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Poems

Poetry by agraj1007

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बहुत अँधेरा है कमरे में रौशनी कर दो

4.75 206 2 2

नवऱ्या वरील कविता

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चल ग राणी गच्चीवर

4.5 611 1 1

ठोक्या माझा भेटला

4 553

चूंची सब चुदवा रहीं, बदल बदल कर लण्ड

4.5 621