मोहन लाल के कारनामें

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

सविता को कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन जैसे ही लिंग उस की योनि में घुसा उसे पता चल गया कि मोहन लाल ने कंड़ोम क्यों चढाया है। कंड़ोम पर बड़े-बड़ें डॉट होने के कारण सविता को मजा आ रहा था। योनि की दिवारों पर डॉट टकरा कर उस की उत्तेजना को कई गुना कर रहे थे। वह कराह रही थी। मोहन लाल थक कर उस के ऊपर से उतर गये। कुछ देर बाद उन्होने सविता को करवट से लिटा कर उस के पीछे से उस की योनि में लिंग डाला। इस से सविता को अच्छा लगा और वह अपना मुँह घुमा कर मोहन लाल को चुमने लगी।

मोहन लाल धीरे-धीरे कुल्हों से धक्का लगाते रहे। सविता इस का मजा ले रही थी। कुछ देर बाद वह स्खलित हो गयी और उस के कुछ देर बाद मोहन लाल कर शरीर अकड़ गया और वह भी स्खलित हो गये। कुछ देर बाद उन का लिंग सिकुड़ कर सविता की योनि से बाहर निकल गया। कंड़ोम योनि द्रव्य से लिथड़ा हुआ था। उन्होनें लिंग पर से कंड़ोम उतार कर एक तरफ रख दिया। आज दोनों को संभोग में काफी समय लगा था। मोहन लाल काफी थक गये थे। दोनों ही कुछ देर शान्त पड़े रहे।

जब दोनों शान्त हुये तो सविता बोली कि कंड़ोम का ख्याल आप को कैसे आया? मोहन लाल बोले कि ऐसे ही बाजार में ध्यान आया कि डॉटेड कंडोम का इस्तेमाल करके देखते है। टीवी पर रोज ही ऐड आते रहते है। मुझे तो कुछ पता नहीं चला है। सविता बोली कि मेरी तो हालत खराब कर दी। अंदर बहुत अच्छा लग रहा था। मोहन लाल बोले कि तुम्हें मजा आया तो पैसे वसुल हो गये। दोनों पसीने से नहा गये थे। आज दोनों ने संभोग का भरपुर आनंद लिया था। दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गये।

सुबह अलार्म ने सविता की आँखे खोल दी। वह मोहन लाल से चिपटी सो रही थी। उस की जाँघों के मध्य गिला गिला लग रहा था। उस ने उठ कर कच्छी से अपनी योनि साफ की और कपड़ें पहन लिये। मोहन लाल को भी हिला कर जगा दिया। मोहन लाल ने आँखे खोली और कहा कि आज तो हालत खराब हो गयी है। बदन दर्द कर रहा है। सविता बोली कि हालत तो मेरी भी ऐसी ही है लेकिन उठना तो है ही नहीं तो समस्या खड़ी हो जायेगी। उस की बात समझ कर मोहन लाल उठ गये और कपड़ें पहनने लग गये। सविता ने उन के होंठों पर चुम्बन दिया और कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर निकल गयी। मोहन लाल भी कमरे से बाहर आ गये। मोहन लाल आशा को उठाने उस के कमरे में गये और उसे आवाज दे कर उठा दिया। फिर दिखाने को सविता को आवाज दे कर उठाने उस के कमरे में चले गये।

पिछली रात दोनों ने संभोग का भरपुर मजा लिया था। दोनों ने काफी लंबें समय तक संभोग किया था। इस उम्र में ऐसा मुश्किल से ही हो पाता है। लेकिन दोनों के बीच प्रेम संबंध होने के कारण संबंध इतने प्रगाड़ बन रहे थे। मोहन लाल का मन और तन इस से संतुष्ट था। सविता का भी ऐसा ही हाल था। उस का मोहन लाल के पास आना सफल हो गया था।

पुरा महीना मोहन लाल और सविता ने सेक्स करते हुऐ गुजारा । दोनों ने सेक्स का भरपुर आनंद लिया और जब सविता वापस गयी तो उस के मन का दूख कुछ हद तक कम हो गया था। मोहन लाल भी अपनी प्रेमिका से इतने दिनों बाद मिल कर और सेक्स कर के खुश थे। सिर्फ एक ही व्यक्ति असंतुष्ट था वह थी आशा जिसे पुरे महीने सेक्स का आनंद नहीं मिला था। लेकिन अब उस का ही नंबर था वह भी नये अनुभव के लिये तैयार थी।

इस की कथा फिर कभी।

/// समाप्त \

12
Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
1 Comments
AnonymousAnonymous8 months ago

Good narration. Nice story about old people. keep it up.

Share this Story

Similar Stories

समधन से प्यार बेटे की सास से निकटता बढ़ना और शारीरिक संबंध बनना।in Incest/Taboo
Daddy Takes Over Horny daddy realizes his little girl is now a woman.in NonConsent/Reluctance
The Family Ch. 01 The Coming Together Of A Family Starts Herein Incest/Taboo
Fuck My Mother Vincent fucks his busty slut of a mother over spring break.in Incest/Taboo
No More Skipping Step daughter makes an arrangement after skipping class.in Incest/Taboo
More Stories