राखी सावंत का अनोखा राज़

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

“अरे नखरे ना कर चूतमरानी... खूब मज़ा आयेगा!” मल्लिका को घुटनों के बल नीचे दबाते हुए राखी बोली।

राखी सावंत के लण्ड को अपने हाथ में लेते हुए मल्लिका ने नज़रें उठा कर राखी को देखा। मल्लिका अभी भी कशमकश में थी। एक तरफ तो तना हुआ लौड़ा उसे ललचा रहा था लेकिन ये बात खटक रही थी कि ये राखी का, एक औरत का लण्ड था। मल्लिका को असमंजस में देख कर राखी थोड़े गुस्से से बोली, “अब ये ढोंग ना कर कि जैसे तुझे पता ही नहीं कि लण्ड कैसे चुसना है!” राखी ने मल्लिका के बालों को अपनी मुठ्ठी में कस कर जकड़ते हुए अपना लण्ड उसके चेहरे के सामने करके उसके होंठों पर रगड़ते हुए फुफकारी, “चल साली दो टक्के की राँड! खोल अपना चुसक्कड़ मुँह और शुरु हो जा!”

मल्लिका ने धीरे से अपना मुँह खोला और लण्ड का सुपाड़ा मुँह में भर लिया। उसकी गरम साँसें अपने लण्ड पर महसूस करते हुए राखी आहें भरने लगी। उत्तेजना में बेसब्री से राखी ने मल्लिका के बालों में अपनी जकड़ और मजबूत करते हुए अपना लण्ड उसके मुँह में ठेल दिया, “चूस साली... चूस ये ज़नाना लण्ड!” मल्लिका अपनी सहेली का लण्ड मुँह में अंदर बाहर करके उसे चूसने लगी। मल्लिका को कामुक्ता से अपना लण्ड चूसते देख राखी मस्ती में सिसकने लगी, “हाँआँऽऽऽ.... बहुत खूब... राँड! चूस मेरा लण्ड... मर्दों के लण्ड से ज्यादा दम है मेरे ज़नना लण्ड में... उमममऽऽऽ!”

मल्लिका शेरावत ज़ोर-ज़ोर से अपने मुँह में अंदर-बाहर करते हुए लण्ड चूसने लगी तो राखी ने उसके बालों में अपनी जकड़ ढीली कर दी। मल्लिका ने राखी के लण्ड से अपने होंठ हटाये और थूक से चीकने आठ इंच लंबे लण्ड पर मुठ्ठी चलाते हुए ऊपर राखी के चेहरे को देखा। “मज़ा आ रहा है... छक्के की गंदी गाँड की पैदाइश!” मल्लिका ने राखी के लंड को जोर से भींच कर मुठियाते हुए पूछा।

“हाँ चुदैल कुत्तिया! चूस... और चूस!” मल्लिका का चेहरा अपने लंड पर वापस खींचते हुए राखी मस्ती में सिसक कर बोली।

फिर से अपना मुँह खोल कर मल्लिका ने अपनी सहेली का लंड अपने मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। लण्ड चूसने के मज़े में मल्लिका की सारी हिचक हवा हो चुकी थी। वो पूरी मस्ती में ज्यादा से ज्यादा लण्ड मुँह में अंदर लेकर चूस रही थी और लण्ड की टोपी अब उसके गले में धक्के मार रही थी।

“ओहह उहहह ऊ~म्म्म.... और अंदर तक ले... मेरी प्यारी राँड!” राखी फुसफुसायी और मल्लिका का सिर पीछे से पकड़ कर दबाने लगी। सहेली का लण्ड अचानक मल्लिका के गले के नीचे फिसलने लगा तो दम घुटने से उसके गले में से ऊऊघघऊँऊँऽऽऽ की आवाज़ निकलने लगी। लण्ड चूसने में मल्लिका काफी अभ्यस्त थी। उसने नाक से साँस लेते हुए अपने गले को ढील दी। राखी ने देखा कि उसका समूचा लण्ड धीरे से मल्लिका के मुँह में समा गया।

“ओहह... भैनचोद... उम्मऽऽ... चूस ले लौड़ा... गटक ले पूरा... कुत्तिया की लवड़ी!” राखी मस्ती में चिल्लायी। मल्लिका ने राखी का लण्ड अपने गले में चंद सेकेंड के लिये रखा और अपना हाथ बढ़ा कर राखी के टट्टे मलते हुए खींचने लगी। मल्लिका की इस करतूत से राखी ज़ोर से करहाने और सिसकने लगी।

मल्लिका ने जब लण्ड अपने मुँह से बाहर निकाला तो उसके होंठों और लण्ड की टोपी के बीच में थूक की मोटी सी तार सी बंध गयी। राखी ने अपने लिसलिसे लंड पर हाथ फिराते हुए मल्लिका पर नज़र डाली। नशे के मारे मल्लिका अपने घुटनों के बल और देर तक बैठ नहीं सकी और ज़मीन पर टाँगें पसार कर बैठ गयी।

“चल मेरी जान... पैंटी उतार कर बेड पर चढ़ जा...!” राखी बोली।

मल्लिका मुस्कुराई और मुश्किल से किसी तरह खड़ी होकर लडखड़ाती हुई बेड तक पहुँची और बेड पर गिरते हुए धम्म से लेट गयी। उसने अपने घुटने मोड़ कर टाँगें उठाते हुए अपनी पैंटी उतार दी। अब मल्लिका शेरावत बेड पर सिर्फ ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने मादरजात नंगी, अपनी टाँगें चौड़ी फैलाये लेटी थी। राखी भी नशे में लड़खड़ाती बेड तक आयी और अपनी सहेली की टाँगों के बीच में झुक गयी। मल्लिका की चूत और गाँड बिल्कुल साफ सुथरी और चिकनी थीं। बाल के एक रेशा भी कहीं मौजूद नहीं था।

“हायऽऽ कितनी रसीली चिकनी चूत है... मेरे मुँह में तो पानी आ रहा है...!” कहते हुए राखी झुक कर मल्लिका की चूत के आसपास जीभ फिराने लगी। चूत-रस में पूरी तरह से भीगी हुई मल्लिका की चूत और जाँघें उसकी उत्तेजना की गवाही दे रही थीं। मल्लिका को सताने के लिये राखी चूत के आसपस के हिस्सों पर ही जीभ फिरा रही थी और कभी-कभी अपनी जीभ उसकी क्लिट या चूत के होंठों के करीब ले आती।

“आआआहहऽऽ क्यों सता रही है माँ की लौड़ी... ऊँम्मऽऽ... प्लीज़ऽऽऽ!” मल्लिका तड़प कर कराहने लगी। अपना हाथ मल्लिका की चूत के होंठों पर रख कर राखी उन्हें रगड़ने लगी। मल्लिका की चूत भीगी होने के साथ-साथ बहुत ही गरम भी थी।

“मममऽऽऽ... तेरी छिनाल चूत तो बिल्कुल तैयार है... बोल कुत्तिया... क्या चाहती तू?” राखी ने पूछा तो मल्लिका अपनी कोहनियों के सहारे थोड़ा सा उठी और बहुत ही धूर्तता से मुस्कुराते हुए बोली, “साली... अब तड़पाना छोड़ मुझे.... और मेरी चूत चाटना शुरू कर राँड की झाँट!” फिर वापस लेट कर अपने मम्मे रगड़ते हुए निप्पलों को मरोड़ने लगी।

राखी अपना चेहरा बिल्कुल मल्लिका की चूत के ऊपर ले गयी और धीरे से चूत के होंठों पर ऊपर नीचे चाटने लगी। चूत का खट्टा-मीठा रस बहुत ही स्वादिष्ट था। राखी की जीभ जब चूत के होंठों को चाटते हुए उनके बीच में घुसने लगी तो मल्लिका आहें भरने लगी, “ऊऊऊहहह.... मममऽऽऽ... हाँऽऽऽ...!” अपनी जीभ चूत में अंदर ठेलते हुए अब राखी मल्लिका की क्लिट रगड़ रही थी। मल्लिका शेरावत की क्लिट फूल कर बहुत ही कड़क हो गयी थी।

ऊँऊँ और गूँ-गूँ गुनगुनाती हुई राखी अपनी जीभ से मल्लिका की चूत चोदने लगी और अंदर रिस रहे अमृत का स्वाद लेने लगी। मल्लिका की चूत अंदर भट्टी की तरह गरम थी।

“ओहह भैनचोद! खा जा मेरी चूत!” मल्लिका जोर से चींखी और राखी ने उसकी चूत पर अपनी जीभ का हमला ज़ारी रखा। जीभ से चाटने के साथ-साथ राखी सावंत अब अपनी दो उंगलियाँ मल्लिका की चूत में घुसेड़ कर अंदर बाहर करने लगी और दूसरे हाथ से उसकी क्लिट को भी खींच और मरोड़ रही थी। मल्लिका ने तो कामोत्तेजना और मस्ती में जोर-जोर से चींखते-कराहते हुए अपने चूतड़ उचकाने शुरू कर दिये और राखी की उंगलियों के सम्मुख अपनी चूत ठेलने लगी।

मल्लिका शेरावत ने एक हाथ बढ़ा कर राखी का सिर थाम कर थाम चूत पर उसका चेहरा दबा दिया। “ओह हाँऽऽऽ.... चूस... चाट इसे... आँआँऽऽ!” जब राखी अपनी तीसरी उंगली भी उसकी चूत में घुसेड़ कर जोर-जोर और तेजी से ठोंकने लगी तो मल्लिका की कराहें और सिसकियाँ और भी तेज़ हो गयीं।

मल्लिका की चूत अपनी उंगलियों से चोदते हुए राखी ने सिर उठा कर मल्लिका को देखा जो इस वक्त कामवासना भरी मस्ती मे छटपटा रही थी। “ले साली हरामी कुत्तिया! मज़ा आ रहा है ना... ले और जोर से ले!” राखी बोली। मल्लिका झड़ने के कगार पर थी और जोर-जोर से कराह रही थी। “च-चोद मुझेऽऽऽ.... मैं गयीऽऽऽ... आआआआईईईऽऽऽऽ!” अपने चूतड़ जोर-जोर से हिलाती हुई मल्लिका जोर से चींखी और उसका चूत रस छूट कर राखी के हाथ पर बहने लगा।

राखी ने अपनी उंगलियाँ मल्लिका की चूत में से निकालीं और मल्लिका की क्लिट पर रगड़ने लगी तो मल्लिका उत्तेजना से चिहुँक पड़ी। फिर बिस्तर पर और ऊपर खिसकते हुए मल्लिका नरम तकिये पर सिर रख कर अपनी साँसें काबू करने लगी। राखी भी उसके बगल में आ कर लेट गयी तो मल्लिका उसे देख कर मुस्कुराई। मल्लिका की चूत रस से भीगी उंगलियाँ मल्लिका के होंठों पर रखते हुए राखी प्यार से बोली, “ले साली... चाट कर देख... बहुत ही मस्त स्वाद है!” मल्लिका ने अपना मुँह खोलकर अपनी जीभ बाहर निकाली और राखी की उंगलियाँ चूसती हुई अपनी ही चूत का रस चाटने लगी।

राखी की उंगलियाँ चाट कर साफ करने के बाद मल्लिका अपने होंठों पर जीभ फिराते मुस्कुरा कर हुए बोली, “मज़ा आ गया जान... तूने कितनी बखूबी चूसी मेरी चूत!” राखी ने साईड टेबल से सिगरेट का पैकेट उठया और दोनों सिगरेट सुलगा कर अगल-बगल लेटी हुई कश लगाने लगीं। राखी अपना हाथ मल्लिका के पेट पर फिराती हुई उसकी मुलायम और पसीने से थोड़ी नर्म त्वचा महसूस कर रही थी। मल्लिका ने शरारत से मुस्कुराते हुए नीचे की तरफ राखी की टाँगों के बीच में उसके फुदकते लण्ड को हसरत से देखा।

“जानेमन! मेरे पास तेरे काम की एक और मज़ेदार चीज़ है!” राखी बिस्तर पर बैठते हुए बोली। सिगरेट का अखिरी कश लगा कर उसने सिगरेट का टोटा झुककर ऐश-ट्रे में रखा और मल्लिका की टाँगों के पास खिसक गयी। फिर मल्लिका की टाँगें चौड़ी करके उनके बीच में आ कर अपना लौड़ा सहलाने लगी।

मल्लिका बस सिगरेट का कश लगाती हुई राखी की तरफ देखकर दाँत निकाल कर मुस्कुरने लगी। “अच्छा? ऐसी कौन सी चीज़ है तेरे पास?” मल्लिका इतराते हुए बोली। जवाब में राखी ने अपना लौड़ा मल्लिका की भीगी चूत पर जोर से चटका कर मारा तो मल्लिका चींखती हुई उछल पड़ी। “आआऊऽऽ! माँ की लौड़ी... या कहूँ कि माँ का लौड़ा!” मल्लिका हंसते हुए बोली।

राखी के शी-मेल लण्ड से चुदने के ख्याल से मल्लिका अपने होंठों पर जीभ फिराने लगी और अपने हाथ नीचे ले जा कर अपनी चूत के होंठ फैला कर चूत खोल दी। राखी उसकी चूत और क्लिट के ऊपर अपने लण्ड का सुपाड़ा रगड़ने लगी तो मल्लिका मिन्नत करते हुए बोली, “प्लीज़ राखी चोद मुझे... अब सब्र नहीं हो रहा.... चोद दे मुझे अपने अनूठे लण्ड से!”

राखी सावंत ने हरमीपने से मुस्कुराते हुए अपना लौड़ा मल्लिका की चूत में धीरे से अंदर ठेलना शुरु किया। चूत को फैलाते हुए जैसे ही लण्ड अंदर घुसने लगा तो मल्लिका ने अपना होंठ दाँतों में दबा कर काट लिया।

“तैयार है ना मेरे लण्ड के लिये... कुत्तिया राँड?” अपने लण्ड का सुपाड़ा मल्लिका की गरम चूत में घुसेड़ कर राखी ने रुकते हुए पूछा। मल्लिका ने बस सिर हिला कर हामी भरी और अपनी बाँहें आगे बढ़ा कर राखी को अपने नज़दीक खींच लिया। राखी ने मल्लिका शेरावत पर झुकते हुए अपना बाकी लौड़ा भी उसकी चूत में ठेलना शुरू कर दिया और मल्लिका की चूत की गर्मी अपने लौड़े पर घिरती हुई महसुस होने लगी तो राखी ने झुक कर मल्लिका के होंठ चूम लिये। राखी का आठ इंच लंबा तगड़ा लण्ड अपनी चूत में लेने में मल्लिका को ज़्यादा मुश्किल नहीं हुई क्योंकि उसे मूसल लण्ड लेने का काफी अनुभव था। अमेरिका में भी कईं हब्शियों के मोटे-मोटे काले लौड़ों से चुदवा चुकी थी।

“ऊम्मऽऽऽ... येस्सऽऽऽऽ... राखी... चोद दे मुझे.... मेरी राँड...!” मल्लिका धीरे से सिसकी और राखी के होंठ चूमने लगी और उनकी जीभें आपस में गुथमगुथा हो गयीं। राखी भी वापस मल्लिका को चूमते हुए उसकी जीभ चूसने लगी और उसकी चूत का कसाव अपने लौड़े पर महसुस करते हुए मल्लिका की चूत में अपना लौड़ा अंदर बाहर ठेलना शुरू कर दिया।

“हाय री... कितनी गरम चूत है... ऊँम्म्म... मज़ा ले तू भी मेरे लौड़े का...!” राखी बोली और बैठ कर पीछे झुकते हुए उसने मल्लिका की टाँगें पकड़ कर हवा में ऊपर उठा लीं और जोर-जोर से लण्ड उसकी चूत में पेलना शुरू कर दिया।

अपनी चूत में राखी के लंड के ज़बरदस्त धक्कों का मज़ा लेती हुई मल्लिका ज़ोर-ज़ोर से कराहने और सिसकने लगी। राखी का समूचा लौड़ा मल्लिका की चूत को फैलाते हुए अंदर बाहर हमला कर रहा था। “ओह हाँ... चोद.. चोद मुझे! हायऽऽ चूत की चटनी बना दे.. हाँऽऽ!” मल्लिका चींखने लगी।

राखी ने चोदना ज़ारी रखा। मल्लिका की टाँगें अपने कंधों पर टिका कर वो पूरी ताकत से अपना लंड इस तरह सटासट उसकी चूत में चोद रही थी कि राखी के टट्टे मल्लिका की गाँड पर टकरा-टकरा कर वापस उछल रहे थे। “ऊँह ऊँह... ले कुत्तिया... ले मेरा लण्ड... ये ले कुत्तिया...!” मल्लिका को छटपटाते देख कर राखी बोली।

मल्लिका अपने मम्मे पकड़ कर अपने निप्पल खींच कर उमेठने लगी। मल्लिका को चोदते-चोदते राखी के दिमाग में कुछ फितुर उठा और चोदने की रफ्तार धीमी करते हुए उसने मल्लिका शेरावत की चूत में से लण्ड बाहर खींच लिया। “क्या हुआ... भैनचोद! रुक क्यों गयी कुत्ती साली!” मल्लिका झल्लाते हुए गुस्से से बोली। उसके चेहरे पर खीझ साफ-साफ झलक रही थी।

राखी मुसकुराते हुए बोली, “तेरे जैसी कुत्तिया को चोदने के लिये दूसरा तरीका है.... चल पलट कर अपनी गाँड उघाड़ कर कुत्तिया बन जा...!” मल्लिका दाँत निकाल कर मुस्कुराते हुए घूम कर पलट गयी और अपनी गाँड राखी की तरफ करके कुत्तिया बन गयी। “थोड़ा प्यार से करना मादरचोद! बहुत नाज़ुक है मेरी गाँड!” मल्लिका मज़ाक करते हुए शोखी से बोली।

मल्लिका की गाँड का कोन देखते ही राखी समझ गयी कि मल्लिका ने खूब गाँड मरवायी हई है। उसने ज़ोर से मल्लिका के चूतड़ों पर तीन -चार चपत जमा दीं। मल्लिका चूतड़ हिलाते हुए चिहुँक कर चिल्ला पड़ी। “संभल कर छिनाल! कहा ना नाज़ुक गाँड है!” मल्लिका फिर हंसते हुए बोली। “हाँ वो तो दिख रहा है कि कितने लंड डकार चुकी है तेरी गाँड!” राखी ने उसके चूतड़ों पर एक और चपत लगायी।

“हाँ लेकिन तेरे जैसा मूसल लण्ड लेने की आदत नहीं है!” मल्लिका बोली। राखी ने झुक कर उसके चुतड़ फैलाये और उसकी गाँड के छेद के आसपास जीभ से चाटने लगी। “वोआऽऽ! चाट मेरी गाँड कुत्तिया!” राखी ने अपनी जीभ उसकी गाँड में अंदर घुसायी तो मल्लिका मस्ती में चहकते हुए बोली। मल्लिका की गाँड अपनी जीभ से मारते हुए राखी एक हाथ से उसकी भीगी हुई चूत भी रगड़ने लगी और अपनी उँगलियों से उसकी तन्नायी हुई क्लिट भी मसलने लगी। उसका हाथ मल्लिका की चूत के रस से भर गया।

राखी की जीभ का मज़ा लेते हुए मल्लिका ने भी अपने दोनों हाथ पीछे अपने चुतड़ों पर रख कर उन्हें फैला दिया। राखी ने अपनी एक उंगली गाँड में घुसेड़ कर अंदर-बाहर करनी चालू की तो मल्लिका कूद पड़ी। “ऊँऊँम्म्मऽऽऽ....राखीईईऽऽ...!” कराहते हुए मल्लिका ने खुद को राखी के हवाले छोड़ दिया। राखी ने अपनी उंगली थोड़ी बाहर निकाली और एक और उंगली उसके साथ अंदर घुसेड़ कर मल्लिका की गाँड फैला दी। दोनों उंगलियाँ गाँड में अंदर-बाहर करते हुए वो बार-बार गाँड के छेद पर थूक रही थी। जब मल्लिका की गाँड थूक से लिसलिसी हो गयी तो राखी ने अपनी उंगलियाँ बाहर निकालीं।

“चल मेरी राँड... तैयार है ना गाँड में लंड लेने के लिये!” अपने लंड पर थूक कर उसे मलते हुए राखी बोली। फिर उसने बहुत ही ज़ोर से एक चपत राखी के चूतड़ पर जमायी और उसे अपने चूतड़ फैलाने को कहा। मल्लिका ने जैसे ही अपने हाथ पीछे ले जा कर अपने चूतड़ फैलाये तो उसे राखी के लंड का चिकना सुपाड़ा अपनी गाँड के छेद पर महसूस हुआ।

राखी का लण्ड अपनी गाँड में घुस कर अंदर फैल कर चीरता हुआ महसूस हुआ तो मल्लिका की चींख निकल गयी। “आआईईई! दुख रहा है... हरामज़दी... प्लीज़...” तकिये में अपना चेहरा धंसाते हुए मल्लिका कराही लेकिन राखी ने उसकी परवाह किये बगैर अपना लौड़ा मल्लिका की गाँड में ठूँसना ज़ारी रखा। मल्लिका के चूतड़ों को पकड़ कर राखी उसकी गाँड में अपना लौड़ा अंदर बाहर करती हुई पम्प करने लगी। “ऊँम्म्म्म... बहुत टाइट है... कुत्तिया तेरी गाँड... हाँऽऽऽ...” अपने लंड पर मल्लिका की कसी हुई गाँड की मजबूत पकड़ से राखी भी कराह उठी और अपने लौड़े को गाँड में अंदर बाहर फिसलना शुरू होते देखने लगी।

“ओहह चोद.... आँआँऽऽऽ... मेरी गाँड”, मल्लिका कराही। “चोद मुझे.. राखी भैनचोद!” राखी ने अपना पुरा लंड गाँड में जोर से ठाँस दिया तो मल्लिका चिल्लाई। राखी अब जोर-जोर से मल्लिका की गाँड में गहरायी तक अपना आठ इंच लंबा लण्ड ठोकते हुए चोद रही थी और उसके टट्टे मल्लिका की चूत पर ज़ोर-ज़ोर से थपक रहे थे। अपना एक हाथ बढ़ा कर राखी नीचे ले गयी और मल्लिका की तरबतर चूत पर फिराते हुए उसकी चूत का फूला हुआ दाना रगड़ने लगी। “बहुत ही मज़ेदार गाँड है तेरी... ऊँहह...” अपने टट्टों में वीर्य उबलता हुआ महसूस हुआ तो राखी कराही। मल्लिका भी झड़ने लगी तो वो ज़ोर -ज़ोर से चींखने लगी और राखी को अपने हाथ पर मल्लिका की चूत फूटती हुई महसुस हुई।

राखी ने अपना वो भीगा हुआ हाथ बढ़ा कर मल्लिका के चेहरे के सामने कर दिया और मल्लिका हाँफते हुए अपनी चूत का रस चाटने लगी। “मैं भी झड़ने वाली हूँऽऽ.... मेरी जान!” राखी कराही। अब और ज्यादा टिकना उसके बस में नहीं था और उसने झट से अपना लंड मल्लिका की गाँड में से बाहर खींच लिया।

मल्लिका की गाँड का छेद फैल कर पुरी तरह से खुला रह गया और जैसे ही वो पलट कर अपनी कमर के बल लेटी तो राखी उसके दोनों तरफ घूटने मोड़ कर उसकी छाती पर बैठ कर अपना लौड़ा ज़ोर-ज़ोर से मुठियाने लगी। “ओहहह मादरचोद। मैं झड़ी.. आआईईईऽऽऽ!” अपना लौड़ा मल्लिका के चेहरे के सामने करते हुए राखी चींख पड़ी। वीर्य की पहली बौछार उछल कर सीधी मल्लिका के माथे पर पड़ी और आँखों में बहने लगी। वीर्य की बाकी बौछारें मल्लिका के मुँह में, चेहरे गर्दन और मम्मों पर गिरीं।

“ओहहह रंडी कुत्तिया की चूत! ले... ये ले मेरे लंड का अमृत!” मल्लिका के चेहरे पर अपन वीर्य दागती हुई राखी कराहने लगी। मल्लिका ने अपना सिर उठा कर राखी का लौड़ा अपने मुँह में लिया और उसमें से वीर्य के आखिरी थक्के चूसते हुए अपनी गाँड का स्वाद भी लेने लगी। फिर राखी का लण्ड हाथ में पकड़ कर उसके सुपाड़े पर मल्लिका अपनी जीभ फिराने लगी। “तेरे लण्ड से तो मेरी गाँड की सैक्सी खुशबू आ रही है और मसलेदार स्वाद भी।” मल्लिका हंसते हुए बोली और राखी भी थक कर मल्लिका के बगल में पसर गयी।

“मेरे अमृत का स्वाद भी किसी से कम नहीं है...!” राखी इतराते हुए बोली और मल्लिका के चेहरे और मम्मों से अपना वीर्य चाटने लगी। फिर राखी ने झुक कर अपने होंठ मल्लिका के होंठों पर रख दिये और दोनों एक दूसरे के मुँह में राखी का वीर्य अदल-बदल करने लगीं। उसके बाद घमासान चुदाई से थक कर दोनों आइटम-गर्ल एक दूसरे से लिपट कर आरम करने लगीं।

“तुझे मालुम है... तेरा फोन आया तब ही मैंने सोच लिया था कि अपना राज़ तेरे साथ खोल कर चुदाई करुँगी... मगर यकीन नहीं था कि तू मेरा साथ देगी या नहीं!” मल्लिका के बाल सहलाते हुए राखी बोली। “एक बार तो मैं भी डर गयी थी... अचानक तेरा लण्ड देख कर लेकिन अच्छा हुआ जो तूने मुझे रोक लिया!” राखी के मम्मों पर अपना सिर रखते हुए मल्लिका बोली। नशे और थकान से दोनों एक दूसरे के आगोश में सो गयीं।

12
Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
11 Comments
ZareenKazmiZareenKazmi9 months ago

السلام علیکم Najma,

I just have to say how freaking incredible this story is! I mean we are talking about two bollywood heroines, a twist that blows minds, and some seriously steamy sexy scenes. And the best part? You, as a Muslim woman, fearlessly took on this steamy and daring story, exploring unchartered territories/genres like a boss! Your courage in delving into taboo subjects and challenging norms is nothing short of heroic. It's writers like you who are breaking barriers and proving that creativity knows no boundaries. You've got excellent storytelling skills bringing these characters of Rakhi and Mallika to life in a way that's both sizzling hot and emotionally resonant. And that twist of Rakhi being a she-male, سبحان اللہ , it added a whole new level of excitement and hotness! While reading, I felt it was me instead of Mallika Sherawat, experiencing those intense and hot moments, step by step, with Rakhi and her lund. The story really sparked my curiosity and I find myseld intrigued by the idea of the she-males and open to the pssibility of sex, if the opportunity arises.

AnonymousAnonymous11 months ago

Nazma ji… bahut hi maadak story hai… iske aage bhi to likhiye… kuchh aur heroine aur celebrities ko involve kariye

AnonymousAnonymousover 1 year ago

ग़ज़ब का imagination है नज़मा आपका। बोहत ही मुख्तलिफ़ और मज़ेदार कहानी लिखी है… बेहद मज़ा आया। मैंने पोर्न वीडियो तो कई देखी है शी-मेल से ताल्लुक़ लेकिन देसी कहानी इस concept पर पहली दफ़ा पढ़ी।

AnonymousAnonymousover 1 year ago

लाजवाब… ज़बरदस्त…. बहुत ही मस्त कहानी लिखी है नज़मा जी आपने…. थोड़ा अपने बारे में भी बताये..,

AnonymousAnonymousover 1 year ago

Awesome. Very hot

Show More
Share this Story

Similar Stories

दो सहेलियों की विकृत और वहशी हवस Two women enjoy sex with servant during reunion after years.in Group Sex
गाँव में मेरी गैंगबैंग चुदाई Sex-starved indian housewife from city enjoys gangbang by villagers.in Group Sex
Pyaasi Choot Ch. 01 The story of sex starved Indian school teacher. (Hindi)in Loving Wives
दोहरी ज़िंदगी Widow teacher is seduced by her 20-year old students.in Group Sex
ननद और भाभी की चुदाई Deenu fucks his land-lady and her sister-in-law too.in Erotic Couplings
More Stories