैं नही मान सकती और"भाभी की बात काट कर मेने कहा,।
"अरे तो मेने कहा ना आप अपने नेंदोई से सब पूछ लीजिए या ट्राइयल कर लीजिएगा. मैं बुलाती हू उनको." सुनिए भाभी बुला रही है, उसने कहा.।
मैं तुरंत पास गया और बैठते हुए, ज्योत्स्ना को अपनी गोद मे बिठा लिया. बैठते ही उसका छोटा सा गाउन उपर सरक गया और बड़े हिप्स सीधे मेरी गोद मे. उसके काट गाउन से झाँकते उरोजो के उपर के खुले भाग मे, जहा मेरे दांतो के निशान थे, मेरी उंगलिया सहला रही थी दबा रही थी. और उनका दूसरा हाथ उठे गाउन से खुली जाँघो को सहला रहा था. भाभी ने अपने सवाल जारी रखे लेकिन अब वो खुल के..।
"मेरी ननद कैसी लगी." तो जवाब मे वो बोले कि बहुत अच्छी और कस कस के ज्योत्स्ना के गाल पे दो चुम्मे ले लिए कि उसकी आवाज़ ज़रूर भाभी तक गयी होगी।
मेरे हाथ अब पूरी तरह आक्टिव हो गये थे. वो कस कस के स्तन दबा रहे थे, निपल्स को मरोड़ रहे थे और उसके उरोज भी उत्तेजना से पत्थर हो रहे थे, उधर दूसरे हाथ की उंगली भी, 'पंखुड़ियो' के बीच मे. करामात दिखा रही थी ।
मैं बाहों ने कस के उसे अपनी ओर खींच लिया. और उसी साथ के जो मस्त हो के मैंने उसे लेटा कर खड़े खड़े करारा धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसके अंदर था और उसकी दोनो जांघे पूरी तरह फैली हुई थी. फिर दोनो नितंबो को पकड़ के मैंने चार पाँच करारे धक्के मारे. और फिर कस के उसके होंठ को चूम के चूचियों को को कस कस के मसलते, दबाते निपल को चूस के बोला ।
" ये मस्त मस्त जोबन मेरा है ' " मेने कस के उसे भींच लिया..।
अब घर में हम दोनों के इलावा सिर्फ अंगरक्क्षक मरीना, सचिव हेमा और रीती सेविका, रोजी और रूबी, होंगी और फिर होनी थी ढेर सारी मस्ती।
अब ज्योत्स्ना से मुझ से पुछा की आप इतना अच्छे से चुदाई कैसे करते हो. मुझे प्लीज बताओ तो मैंने उसे रोजी के साथ मेरी पहली चुदाई से हुमा की चुदाई तक की कहानी सुनाई V
इतने में घंटी बजी और मैंने रोजी की और देखा तो वह घडी देखते हुए मुस्कुराते हुए बोली आपकी चाहने वालिया आ गयी होंगी और जब दरवाजा खोल कर वापिस आयी तो उसके साथ.. मेरी पांच प्रेमिकाए थी मैंने उनका परिचय ज्योत्स्ना से करवाया.. और ती ये हैं मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र मोना, टीना अलका रुखसाना और हुमा.. और रोजी और रूबी से तो तुम मिल ही चुकी हो..।
इन सबक बारे में आप मेरी कहानी : मेरे अंतरंग हमसफ़र" में पढ़ रहे हैं।
सब मेरे पास आ गयी हैं तो पांचो प्रेमिकाओ ने मुझे और ज्योत्स्ना को शादी और पहली चुदाई की बधाई दी.. तो हुमा ने पुछा फिर तो हमारा नंबर नहीं आने वाला अब तो इन दोनों का हनीमून पीरियड चल रहा है.. अब हमे कौन पूछेगा और मन ही मन ज्योत्स्ना तो कह रही होगी आ गयी इतनी सारी कबाब में हड्डिया ।
तो ज्योत्स्ना बोली नहीं हुमा दीदी मैं तो इनसे आप सब की कहानी ही सुन रही थी और इन्होने आपके साथ चुदाई की कहानी शुरू ही की थी की आप आ गए.. तो उसने पुछा दीपक आपने ज्योत्स्ना को क्या क्या बताया तो मैंने उसे कहा बस अभी तो तुम्हारे साथ दोपहर का खाना ही शुरू किया था कहानी में और उससे पहले रोजी से लेकर रुखसाना की चुदाई की कहानी ही सुनाई है.. तो रुखसाना बोली अरे ये कहानी तो हमने भी कभी नहीं सुनी आपसे दीपक.. हम सब भी सुनेगे... तो हुमा बोली ऐसा करते हैं आप ये कहानी मत सुनाओ और जो कुछ भी मेरे साथ करा था वह सब अब ज्योत्स्ना के हनीमून में कर लो.. हनीमून भी हो जाएगा और हम सब पूरी का कहानी सुनने की जगह लाइव देख लेंगे.. तो सबको ये बात जची और तय हो गया अब ज्योत्स्ना के साथ अब हनीमून में जो होगा वो सबके साथ और सामने होगा.. इस तरह सबको हनीमून का पूरा मजा मिलेगा।
तो रुकसाना और हुमा एक साथ बोली वो सब तो ठीक है पर इसमें हमें हमारा भी हिस्सा चाहिए.. और हम सब बीच में कबाब में हड्डी बन कर अपने हिस्से के मजे लूटेंगे.. तो ज्योत्स्ना बोली उसको कोई ऐतराज नहीं है.।
तो उसके बाद रोजी सबके लिए चाय नाश्ता ले आयी और बोली वो सब बाद में करना पहले चाय नाश्ता कर लो.. तो हुमा लपक कर मेरे साथ आ कर बैठ गयी आते ही उसने मुझको एक कामुक आलिंगन में बाँध लिया और मुझको लबों पर चुंबनों की झड़ी लगा दी और फिर मुझको छोड़ कर वो रोजी से भी लिपट गई और उसको भी खूब चूमा चाटा।और दूसरी तरफ रुखसाना बैठ गयी.. और मुझे किस करते हुए बोली आज बहुत दिनों बाद आपसे मिलना हो रहा है तो इसलिए आज पहले आप हमे चोदिये फिर अपनी दुल्हन के साथ कीजियेगा । तो इसपर अलका बोली तो हमने क्या पाप किये हैं हमें भी अपने इस खेल में शामिल कर लीजिये और फिर बाकी सुंदरियों ने मुझसे आँखें चार कर के आखों में ही प्राथना की हमें मत भूल जाना.. ज्योत्स्ना जो अभी तक सब कुछ शांत बैठी देख रही थी । वो धीरे से बोली इतनी लड़कियों के साथ करोगो तो मेरे साथ तो रात में कैसे करोगे.. तो रूबी मुस्कुराते हुई बोली.. तुम इनकी करामात नहीं जानती हो इनके साथ नयी नयी हो.।. ये हम सब को सारी रात इतना चौद सकते हैं की हम सब बस बस करने लग जाएंगी.. चल फिर तुम आज इसका ही नमूना दिखाती हैं ।
तो फिर रोजी बोली अच्छा मैं इंतजाम करती हूँ तब तक चाय नाश्ता कर लो... फिर सबने चाय पी और इस बीच रोजी ने हाल में नीचे 10-12 मोटे गद्दे फर्श पर बिछा दिए और तकिये रख दिए। नाश्ते पानी के बाद रोजी ने एक ख़ास किस्म की दवा मिली शराब की बोतल ले आयी जो हम सब ने एक-एक गिलास पिया।
आगे मैंने हनीमून कैसे मनाया और हमने क्या क्या किया आगे क्या हुआ? ये अगले CHAPTER- 5 मधुमास (हनीमून)-4 में पढ़िए ।