साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ 02

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रानीने अपने हीरो, अपनी बहन कुमुद के पति और अपने पति के दोस्त कमल की और अपनी बाँहें फैलायीं और कमल को कस के अपने सीने से लगा कर, उससे से लिपट कर, कमल की आँखों में अपनी आँखें डाल कर सब सुने ऐसी आवाज में बोली, "कमल मैं आज तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। राज तो मुझे रोज चोदते हैं। पर अब राज से चुदवाने में मुझे पहले जैसा मज़ा नहीं आता। मैं आज तुम्हारे लम्बे और मोटे लण्ड से चुदवाना चाहती हूँ। आज तुम मुझे ऐसे चोदो जैसे तूमने कुमुद दीदी को कभी नहीं चोदा। आज मैं तुम्हारा मोटा और लंबा लण्ड अपनी चूत में डलवाना चाहती हूँ। "

रानी की इतनी बेशर्म बात सुन कर सब भौंचक्के से एक दूसरे की और देखने लगे। तब रानी ने कहा, "ऐसे क्या देख रहे हो? अब और सुनो। मैं पूरी रात भर मेरे हीरो कमल से चुदवाना चाहती हूँ। मेरे पति यही चाहते थे ना? इसी लिए तो वह बार बार मुझे चोदते समय मैं उन्हें कमल कह कर बुलाऊँ यही जिद कर रहे थे ना? तो लो अब तुम्हारी बीबी को तुम अपने सामने ही अपने भैया से चुदवाते हुए देखो और मजे लो। और हाँ, तुम भी तो कमल भैया की बीबी कुमुद को चोदने के सपने देख रहे थे न? तो आज कमल भैया की बीबी कुमुद हमारे सब के सामने तुमसे चुदवाने का इंतजार करती हुई नंगी लेटी है। मैं तुम्हें इजाजत देती हूँ की तुम जाओ और उसको खूब प्यार करके अच्छी तरह से चोदो और अपना सपना पूरा करो। आज हम चारों अपनी थोड़ी सी बेवफाई का सपना पूरा करेंगे। कुछ दिनों बाद जब हम सब अपने अपने घर वापस जाएंगे तो फिर वही अपने पति पत्नी से प्यार करेंगे और उनको चोदेंगे या उनसे चुदवायेंगे।"

रानी की ऐसी स्पष्ट और बेझिझक खुल्लम खुल्ला बात सुनकर राज, कमल और कुमुद एक दूसरे की शकल देखने लगे। राज का मुंह तो खुला का खुला ही रह गया। खैर यह तो उसी के किये का नतीजा वह देख रहा था। अब उसकी महेनत वाकई में रंग ला रही थी। आगे क्या होगा वह अब देखना था।

कमल से लिपटी रानी ने कमल को खड़े होने को कहा और खुद कमल के सामने घुटनों के बल बैठ गयी। कमल का लंबा और मोटा लण्ड राज की बीबी रानी की छाती पर मँडरा रहा था। रानी ने कमल को लण्ड अपने दोनों स्तनों के बिच में लिया और उसे अपने स्तनों पर रगड़ने लगी। रानी का यह नया रूप राज, कमल और कुमुद हक्केबक्के से देखते ही रह गए। रानी ने अपनी हथली और उंगलियां कमल के लण्ड पर लपेटीं और उनको हलके से मसाज करने लगी। कमल के लण्ड पर पूरी तरह फैला हुआ उसका पूर्व रस चमक रहा था।

उस रस में अपनी उंगलियां सराबोर कर रानी उसी रस को कमल के लण्ड पर प्यार से फैलाने लगी। धीरे से फिर कमल के लण्ड को अपनी मुट्ठी में पकड़ ने की कोशिश की पर कमल का मोटा लण्ड उसकी मुट्ठी में आ नहीं पा रहा था। खैर उसने अपनी मुट्ठी हिल्ला कर कमल के लण्ड को कुछ देर प्यार से सहलाने के बाद हलके से अपना मुंह खोला और कमल के लण्ड का अग्रभाग अपने मुंह में लेकर अपने होँठ में लपेट लिया। धीरे से अपना मुंह ऊपर निचे करते हुए रानी ने हलके से कमल को अपना लण्ड अंदर बाहर करने का इशारा किया।

कुमुद अपनी भोली भाली सीधी सादी छोटी बहन को अपने पति की इस तरह की कामुक सेवा करते देख कर दंग रह गयी। तब उसे ध्यान आया की राज उस पर चढ़कर चोदने क लिए बड़ा ही उत्सुकता से उसकी इजाजत का इंतजार कर रहा था। कुमुद ने राज की और देखा और बरबस उसके होँठों पर मुस्कान आ आ गयी। अब सारी कहानी कुमुद समझ चुकी थी। दो पतियों ने मिलकर उनकी पत्नियों को बदल बदल कर चोदने का जो प्रोग्राम बनाया था वह वाकई काबीले तारीफ़ था। दोनों बीबियों को अलग अलग से तैयार करना और धीरे धीरे उनके अवरोधों को बड़ी ही चालाकी से एक के बाद एक दूर करना और फिर उन्हें ऐसे उकसाना की वह दूसरे मर्द के प्रति आसक्त हो ही जाए। यह सब एक लम्बे अरसे की रणनिति थी। जब बचपन से ही दोनों दोस्तों ने यह फैसला कर लिया था की दोनों अपनी बीबियों को एक दूसरे से चुदवायेंगे तो फिर प्लानिंग तो पहले सी ही थी न?

कुमुद दोनों भाइयोँ की कायल हो गयी। एक दूसरे से इतना गहरा प्रेम की अपनी बीबी को भी अपने भाई से चुदवाने की इतनी उत्सुकता? वह प्यार भरी नज़रों से अपने पति कमल को रानी के मुंह की चुदाई करते हुए देखने लगी। रानी का मुंह इतना खुल नहीं पा रहा था की कमल का लण्ड वह पूरी तरह अपने मुंह में ले सके। थोड़ी देर तक कमल के लण्ड को अपने मुंह में जीभ से चाट ने के बाद रानी पीछे हटी और पलंग पर लेट गयी। कमल ने रानी के नंगे बदन को पलंग पर लम्बे फैले लेटे हुए देखा और उसका लंड जो पूरी अकड़ में फुला हुआ सीधा खड़ा था और भी फनफना उठा। रानी की छाती पर गुम्बज समान दो भरे हुए स्तन पर की फूली हुई निप्पलेँ कमल को मसल ने का जैसे आमंत्रण दे रही थीं।

रानी की पतली सेक्सी कमर और उसके बीचोबीच उसकी नाभि की ढूंटी को कमल ने ऊपर से झुक कर चूमा। फिर कमल ने रानी की चूँचियों को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और खिसक कर रानी की दोनों टाँगों के बिच अपनी जगह बना ली। उसने रानी की टाँगें अपने कंधे पर रख दी और खुद अपने लण्ड को रानी की चूत की सतह पर प्यार से रगड़ने लगा। रानी की चूत में से रिस रहा रस और कमल के लण्ड में से बंद दर बूँद निकलता हुआ पूर्व रस कमल के लण्ड पर पूरी तरह फैला हुआ था। कमल ने सीधे रानी की चूत में अपना लंड इस लिए नहीं पेला, क्यूंकि शायद वह रानी की इजाजत का इंतजार कर रहा था। या फिर अपना मोटा छड़ जैसा लंबा लण्ड जब रानी की चूत में घुसेगा तो उसे जो दर्द होगा उसके लिए कमल रानी को मानसिक रूप से तैयार कर रहा था।

कमल के भारी भरखम लण्ड का अपनी चूत से स्पर्श होते ही रानी के धैर्य की मर्यादा जवाब दे रही थी। उसकी चूत में अजीब सी लपलपाहट हो रही थी। उसकी चूत की गुफा की पूरी सुरंग में अजीब सी रोमांचक सिहरन या झनझनाहट हो रही थी। कब कमल उसकी चूत की सुरंग में अपना मोटा लण्ड घुसेड़ कर उस पूरी सुरंग को बेरहमी से रगड़े और रानी को अपने हीरो के लण्ड को अपनी खुली हुई चूत में रगड़वा कर कमल को पूरी तरह खुश करने का मौक़ा मिले उसका इन्तेजार करना अब रानी के लिए कठिन हो रहा था। रानी ने अपनी सहेली और बड़ी बहन समान कुमुद की और जब देखा तो पाया की कुमुद भी उसे टकटकी लगाकर देख रही थी।

कुमुद ने तिरछी नज़रों से छोटी बहन रानी की और देखा। कुमुद की नजर पड़ते ही रानी कुछ सहम सी गयी। कमल का लण्ड अपने हाथों में सहलाती हुई थोड़ा सा खिसक कर वह अपने पति राज से बोली, "राज, क्या हम, मैं और कमल, दूसरे कमरे में जा सकते हैं? मुझे शर्म आ रही है।"

राज ने देखा तो रानी और कुमुद की नजरें मिली हुई थीं। वह समझ गया की आखिर कितनी ही खुली क्यों ना हो, भारतीय नारी को अपनी लज्जा की मर्यादा का ध्यान रहता ही है। पर वह अपनी बीबी की चुदाई अपनी आँखों के सामने अपने भाई समान दोस्त से होते हुए देखना चाहता था। आज सालों के बाद उसकी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी। उसे वह गँवाना नहीं चाहता था। उसने रानी से कहा, "मैं आज तुम्हारी और कमल भैया की प्यार भरी चुदाई अपनी नज़रों के सामने देखना चाहता हूँ। शायद तुम्हें कुमुद से शर्म आ रही तो तुम्हें हिम्मत देने के लिए पहले मैं कुमुद को चोदना शुरू करता हूँ। इस से तुम्हें शायद कुछ हिम्मत मिले। और मैं कमरे की बत्ती को भी थोड़ा हल्का कर देता हूँ। ठीक है? मेरी रानी, आज मौक़ा मिला है तो बेधड़क और खुलकर चुदाई करो। मैं चाहता हूँ की तुम जैसे मुझसे चुदवाती हो वैसे ही बल्कि उससे भी ज्यादा उच्छृंखलता से मेरे प्यारे बड़े भाई और तुम्हारे हीरो कमल से चुदवाओ और उसे वह आनंद दो जो उसे याद रहे। आप भी वह आनंद लो जो आपकी भी जीवन भर की याद बने।"

जब रानी कुछ ना बोली तो राज ने कहा, "प्रिये, क्या कमल भैया से पहले मैं तुम्हें चोदूँ ताकि तुम्हें शर्म ना महसूस हो?"

पर शर्म की मारी रानी ने अपने पति को कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आँखें सख्ती से मूँद ली। रानी पहले कमल से ही चुदना चाहती थी। पर फिर भी कुछ ना बोली। उसने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा। तो राज ने कहा, "ठीक है फिर मैं ही तुम्हें पहले मेरे भैया के सामने चोदता हूँ। ऐसा कहकर राज ने कमल को अपनी आँखों से कुछ इशारा किया। कमल थोड़ा खिसका और उसने रानी की टाँगें फैला कर धीरे से पलंग पर टिका दी, पर रानी की टाँगों के बिच से हटा नहीं। रानी ने फिर भी अपनी आँखें नहीं खोली। तब राज के इशारे पर कमल ने अपना लण्ड रानी की चूत की दरार में घुसेड़ा। जैसे ही रानी ने कमल का लण्ड अपनी चूत के द्वार में घुसने की कोशिश करते हुए महसूस किया की रानी को समझने में ज़रा भी देर नहीं लगी की वह लण्ड उसके पति राज का नहीं बल्कि कमल का था। रानी ने फुर्ती से कमल का लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ा और उसे अपनी चूत के छिद्र के बीचोबीच रखा ताकि जब वह उसकी चूत के छिद्र में घुसे तो उसे कम दर्द हो।

फिर रानी ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। कमल के घने बालों से भरी छाती उसके ऊपर मँडरा रही थी। रानी ने बड़े ही सलीके से अपनी नंगी टाँगें उठायी और कमल को इशारा किया की उन्हें कमल अपने कन्धों पर फिर रख दे। अब कमल को रानी की फैली हुई चूत साफ़ नजर आरही थी। रानी चूत लगभग साफ़ थी। उसपर थोड़े हलके बाल नजर आ रहे थे। रानी की चूत गुलाबी लंखुडियों की तरह उसके मोटे लण्ड के घुसने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। जैसे सर्दियों में पेड़ के पत्तों से ओस की बूंदें गिरती हैं, ठीक उसी तरह रानी का स्त्री रस रानी की चूत की गुलाबी पंखुड़ियों में से धीरे धीरे धीरे बूँदें बनकर गिर रहा था जो रानी की उत्तेजना को बयाँ कर था। कमल ने धीरे से अपना लण्ड पहली बार रानी की चूत में घुसेड़ा और एक धक्का दिया।

कमल का इतना मोटा और लंबा लण्ड रानी की चूत में घुस तो गया पर रानी एकदम कराह उठी और बोल पड़ी, "कमल यह क्या कर रहे हो? तुम्हारा लण्ड इतना मोटा और लंबा है। मार डालोगे क्या? इसे धीरे से प्यार से अंदर डालो।"

कमल की बीबी कुमुद ने जब यह सूना तो अपनी आँखें खोली और देखा की कमल राज की बीबी के ऊपर नंगा दोनों हाथों और दो पॉंव के सहारे अपना लण्ड राज की बीबी रानी की चूत में घुसेड़ रहा था और रानी दर्द या फिर डर के मारे कमल के निचे मचल रही थी। रानी की कराहटें सुनकर कुमुद थोड़ी मुस्काई। जो हाल उसका हर रात होता था आज रानी का हो रहा था यह जान कर कुमुद को थोड़ी मानसिक शान्ति हुई। पर रानी की चूत शायद कुमुद की चूत से थोड़ी सी ज्यादा खुली हुई रही होगी, क्यूंकि रानी की कराहटें धीरे धीरे कम हो रही थीं और उत्तेजना की सिसकारियां बढ़ रही थीं।

कुमुद राज की बीबी रानी और उसके पति कमल की चुदाई देखकर खुद भी उत्तेजित हो रही थी। उसकी चूत की पंखुड़ियों में से भी उसी तरह उसका स्त्री रस झर रहा था जैसा की रानी की चूत में से रिस रहा था। वह राज का लण्ड लेने के लिए बेताब थी। उसने राज को काफी तड़पाया था। वह जानती थी की राज तो महीनों से कुमुद को चोदने सपने देख रहा था। कुमुद ने प्यार से राज की और देखा। राज तो पहले से ही कुमुद की प्यार भरी नजर का बड़ी बेसब्री से इन्तेजार कर रहा था। कमल और अपनी बीबी की चुदाई देखकर जो रोमांच उसके जहन में हो रहा था वह अवर्णनीय था। अब वह अपनी स्वप्न सुंदरी कुमुद को चोदने के लिए बाँवरा हो रहा था।

जैसे ही राज ने कुमुद के चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान देखि तो वह समझ गया की अब उसकी बारी आयी है। वह धीरे से नंगी लेटी हुई स्वप्नसुंदरी समान कुमुद की दोनों टाँगों को खोलकर उसके बिच में अपने मुंह को ले गया और कुमुद की खूबसूरत एकदम साफ़ चूत को चाटने लगा। कुमुद की चूत में से रिस रहे रस का स्वाद अद्भुत लग रहा था। राज का सर अपनी टाँगों के बिच में महसूस करते ही कुमुद के पुरे बदन में एक अजीब सी कंपकपी फ़ैल गयी।

वह अब राज का लण्ड कब अपनी चूत में आये और कुमुद को वह अनुभव कराये जो वह अपने पति के साथ नहीं कर पायी थी उस बात के लिए कुमुद बेताब थी। पर राज कहाँ जल्दी करने वाला था? वह तो अपनी प्रिय भाभी की चूत चाटने में ही मस्त हो रहा था। कुमुद का स्त्री रस कोई शहद हो ऐसे राज उसका अपनी जीभ लपलपा कर आस्वादन कर रहा था। अब तक उस के पति कमल ने तो कभी उस की चूत को इतने प्यार से चाटा नहीं था। कुमुद ने राज के सर को हल्का सा धक्का मार कर एहसास दिलाने की कोशिश की की अब वह राज का लण्ड अपनी चूत में डलवाना चाहती है।

राज ने सर उठाया और कुमुद की और देखा। कुमुद के मुंह की प्यारी मुस्कान देखकर उसने धीरे से अपनी दो उंगलियां अपनी प्यारी भाभी की चूत में डाली और अपनी उँगलियों से वह कुमुद को धीरे धीर चोदने लगा। राज अपनी उंगलियां कुमुद की चूत में ऐसे ऐसे और ऐसी ऐसी जगह घुमाने लगा की कुमुद पागल हो उठी। कुमुद की चूत की वह परतें जो उसके पति कमल ने कभी छूने की भी कोशिश नहीं की थी वह परतें राज की उंगलियां सहलाने, खींचने और दबाने लगीं। मारे रोमांच और उत्तेजना के कुमुद पलंग पर इधर उधर उछलने लगी और अब खुल्लम खुल्लम राज से बोली, "राज अब बस भी करो। अरे देखो भई, मेरा पति कमल तुम्हारी बीबी को कैसे उछल उछल कर चोद रहा है और तुम्हारी बीबी रानी भी कैसे अपनी प्यारी गाँड़ को ऊपर उठाकर मेरे पति का साथ दे रही है और उस के लण्ड को पूरी तरह अपनी चूत में ले रही है। अब तुम मुझे ज्यादा उकसाना छोडो। मैं तुम से चुदवाने के लिए वैसे ही पागल हो रही हूँ। अब मुझ पर सवार हो कर मुझे अच्छी तरह चोदो प्लीज!"

कुमुद की इतनी सेक्सी सी आवाज सुनकर रानी ने अपनी बड़ी बहन जैसी सहेली की और देखा और बरबस मुस्कुरा उठी। अब दोनों बीबियां ने दोनों दोस्तों को अपना पति ही समझ लिया था। अब उन्हें किसीसे भी चुदवाने में कोई भी संकोच नहीं रहा था। कमल के भारी से लण्ड को अपनी चूत में पेलवाती हुई रानी ने एक हाथ से अपने पुरे बदन इतनी तेज़ी से हिलते हुए भी कुमुद के भरे हुए स्तनों को पकड़ा और अपने पति राज से कहा, "डार्लिंग, अब मेरी दीदी को ना तड़पाओ। वह तुम्हारा प्यारा लण्ड अपनी चूत में डलवाकर तुमसे खूब चुदना चाहती है। उसकी भूख मिटाओ और कुमुद को चोदने की अपनी तमन्ना भी पूरी करो।

राज ने रानी की और देखा और झुक कर रानी के होँठ पर एक हल्का सा चुम्बन किया। फिर थोड़ा खिसक कर राज ने कुमुद के नंगे और कमनीय बदन को अपनी दोनों टाँगों के बिच रखा और झुक कर उसने कुमुद के होँठों पर अपने होँठ दबा दिए और वह कुमुद को पुरे आवेग से चुम्बन करने लगा। राज का खड़ा पुरे जोश से अकड़ा हुआ लण्ड कुमुद के पेट की ढूंटी को कुरेद रहा था। कुमुद ने अपनी उँगलियों में राज का लण्ड पकड़ा और राज से पुरे आवेग के साथ चुम्बन करते हुए वह राज का कड़ा लण्ड सहलाने लगी। फिर धीरे से थोड़ा खिसक कर और अपने और राज के बदन को थोड़ा सा एडजस्ट करते हुए कुमुद ने राज का लंड अपनी चूत के छिद्र पर रखा और उसे अपनी चूत की सतह पर रगड़ने लगी।

कुमुद और राज के रस से सराबोर होने के कारण राज का लण्ड भी चिकनाहट से सराबोर लथपथ था। राज के लण्ड पर भी बून्द दर बून्द उसका पूर्व रस निकल रहा था। राज ने कुमुद का इशारा समझते हुए अपना लण्ड अपनी भाभी कुमुद की चूत में घुसाया। हालांकि राज का लण्ड कमल के लण्ड मुकाबले में थोड़ा सा छोटा था फिर भी कुमुद को उसे अपनी चूत के छिद्र में घुसाने में थोड़ी दिक्कत जरूर हुई। कुमुद की साँस कुछ लम्हों तक रुकी रही जब तक राज ने अपना लण्ड कुमुद की चूत में और थोड़ा घुसाया। अब राज का लण्ड लगभग आधा कुमुद की चूत में घुस चुका था और कुमुद उसे अपने अंदर ले पायी थी। वैसे भी अंदर की सतह पूरी तरह चिकनाहट से भरी हुई होने के कारण कुमुद को ज्यादा दर्द नहीं महसूस हुआ और वह अपने देवर राज के कड़े और मोटे लंड का अपनी चूत की गहराईयों में महसूस करने लगी।

राज ने जब हलके से अपना पूरा लण्ड अपनी भाभी की चूत में घुसेड़ दिया तो कुमुद हलके से कराह उठी। उसे थोड़ा दर्द जरूर हुआ पर उससे कहीं ज्यादा उसे अपने पुरे बदन में रोमांच और एक अजीब सी थनगनाहट महसूस हुई। ऐसा रोमांच और ऐसी प्यारी झनझनाहट उसने कभी अपने कमल के साथ अनुभव नहीं की थी। वह तो बेचारी हमेशा यही सोच कर परेशान रहती की कमल कब उसके ऊपर से निचे उतर जाए और उसका इतना भारी भरखम लण्ड उसकी चूत से बाहर निकले ताकि उसका दर्द कम हो।

राज ने धीरे धीरे से अपनी भाभी कुमुद को चोदना शुरू किया। कुमुद को अब कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। वह राज के लण्ड को अपनी चूत की गुफा की पुरी सतह पर महसूस कर रही थी। शादी के इतने सालों के बाद उसे यह अनुभव हुआ की राज का लण्ड उसकी प्यासी चूत को कैसे एक अद्भुत अनुभव करा रहा था जिसका उसे सालों से इंतजार था। राज कुमुद के होठोँ से अपने होँठ चिपकाए हुए ही कुमुद को चोद रहा था और यह अनुभव कुमुद के लिए बड़ा रोमांचकारी था। चुम्बन करते हुए चुदना यह शायद उसका पहला अनुभव था।

राज ने ऊपर उठकर कुमुद की चूत में अपने लण्ड को पेलने की गति बढ़ाई और अब वह तेजी से अपनी भाभी को चोदने लगा। अब कुमुद भी अपनी गाँड़ उठा कर अपने देवर का लण्ड पूरा अपनी चूत में घुस सके ऐसे इरादे से उसका साथ दे रही थी। जैसे जैसे राज की चोदने की फुर्ती बढ़ती गयी वैसे वैसे कुमुद की कामुकता भरी सत्कारियाँ भी बढ़ने लगीं। कुमुद की चूत में हो रहे कम्पन का राज भी अनुभव कर रहा था क्यूंकि राज के लण्ड को कुमुद की चूत ने इतना सख्ती से जकड रखा था की कुमुद की चूत में होती थोड़ी सी कम्पन भी राज के लण्ड को महसूस होती थी। और कुमुद की चूत में कप्म्पन इतनी ज्यादा हो रही थी की न सिर्फ राज का लण्ड बल्कि राज का पूरा बदन कुमुद की चूत की कम्पन के कारण एक अजीब रोमांच और आवेग से मचल रहा था।

राज ने फुर्ती से कुमुद को चोदना शुरू किया और नजर घुमा कर देखा तो कमल भैया भी उसकी बीबी रानी की चूत में अपना लण्ड तेजी से पेले जा रहे थे। जैसे कोई स्टीम इंजन का पिस्टन सिलिन्डर में से अंदर बाहर होता है ऐसे ही कमल का लण्ड रानी की चूत में अंदर तक घुसता और फिर वापस निकलता। और इस प्रक्रिया में रानी की चूत में से बह रहे स्त्री रस और कमल के लण्ड में से टपक रही पूर्व स्राव की बूंदों की चिकनाहट कमल के लण्ड को चमका रही थी।

रानी के उछलते हुए दोनों स्तन कमल ने अपने हाथों में सख्त जकड़े हुए थे और वह उन्हें अपनी हथेलियों में मसल रहा था। रानी भी कमल के हरेक धक्के का कस के उँह....... उँह..... सीत्कारियाँ यों में जवाब दे रही थी। कमल का आह... और रानी की उँह ... की आवाज कमरे में एक अजीब सा रोमांचक वातावरण बना रही थी।

दोनों पति अपने दोस्त की बीबी के साथ चुदाई में मस्त थे। हालांकि वह एक दूसरे की गतिविधि जरूर देखते रहते थे। दोनों पति देखना चाहते थे की उनकी पत्नी कैसे दूसरी के पति से चुदवा रही थी और यह समझने की कोशिश कर रहे थे की उनका दोस्त जो उसकी बीबी को चोद रहा था वह कैसा महसूस कर रहा था। दोनों बीबियाँ दूसरे के पति से हो रही चुदाई के कारण अपनी चूत में पैदा कर रही रोमांचक प्रक्रिया का भरपूर आनंद लेती हुई अपनी आँखें मूँद कर पुरे दमखम से अपनी गाँड़ उछाल उछाल कर चुदवा रहीं थीं। उनकी लाज मर्यादा का बाँध अब टूट चुका था। अब पति के दोस्त के लण्ड का मजा लेने में उनको कोई ज्यादा शर्म नहीं महसूस हो रही थी।

हाँ थोड़ा दिखावा तो करना ही पड़ता है। तो वह अपने पार्टनर (यानी दुसरी के पति) से खुल्लम खुल्ला नजर मिलाने से बचने की कोशिश जरूर कर रही थी। वह आँखें मूंदे न सिर्फ दूसरे के पति से अपनी चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी, बल्कि अपने कूल्हे उठा उठा कर उन्हें चोदने वाले साथीदार का मनोबल बढ़ा भी रही थी और उसका लण्ड अपनी चूत में दूर दूर तक घुस सके वह भी सुनिश्चित कर रही थी।

दोनों पत्नियों की छातियाँ ऐसी हिल रही थीं जैसे ऐसा लगता था की कहीं वह फट न जाए। उन्हें उतना जबरदस्त हिलते हुए देख कर दोनों चुदाई करने वाले पतियों ने उनके चुदाई पार्टनरों के मम्मों को कस के पकड़ा हुआ था और वह उन्हें अपनी हथेलिओं में उँगलियों से दबा रहे थे या मसल रहे थे, जो उनकी उत्तेजना दर्शाता था।

दोनों पतियों की हांफती हुई साँसे और पत्नियोँ की दबी हुई कामुक कराहटों के उपरान्त उनकी योनियोँ के बारे बार रगड़ने और अंदर बाहर होनेसे होती हुई फच्च फच्च आवाज से बैडरूम गूंज रहा था।

रानी के मन की दशा अवर्णीय थी। उसे आज अपने नायक (हीरो) से चुदवाने का अद्भुत अवसर प्राप्त हुआ था जो रानी उसके जीवन का एक अमूल्य तोहफा मान रही थी। उसे अपने नायक को प्रसन्न करने का और उसे अपनी कामुकता द्वारा वह सुख देना, जिसके कमल कई सालों से सपने देख रहा था अवसर मिला था। और इस लिए रानी पुरे मन से और ध्यान से कमल के मोटे और लम्बे लण्ड को अपनी चूत में अद्भुत कामुक कम्पन पैदा कर कमल को अति उन्माद पूर्ण जातीय सुख देने के सतत प्रयास कर रही थी। इसका असर कमल के लण्ड पर भी हो रहा था जिसे कमल अनुभव कर रहा था। कमल रानी की शारीरिक कामुक कम्पन से जातीय सुख का अतिरेक अनुभव कर रहा था। उसे रानी को चोदने से वह अनुभव हो रहा था जो उसे कई सालों तक अपनी बीबी को चोदने में नहीं हुआ था।

कमल अपनी पत्नी कुमुद को और रानी अपने पति राज को एक दूसरे को चोदते हुए देख कर इर्षा के बजाय प्रसन्नता का अनुभव कर रही थी। दोनों जोड़ियाँ जानती थी की जिस दिन उनकी शादी हुई थी लगभग तबसे ही दोनों बीबियों का दोनों दोस्तों से चुदना विधि ने उनके भाग्य में लिख ही दिया था। बस यही देखना था वह कैसे होगा और वह दिन कब आएगा। वह रात आ चुकी थी और इस कारण अपने भाग्य को आनंद पूर्वक स्वीकार करके उसमें से सुख भोगना ही तो बुद्धिमानी थी। और वैसे भी दोनों पत्नियां दूसरे के पति से सम्भोग करने की कामना अपने मन में छिपा कर रखे हुए भी तो थी। बस थोड़ा ना नुक्कड़ करना जरुरी था।

कमल रानी की चूत की कम्पन और अनवरत सिकुड़न से बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रहा था। उसने रानी को चोदने से इतना अद्भुत सुख मिलेगा ऐसा सोचा भी नहीं था। कमल के लण्ड, बल्कि कमल के पुरे बदन में अत्याधिक रोमांच और उत्तेजना हो रही थी। कमल पिछले कई दिनों से अपने वीर्य का स्खलन नहीं कर पाया था। पिछले कुछ दिनों से उसकी पत्नी कुमुद ने उसे ब्रह्मचर्य पालने पर मजबूर कर रखा था। इसलिए कमल के लण्ड के अंडकोष में और लण्ड की नालियों में उसका वीर्य पूरा भरा हुआ था जो बाहर निकल कर रानी की चूत में कोई सुनामी के सामान फौव्वारे की रफ़्तार और ताकत से घुसने के लिए मचल रहा था।

पर कमल को यह भी तो सोचना था की क्या राज और रानी कमल के वीर्य को रानी की चूत में जाने से कोई आपत्ति तो नहीं करेंगे। इसलिए कमल जैसे ही चरम पर पहुँच ने वाला था की थम गया। रानी ने अपनी आँखें खोली देखने के लिए की क्या हुआ। कमल थम क्यों गया? रानी भी चरम पर पहुँच ने वाली जो थी। कमल और रानी के चुदाई थम जाने से राज भी आश्चर्य अनुभव कर रहा था। पर वह समझ गया की कमल अपना वीर्य रानी की चूत में उँडेले या नहीं उस असमंजस में था। तब राज ने कमल से कहा, "भैया चालु रखो। आपका वीर्य रानी के बदन में जाने से रानी को यदि आपके जैसा ही वीर्यवान पुत्र या पुत्री होती है तो वह हमारे दोनों का सौभाग्य होगा। मैंने पहले से ही तय कर रखा था की यदि आपके वीर्य से रानी गर्भवती होती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं बल्कि बहुत प्रसन्नता होगी।"

राज ने फिर रानी की और देखकर उसे पूछा, "प्रिये, आप मुझसे सहमत हो या नहीं?"

रानी क्या बोलती? वह तो अपनी नजरें झुकाये चुप रही। पर उसने अपने कूल्हे से ऊपर की और धक्का मार कर कमल को उसका वीर्य अपनी चूत में उंडेलने का संकेत दे ही दिया। उसे अपने ही पति की इजाजत जो मिल गयी थी। कमल को और क्या चाहिए था? अब कमल की चोदने की रफ़्तार तेज हो गयी। उधर रानी भी अपने चरम पर पहुँच रही थी। कमल का फुला हुआ लण्ड उसकी चूत में अजीबो गरीब उत्तेजना और उन्माद पैदा कर रहा था। रानी अपनी उत्तेजना सम्हाल नहीं पा रही थी और न चाहते हुए भी उसके मुंह से कामुक कराहटें निकल ही जाती थीं।

कमल के रफ़्तार बढ़ाने से रानी की उत्तेजना भी बढ़ने लगी। रानी ने कमल की नंगी कमर कस के पकड़ी और बोल पड़ी, "कमल जल्दी करो। मुझे और तेजी से चोदो। अब मैं अपने चरम पर पहुँचने वाली हूँ। जल्दी.... प्लीज... और जोरसे.... मेरी चिंता मत करो। ... आह्हः.... हैश..... ओह.... उफ़...." ऐसे कराहट करती हुई रानी को एक ऐसा अनुभव हुआ जैसे उसके बदन में समंदर की जबरदस्त ऊँचे ऊँचे तक उठती मौंजों की तरह उछाल आया और उसका बदन कभी सिकुड़न तो कभी खिंचाई महसूस करने लगा। उसकी चूत में से भी उसके स्त्री रस की बौछार फुट पड़ी।