Bhabhi ka haseen dhokha Ch. 06

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"हां राजेश... तेरे भैया का बीज बहुत कमजोर है. तेरी भाभी को अच्छे बीज की जरूरत थी. सुमन को अपना बीज देकर तूने उसे गर्भवती कर दिया. इसके लिए शुक्रिया."

मेरे तो पैरों तले जमीन खिसक गई थी. मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या कहूं.

"मां जी, मुझे लगता है हमें राजू को शुरुआत से सब बताना चाहिए."

"हां, तू ठीक कहती है सुमन."

मैं समझने की कोशिश कर रहा था कि यह दोनों क्या कहना चाह रही हैं. लेकिन फ़िर चाची बोली-

"राजेश, तेरे भैया और सुमन पिछले 2 साल से बच्चा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन असफल है. हमने दोनों को डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने टेस्ट करने के बाद बताया कि सुमन में कोई खराबी नहीं है. उसे मां बनने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. असली कमी है तेरे भैया के बीज में. रवि का बीज बहुत कमजोर है. वह सुमन को कभी मां नहीं बना पाएगा. हमें अपने घर में बच्चा चाहिए था और हम गोद नहीं लेना चाहते थे. लेकिन हम वीर्य दान के लिए भी तैयार नहीं थे. पता नहीं किस मर्द का बीज हो और पता नहीं इस बीज से पैदा होने वाला बच्चा कैसा निकले. इसी बीच में पता लगा कि तू चंडीगढ़ आ रहा है कॉलेज में पढ़ने. इसी बीच मैंने सुमन से बात करी कि क्या वह तेरे बीज से मां बनना चाहेगी? मैंने उससे कहा कि घर की ही बात है, घर ही में रहे तो अच्छा है. हमारे खानदान के ही एक मर्द के बीज को सुमन अपने पेट में पाले, तो ही अच्छा है. लेकिन सुमन इसके लिए तैयार नहीं थी. कहती थी राजू तो अभी बच्चा ही है."

मैं हैरानी से भाभी की तरफ देखने लगा.

"राजू, तुझे याद होगा तेरे यहां आने के कुछ दिन बाद एक रात जब मैं और तेरे भैया कमरे में कर रहे थे, तब मैंने तेरी परछाई दरवाजे के नीचे से देखी थी. तू हमें देखकर मुट्ठ मार रहा था और तूने अपना माल फर्श पर ही गिरा दिया था. उसके बाद जब तू कमरे में चला गया तब मैंने दरवाजा खोल के देखा था और पाया कि तूने ढेर सारा माल फर्श पर गिरा दिया है और तेरे अंडे ढेर सारा माल बनाते हैं. तब मुझे भी लगने लगा कि शायद तू इस काम के लिए ठीक रहेगा. मैंने सासू मां से इस बारे में बात की थी. और मैंने उन्हें यह भी बताया कि मैं किसी डॉक्टर के यहां जाकर तेरे से बीज निकलवा कर उस बीज को अपने पेट में नहीं पालना चाहती. नहीं तो तू समझेगा कि सिर्फ तेरा बीज पाने के लिए हमने तुझे यहां बुलाया है. मैं चाहती थी कि अगर मुझे तेरा बीज मिले तो वो इसलिए मिले क्योंकि तू मुझे अपना बीज देना चाहता है. मैं प्राकृतिक ढंग से मां बनना चाहती थी. सासू मां जब इस बात के लिए राजी हो गई, तभी मैंने तुझे रिझाना शुरू किया अपनी खूबसूरती से. तेरे संग एक दो बार सेक्स भी किया और पाया तू भी अपना बीज मुझे देना चाहता है क्योंकि तू हर बार अपना बीज मेरी योनि के अंदर ही छोड़ता था. इसके बाद मैंने तुझे एक दिन एक शीशी में झड़ने को बोला था. उस शीशी में मौजूद वीर्य का मैंने डॉक्टर के यहां टेस्ट करवाया. राजू, बहुत ही शक्तिशाली वीर्य है तेरा. एक बार में तेरे वीर्य में लगभग 60 करोड़ शुक्राणु होते हैं. कभी भी किसी लड़की को चोदते समय कंडोम जरूर पहनना. नहीं तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा. कुछ ही दिन बाद तेरे भैया ने बताया कि वह 2 महीने के लिए बाहर जा रहे हैं. मैंने और सासू मां ने तभी यह प्लान बनाया था और इसलिए सासू मां भी बाहर चली गई थी ताकि तू और मैं अकेले यहां रहे और तू अपना बीज मेरे अंदर बो सके."

मुझे यह सुनकर हैरानी हो रही थी. मेरे संग ऐसी धोखाधड़ी कभी नहीं हुई थी.

"राजेश, तुझे यह बात राज रखनी होगी. सुमन के होने वाले बच्चे का बाप तू है, यह बात सिर्फ मुझे, सुमन और तुझे पता है. यह बात और किसी को नहीं पता चलनी चाहिए. खानदान की इज्जत का सवाल है."

"राजू, अब जाकर तू सो जा. आज तूने बहुत काम किया है. हम भी सो जाते हैं जाके."

भाभी के इतना कहने पर मैं उठकर अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा. मैंने पीछे मुड़कर देखा की चाची और भाभी कुछ बात कर रही हैं.

मैं अपने कमरे में आ गया और अभी जो सारी बातें चाची और भाभी ने कही थी उन्हीं के बारे में सोच रहा था. कुछ मिनट बाद भाभी मेरे कमरे में आई.

"सासू मां सो गई है, राजू."

"भाभी...", मैं इससे ज्यादा और कुछ बोल नहीं पाया और मेरी आंखों में आंसू आ गए. मैं भाभी से प्यार करता था और उनकी इस धोखाधड़ी से मेरे दिल को बहुत चोट पहुंची थी.

भाभी मेरे पास आए और मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरी पीठ सहलाने लगी.

"राजू, रो मत. मैं समझ सकती हूं तुझे कैसा महसूस हो रहा होगा. तुझे ऐसा लग रहा होगा कि मैंने तेरा फायदा उठाया."

"भाभी.... मैं आपसे प्यार करता हूं. क्या आप मुझसे प्यार करती हो?"

भाभी ने मेरी आंखों में आंखें डाल कर देखा.

"नहीं राजू. मैं तेरे से प्यार नहीं करती. मैं सिर्फ तेरे भैया से प्यार करती हूं. उनको दुख ना देने के लिए ही मैंने तेरे संग बच्चा किया."

भाभी का यह बोलने पर मैं फूट-फूट कर रोने लगा.

"रो मत राजू. असल में तू भी मुझसे प्यार नहीं करता."

"ऐसा नहीं है भाभी."

"राजू, अगर तू मुझसे प्यार करता है तो एक बात बता. तुझे मेरे बारे में क्या सबसे अच्छा लगता है, मेरे जिस्म के अलावा?"

मैंने कुछ देर सोचा लेकिन मेरे पास कोई जवाब नहीं था.

"देखा राजू. तुझे सिर्फ मेरे जिस्म से प्यार है. इसलिए तू मुझसे प्यार नहीं करता. तेरे अंदर मेरे जिस्म के लिए एक ठरक है. उस ठरक को तो प्यार समझता है."

"भाभी, आपने मुझे धोखा दिया."

"हां राजू.... मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं. उनकी खुशी के लिए मैंने तुझे धोखा दिया. लेकिन एक बात और है. प्यार में अपने पति से करती हूं लेकिन मेरी चूत में भी तेरे लंड के लिए एक ठरक है. इसलिए जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं अपनी चूत की ठरक मिटाने तेरे पास आऊंगी. तेरे संग बेमतलब की चुदाई करने. लेकिन इस बारे में ना तेरी चाची ना तेरे भैया को पता लगना चाहिए. बता, मंजूर है तुझे?"

मैं थोड़ा शांत हुआ और कुछ देर सोचने के बाद बोला, "भाभी, मैं भी आपको एक चुदासी रांड समझ कर चोदूंगा. मुझे आपकी शर्त मंजूर है."

"तो फिर इंतजार किस चीज का कर रहा है. चोद मुझे. अपनी रांड को."

और मैंने भाभी की चुदाई शुरू कर दी.

भाभी और चाची ने चाची की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर भैया को जल्दी बुला लिया. भैया अगले 4 दिन में वापस आ गए. फिर भाभी ने भैया के संग खूब चुदाई की. कुछ दिन बाद उन्होंने भैया को खबर दी कि वह मां बन गई है. भैया की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने मुझे बोला, "राजेश, बहुत जल्दी चाचा बनने वाला है."

मैंने भी उन्हें बधाई दी और अपनी खुशी व्यक्त की.

कुछ दिन बाद भैया फिर अपने काम के सिलसिले में बाहर चले गए. भाभी और मैं फिर से चुदाई करने लगे. 1 दिन भाभी मेरे पास ही सो रही थी. अचानक वह सुबह उठी और बाथरूम में जाकर उल्टी करने लगी.

मैं भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उनके बाल सहलाने लगा. भाभी उल्टी करती रही. उल्टी करने के बाद भाभी उठी और कुल्ला करने लगी. मैंने भाभी के पेट पर अपना हाथ रखा और बोला, "भाभी, आपकी सुबह की उल्टी इस बात का सबूत है कि हमारा बच्चा आपकी कोख में बड़ा हो रहा है.". भाभी यह बात सुनकर मुस्कुराई और फिर बिस्तर पर जाकर लेट गई. मैं बोला, "भाभी, चाची कभी भी ऊपर आ सकती हैं. आपको अपने कमरे में होना चाहिए."

"राजू, इस हालत में मैं अपने कमरे में चलकर नहीं जा सकती."

मैंने भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और खुद चलकर उन्हें उनके कमरे तक ले गया और बिस्तर पर लेटा दिया. फिर उन्हें चादर ओढ़ा दी और मैं अपने कमरे में वापस आ गया. अगले कई महीने तक ऐसा ही चलता रहा. भैया की गैर हाजरी में भाभी मुझसे चुद रही थी. साथ ही साथ भाभी का पेट भी फूल रहा था. मेरा बच्चा भाभी की कोख में बड़ा हो रहा था. कुछ महीने बाद, भाभी ने एक प्यारे से बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के पैदा होने के वक्त भी भैया बाहर थे. अस्पताल में मैं और चाची थे. भाभी ने हमारे बच्चे को नाम दिया, राहुल. चाची अपने पोते को देखकर बड़ी खुश थी. अस्पताल से आने के बाद भाभी राहुल की देखभाल में लग गई. भैया जब वापस आए तो राहुल को देख कर बड़ा खुश थे. हमें जब भी मौका मिलता, मैं और भाभी चुदाई कर लेते. भाभी ने मुझे अपने स्तन से दूध भी पिलाया. भाभी ने मुझे उनका दूध पीने की खुली छूट दी थी. इसलिए जब मेरा मन करता, मैं भाभी के कमरे में जाता, उनका ब्लाउज खोलता, उनकी निप्पल मुंह में लेकर चूसता और उनका दूध पीता.

राहुल जब डेढ़ साल का हो गया तो एक दिन चाची और भाभी ने मुझे बुलाया. चाची बोली, "राजेश, तेरे भैया सुमन के साथ एक और बच्चा करना चाहते हैं. मैंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मान नहीं रहा. वह एक और बच्चा चाहता है. राजेश, हमें फिर से तेरे बीज की जरूरत है."

इसके बाद मैंने और भाभी ने फिर से चुदाई की. भाभी दोबारा मां बन गई और 9 महीने बाद हमारी बेटी, तान्या पैदा हुई. भैया फिर से खुश हो गए. इस तरह से मेरे कॉलेज के दिन चंडीगढ़ में निकले. मैं और भाभी खूब चुदाई करते थे. अपने खाली वक्त में मैं अपने बच्चों के साथ खेलता था और देखभाल में भाभी की मदद भी करता था. आखरी सेमेस्टर में मुझे दिल्ली में नौकरी मिल गई. इसका मतलब यह था कि 6 महीने में मैं भाभी के घर से चला जाऊंगा. भाभी को इस बात से बड़ी चिंता हुई कि अब वह अपनी चूत की ठरक कैसे शांत करेंगी? लिहाजा मैं और भाभी बहुत ज्यादा चुदाई करने लगे. हमें जब मौका मिलता, भाभी अपनी टांगे खोल देती और मैं अपना लंड उनकी चूत में डाल देता. ऐसी ही किसी एक चुदाई में हमने ध्यान नहीं दिया कि भाभी उस दिन अंडोत्सर्ग कर रही थी. मैंने उस दिन कॉंडम नहीं पहनी थी और भाभी की चूत के अंदर ही मैंने अपना बीज छोड़ दिया. हमें पता भी नहीं चला कि भाभी मां बन चुकी है. एक दिन भाभी जब सुबह उठी तो पिछली बार की तरह उन्हें फिर से उल्टी हुई. तब हमने चेक किया तो पाया कि भाभी गर्भवती हैं. हमने यह बात चाची को बताई तो चाची ने मुझसे बहुत नाराजगी जताई क्योंकि उनको पता चल गया था कि उनकी पीठ पीछे उनकी बहू और भतीजा चुदाई करते हैं. भैया एक हफ्ते पहले घर आए थे. भाभी ने उनको फोन करके बताया कि वह फिर से गर्भवती हैं. भैया फिर से खुश हुआ. कुछ हफ्ते बाद मैं और चाची भाभी को डॉक्टर के पास चेकअप के लिए ले गए. डॉक्टर ने बताया कि भाभी के पेट के अंदर जुड़वा बच्चे पल रहे हैं. मैं और भाभी इस बात से बड़े खुश हुए. लेकिन हमें चुदाई से रोकने के लिए चाची ने भाभी को अपने कमरे में बुला लिया और रात को उन्हीं के साथ सोने लगी. लेकिन हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते थे.

भाभी अपने पांचवे महीने में थी जब मेरा कॉलेज खत्म हो गया और मैं दिल्ली शिफ्ट हो गया. 4 महीने बाद भाभी ने हमारी जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया. उस समय राहुल 3 साल का और तान्या लगभग 2 साल की थी.

आज इस बात को कई साल बीत चुके हैं. आज मेरी शादी हो चुकी है और मेरे अपने दो जायज बच्चे हैं. भैया और भाभी अभी भी साथ हैं और भैया को नहीं पता कि उनके बच्चों का असली बाप मैं हूं. कुछ साल पहले चाची गुजर गई. मैं कई बार चंडीगढ जाता हूं भाभी और अपने बच्चों से मिलने, भैया की गैर हाजरी में. भाभी और मैं तब खूब चुदाई करते हैं.

अपनी जिंदगी में मुझे कई धोखे मिले हैं, लेकिन जो हसीन धोखा मेरी भाभी ने मुझे दिया, मैं प्रार्थना करूंगा कि आप सबको वैसा ही हसीन धोखा मिले.

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