by SEEMASINGH
Mai toh Ganga Baba aur Janaki ke aane se bahut khush thi, lekin aisa kachara kyun kar diya-
बड़े मामा ने अपना मुंह मुझे सीधा करके मेरी चूत पर लगा कर मेरे मूत्र की मांग की. मैंने अपना पेशाब धीरे-धीरे बड़े मामा के मुंह में बहने दिया. बड़े मामा ने मेरा मूत्र प्यार से पी लिया.
मैं उसके बाद शौचासन पर बैठ कर ठीक से अपना मलाशय खोल दिया. बड़े मामा का मेरे मल से सना लंड मेरे मूंह के सामने था. मैंने मामाजी का लंड चूस, चाट कर साफ़ कर दिया. मुझे अपने मल का स्वाद बड़े मामा के वीर्य से मिश्रित और भी स्वादिष्ट लगा.