जन्नत की 72 हूरे Ch. 07

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तीनों बीवियों ने मिल कर कैसे ग्रुप सेक्स का मजा लिया.
2.5k words
4.86
921
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Part 7 of the 15 part series

Updated 06/10/2023
Created 12/10/2020
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मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे": जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला, मजो की दुनिया में मेरे अनुभव और खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ" के अगले भाग हैं में आपने पढ़ा;

मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या?

अब आगे:-

उस टाइम मेरा मन किया उसी समय दिलिया को पकड़ कर दबा कर चोद दूl

बिस्तर पर दिलिया इतनी सेक्सी मैक्सी में और इतना मस्त पोज़ में बैठी थी, कि लंड आन्दोलन करने लगाl

उसकी मैक्सी बहुत सेक्सी थीl इस मैक्सी में से दिलिया के बाहर बूब्स झांक रहे थेl उसकी जांघें इतनी गोरी थीं और पिंक कलर की जाली वाली पैंटी में से एकदम सफाचट चुत का नजारा हो रहा थाl

उस सीन को याद करके आज भी मेरा लंड खड़ा हो जाता हैl

मैं और ज़रीना उसको ही देख रहे थेl तभी दिलिया ने ज़रीना से कहा- आमिर के कपड़े उतार ... और अपने भी निकाल देl आ जा बेड परl

ज़रीना ने उसकी आज्ञा का पालन किया और मेरे कपड़े उतारने लगीl उसने सिर्फ अंडरवियर छोड़ दियाl फिर ज़रीना ने भी अपने कपड़े निकाल दिएl वो बस ब्रा पैंटी में रह गई थीl हम दोनों बेड पर आ गएl

मैं दिलिया पर लपक पड़ा और हम दोनों किस करने लगेl वो मेरे खड़े लंड को चड्डी से निकाल कर उससे खेलने लगीl

मैंने उससे कहा- लंड ठीक से निकाल कर देख लो और तुम दोनों बारी बारी से लंड चूस कर मजा लो और मुझे भी मजा दोl

दोनों कज़िन बहनों जो मेरी बीविया भी थी ने मेरी बात मान ली और मुझे पूरा नंगा करके मुझ पर टूट पड़ींl पहले मेरी जान ज़रीना ने अपने नाजुक होंठों को मेरे टोपे पर लगाएl आह! मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया थाl

ज़रीना थोड़ी देर ही मेरा लंड चूस पायी थी कि तभी उसकी बहन दिलिया ने ज़रीना के मुँह से मेरा लंड खींच कर निकालने का प्रयास कियाl मगर ज़रीना ने तो मानो लंड न छोड़ने की जिद ठान ली थीl इससे दिलिया गुस्सा हो गई थीl

उधर ज़रीना मस्ती से लंड चूसे जा रही थीl उसने तो जैसे लंड चूसने में पीएचडी कर रखी यार ... आह क्या मस्त लंड चूस रही थीl मेरे लंड को अब तक किसी ने चूसा ही नहीं थाl ज़रीना तो जैसे कोई पोर्नस्टार होl उसकी लंड चूसने की कला से मुझे बहुत मजा आ रहा थाl

तभी ज़रीना ने लंड को अपने मुँह में दबाए हुए ही अपनी पोजीशन बदली और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख चढ़ गईl मैंने भी देर नहीं की और उसकी गर्म चुत पर जीभ फेरना चालू कर दियाl वो मस्ती से गांड हिलाते हुए अपनी चूत चटवाने लगीl

मैं भी कहां पीछे हटने वाला थाl मैंने भी बहुत जोर जोर से जीभ से चाट चाट कर और उंगली डाल डाल कर उसकी चुत का पानी निकाल दियाl वो झड़ गई तो मैं उसकी चुत का नमकीन पानी पूरा पी गयाl

हाथ से मुँह पौंछ कर मैंने कहा- मजा आ गया राजा l क्या मस्त अमृत था यार!

फिर ज़रीना बोझिल से कदमों से उठी और दिलिया से कहा- ले तेरी बारी दिलिया ... अब तू भी लंड चूस कर मजा ले लेl

मैंने दिलिया को पीठ के बल करके लिटा दियाl इससे उसकी चूत मेरे सामने खुल गई थीl उसकी चूत मस्त चमक रही थीl

मैंने दिलिया को लिटाया और उसकी दोनों जांघों को हाथों से पकड़ लियाl

और उसकी छूट चाटने और चूसने लगा मैं इतने मस्त तरीके से दिलिया की चुत चूस रहा था कि मैं अपनी मस्ती में खोया हुआ सा थाl

उधर दिलिया भी नीचे मेरे लंड से खेलते हुए चूस रही थीl आज भी वो रात मैं कभी नहीं भूल सकताl

उस रात मुझे ऐसा लगा कि मैं जन्नत में 3 हूरो की चुदाई करने आया हूँl

मैंने दिलिया चूत को खूब मजे से चूसा और दिलिया का पानी निकाल दियाl वो बहुत जल्दी ही बेचारी झड़ गई थी, वो मेरी चुसाई से ज्यादा देर टिक ही नहीं पाईl

फिर मैं खड़ा हुआ और दिलिया और ज़रीना ने समिले करते हुए कहा- अब चुदाई शुरू की जाए?

मैंने कहा नहीं अब तुम दोनों को पहले सजा मिलेगी तुम दोनों आपस में भी लड़ती हो और अपनी बहनो से भी लड़ती हो और तुमने सारा को भी भला बुरा कहा है, इसलिए अब तुम्हारी चुदाई नहीं होगी l

तो दोनों तो एकदम तड़प उठी और माफिया मांगने लगी और बोली अब कभी नहीं लड़ेंगी और तुम जो कहोगे वही करेंगी l

यह सुनकर मेरे होंठ मुस्कुरा उठे और सारा भी हंस दीl

तो मैंने कहा तुम्हे सारा की सभी बाते माननी होंगी l

सारा बोली तो तुम दोनों को वादा करना होगा l

पहला कभी आपस में नहीं लड़ेगी और मिल कर रहोगी l

दोनों बोली हमें कबूल है अब आपस में कभी नहीं लड़ेंगी l

सारा फिर बोली दूसरा तुम दोनों आमिर की सभी बातें मानोगी l

दोनों बोली हमें कबूल है आमिर की सब बाते मानेंगी और आमिर की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी होगी l

दोनों बोली हमें कबूल है आमिर की सब बाते मानेंगी हम अपने सभी इख्तयार छोड़ने को त्यार हैं पर एक शर्त है आमिर कभी भी हमें चोदना बंद नहीं करेंगे l

तो मैंने कहा तुम दोनों बहुत प्यारी हो मैंने तुम्हारा हाथ खुद माँगा हैl तुम्हे कैसे छोड़ सकता हूँ और तुम दोनों से वादा करता हूँ अब तुम दोनों को कभी मेरी चुदाई के लिए तरसना नहीं पड़ेगा l बस तुम जेन, लूसी और सारा की सब बाते मानना और उन दोनों को अपने गले लगा लियाl सारा भी चिपक गयी l मैंने तीनो तो बारी बारी किश किया l

ज़रीना ने कहा- पहले मुझे चोद दो, क्योंकि मुझसे अब सहा नहीं जा रहाl

हालांकि मैं पहले दिलिया को चोदना चाहता थाl मगर ज़रीना की चुदास देख कर मैंने कहा- ठीक हैl

मैंने ऐसा बोलते हुए थोड़ा सा मुँह बनाया, तो ज़रीना समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँl

उसने कहा- रुको ... पहले दिलिया को अच्छी तरह से चोद दो l फिर मुझे रगड़ कर चोदनाl

उसके बाद सारा बोली आमिर अब दिलिया की चुदाई करोl

मैंने दिलिया को पीठ के बल लेटा दिया और उसकी गांड ऊपर करके तकिया लगा दियाl उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर ले लियाl इस तरह से चुदाई करने में अलग ही मजा आता हैl

पूरा लंड अन्दर बच्चेदानी तक चोट करता हैl

मैंने ज़रीना से कहा- तुम आगे आओ और मेरा लंड इसकी चूत पर सैट करो ताकि मैं इसकी चुत में लंड ठीक से पेल सकूं और इसकी मस्त चुदाई कर सकूंl

ज़रीना ने पहले मेरे लंड पर किस किया और दिलिया की चुत के मुहाने पर एक बार रगड़ कर सैट कर दियाl

साथ ही उसने मेरे आंड सहलाते हुए लंड से कहा- महाराज, अब आगे बढ़ोl

मैंने भी लंड को पकड़ कर चूत की फांकों में रगड़ा और दाने से छेड़खानी करने लगाl

अब तक दिलिया गर्म गई थीl उसने तड़फ कर कहा- अब डाल भी दो ना!

मैंने जोश में आकर उसकी कमर पकड़ ली और जोर से धक्का दे माराl

मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत में घुसता चला गयाl उसी पल दिलिया की जोर की चीख निकल गईl ज़रीना ने तुरंत उसका मुँह बंद कर दिया और मुझे डांटने लगीl

ज़रीना - चुत फाड़ोगे क्या?

उधर दिलिया की आंखों से आंसू आने लगेl ज़रीना ने उसके मुँह से हाथ हटाया l

उसकी इस बात से मुझे भी जोश आ गयाl मैंने लंड बाहर निकाल कर टोपे पर थूक लगाया और इस बार जोश में आकर कर फिर से जोरदार धक्का दे माराl इस बार मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर चला गयाl दिलिया बेचारी आंख बंद करके और हाथों से चादर को पूरी खींचते हुए बिन पानी की मछली के जैसे तड़पने लगी थीl

मैं पूरा लंड पेलने के बाद दिलिया को किस करने लगा और मम्मे चूसने लगाl मैंने कुछ पल ठहर कर उसका दर्द कम होने दियाl

कुछ देर बाद उसने खुद बोला- अब राजधानी दौड़ा दो l आह! मुझे पूरी दम से चोदोl

उसके मुँह से ये सुनकर मैंने और ज़रीना ने एक दूसरे को देखाl मैंने ज़रीना को आंख मारी और आधा लंड बाहर निकाल कर फिर झटके के साथ अन्दर कर दियाl और ज़रीना दिलिया की चुदाई के लिए वो उसके ओंठ चूसने लगी जिससे लंड अंदर बाहर जाने लगा l

अब मैं राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार से उसे चोदने लगाl वो मस्त होकर कलप रही थी और उसकी चूचियां बड़ी तेजी से हिले जा रही थींl

कोई 20 मिनट की लगातार चुदाई के बाद दिलिया ने मेरी पीठ पर नाखून गड़ा दिए और झड़ गईl

मैंने भी जोश में आ कर ज़रीना के बाल पकड़ कर उसे खड़ा किया और उसे किस करने लगाl

मैंने देखा कि ज़रीना दिलिया के ऊपर 69 की पोजीशन में थीl

मैंने उन दोनों को लेस्बो करते हुए देखा और लंड को पकड़कर हिलाने लगाl मैं ज़रीना के पीछे खड़ा हुआ और बिना बताए उसकी चुत में लंड डाल दियाl

ज़रीना भी लंड के अहसास से मस्त हो गई और लंड लेने में सहयोग करने लगीl उसकी कराहें मेरा जोश बढ़ा रही थींl

उधर दिलिया भी मेरे अंडकोष चूसने लगीl ताबड़तोड़ चुदाई होने लगीl ज़रीना अपनी पूरी टांगें हवा में उठा आकर मेरे लंड का मजा ले रही थीl इसी बीच में दिलिया बाथरूम में चली गई थीl हम दोनों चुदाई में धकापेल लगे थेl फिर ज़रीना झड़ीl

अब मैं थक भी चुका था, मैं बेड पर लेट गयाl l मैं और ज़रीना बांहों में बांहें डाले लेटे हुए थेl कुछ ही पलों में हम तीनो की लगभग आंख लग चुकी थीl

उसी समय मुझे लगा कि लंड पर कोई हलचल हो रही हैl मैंने जब तक आंख खोली, तब तक दिलिया ने लंड को अपने मुँह में ले लिया थाl

एक बार फिर से दिलिया की चुत चुदाई शुरू हो गईl थोड़ी देर बाद दिलीय झाड़ गयी तो उसकी जगह सारा ने ले लीl

सारा ने सिल्क की लाल रंग का नाइट सूट पहना हुआ था और वो मेरे खड़े लंड से खेल रही थी।

मेरा पायजामा नीचे खिसका था और मेरे लंड और अंडकोष पयज़ामे से बाहर निकले हुए थे। सारा की पोशाक भी ऊपर की तरफ खिसकी हुई थी और उसकी चूत मुझको दिख रही थी।

सारा की चूत एकदम सफाचट थी यानि एक भी बाल नहीं था उस पर।

सारा ने मुंह नीचे करके मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

लंड तो खड़ा था पूरी तरह और सारा जल्दी से उस के ऊपर बैठ और लंड एकदम चूत में घुस गया। उसकी गीली और टाइट चूत में लंड बड़े आनन्द से घुसा हुआ था और मैंने हल्के से नीचे से ऊपर एक धक्का मारा और तब सारा की कमर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी।

अब मेरे से नहीं रहा गया और मैंने सारा की कमर पकड़ कर नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और सारा भी आँखें बंद किये हुए इन धक्कों का आनन्द लेने लगी।

उधर ज़रीना मेरे मुँह पर अपनी योनि रख कर चुसवाने लगी और दिलिया इस तरह हो गयी की उसकी चुत ज़रीना चूस रही थी और वप सारा को लिप किस करने लगी और मेरी हाथ उनके स्तनों से खेल रहे थे l

मुझको लगा कि सारा की चूत बंद खुलना शुरू हो गई और थोड़ी देर में सारा का झड़ गया और वो मुझसे इस ज़ोर से लिपट गई जैसे वो मुझको कभी नहीं छोड़ेगी।

सारा झड़ी तो उसकी जगह ज़रीना ने ले ली और ऑफर जब ज़रीना झड़ी तो उसकी जगह दिलिया ने ले ली l

दिलिया का शरीर बहुत ही गठा हुआ था। मम्मे गोल और सॉलिड थे लेकिन साइज में वो सारा और जुली से छोटे थे, चूतड़ भी काफ़ी मोटे और गोल थे।

मैं चुपचाप लेटा रहा और दिलिया मेरे लंड के साथ खेलना और अपनी चूत को अपने ही हाथ से रगड़ना जारी रखे हुए थी। उसने कई इशारे फेंके कि मैं उसके ऊपर चढ़ जाऊँ लेकिन मैं लेटा रहा।

तब दिलिया ने मुझको होटों पर चूमना शुरू किया, मैं धीरे धीरे दिलिया का साथ देने लगा।

दिलिया की चूत को हाथ लगाया तो वो गर्मी के मारे उबल रही थी और उसका रस टप टप कर के बह रहा था।

अब मैं अपने को और नहीं रोक सका और खड़े लंड के साथ दिलिया की जाँघों के बीच बैठ कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। और सारा को मालूम था डिलिया की छूट की चाबी तो वो उसके ओंठ चूसने लगी जिससे लंड अंदर बाहर जाने लगा।

दिलिया के मुख से सिसकारियाँ निकल रही थी और वो नीचे से ज़ोर से चूतड़ उठा उठा कर लंड और चूत का मिलन करवा रही थी।

फिर मेरे लौड़े ने इंजिन की तरह तेज़ी से अंदर बाहर होना शुरू कर दिया। पांच मिन्ट में ही दिलिया झड़ गई और मैं भी ज़ोरदार पिचकारी मारते हुए झड़ गया। मैं दिलिया के ऊपर निढाल पड़ा था।

ज़रीना ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और कूद कर पलंग पर मेरी साइड वाली खाली जगह में आकर लेट गई।

अब मैं दोनों के बीच में था, ने मेरा लंड पकड़ रखा था और मेरे अंडकोष के साथ खेल रही थी।

अब मेरे से नहीं रहा गया और मैं बोला- दिलिया कुछ तो ख्याल करो, मैं थक गया हूँ बहुत, थोड़ी देर बाद करना जो भी करना है।

ज़रीना बोली- आप अभी आमीर को रेस्ट करने दो, तब तक हम अपना खेल करते हैं। क्यों?

दिलिया बोली- ठीक है। तू आ जा मेरी साइड में!

ज़रीना मेरी साइड को छोड़ कर दिलिया के साथ लेट गई, दिलिया ने तब ज़रीना को होटों पर चूमा और अपने एक हाथ से छोटे छोटे मम्मों के संग खेलने लगी और दूसरे हाथ से उसकी सफाचट चूत को रगड़ने लगी।

दोनों की सफाचट चूत मैंने पहली बार देखी थी। माँ बेटी की चूत पर एक भी बाल नहीं था।

दिलिया धीरे धीरे ज़रीना के मम्मों को चूसते हुए नीचे की तरफ आ गई और उसका मुंह ज़रीना की चूत पर था।

ज़रीना ने अपने चूतड़ दिलिया के मुंह के ऊपर टिका दिए थे और दिलिया अपनी जीभ उसकी भगनासा को चूसती हुई उसकी चूत के अंदर गोल गोल घुमा रही थी।

ज़रीना का शरीर एकदम अकड़ा और उसने दिलिया का मुंह अपनी जाँघों में जकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से काम्पने लगी।

तभी ज़रीना ने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया। कुछ देर आराम करने के बाद ज़रीना उठी और मेरे लंड को खड़ा देख कर उसके ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी।

मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपना खड़ा लंड उसकी चूत में पीछे से डाल दिया। उसकी चूत बहुत ही टाइट लगी मुझको और लंड बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था।

लंड के घुसते ही चूत में बहुत गीलापन आना शुरू हो गया और फिर मैंने कभी तेज़ और कभी आहिस्ता धक्के मार कर ज़रीना का पानी जल्दी ही छूटा दिया और वो कई क्षण मुझ से लिपटी रही।

फिर हम बड़ी गहरी नींद में सो गए।

लंड महाराज इस पूरी चुदाई में एक बार भी नहीं झड़े थे और बदस्तूर खड़े थेl

कहानी जारी रहेगी.

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