All Comments on 'छाया - भाग 02'

by lovellyzoom

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AnonymousAnonymousover 3 years ago
Every sentence has great combo of love lust n creativity

बहुत सुंदर रचना है। मैं सोच रहा था पहले अध्याय में, के दूसरे में माया जी से कुछ शारीरिक आत्मीयता बढेगी, (खास कर तब जब माया जी नायक के कपाल से वीर्य रस हटा के सूंघ लिया, तब लेखक की टिप्पणी से लगता था कि माया जी और कथा नायक काम रस में साक्षात डूबेंगे)। पर अब प्रतीत होता है की वो रास्ता बाइपास कर देंगे।

AnonymousAnonymousover 3 years ago
अति सुंदर और कामुक

बहुत ही अच्छा लिख रहे हो । मुझे लगता है माया के बिना यह कहानी अधूरी ही रहेगी तो उसका जिक्र तो जरूर होगा। लेकिन जिस तरह से बिना किसी कामुक और गंदे सब्दो के प्रयोग के बिना आपने नायक और नायकी के बीच इतना कुछ करवा दिया वह बहुत ही सराहनीय है। अगले भाग का इंतेजार है।

BKVAISHBKVAISHover 2 years ago

VERY GOOD STORY WRITING STYLE

Anonymous
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