खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 06

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ज़न्नत के पिछले दरवाजे से प्रवेश.
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Part 6 of the 6 part series

Updated 06/10/2023
Created 07/12/2020
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अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला किया।

कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी।

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुक्म सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की ।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई,और उसके बाद सारा और जरीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।

अब आगे:-

रात भर की मेहनत के बाद सुबह होने लगी थी। मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में थाl मेरे बगल में दो-दो हूरें थीं। वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईl मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा।

फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे। सुबह उठने पर सारा ने मुझसे पूछा- रात केसी गुजरी?

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:

गर फ़िरदौस बर रूये ज़मी अस्त।

हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्तll

(धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं! )।

मैं बोला- मेरी बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं, और मैंने उन्हें, और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई। कुछ देर में दरवाजे पर आहट हुई, नूरी खाला और सारा की बहनें नरगिस, आयशा और इमरान की बहनें दिलिया, उसकी बहन अबीर दुलहनों से मिलने आयी।

मैंने तौलिया लपेट कर सारा और जरीना को कपड़े उठा कर बाथरूम भेजा और दरवाजा खोला। तभी सारा और जरीना लंगड़ाती हुई बाहर निकल आयी। सबने सारा और जरीना को गले लगाया और बधाई दी।

इतने में अम्मी भी आ गयी और बोली- तुम्हारी दुलहनें तो जन्नत की हूरें हैं, आमिर! इन्हें प्यार से सम्भाल कर रखना।

मालूम चला कि इमरान भी अपनी बाकी बहनो के साथ हैदराबाद आ गया है, और बाकी भी बहुत सारे रिश्तेदार, आज रात को वलीमा (रिसेप्शन) की दावत में आ रहे हैं।

मैं इमरान से मिलने गया और उसके हाल पूछे। उसने बताया- आमिर! लगता है अब तुम्हारी लाटरी लगने वाली है।

इमरान: मैं अब्बा हुजूर के पास से आ रहा हूँ। कश्मीर वाली नूरी फूफी (मेरी खाला) और तुम्हारे अब्बा भी उनके पास बैठे हैं, और सारा वाले मामले के बाद नूरी फूफी (मेरी खाला) कह रही हैं कि सुबह सारा और ज़रीना से मिल कर आयी थी। दोनों बहुत खुश और संतुष्ट हैं।

अब वे जल्द ही अपनी बाकी बेटियों नरगिस और आयशा की शादी कर देना चाहती हैं।

अब्बू और मामू बोले "चूँकि हमारे खानदान में शादियाँ परिवार में ही होती हैं लेकिन लड़के दो ही हैं, आमिर और इमरान और लड़कियाँ ज्यादा हैं तो देखते हैं कैसे होता है।"

अब्बू और मामू बोले "इमरान का जब तक इलाज नहीं हो जाता तब तक रोकते हैं, फिर देखते हैं।"

लेकिन खाला चाहती है, उनकी सभी बेटियों का निकाह जल्द से जल्द हो जाए, और फिर मेरी (इमरान की) सभी बहनो का निकाह तो आमिर, तुम से ही होना है, इसलिए इमरान बोला " आमिर! अब तुम और निकाह जल्द करने के लिए तैयार हो जाओ।"

रात को वलीमा दावत के बाद अब्बा जान ने बुलाया और कहा- "कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी, वह हमारी तहजीब के मुताबिक ठीक नहीं है, जो भी करो नजाकत को देख कर करो। सारे मेहमान नौकर नौकरानी सुनते हैं और बातें बाहर जा सकती हैं।"

मैंने सर झुका कर आदाब किया और वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया। रास्ते में इमरान मिल गया। इमरान ने मुझसे पूछा तुमने श्रीनगर और कल रात ऐसा क्या किया कि झंडे गड़ गए? मैंने पूरा हाल बता दिया।

तभी लंगड़ाती हुई सारा, मुझे ढूँढ़ती हुई आ गयी और कहने लगी- आमिर! मुझे छोड़ कर आप कहाँ चले गए? कहने लगी- मैं आप से दूर नहीं रह सकती। उसके कपड़े बिल्कुल बेतरतीब थे। वह बिल्कुल दीवानों की तरह, किसी के होने, न होने की परवाह करे बगैर मुझसे लिपट गयी।

इमरान हँसते हुए बोला- "सारा बेगम, हम भी है यहाँ! हमारा भी आदाब कबूल कीजिये।" वह एकदम सम्भली और शर्मा कर मेरे पीछे छिपने लगीl "तो आमिर! ये झंडे गाड़े हैं तुमने?" इमरान बोला।

कटरीना सी सारा शर्म से पानी- पानी हो गयी और वापिस भाग गयी।

इमरान की बहन दिलिया जिसका निकाह मुझसे हुआ था, वह भी आ गयी और बोली- आमिर आप जाओ, सारा आपा तड़प रही है, उन्हें सम्भालो ।

मैं उसके पीछे-पीछे अपने कमरे में वापिस आया। सारा मुझ से लिपट गयी और बोली- आप मुझे अकेली छोड़ कर न जाया करें, मुझे साथ ले कर चला करें। अगर मैं सो रही हूँ तो मुझे जगा लिया करें और रोने लगी। फिर मुझे चूमने लगी ।

मैंने उसके आंसू पौंछे, उसे प्यार किया। उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा- मेरी जान! मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा।

फिर उसे बहुत प्यार से चूमने लगा, उसके मोमे दबाये और चूत पर हाथ रख कर पूछा- कैसी हैं? तो सारा बोली- बिल्कुल सूज गयी है दुःख रही है, पर तुम्हारे लिए बिछी जा रही है।

मैंने उसे लिप किस किया। हमारे होंठ खुल गए और जीभ मिल गयी। उसकी सांसें भी तेज हो रही थी और पेट भी तेज-तेज से ऊपर नीचे हो रहा था। ये मेरे लिए अच्छे संकेत थे, तो मैंने भी मौक़े का फायदा उठाया और धीरे से उसकी सलवार को पैरों से ऊपर की तरफ सरका दिया।

धीरे-धीरे सलवार जाँघों तक आ गई। मैंने उसकी मस्त नर्म जाँघों को सहलाया तो वों अब मेरे पास होने लगी। मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और फटाफट सलवार और पैंटी को नीचे कर दिया।

उसने मेरे हाथों को पकड़ कर ऐसे करने से जैसे मुझे रोका। फिर वों शर्माती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। सारा वाकयी में बहुत सुंदर है। लेकिन मैं अब कहाँ रुकने को थाl मेरे लिए इसकी चूत यानी कि मेरी जन्नत का दरवाजा खुल गया था। मैंने जल्दी से हाथ को नंगी चूत के ऊपर रख दिया।

मेरे हाथ रखते ही वों सिहर उठी और मुझसे लिपट गई। मैं उसके नंगे बदन को देखना चाहता था। मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने उसकी नंगी टाइट चूत धीरे-धीरे से सहलाई।

मैंने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया! तो वों मेरे हाथ को नाखून मारने लगी। इधर मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था।

हम आपस में बात नहीं कर रहे थे, लेकिन बात तो बस हमारे हाथों से और क्रियाओं से हो रही थी। मैंने सारा की चूत को सहलाना चालू रखा।

थोड़ी देर के बाद सारा का हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर आ गया और वों मुझसे लिपट भी गई। मैंने जल्दी से उसके गालों के ऊपर किस की और फिर उसके नर्म मीठे होंठों को चूसने लगा। वों भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने नीचे अपना काम जारी रखा था। अब मैंने धीरे से उंगली को चूत में डालनी शुरू कर दी और मेरी उंगली अंदर चूत में आराम से घुस गई।

मैं समझ गया कि वों तैयार हो चुकी है। फिर मैंने देर ना करते हुए उसको दूसरी तरफ घुमाया और उसकी गांड को अपने पास में खींचा। ऐसा करने से उसकी चूत बाहर को आ गई, तो मैंने भी वक्त बर्बाद न करते हुए लंड को चूत पर घुमाना चालू कर दिया। और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना सारा को थोड़ा तड़पाया जाए! मैं बस लंड को चूत पर रगड़ रहा था।

थोड़ी देर बाद जब उस से बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने अपने हाथ में लंड को पकड़ के चूत के छेद पर रखा, और पीछे की तरफ जोर लगाया ।

बस फिर क्या था मेरा लंड जन्नत में प्रवेश कर गया और यह जन्नत उस वक्त जहन्नुम के जैसी आग उगल रही ही। मुझे जो आनंद मिला तो मैं आप को किसी भी तरह के शब्दों में नहीं बता सकता हूँ। अब मैंने भी देर ना करते हुए मोर्चा सम्भाला चुदाई का, और दोनों हाथों से उसकी गोल गांड को पकड़ा और लंड को दे दनादन उसकी चूत में पेलने लगा।

क्या बताऊँ, कितना सुकून मिल रहा था मुझे! उसे भी खूब मजा आ रहा था, क्योंकि वों भी हर धक्के के साथ गांड को आगे-पीछे धकेल कर साथ दे रही थी मेरा।

वों मादकता में चिल्ला भी रही थी- और जोर से चोदो मुझे, हाँ, इसी तरह हाँ, बहुत अच्छा लग रहा है! और तेजी से डालों अपना लंड, आह! मेरा भी छूटने वाला है।

"वाह! क्या टाइट चूत है? हाँ! ले मेरे लंड को अपनी चूत में!" मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी बड़ी बेगम सारा की चूत चुदाई की, और इस बीच में वों दो बार मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई।

मैंने इस हसीन सेक्स के लिए, उसके कान के ऊपर होंठों को लगा के उसे थेंक्स कहा। वों भी मुझसे लिपट गई और उसने होंठों के ऊपर किस कर के अपनी स्टाइल में थेंक्स कहा मुझे!

तभी मेरी छोटी दुल्हन जरीना जो वहीं सो रही थी, जाग गयी, और आकर मुझ से लिपट गयी। उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे। मैं उसको चूमने लगा और फिर मैंने जरीना से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ। मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा।

"नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं, सुना है बहुत दर्द होता है!" जरीना ने जवाब दिया।

"गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा." मैंने उत्तर दिया- चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ।

"नहीं, मैं आप को अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूंगी, बचाओ-बचाओ!! अम्मी मुझे बचाओ! " जरीना जोर से चिल्लायी।

"जितना चिल्लाना है, जोर से चिल्ला लो, आज प्यारी अम्मी भी आप को बचाने के लिये नहीं आ सकती, मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहूँगा। अगर खुशी से मरवाओगी तो आप को मजा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा." मैंने कहा।

"प्रॉमिस?" जरीना ने कहा ।

"प्रॉमिस! कसम ले लो!" मैंने जरीना को कहा- "आप चीखती बहुत हैं, इसलिए अगर आप इजाजत दें तो आपकी कलाई में रस्सी बांध कर आपको उलटा कर, आपके दोनों हाथ बेडपोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपड़े से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ।"

"मेरे राजा आमिर! पहले मेरी चूत चोदोl फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से, ताकि दर्द न हो।"

फिर मैंने जम कर जरीना की चूत चुदाई की और जरीना को जन्नत की सैर कराई, जरीना भी मजे ले-ले कर चुद रही थी। फिर जरीना के हाथ बांध कर उसके मुंह में दुपट्टा ठूंस कर मैंने जरीना की चूत में उंगलियाँ घुसा कर गीली की और दुल्हन की गाँड में अपनी उंगलियों को घुसा दिया।

फिर चूत में अपना लंड घुसा कर लण्ड को चिकना किया, और गांड के ऊपर रख कर हल्का सा धक्का लगा कर, सुपारे को जरीना की गांड में फंसा दिया। गू-गू, गों-गों करती जरीना दर्द से कराही।

"थोड़ी देर की बात है जानू! मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है." कह कर मैंने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया। "

गु-गु!, ऊऊ!, ऊई!, ईई! जरीना जोर से चिल्लायी। उसकी गांड बहुत टाइट थी ।

"डरो मत मेरी जान! अब मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा।" मैंने कहा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।

क्योंकि जरीना मुंह बंधा था, बेचारी केवल पाँव पटक सकती थी जिन्हें मैंने अपने हाथों से जकड़ रखा थाl कुछ देर में उसका दर्द कम हो गया और वों मजे लेने लगी। काफी देर तक उस नाजुक गांड की चुदाई कर मैं धन्य हो गया।

क्या गद्देदार चूतड़ थे, मुलायम गोरी चमड़ी, सख्त टाइट मांस, और टाइट कुंवारी गांड का छेद, बस मजा आ गया!

मैंने जरीना को खोल दिया. हम दोनों लेट गए. पास में ही मेरी बड़ी बेगम सारा नंगी बैठी ये सारा खेल देख रही थी. ।

"अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की " मैंने कुछ ही देर बाद छोटी दुल्हन जरीना को अपनी बड़ी बहन सारा से कहते सुना ।

मेरी बड़ी बेगम सारा ने मुझसे कहा-बेशक मेरी गांड मारो, लेकिन अपना माल मेरी चूत में ही निकालना! वादा करो? मैंने भी वादा कर दिया। "ठीक है, ज़रा धीरे-धीरे करना और जब मैं कहुँ तो रुक जाना।" सारा ने मुझ से विनती करते हुए कहा।

"ठीक है, तुम जैसा कहोगी वैसा ही करूंगा।" कह कर मैं अपना लंड सारा कि गाँड पर रगड़ने लगा। "देख जरीना अब सारा कि गाँड भी फटने वाली है, ये फटी, ये फटी" जरीना मंजे ले-ले कर बोल रही थी।

"ओह! मर गयी! आमिर प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है।" सारा चिल्लायी। पर उसकी आवाज़ ना सुन कर, मैंने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड सारा कि गाँड में घुसा दिया।

जरीना आकर मुझे पीठ पर चूमने लगी। सच में मुझे बहुत मज़ा आया। मैंने जरीना को अपनी तरफ़ खींचा और उसको दबोच कर जरीना के मम्मे अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसके ओंठ चूसने लगा।

मैं उसको ओंठों में खो गया। जरीना कि मादक सिसकियाँ और सारा कि दर्द भरी चीख़ों ने मेरा दिमाग़ सुन्न कर दिया था। पता नहीं सारा ने कब मेरा लण्ड अपनी गांड से निकाला और घोड़ी बने-बने ही अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होकर चुदने लगी।

मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक उनको यों ही चोदता रहा। मेरी बड़ी दुल्हन झड़ती गयी और फिर मैंने अपना सारा माल सारा कि चूत में छोड़ा और उनकी बाँहों में आँखें बंद कर लेट गया।

सुबह नूरी खाला ने सारा और जरीना कि हालत देखी तो पूरा माजरा समझ गयी। खाला मेरी दोनों दुलहनों को लेडी (महिंला) डॉक्टर के पास ले गयी और लेडी (महिंला ) डॉक्टर ने सारा और जरीना के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म दे दिया।

कहानी आगे जारी रहेगी।

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यह कहानी मुसलमानों पर या उनकी परम्पराओ पर हमला करने के लिए नहीं है। यह सिर्फ़ मस्ती और आनंद के लिए है।

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आपका आमिर

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