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Click hereमैने भी बिना कुछ सोचे समझे अब्बू को ओके बोल दिया.
हॉस्पिटल मे:-
पापा मुझे कॅबिन में बिठा कर बाहर डॉक्टर से बहुत देर तक बात करके मेरे पास आए.
अब्बू: अब्दुल मैं यही हू, डॉक्टर को बता देना कहा दर्द है. बाकी सब मैने बता दिया है, ओके? कोई नही बेटा, सब ठीक हो जाएगा.
पापा साइड कुर्सी पर बैठ गये.
डॉक्टर सलमान, आयु 40, फेर स्किन, फेस बिल्कुल शेव्ड, 5.8 फीट हाइट, मस्क्युलर बॉडी, बट थोड़ी तोंद निकली हुई थी. क्रिकेटर अनिल कुंबले जैसे लगते है वो?
सलमान मेरे पास आ कर बैठ गये, और मुझे कोकनट जूस दिया. वो मुझे कंफर्टबल करने के लिए नॉर्मली मेरी लाइफ को लेकर क्वेस्चन्स करने लगे. फिर मेरे फेस पर दवाई लगाने लगे. मेरी आइ और फेस पर मेडिसिन लगाने के बाद.
साहिल: अब्दुल मुझे अब्बू ने सब बताया. बेटा अगर आपको प्राब्लम ना हो, तो क्या मैं आपकी अनस ( गांड का च्छेद) देख सकता हू?
मेरे हा करते ही डॉक्टर ने मेरी पॅंट और अंडरवेर उतार कर बेड पर लेटने को बोल दिया.
मेरी लेग्स उपर करके वो मेरी गांड को देखने लगे. थोड़ी देर बाद लूब्रिकॅंट लेकर अपनी उंगलियों से चेक करने लगे. ये सब होते हुए अब्बू की नज़र मेरी गांड के अंदर डॉक्टर की उंगलियों पर ही लगी हुई थी. आज खुद के अब्बू के सामने कोई और मेरी गांड में उंगलियाँ दे रहा था.
5 मिनिट बाद-
डॉक्टर: अब्दुल कपड़े पहन लो, और तुम्हे कुछ दिन अब्दुल को दिखाने लाना होगा.
अब्बू: ठीक है, जॉब के बाद डाइरेक्ट यही आउन्ग.
डॉक्टर: नही 11 बजे बाद मेरे पास बहुत पेशेंट्स होते है. तुम्हे मॉर्निंग में ही लाना होगा.
अब्बू: ठीक है ट्राइ करता हू. ऐसे ही अब्बू 3-4 दिन तक रोज़ डॉक्टर सलमान के पास मॉर्निंग में मुझे लेकर जाते, और वही से जॉब पर चले जाते.
डॉक्टर रोज़ अब्बू के सामने मेरी गांड में कभी एक उंगली, तो कभी 2 उंगलियाँ डालता. रोज़ अब्बू का लंड मुझे नंगा देख कर खड़ा हो जाता. अब्बू बड़े प्यार से लंड को अपने ऑफीस बाग से छुप लेते.
आज 5डे था. मेरा गांड का दर्द अब बिल्कुल ठीक हो गया था. अब्बू ने आज खुद मेरे कपड़े उतार दिए, और मुझे बिल्कुल नंगा करके बेड पर लिटा दिया. तभी अब्बू ने डॉक्टर के हाथ में एक टूल जो 4 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था, देखा. उस पर डॉक्टर सलमान लूब्रिकॅंट लगा रहे थे.
अब्बू: यार ये क्या कर रहा है? बहुत दर्द होगा इसको.
डॉक्टर: राजीव यार क्यूँ टेन्षन ले रहा है. अंदर की इंजुरी चेक करनी ही होगी. आज 5त दे है, ज़्यादा वेट नही कर सकते. तू साइड में बैठ जा.
डॉक्टर ने जैसे ही मेरी गांड में डाला, मैं चीख पड़ा. मेरी चीख सुन कर अब्बू मेरे पास आ गये, और मेरी चेस्ट पर अपने हाथ से सहलाने लगे.
डॉक्टर: अब्दुल घबराना नही है, बस थोड़ी देर की बात है.
अब्बू: यार जल्दी कर बच्चे को दर्द हो रहा है. क्या मज़ाक है ये सब?
डॉक्टर: चलो हो गया.
अब्बू: अछा हुआ हो गया. अब कल से टाइम से जॉब पर जाना है मेरे को.. डेली मेरा काम पेंडिंग रह जाता है.
डॉक्टर: नही, अभी 4 डेज़ का ट्रीटमेंट बाकी है.
अब्बू: यार मुझे रोज़ जॉब पर मुश्किल होती है.
मैं: कोई नही पापा, आप कल से जॉब पर चले जाना. सलमान अंकल से मैं खुद मिलने आ जौंगा.
डॉक्टर: देखा राजीव, अब्दुल कितना समझदार है. तेरा कितना ध्यान रखता है. चल तेरी टेन्षन ख़तम अब्दुल को रोज़ लाने की.
इसी तरहा करते हुए कुच्छ दिन में मेरी गांड का दर्द ठीक हो गया.
जब से अब्बू मुझे डॉक्टर के पास ले जाने लगे थे, तब से वो मेरी ओवर केर करने लगे थे. मुझे कभी परेशन नही देखते. अब्बू आज कल रोज़ दवाई देने के बाद मेरे साथ ही सोने लगे थे अब. अब डॉक्टर के पास गये 4 दिन हो गये थे. ऐसे ही एक दिन मैं अब्बू के सामने दर्द होने का नाटक करते हुए चलने लगा.
अब्बू: अभी दर्द ठीक नही हुआ क्या?
मैं ( नाटक करते हुए): दर्द नही अब्बू वो पीछे दवाई लगाना मुश्किल होता है. मेरा हाथ नही जाता. क्या आप लगा दोगे?
पापा थोड़ा सोचने के बाद बोले: ठीक है, तुम्हारी दवाई कोन सी है?
डॉक्टर ने मुझे एक ट्यूब और गांड की मसाज के लिए ओइल दिया था. मैने वो अब्बू को दे दिया. मैने घर के हॉल में ही कपड़े उतार दिए. तभी अब्बू ने बोला "बेटा रूम में तो चल लो, यही नंगे हो गये तुम भी ". मैं जान-बूझ कर लचक-लचक कर चलने लगा. तभी अब्बू ने मेरी गांड को पीछे से दबा दिया.
अब्बू: लगता है दर्द ज़्यादा ही हो रहा है (मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगते हुए).
मैं: अब्बू सलमान अंकल टूल से अंदर तक करते है, आप भी करो.
अब्बू: छेद कितना खुल गया है. ये देख कर ही लग रहा है. सलमान दवाई के बहाने खुद के मज़े ले रहा था.
मैने अब्बू का ध्यान चेंज करने के लिए बात के बीच ही बोल दिया.
मैं: अब्बू आप आयिल से मालिश कर दो.
पापा खड़े हुए, और अपनी शर्ट और पॅंट उतारने लगे. अब वो केवल अपनी ब्लू अंडरवेर में थे. आज अब्बू कुछ नेक्स्ट लेवेल मूड में थे. कुछ भी हो, मेरा ड्रीम पूरा हो रहा था.
अब्बू: अब्दुल कपड़े गंदे हो जाएँगे.
ये बोलते ही अब्बू मेरी गांड और जांघों की मसाज करने लगे. अबकी बार वो मेरी गांड में उंगलियों को भी डाल रहे थे बीच-बीच में. अब्बू शायद गुस्से में थे, इसलिए उंगलियाँ बहुत तेज़-तेज़ बाहर-अंदर करने लगे.
मैं: अब्बू दर्द हो रहा है, आराम से.
पापा (गुस्से में): बस बहुत हुआ. सच-सच बोलना देव. सलमान तुम्हारे साथ वो ही कर रहा था ना, जो उस दिन मॉर्निंग में मैने तुम्हारे साथ किया था (गुस्से में)?
मैं अचानक से खड़ा हो गया. और मैं बिल्कुल नंगा था.
मैं: नही पापा, आप ऐसा क्यूँ सोच रहे हो? सलमान अंकल ऐसा नही कर रहे थे. वो तो बस मेडिसिन लगा कर मुझे घर भेज देते थे.
अब्बू: फिर तुम्हारी गांड का छेद इतना कैसे खुल गया?
मैं (रोते हुए): अब्बू वो आपका इतना बड़ा था, और फिर अंकल अपने टूल से दवाई डालते थे. इसलिए भी मेरी गांड का छेद खुल गया है. और कुछ नही पापा. आप ऐसा सोचते हो मेरे लिए?
ये बोलते-बोलते मैने अब्बू को कॅस के पकड़ लिया, और उनकी कमर को सहलाने लगा. अब्बू ने भी मुझे कॅस के पकड़ लिया. मैं पूरा नंगा था, और अब्बू मेरी बाहों में केवल अंडरवेर पहने हुए खड़े थे.
अब्बू: अब्दुल तुम बहुत मासूम हो. आज कल तुम्हारे जैसे लड़कों का लोग ग़लत फ़ायदा उठा लेते है (पापा मुझे नंगा ही अपनी गोद में बिता कर बोलने लगे).
उनकी गोद में नंगा बैठने का सुख बहुत शानदार था.
बात करते-करते अब्बू मुझे सहलाने लगे.
अब्बू: अब्दुल किसी ने कभी कोई हरकत तो नही करी ना तुम्हारे साथ?
मैं: नही पापा, आपके अलावा और किसी का लंड नही गया मेरी गांड में.
धीरे-धीरे हम दोनो एक-दूसरे से ऐसे ही बात करने लग गये थे. ये सुनते ही अब्बू ने मुझे कॅस के पकड़ लिया, और मेरे गाल पर चूमने लगे. अब्बू का लंड भी अब खड़ा होने लगा था, जो मेरी गांड में सॉफ-सॉफ फील हो रहा था.
मैं: लगता है अब्बू आपका लंड खड़ा हो गया है.
पापा मुझे पकड़ते हुए बोले: तुम्हारे जिस्म की गर्मी से हो रहा है ये बेटा.
मैं: क्या एक बार फिरसे आपका लंड देख सकता हू? मैं देखना चाहता हूँ की अभी तो आप की उंगली भी मुझे इतना दर्द दे रही है तो आपका लंड कितना बड़ा है जो मेरी गांड में अपने घुसा दिया था.?
ये सुनते ही अब्बू ने अपना लंड मेरे सामने बाहर कर दिया. आज फर्स्ट टाइम अब्बू का लंड इतना पास से देख रहा था. कसम से क्या मस्त लंड है अब्बू का. अभी पूरा खड़ा नही था, तब भी 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लग रहा था. मैने देखते-देखते ही अब्बू के लंड को हाथ से पकड़ लिया. मेरे पकड़ते ही अब्बू के मूह से आआहह निकल गयी. मैं अपने हाथ से आगे-पीछे करने लगा. हम दोनो अब धीरे-धीरे मदहोश होने लगे.
अब्बू: अब्दुल क्या अपने अब्बू का लंड मूह में लेगा?
मैने बिना बोले ही उनका लंड मूह में उतार लिया. अब्बू तो एक-डम मस्ती में ही खो गये. मैं पागलों की तरह अब्बू का लंड चूसने लगा. आज फाइनली मेरा ड्रीम पूरा हो रहा था. मेरी एग्ज़ाइट्मेंट का कोई लेवेल नही था. चूसने से थोड़ी देर में ही उनका लंड पूरा खड़ा हो कर 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया.
अब तो लंड मेरे मूह में भी नही आ रहा था. अब्बू मेरे सर को दबा-दबा कर मेरे मूह की चुदाई करने लगे. मुझसे साँस लेना भी मुश्किल हो रहा था. मेरी आँखों से आँसू आने लगे. चूस्टे-चूस्टे पूरा लंड गीला हो गया था.
अब्बू: थॅंक्स अब्दुल बहुत दिन से तुम्हे देख-देख कर ये खड़ा हो जाता था. आज इसकी भूख मिट रही है. लव यू बेटा.
अब अब्बू ने मुझे बेड पर लिटा दिया, और 69 की पोज़िशन में मेरी गांड को चाटने लगे, और मैं उनका लंड चूस रहा था. अब्बू ऐसे मेरी गांड को चाट रहे थे, जैसे बहुत सालों से चुदाई नही करी हो. मुझसे अब रहा नही जा रहा था. मैने अचानक से बोल दिया.
मैं: अब्बू अब डाल दो. अब नही रहा जा रहा, प्लीज़.
अब्बू: बेटा जी, पहले गांड को रेडी तो कर दू. उसके बाद तो आपका ही है ये लोडा.
वो फिरसे मेरी गांड चाटने लगे, और अचानक खड़े हो कर कॉंडम पहन कर मेरी गांड और लंड पर आयिल लगाने लगे. मिशनरी पोज़िशन में मेरी गांड में अपना टोपा डाल दिया, और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगे. गांड मरवाने के बाद अब ज़्यादा दर्द फील नही हो रहा था.
मैं: अब्बू तेज़ करो, बहुत तेज़.
ये सुनते ही अब्बू के अंदर का मर्द जाग गया, और अब्बू ने धीरे-धीरे पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया. मैं बहुत तेज़ चीखने लगा. बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन आज सब बर्दाश्त कर सकता था मैं. अब्बू भी बहुत तेज़-तेज़ झटके देने लगे. पूरा बेड हिलने लगा इतने तेज़ झटको से.
मैं: बाहर निकालो अब्बू बहुत दर्द हो रहा था.
इतना लंबा लंड मैने फर्स्ट टाइम पूरा लिया था. मेरी दर्द बारी चीखें सुन कर अब्बू ने स्पीड कम कर दी, और बहुत देर तक आराम-आराम से करने लगे. अब्बू मेरे चूचों को चूसने लगे. फिर अब्बू ने लंड बाहर निकाल दिया. उनके कॉंडम पर मैने ब्लड देखा.
अब्बू: कोई बात नही बेटा, थोड़ी देर की बात है.
ये बोल कर अब्बू मुझे बेड से उठा कर सोफे पर ले गये, और डॉगी पोज़िशन में मेरे चूचों को पकड़ कर एक साथ पूरा लंड मेरी गांड में दे दिया.
अब्बू: बेटा थोड़ा दर्द सहन कर ले अपने अब्बू के लिए.
मैं: आपके लिए तो मैं रोज़ गांड मरवा सकता हू पापा.
अब्बू: लव यू बेटा., तुम्हारी गांड बहुत मस्त है.
मैं: अब्बू मैं खुद आप से प्यार करता हू. बहुत बार ट्राइ करा, आज फाइनली आपका प्यार मिला है. लव यू टू पापा.
ये सुनते ही अब्बू और भी ज़्यादा स्पीड में चुदाई करने लगे. मुझे फिरसे सीधा लिटा कर मेरे लिप्स पर किस करते हुए चोद्ने लगे.
अब्बू: अब जब तुम बोलो तुम्हारे अब्बू तुम्हारे लिए रेडी है.
अलग-अलग आंगल्स से अब्बू के लंड से मेरी गांड की चुदाई होते-होते 30 मिनिट हो गये थे. तभी कॉंडम निकाल कर अब्बू ने मेरी गांड की चुदाई तेज़ कर दी. अब बहुत तेज़ तेज़ झटके दे रहे थे. हम दोनो बिल्कुल पसीना-पसीना हो गये थे. तभी मेरी गांड में गरम-गरम लावा भर गया जो मेरे पेट (स्टमक) तक फील हो रहा था. अब्बू का लंड था ही इतना बड़ा. पूरा माल अंदर ही गिरा कर अब्बू मेरे उपर ही गिर गये. मैने अब्बू को किस किया.
मैं (रोते हुए): थॅंक्स पापा, लव यू.
अब्बू: बहुत दर्द हो रहा है, सॉरी बेटा.
फिर किस करते हुए, लव यू बोलने लगे.
मैं: ये दर्द के आँसू नही है, प्यार के है. अब्बू मैं आप से बहुत टाइम से प्यार करता हू. लेकिन कभी हिम्मत नही हुई.
ये बोलते ही हम दोनो एक-दूसरे के गले मिले.
अब्बू: कोई बात नही बेटा. अब्बू अब सिर्फ़ तुम्हारे है.
अब मेरी ज़िंदगी में अब्बू आ गये थे. अब मुझे किसी की ज़रूरत नही थी. उनका साथ मेरे लिए सब कुछ था. ऐसे ही हम दोनो सो गये. मम्मी 15 दिन तक घर नही आई. तब तक हम दोनो घर पर नंगे ही रहने लगे. अब्बू मेरा बहुत ध्यान करते. उनके साथ चुदाई घर के हर कोने में होती. ये मोमेंट मैं कभी नही भुला सकता.
मम्मी के आने के बाद भी अब्बू बहुत बार मेरे रूम में आ कर मेरी गांड चोद करते थे. ख़ास कर जब मम्मी ऑफीस से लेट आती थी. आज इस बात को काफ़ी साल हो गये है. मैं आज भी लगभग हर रोज अब्बू से गांड मरवाता हूँ..
समाप्त