जन्नत की 72 हूरे Ch. 09

Story Info
नर्स मधु.
2.9k words
5
577
00

Part 9 of the 15 part series

Updated 06/10/2023
Created 12/10/2020
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जन्नत की 72 हूरे Ch 08 में आपने पढ़ा कैसे नर्से लिया की पहली चुदाई हुई

"लिया ने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दिया, मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ देना है, मुझे जस्सी का पाठ याद था मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे-धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दी और उसे बेड पर लिटा कर लण्ड बाहर निकाल लियाl

मैं उसके मम्मे सहला रहा था और उसे किस किया मैं देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें से खून और लिआ का पानी दोनों टपक रहे थे। उसकी चूत खुल और बंद हो रही थीl

फ़िर वह उठी और बाथरुम में चली गयी जुली उसके साथ अंदर चली गयी और जा कर लिआ की बुर को साफ़ करने लगी।

उसके बाद जुली ने उसकी बुर पर क्रीम लगायी और लिआ को गले लगा कर बोली बधाई हो लिआ अब तुम अनछुई कली से पुष्प बन गयी होl पाँच मिनट बाद वह बाहर निकली तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे।

लंड महाराज इस पूरी चुदाई में एक बार भी नहीं झड़े थे और बदस्तूर खड़े थेl"

मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे" : जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला, मजो की दुनिया में मेरे अनुभव और खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ" के अगले भाग हैं में आपने पढ़ा;

मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मज़ा लिया l

अब आगे:-

उधर सारा बोली नयी दो दुल्हन एकसाथ क्या मिली साहेब-ऐ-आलम अपनी सारा और जुली को तो भूल ही गएl सारा और जुली भी अपने सारे कपडे उतार कर नंगी हो चुकी थी। सारा जुली दोनों मुझे पकड़ कर बाथरूम में लेकर गयी और लण्ड को धोकर साफ़ कियाl सारा ने चूसा और जुली मुझसे चिपक गयी हम वापिस कमरे में आ गए हम तीनो खड़े-खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे और हम तीनो बाहर आ गए मैंने लिआ को किस कियाl

बाप रे, मेरी चूत तो सूज कर डबल रोटी बन गई है! लिआ बोली।

मैं खड़ा लिआ का चेहरा देखता रहा वह दर्द के मारे वह तड़प रही थी पर संतुष्टि के भाव थे। वह अपने ओंठो को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह ाऊओह्ह कराह रही थी सुबकती हुई बहुत प्यारी लग रही थी मैंने उसके गालो को चूमा और गले लग कर सहलाया। वह कह रही ही आह्हः मार डाला तुम तो पूरे कसाई हो बेदर्दी हो तुमने मुझे मार डाला। कोई ऐसे भी करता है क्या। मुझे लगता हैं मैं मर जाऊँगी मैंने लिआ को चूमते हुए कहा मेरी जान मेरी रानी पहली बार थोड़ी तकलीफ होती है अब तो मजे ही मजे हैं। मैंने लिआ को अपने पास खिंचा और सहलाना चाहा तो वह बोली अब आप मधु के साथ करो मुझे दर्द हो रहा था कैसे मुझे ज्ञान दे रही थी अब मैं भी इसकी चुदाई देख कर मजे लेना चाहती हूँl

मधु एक और ख़ूबसूरती और नज़ाकत का मुजस्समा मेरी तरफ़ टिकटिकी बाँध कर देख रहा था।

जैसे ही हम दोनों की आँखें मिली, उसने मुस्करा कर मुझको हाथ के इशारे से अपने पास बुला लिया।

मैं भी जल्दी से उठा और उस हसीना के महल में तख्तनशीन हो गया।

मधु की क्या हसीं ज़ुल्फ़ें थी, घनी, रेशमी और काली!

मैंने जाते ही अपना सर उसके सर की ज़ुल्फ़ों में छुपा दियाl । क्या ख़ुशबू थी! माशाल्लाह!

वो बड़े ही आहिस्ता और शाइस्तगी से बोली-खैर मुकदम हज़ूर-ऐ-आली, आपके जिन्सी करतब देख रही थी! वाह क्या कुवते मर्दानगी हैl क्या यह नाचीज़ आपकी मर्दानगी का एक जलवा देख सकती है?

मै बोला-ऐ मल्लिका-ऐ-हुस्न, आप पर कई सैकड़ो मर्दानगियाँ न्यौछावर हैं, आप हुक्म कीजिये, ग़ुलाम आपके लिए क्या कर सकता है?

वो भी वैसे ही मुस्कराते हुए बोली-हज़ूर-ऐ-आलम, बस सिर्फ़ एक बार आप अपने से इस हथियारे जिन्सी (लंड) से लौंडिया की गुफाये-ऐ-जन्नत (चूत) की सैर करवा दीजिये।

इसके बाद मधु कुछ बोलती मैंने मधु को दबोच लिया और उसके कपड़ो के ऊपर से ही उसके उरोज दबाने लग गया। मैंने उसे भी अपनी गोद में उठा लिया मधु की कद काठी भी जुली की तरह ही थी

मैंने मधु का घूंघट उठा दिया मैंने मधु से पुछा मोहतरमा-ऐ मल्लिका-ऐ-हुस्न आप अपने गुफाये जिन्सी में किस तरह से हल चलवाना चाहती हैं? लेट कर या घोड़ी बन कर या फिर मल्लिके-ऐ-अवध की तरह तख़्त पर बैठ कर?

वो बोली-ऐ मेरे ग़ुलाम, हम तुम्हारे ऊपर अपना तख़्त लगाकर तुम्हारे इस औज़ारे जांघवी को चखना चाहते हैं।

यह सारी बातें लिआ, जुली और सारा ग़ौर से सुन रहे थे और जैसे ही चूत की सेवा का ज़िक्र आया तो सब ज़ोर से हंस पड़े।

मैंने नकली गुस्से से उन सबको देखा और उन सबको कहा-इन खूबसूरत मोहतरमा की दिली ख़्वाहिश को पूरा करना मैं अपना फ़र्ज़ समझता हूँ

मैंने उसके ब्लाउज को उतार दिया और उसकी साड़ी भी उतार दी और उसके बदन को चूमते हुए नज़ाकत से उसके सारे गहने उतर दिए सिर्फ़ नथ रहने दी। मुझे नथ पहने दुल्हन उसे चोदने के लिए उकसाती है फिर उसके उरोजों को सहलाया और सफ़ेद रंग की ब्रा भी उतर दी बो और सिर्फ़ पेटीकोट में ही उसको अपनी गोद में लेकर बिठा दिया।

मधु के मम्मे बिल्कुल गुलाबी थे, उनकी जिल्द बहुत ज़्यादा चिकनी थी। कोई दाग। कोई धब्बा या किसी पिंपल का नामोनिशान नहीं था।

उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ़ देखी और गिनी जा सकती थी।

मुकम्मल गोलाई लिए हुए मधु के मम्मे ऐसे लग रहे थे। जैसे 2 प्याले उल्टे रखे हों। इतनी मुकम्मल शेप मैंने आज तक किसी फ़िल्म में भी नहीं देखी थी। थोड़े बहुत तो लटक ही जाते हैं हर किसी के। लेकिन मधु के मम्मे बिल्कुल खड़े थे। कहीं से भी ढलके हुए नज़र नहीं आते थे।

मधु के गुलाबी मम्मों पर गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे सर्कल थे और उन सर्कल के बीच में भूरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल अपनी बहार फैला रहे थे।

और उसको लिप किश करने लगा मेरे किस करने से वह सिहरने लगी तो मैंने उसको ममो को दबाना शुरू कर दिया उसकी मम्मी बिलकुल छोटे-छोटे संतरो जैसे थे और उसके निप्पल गुलाबी थे। मैं उसके निप्पल चूसने लगा उसके मोमो मेरे मुँह में पूरे आ गए। मैं अपनी जीभ उसके निप्पलों पर फेरे लगा उसकी सिसकारियाँ छूट रही थी वह ओह्ह्ह आअह्ह्ह कर रही थीl

मैंने उसके पेटीकोट को ऊँचा किया और चूत को सहलाया और पैंटी और पेटीकोट भी खिंच कर उतार दिया और उसकी टांगें चौड़ी करके मैं नीचे लेट गयाl उसकी चूत का छेद बहुत छोटा था और उसकी बालों से भरी हुई चूत के कुंवारे मुंह पर लंड के सुपडे को रख दिया उसकी चूत एकदम गीली थी और एक दो बार लंड को अंदर बाहर किया तो वहाँ काफ़ी मोटी दीवार पाई।

जुली ने अपना बैग खोला और उसमें से वैसेलिन की शीशी निकाली और ढेर सारी मधु की चूत के बाहर और अंदर लगा दी और थोड़ी से मेरे लंड पर भी लगा दी और फिर मधु के कान में कहा-थोड़ा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना। ठीक है ना?

मधु बोली-ठीक है। लेकिन आमिर प्लीज धीरे-धीरे करना तुम्हारा बहुत बड़ा है और मेरी चूत बहुत छोटी-सी है मैंने कहा हाँ धीरे करूंगाl

अब मैंने फिर से लंड को मधु की चूत में डाला और धीरे-धीरे से उसको अंदर धकेलने लगा, और जब दीवार महसूस की तो मैंने कहा मधु ऐसे, और एक ज़ोर का धक्का मारा और मधु के कंधो को ज़ोर से नीचे दबा दियाl मधु से कहा मधु नीचे दबाओ और मधु ने भी नीचे ज़ोर लगा दिया और एक ही झटके में लंड पूरा का पूरा मधु की चूत में चला गयाl उधर मधु के मुंह से चीख निकली और मधु बोली मैंने कहा था, धीरे से तो तुमने एक झटके में ही डाल दिया।

मैंने कहा मधु मैंने तो धीरे से ही डाला था तुमने ज़्यादा ज़ोर लगा दिया इसलिए लण्ड महाराज पूरे के पूरे अंदर समां गए।

वो दर्द के मारे वह तड़प रही थी वह अपने ओंठो को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह! अह्ह्ह! ऊओह्ह! कराह रही थीl सुबकती हुई बहुत प्यारी लग रही थीl मैंने उसके गालो को चूमा और गले लग कर सहलाया। वह कह रही ही आह्ह! मार डाला तुम पक्के कसाई होl बेदर्दी हो तुमने मुझे मार डाला। कोई ऐसे भी करता है क्या। मुझे लगता हैं मैं मर जाऊँगी! मैंने मधु को चूमते हुए कहा मेरी जान मेरी रानी ये पहली बार थोड़ी तकलीफ दायक होती है, उसके बाद तो मजे ही मजे हैंl

वो बोली प्लीज बाहर निकाल लो मेरे को बहुत दर्द हो रहा हैl मैं मर जाऊंगी प्लीज बहार निकालोl मुझे नहीं चुदनाl लिआ ने मुझे मरवा दियाl लोहे की रोड मेरे अंदर डलवा दीl तुमने तो मुझे मार डाला हैl

मैंने कहा था आराम-आराम करना और तुमने एक ही झटके में घुसा डालाl ऐसा क्यों किया तुमने? वह रोते हुए बोली।

मैं बोला मधु अगर आहिस्ता-आहिस्ता करता तो तुम्हे कई बार दर्द होताl अब एक बार हो गया, अब मजे लेना l

लिआ बोली जब मुझे दर्द हो रहा था तो कैसे मुझे ज्ञान दे रही थीl अब पता चला होगा मेरा क्या हाल हुआ था। अब लो चुदाई के मजे मेरी जानl मुझे भी लग रहा था मैं दर्द से मर जाऊँगी पर बाद में बड़ा मज़ा आयाl तुम्हे भी अभी थोड़ा-सा दर्द हो रहा है. आगे मजे ही मजे हैंl

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगाl मुझे मालूम था अगर बाहर निकाल दिया, तो मधु अब दुबारा अंदर नहीं डालने देगी, और दर्द के दर के मारे ज़िन्दगी में कभी भी चुदाई के मजे नहीं ले सकेगी, इसलिए मधु को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती है और लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। डॉक्टर जुली के मुताबिक़ इस वक़्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये कि वह आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकेl

मधु मेरी गोद में थी उसकी छातिया मेरी छाती से चिपकी हुई थी। बहुत नरम-नरम लग रहा था मेरे को थोड़ी देर में मधु सामान्य हो गयीl

जितना दर्द होना था वह हो गया अब मजे लो आगे मजे ही मजे हैं मेरी जान! यह कहते हुए मैंने एक बार अपना पूरा लिंग ' पक्क। की आवाज़ के साथ बाहर खींच लिया। लण्ड खून में सना हुआ थाl

फिर मैंने योनि को अपने लिंग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस पर कमरा 'आहह ऊहह।' की आवाजों से गूंज उठा।

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी पहली चुदाई है इसलिए ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह ख़ुद ही ज़ोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदवाएगी।

और अब मैंने धीरे से लंड को निकाला और फिर एक हल्का-सा धक्का मारा और अब लंड बिना किसी रोक टोक अंदर चला गया।

मैंने महसूस किया कि मधु का शरीर जो एकदम से अकड़ा हुआ था, अब काफ़ी रिलैक्स हो गया और उसकी जांघें पूरी तरह से खुल गई थी।

तब मैं धीरे से धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा और साथ ही उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा, उसके लबों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी और अपना मुंह उस के मुँह पर रख कर उसकी जीभ के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा।

उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर अब ज़ोर से धक्काशाही शुरू कर दी और कुछ ही मिन्ट में ही मधु का जीवन में पहली बार पानी छूटा।

मैंने जुली की तरफ़ देखा, उसने आँख के इशारे से कहा-लगे रहो!

और अब मैंने उसको अपनी गोद में बिठा कर उसकी टांगों को अपने दोनों तरफ़ कर दिया और लंड को चूत में ही रखे-रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल-गोल घुमाने लगा।

अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे-जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था मधु मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वह ख़ुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी।

मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में मधु फिर एक बार हाय हाय! करते हुए झड़ गई और उसका शरीर एक अजीब-सी झुरझुरी से कम्पित हो गया।

हालाँकि वह झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वह मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी।

अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा-क्यों दुल्हनिया जी, मज़ा आया या नहीं?

मधु थोड़ी-सी शरमाई और बोली-बहुत मज़ा आया आप से, आप तो वाकयी में जादूगर हैं।

जुली ने उसको उठाया, उसके शरीर पर लगे खून को साफ़ किया और कहा-आओ मधु जुली, एक बार फिर से स्नान कर लो तो सब ठीक हो जाएगा।

जुली आ कर मधु के गले लग गयी और बोली मेरी जान अब तुम भी फूल बन गयी हो बधाई हो। सच में तुम्हारी चुदाई देख कर ही मैं तो झड़ गयी। तुम भी पूरे मजे लेकर चुद रही थी।

फिर हम पांची बाथरूम में चले गए और एक साथ शावर लिया।

जुली ने मधु और जुली की चूत के अंदर बाहर क्रीम लगा दीl बाहर निकले तो सारा मुझ से लिपट गयी और मेरी गोदी चढ़ गयीl उसने अपने टाँगे मेरे कमर पर लपेट ली और मैंने खड़े-खड़े ही उसकी गीली चूत में लण्ड पेल दिया। लण्ड एक झटके में अंदर चला गयाl धीरे-धीरे सारा ऊपर नीचे हो कर चुदवाने लगी और मैंने लय में धक्के लगाए। हम दोनों के होठ जैसे जुड़ गए और हम किस करते रहे। फिर कुछ देर में सारा झड़ गयी और बोली आमिर अब तुम जुली को चोदोl

' हाँ आमिर! अब तुम जुली को भी चोदो। जुली और मधु ने एक साथ धीरे से कहा।

मैंने जुली को बाँहों में उठाया और अपनी गोदी में उठा लिया। मैं जुली को पागलो की तरह चूमने लगा। फिर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। जुली की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से दबाने लगा। कभी ज़ोर से भींच लेता तो वह उछल पड़ती।

उसकी बाँहें मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे भींच रही थी। 'ओह आमिर अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।' प्लीज़! वह गिड़गिड़ाने लगी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वह बोली, 'आमिर! धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है।'

मधु की तरफ़ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड जुली की चूत में डाल दिया। 'तुम्हारा मतलब ऐसे?' मैंने कहा।

'ओहहहहह म-म म मर गई, तुम बड़े बदमाश हो जब मैंने धीरे से डालने को कहा तो तुमने इतनी ज़ोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है ना!' उसने तड़पते हुए कहा।

'सॉरी डार्लिंग! तुम चुदाई में नयी-नयी हो तो मैं समझा तुम मज़ाक कर रही हो, क्या ज़्यादा दर्द हो रहा?' यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।

'ओह आमिर बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहह... आमिर हाँ राजा... ज़ोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।' वह उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

जुली की चूत भी मेरे लण्ड को कस और छोड़ रही थी। ऐसा लग रहा था कि मैं सलमा की चुदाई कर रहा हूँ। मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था।

मैंने जुली से कहा ये तुमने कैसे किया तो जुली बोली मैंने जस्सी से कुछ चूत के कसरत सीखी हैं जिससे चूत खुलती बंद होने लगती है और चुदाई में पहली बार वाला मज़ा आता है मैं ये कसरत सारा मधु और जुली को भी सीखा दूँगी जिससे ये सारी ज़िन्दगी सेक्स का भरपूर मज़ा लेती रहेंगी।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया। 'ऊऊऊऊऊ आमिर मेरी चूऊऊत गई।' कहकर वह निढाल हो गई।

मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा पर-पर जस्सी की बात याद आ गयीl मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए l मैं एक हाथ से जुली और दुसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किश करने लगाl

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थीl अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी, आहहहहहह! और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ l फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई और निढाल हो गईl

लंड महाराज बदस्तूर खड़े थेl

आगे क्या हुआ। ये कहानी जारी रहेगी।

आमिर l

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