एक नौजवान के कारनामे 218

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2.5.6 हनीमून की शुरुआत
1.3k words
5
21
00

Part 218 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 6

हनीमून की शुरुआत

रोजी और रीती ज्योत्स्ना को कमरे में ले गयी, उसकी विशेष तेल से मालिश की और कुछ देर बार फिर सीधे गुने गुने पानी से भी बाथ टब मे. बाथ टब मे उन्होने इतना अच्छा बाथ तैयार कर के रखा था बबल बाथ और उसमे गुलाब की पंखुड़िया और पता नही साथ मे कौन से एरोआटिक सेंट्स थे कि पाँच मिनिट मे ही ज्योत्स्ना की सारी थकान दूर हो गयी. उन्होंने उसे खूब रगड़ रगड़ के नहलाया और जब वो ड्रेसिंग रूम मे आई तो दंग रही गयी मैं. तीन लाइफ साइज़ मिरर.. कॉसमेटिक्स के साथ..ढेर सारे और इंपोर्टेड कॉसमेटिक्स.

और जब वो तैयार होके बाहर निकली एकदम चकित हो गयी. कमरा खास तौर से बेड पहचाना नही जा रहा था. उस पर रात भर हम लोगो के 'युद्ध' के निशान गायब थे. हम लोगो की देह से कुचले मसले गुलाब के फूल, पंखुड़िया, काँच की चूड़ियो के टुकड़े, बिखरे हुए गहने और हमारी 'देह के निशान' सब गायब थे, बल्कि सहेज के रख लिए गये थे, इस रात की याद के तौर पे. और बिस्तर पे सफेद चादर और बेड कवर कमरे मे बाकी जगहो पे भी सब चीजे सहेज दी गयी थी.

इसके बाद टीना ज्योत्सना को मेरे पास ले आयी उसने गुलाबी रंग की नाइटी. पहनी हुई थी और उसके खुले हुए बाल थे । वह मुझे देख कर मुस्कुराई और वह मेरे पास आयी और आँखों में आंखे डाल कर बोली कुमार आपकी बीबी आपका मजो की दुनिया में स्वागत करती है और जहां आनंद मिलने की पूरी गारंटी है । मैंने उसे अपने साथ चिपका कर उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा ।

वो काम उत्तेजना से भर अपना आधा निचला ओंठ अपने दांतो से दबाने लगी और उसकी आँखे आधी बंद थी और चेहरे पर एक मासूम और आमंत्रित करती हुई प्यारी और कामुक मुस्कान । और मुझे सबसे अंतरंग फ्रेंच किस की और उसके लार के स्वाद ने मुझे उत्तेजित कर दिया।

मैंने उसको अपनी बाँहों में लेकर प्यार से सहलाते हुए उसके ओंठो को चूमने लगा और फिर ब्रा के उपर से ही उसके क्लीवेज को, सीने के खुले हिस्से को चूमने लगा. बेसबरे हो कर ब्रा के उपर से ही निपल कस कस के चूसने लगा.और मैंने उसकी नाइटी. एक झटके में उतार फेंकी. अब वो सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे रह गयी. और ब्रा भी ऐसी थी वो उसके किशोर उभारो को छिपाती कम थी और उभारती ज़्यादा. मैंने उसे ज़रा सा सरकाया तो उसके गुलाबी कड़े और रसीले निपल बाहर और अगले ही पल मेरे होंठो के अंदर. अमाइने उन्हें ऐसे चूसा कि उसकी बस जान निकल जाती वो कराहने लगी ओह्ह आहे आह्हः हाय मैं मस्ती से साथ ही साथ हाथ कस कस कर उसके स्तन भी मसल रहा था. मैंने बस इन मस्ती के पैमानो को.छलकने दिया और फिर मद मस्त बड़े और गोल सुडोल और दृढ उरोज ब्रा की कैद से मुक्त हो गये, लेकिन मुक्त होते ही मेरे हाथो और होंठो मे गिरफ्तार हो गए. एक ऐसी कैद जिसके लिए वो खुद बेकरार थी. और मेरी अब अनुभवी हो चुकी उंगलियो ने उसकी पतली सी पैंटी को सरका के, उसकी गीले हो रहे योनि द्वार मे घुसा के अंदर बाहर करना, गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर मे पैंटी भी अलग हो गयी और उसकी योनि अब मेरे हाथ से रगड़ी मसली जा रही थी और मेरा 'खुन्टा' भी बेताब हो के उसकी जाँघो पे टक्कर मार रहा था.

मैं उसके सुंदर नाज़ुक चिकने गोरे बदन को मसलता रहा और वह जोरो से ओह्ह आह सिसकारी लेते हुए गरम सांसे मेरे चेहरे पर निकालने लगी ।उसके बाद वो अपनी जीभ से मेरे पुरे बदन को चूमती जा रही थी ।मैंने उसे फिर खड़ी किया और मैं उसकी निपल अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ से चूत को सहलाते हुए उसके चूत के दाने को छेड़ने लगा और साथ साथ हम दोनों कराह रहे थे । पूरा हाल हमारी मादक सिसकारियों और सांसो से गूँज रहा था. और मेरी नौ साथीने हमे अंतरंग होते हुए देख रही थी ।

इस तरह हम दोनों एक दूर के जिस्म से करीब एक घंटे खेलते रहे । वो फिर उत्तेजना में भर कर मेरा लंड पकड़ पर अपनी चूत पर घिसती हुई बोली " दीपक प्लीज मुझे और मत तड़पाओ अब प्लीज मुझे चोदो । घुसा दो लंड को मेरी चूत में, एक ही झटके में फाड़ दो, चूत की धज्जिया उड़ा दो, पटक कर चोद दो । "

मैंने कहा जैसा आपका आदेश मेरी ज्योत्स्ना और उसे बिस्तर पर पटका, फिर मैंने उसकी मुलायम और सुहागरात में लगातार चुदाई के बाद थोड़ी सूज कर लाल हो गयी। चूत पर अपना लैंड टिकाया और फनफनाते हुए लुंड से उसकी चूत रगड़ने लगा और ज्योत्स्ना का बदन कांपने लगा। वो उछली और फिर मैंने अपने लंड की रगड़े तेज़ किये । ज्योत्स्ना ने आनंद में आंखे बंद की उसकी टाँगे अकड़ी और बदन तेजी से झटके ले कर कांपने लगा । मैंने अपना हथियार एक जोरदार झटके में उसकी चूत में उतार दिया फचाक की ध्वनि के साथ से लंड पूरा का पूरा उस गुफा की जड़ में समां गया जिससे उसका परिचय कल रात सुहागरात के दौरान ही हुआ था । ज्योत्स्ना की चीख निकल गयी आईई अह्ह्ह आआआआआईईईई मर गयी इसससस और वो झड़ गयी और मैंने महसूस किया जिससे मेरा लंड रस से भरे तालाब में डूब गया हो ।

मैंने उसके बदन को चूमना शुरू कर दिया और जब दुबारा गर्म हो कर उसने अपने चुतर उछाले तो मैंने उसे शताब्दी की स्पीड से चोदा ।फिर तेज साँसों का एक तूफ़ान आया और फिर उसकी चूत के अंदर चिकनाई के इंजेक्शन लगा कर उसे मेरे वीर्य से भर दिया और दोनों एक साथ झड़ गए ।

लेकिन ये तो हनीमून की कहानी की शुरुआत है, दोस्तों उसके बाद चुदाई और हवस का वो नंगा खेल हुआ की हम दोनों का दम निकल गया ।

जब कुछ मिनटों के बाद दोनों की साँसों का तूफ़ान कुछ थमा तो उसने मेरे सिर को पकड़ा और मुझे लंबी फ्रेंच किश की । अपना हाथ मेरे नरम हो चूका लंड जो अब फिर कठोर होता जा रहा था उसे महसूस करने के लिए नीचे ले गयी । "ओह, ये बेबी राजकुमारी ज्योत्स्ना को याद कर रहा है।" वह हंसी । उसने फिर नीचे देखा ताकि वह अब मेरा सख्त लंड देख सके। उसने मुझे मेरे विशाल मोटे लंड को प्यार किया जो झड़ने के बाद बस कुछ ही मिनटों में फिर से तैयार हो गया था । और इसके इलावा मेरे पास एक अच्छी लंबी जीभ है और ये भी जानता था कि अपनी जीभ और लंड का सदुपयोग कैसे करना है ।

मैं उसकी छोटी सी सुन्दर गुलाबी चूत को देखना और उंगली करना पसंद करता था, इससे पहले कि मैं उसे जीभ लगाने के काम पर लग जाता। " ज्योत्स्ना मेरी रसभरी सुन्दर जानेमन मेरे चेहरे पर बैठो ताकि मैं इस रस भरी योनि का रसपान कर सकू ।" तो वो मेरे ऊपर बैठ गयी और मैंने उसकी योनि को चाटा और अपने दांतों से पकड़ लिया और मेरा मुँह कई बार उसके रस से भर गया । मैंने अपनी लंबी जीभ उसके छेद में घुसा कर उसे जीभ से चोदा।

वह भी मेरे लंड को दावत देना चाहती थी और मेरे अंडकोष चूसना चाहती थी। वो मुस्कुराई और मेरे लंड पर क्रीम को उड़ेल दिया। "हाँ, बेबी, मैं तुम्हारे लंड और गेंदों से क्रीम चाटने जा रही हूँ और तुम्हें तब तक चूसती रहूँगी जब तक तुम चिल्लाओगे नहीं ।" उसने फिर मेरी गेंदों को चाटना शुरू कर दिया और फिर मेरे क्रीम से ढके लंड को पकड़ कर उसे चूसने लगी। जब में मेरा लंड चूस रही थी तो मैं उसका मुँह अपने लंड से चोद रहा था । उसने मुझे खूब पहले धीरे धीरे पर जोर से अच्छी तरह चूसा। और उसने मेरे बड़े हथियार के हर इंच को अपने गले से नीचे उतार लिया ।

तो दोस्तों ये कहानी जारी रहेगी। आगे मैंने हनीमून कैसे मनाया और हमने क्या क्या किया आगे क्या हुआ? ये अगले CHAPTER- 5 मधुमास (हनीमून)-भाग 7 में पढ़िए ।

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