5

Poems

Poetry by agraj1007

Sort by:

बहुत अँधेरा है कमरे में रौशनी कर दो

4.75 209 2 2

नवऱ्या वरील कविता

484

चल ग राणी गच्चीवर

4.5 612 1 1

ठोक्या माझा भेटला

4 554

चूंची सब चुदवा रहीं, बदल बदल कर लण्ड

4.5 622