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VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन
CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)
PART 22
नग्न योनि पूजा
राजमाता ने कहा बेटा! अब हम नग्न योनि पूजा करेंगे!"
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने सुना। मैंने उनसे पूछा "क्या? फिर से कहिये!"
उन्होंने बताया " हम-हम अब नग्न योनी पूजा करेंगे। आप जानते हैं कि आपके पूर्वजों और परिवार श्रापग्रसित है। अब परिवार का उस श्राप से मुक्ति का समय आ गया है और श्राप की समाप्ति के लिए परिवार के सभी पुरुषो को अपने सम्बन्धियों के साथ अनाचार करना होगा। गुरु साहब ने कहा... हमें इसके साथ योनी पूजा अनुष्ठान करने की भी आवश्यकता है। ताई जी बोली पुत्र पूज्य गुरु अमरमणि जी के आदेश से हमे पहले यहाँ योनि पूजा करनी होगी। हमे शक्ति मंत्र के साथ योनी की पूजा करनी होगी यह पूजा इतनी शक्तिशाली हैं कि ये नर्क से भी मनुष्य का उद्धार करती है और बहु तुम्हे इसी काम के लिए यहाँ पर लायी है। फिर उन्होंने मुझे योनि पूजा कैसे करनी है इस बारे में बारे में विस्तार से समझाया।
गुरूजी के अनुसार इसके साथ-साथ आपको सबसे पहले मेरे साथ योनि पूजा करनी चाहिए। आप जानते हैं कि 10 कुंवारी लड़कियाँ होंगी जो हमें योनी पूजा करते हुए देखेंगी। मेरे बाद आज यहाँ आपको उनमें से किसी एक से योनि पूजा करनी है।
फिर वह पुत्र बोली योनि साधना का नियम जो गुरुदेव ने बताये हैं उनमे से कुंवारीयो में कुंवारी कपालिका या कुंवारी राजकुमारी या कुंवारी राजकुमारी, कुंवारी वेश्या, कुंवारी वस्त्र धोने वाली कन्या, कुंवारी बहीचे में काम करने वाली मलिन, कुंवारी अभिनेत्री, कुंवारी सौंदर्य पारलर वाली कन्या, कुंवारी ब्राह्मण कन्या, कुंवारी सफाई कर्मी कन्या, कुंवारी गौ-सेविका ये 9 कन्याये योनि पूजा के लिए सर्वाधिक उचित हैं। अन्यथा कोई भी कन्या यदि वह सुंदर और चंचल दृष्टि वाली है जो योनि पूजा के लिए उपलब्ध हो योनि पूजा के लिए उचित हैं। आपको उसके साथ योनि की पूजा के साथ सम्भोग भी करना होगा। पुत्र स्मरण रखना ये अनुष्ठान है इसमें तुम्हारे साथ तुम्हारी पत्नी ज्योत्स्ना भी पूजा में मौजूद होंगी।
राजमाता की ये बात सुन कर मुझे शर्म आयी और मैंने कहा " जैसी आपकी आज्ञा होगी मैं वैसा ही करूँगा: जल्द ही शर्मिंदगी रोमांचक विचारों में बदल गयी।
उन्होंने मुझे चुप देखकर कहा: बेटा अब हमें गुरूजी के निर्देश का पालन करना है और आप स्मरण करो आपने इस कार्य को संपन्न करने का संकल्प लिया है और मुझे पूरी योनि पूजा की विधि समझायी और बोली पुत्र अब हमे ये कार्य अनुष्ठान की ही तरह करना होगा। "
मुझे नहीं पता था कि क्या कहना है लेकिन किसी तरह कहा "कोई बात नहीं, राजमाता मुझे वहाँ नग्न होने में शर्म नहीं है... आखिर आप मेरे लिए मेरी माँ जैसी ही हैं"
वो हँसी और बोली "बेटा......तुम्हें मेरे सामने शर्म नहीं आती।लेकिन याद रखो पूजा कक्ष में 10 लड़कियाँ...सभी की उम्र 18-20के बीच में है और तुम्हारी पत्नी ज्योत्स्ना भी तुम्हारे साथ होंगी-" कुछ विश्वासपात्र सेविकाएँ भी उपस्थित रहेंगी ।
वाह। न्यूड पूजा की बातो ने मुझे रोमांचित कर दिया था । तो अब ताईजी राजमाता और करीब एक दर्जन कुंवारी लड़कियों के सामने नग्न होने की बात ने... मुझे और उत्साहित कर दिया। वैसे भी मैं तैयार था और मेरा लिंग कड़ा हो रहा था।
देख बेटा, शुरू में वह लड़कियाँ तेरे साथ रस्मों में शामिल होने के खिलाफ थीं...कह रही थी कि तुम शहर से हो और बदतमीजी कर सकते हो, शरारत कर सकते हो...लेकिन उनसे लंबी बातचीत के बाद मैंने उन्हें यकीन दिलाया कि तू सभ्य हैं, जो होगा अनुशासित होगा। नियमानुसार और जो कुछ भी यहाँ होगा सब गुप्त रहेगा! अब बेटा, मुझसे वादा करो कि तुम अनुशासित रहोगे और गोपनीयता बना कर रखोगे!... मुझे पता है कि मैं तुम पर भरोसा कर सकती हूँ। लेकिन जब आप पूजा कक्ष में नग्न लड़कियाँ देखेंगे और आप शहर से हो इसलिए । मुझे लड़कियों से कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए"।
मैंने उनसे वादा किया कि मैं कोई दुर्व्यवहार नहीं करूंगा और उनकी और अपनी प्रतिष्ठा खराब नहीं करूंगा और अनुशासित रहूँगा और गोपनीयता बना कर रखूँगा।
उसके बाद मैंने लड़कियों की आवाजें सुनीं। तभी अचानक ज्योत्स्ना भगवा कपड़े में लिपटी हुई 12-13 लड़कियाो के साथ उस पूजा कक्ष के अंदर आईं... उन 12-13 लड़कियों में एक मेरी पत्नी ज्योत्सना की बहन राजकुमारी अजंता थी।
पहले तो मुझे लगा कि ये लड़कियाँ मुझे लुंगी में देखकर सिर्फ खिलखिलाएंगी, या शरारती टिप्पणी करेंगी लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ की वह अत्यधिक अनुशासित थी। उन्होंने अंदर आ कर राजमाता के पैर छुए और जब उन्होंने मुझे उनसे मिलवाया तो उन्होंने मेरा अभिवादन किया और मेरे सामने झुककर प्रणाम भी किया।
फिर सभी लड़कियों ने पूजा काश में दीपक, मोमबत्तियाँ जलानी शुरू कर दी और...फूलों की सजावट में राजमाता और ज्योत्सना की मदद की। आधे घंटे में गुफा में स्तिथ वह पूजा कक्ष रोशन हो गया था और अब लग रहा था कि वहाँ एक उत्सव होने वाला है... यह स्वर्ग जैसा सुंदर लग रहा था।
तब ज्योत्सना मुझे ले कर वेदी पर चढ़ गई। बाकी सब वहीं नीचे इकट्ठे हो गए। वेदी पर योनि की आकृति की एक मूर्ति थी। मैंने और ज्योत्सना ने योनि पूजा से शुरुआत की। उसने योनि के आकृति पर फूल बरसाए। उसने मंत्र जाप किया। उसके पीछे-पीछे कन्याएँ और राजमाता भी मंत्र जाप करने लगीं। आरती करने के बाद, ज्योत्सना ने लगभग 10 मिनट तक हमें योनी पूजा के बारे में बताया। चूँकि उसने असमी भाषा में भी कुछ कहा था, लेकिन फिर उसने योनि पूजा पर एक अच्छा स्पष्टीकरण दिया, वह नग्न क्यों है, राजमाता के स्तन और योनी क्यों खुली हुई है... और जब ज्योत्स्ना ये बोल रही थी तो राजमाता ने अपने पहने हुए कपड़े को खोल दिया और उसे नीचे गिरा दिया। वह अब हमारे सामने पूर्णतया नग्न थी कोई वस्त्र नहीं, केवल पुष्पों की माला और गहने पहने हुई थी। जल्द ही लड़कियों ने नग्न राजमाता के सामने दंडवत प्रणाम किया और "मां राजमाता की जय... योनि माँ की जय"।
ओह वाह।कितनी खूबसूरत लग रही थी वो...राजमाता पूरी तरह नग्न...उसकी दूधिया गोरी बॉडी, उसके गोल-मटोल गाल, सुर्ख लाल होंठ, उसके शानदार बड़े स्तन, उसके भूरे निप्पल, उसकी अच्छी तरह से छंटी हुई चूत, जिन पर हलकी-हलकी झांटे थी। गड़गड़ाती जांघें...ओह वाह...लेकिन अचानक मुझे एहसास हुआ कि यह एक रस्म थी और मैं होश में आ गया।
तभी ज्योत्सना ने मेरी लुंगी हटा दी और अब मैं भी नग्न। मुझे अब होश आया और इससे पहले राजमाता ने मुझे अपनी लुंगी उतारने का इशारा किया था लेकिन । वास्तव में मैं राजमाता ताईजी के नग्न शरीर को निहारने में इतना मग्न था कि मैं भूल ही गया कि मुझे भी नग्न होना है। इतने में मेरी लुंगी हटा दी गयी और फिर उन सभी लड़कियों ने अपने ऊपर लपेटा हुआ कपड़ा उतार दिया और पूरी तरह नंगी हो गईं। ओह मेरे सामने थे...उस कमरे में 24 नग्न स्तन।
वाह...कुछ लड़कियों के बड़े-बड़े स्तन थे, कुछ के मध्यम आकर से गोल और सुडोल स्तन थे, कुछ के नींबू के आकार के। लेकिन राजमाता और मेरी पत्नी ज्योत्सना के स्तन सहित सभी स्तन दृढ़ थे। कोई भी स्तन शिथिल नहीं हो रहा था किसी के स्तनों में ढलकाव का कोई नामोनिशान नहीं था। उम्मीद के मुताबिक मेरा लंड खड़ा हो गया।
जारी रहेगी