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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन
CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)
PART 7
मजे की शुरुआत
रोजी जो की मेरे और हुमा के सम्भोग की गवाह थी ने बिस्तर के पास बहुत सारे फल काट कर छील कर रख दिए थे और साथ में उम्दा शैम्पेन की बोतल, जूस शहद और क्रीम इत्यादि सब रख दिया था । ज्योत्सना बोली अब मेरी बारी है आपको मजे देने की ।
उसने फिर मेरे लंड को शहद के जार में डाल दिया और मेरे लंड को शहद से रगड़ने लगी। जब मेरे पूरे लंड और अंडकोषों पर चिपचिपे शहद की एक मोटी परत लिपट गयी तो उसने मेरा लंड चूसना और चाटना शुरू कर दिया। मेरा लंड एकदम पत्थर जैसा कठोर गया । मैं पागल हो गया क्योंकि उसने अपनी जीब मेरे लैंड के छेद के ऊपर ऐसे चला दी जैसे जीब को मेरे लंड के छोटे से छेद में घुसाने की कोशिश कर रही हो । उसने अपनी जीब घुमा घुमा कर मेरे लंड को चाटा । फिर ओंठो के अंदर लंड का कुछ हिस्सा लेकर ओंठो से लंड की मालिश करते हुए ओंठ ऊपर नीचे करती रही और इस बीच उसकी जीब मेरे लैंड को चाटती रही। फिर उसने मेरा पूरा लंड अपने मुँह के अंदर ले लिया और जोर से चूसने लगी । वाह क्या अहसास था । मेरा लंड जल्द ही एक बार फिर अपनी मलाई से उसका मुँह भरने के लिए तैयार हो गया। "मुझे आपका शानदार लंड चूसना और आपकी मलाई पीना बहुत पसंद है।" वह बोली, " मैंने कहाः ज्योत्सना तुम लंड को बहुत शानदार तरीके से चूसती हो । मुझे ख़ुशी है मैंने तुम्हे अपना जीवन साथी चुना ।
तो वह बोली अभी रुको और उसने शराब का एक जाम बनाया और अब लंड को उस जाम में भिगोया और फिर लंड को एक बार प्यार से चूसा और फिर शराब का एक घूँट भर कर मेरे लंड के छेद पर अपने मुँह से शराब की पिचकारी मारी । और मेरी आंनद के मारे चीख निकल गयी अह्ह्ह आअह्ह्ह उफ्फ्फ क्या कर रही हो । वो बोली हनीमून के पूरे मजे दे रही हूँ मजा आ रहा है ना । इस पहले मैं कुछ बोलता वो फिर बोली चलो अब पलटो ।
"अब आपके नितम्बो की बारी है मुझे आपके शानदार और जोरदार धक्के मारने वाले नितम्ब देखने है तो मैं तुम्हारा वह महान गांड देख सकती हूँ? मेरे पास इसके लिए भी कुछ है ।" जैसे ही मैं पलटा उसने मेरे पैरों को दूर तक फैला दिया और मेरी नितम्बो के गालों की मालिश करने लगी। " आपके पास सबसे अच्छे कूल्हे, नितम्ब और गांड है । जिनकी मदद से आप अच्छी तरह लंड का इतना बढ़िया उपयोग कर पाते हैं इसलिए मुझे इन्हे भी धन्यवाद देना है। इन्हे भी मेरा प्यार मिलना चाहिए और जब मैं इन्हे चूमेंगी. चाटेंगी और प्यार करूंगी तो इन्हे भी अच्छा लगेगा ।"
फिर ज्योत्सना ने मेरे नितम्बो के गालों को चूमना शुरू कर दिया उसके बाद उसने मेरे नितम्बो के गालो को फैलाया और मेरी गांड के छेद को चाटा । वह मेरी गांड के छेद के साथ खेलने लगी और जब मैं गर्म होने लगा और अपनी जीभ से मेरी नितम्बो को प्यार करते हुए उसने मेरी गांड को फैलाया और अपनी जीभ मेरे छेद में घुसा दी।
जब उसने जीभ मेरी गांड में घुसाई तो मैं चिल्लाया, "हाँ, मेरी गांड को अपने जीभ से ही चोदो और चोदो मेरी गांड को अपनी जीभ से । मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ।" उसने मेरी गांड में लगभग अपनी पूरी जीभ डाल दी थी ।फिर उसने जीभ को बाहर निकाला और व्हिप क्रीम की कैन पकड़ कर उसने मेरी गांड को सफ़ेद क्रीम से भर दिया । "अब क्या यह अच्छा लगा, बेबी? मैं तुम्हारी गांड के छेद के चारों ओर से क्रीम चाटने वाली हूँ, फिर अपनी जीभ तब तक बार बार गांड के अंदर डुबोऊँगी और उसे बाहर निकालूंगी, जब तक तुम मेरे से दया की भीख नहीं मांगोगे ।"
वह उसने मेरे गांड को चाटा और गांड के अंदर अपनी जीभ प्रहार करते हुए क्रीम को चाटने लगी । फिर मेरे कठोर लंड को पकड़ कर तेजी से हाथ से झटके देते हुए मेरे गांड को चूसने लगी। जिससे मैं दर्द और आंनद में चिलाने लगा और उसके हाथ में झड़ गया।
फिर वो अपनी पीठ के बल लेटगयी और अपने पैर फैला दिए। "क्या तुम मेरी योनी चाटना चाहोगे?" उसने फिर एक केला छीलकर वीर्य से साणे हाथो से अपनी योनी में धकेल दिया और ऊपर कुछ शराब डाल दी । " आपकी दावत में स्वीटडिश त्यार है ।अब मेरे केले को प्यार के छेद तक खाओ।" मैंने दो उंगलियों के साथ उसकी क्लिट पर काम करते हुए उस वीर्य और शैम्पेन में भिगोए हुए केले को खाना शुरू कर दिया, "मैंने उससे कहा," यह अद्भुत है । मुझे ये वाला केला बहुत पसंद है। "उसने फिर एक स्ट्रॉबेरी को पकड़ा और उसे अपनी चूत के ऊपर रगड़ा और मेरे मुँह में धकेल दिया।
उसने अगली बार क्रीम को चूत पर मसल कर फैला दिया और दूसरी स्ट्रॉबेरी उसके ऊपर रगड़ कर और मुझे खिलाई । उसने कुछ कटे हुए आम और स्ट्रॉवेर्री को और क्रीम से सनी योनि पर रगड़ा और मुझे खिलाया। "अब इस क्रीम को चाटो।" उसने निर्देश दिया और मैं उसकी चूत को चाटने और उसमें से क्रीम साफ करने लग गया।
आगे उसने दो अंगूर लिए और अपनी योनी में घुसाया और मुझसे कहा, "मेरी चूत में से अंगूर चूसो।" मैंने फिर उसकी चूत को चूसा तो एक अंगूर का थोड़ा सा हिस्सा बाहर आया और फिर उसकी चूत को बहुत जोर से चूसा जिससे दूसरा अंगूर भी बाहर निकला और मैंने दोनों को खाया। " निश्चित तौर पर आप उन योनी अंगूरों को बहुत पसंद करते हैं?" उसने मुझे बताया। "अगले आश्चर्य से पहले मेरे लिए ज्योत्सना ने अपनी योनी में और अधिक अंगूर डालें।" और मैंने उसकी योनी से अंगूर चूसना जारी रखा और उन पर उसके चुतरस के स्वाद को प्यार से खाया और कुछ उसको चूमते हुए उसे भी खिलाया ।
तो दोस्तों ये कामुक कहानी जारी रहेगी। आगे मैंने हनीमून कैसे मनाया और हमने क्या क्या किया आगे क्या हुआ? ये अगले CHAPTER- 5 मधुमास (हनीमून)-भाग 8 में पढ़िए ।
फलो को खाने का ये कामुक तरीका कैसा लगा इसके बारे में आप आपने कमैंट्स और अनुभव भेजते रहिये इससे और बेहतर कहानी लिखने को प्रोत्साहन मिलता है ।
आपका दीपक