अम्मी बनी सास 013

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गान्ड चुदाई
933 words
4.31
403
00

Part 13 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
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उस का दिल चाहने लगा कि वह आगे बढ़ कर नीलोफर की गान्ड के खुलते और बंद होते सुराख की खुसबू को ना सिर्फ़ सूँघे बल्कि गान्ड के सुराख को अपनी ज़ुबान से चूखे, चूमे और चाटे।

यह ही सोच कर ज़ाहिद आहिस्ता से आगे बढ़ा और नीलोफर के पीछे बिस्तर पर बैठे-बैठे अपने हाथों से उस की गान्ड को थोड़ा और चौड़ा किया।और फिर साथ ही झुक कर उस ने अपनी नोकिली ज़ुबान की टिप से नीलोफर की गान्ड के सुराख को हल्का-सा छुआ।

ज्यों ही एएसआइ ज़ाहिद की ज़ुबान नीलोफर की गान्ड के सुराख से टच हुई. तो नीलोफर के मुँह से एक सिसकरी ईई फुटी हाईई! उफ!

ज़ाहिद की गरम ज़ुबान नीलोफर की गान्ड के सुराख से टकराने की वज़ह नीलोफर को एक हल्की-सी गुदगुदी हुई. जिस की वज़ह से वह थोड़ी-सी कांप गई और उस ने अपनी गान्ड के सुराख को भींच कर टाइट कर लिया।

ज़ाहिद ने जब नीलोफर को यूँ अपनी गान्ड टाइट करते देखा तो उस ने नीलोफर की गान्ड की बड़ी और गुदाज पहाड़ियों को अपने हाथो में थाम कर खोला और पहले तो उस पर एक तवील चूमि ली और फिर नीलोफर की गान्ड के सुराख को मुँह में भर कर उसे पागलों की तरह अपनी ज़ुबान से चाटने लगा।

आज तक जमशेद या नीलोफर के शोहर ने नीलोफर की गान्ड पर इस तरहा से प्यार नहीं किया था। इस लिए यह नीलोफर के लिए एक नया तजुर्बा था।

उस को ज़ाहिद की ज़ुबान अपनी गान्ड पर फिरते हुए महसूस कर के बहुत मज़ा आ रहा था और वह लज़्ज़त के मारे सिसकारियाँ लेने लगी।

अपने भाई के लंड को अपने अंदर बाहर लेती और एएसआइ ज़ाहिद के मुँह से अपनी गान्ड के सुराख को चटवाती नीलोफर लज़्ज़त के मारे मरी जा रही थी।

अपनी गान्ड के अंदर तक जाती ज़ाहिद की ज़ुबान ने उसे मज़े से बेहाल कर दिया था।

मज़े की शिद्दत से वह पागल हुए जा रही थी।उस का बस चलता तो वह ज़ाहिद की ज़ुबान को अपनी गान्ड की तह तक ले जाती।

जमशेद भी ज़ाहिद की नीलोफर की चौड़ी गान्ड में घुमती हुई ज़ुबान की लापर्र्ररर लाप्र्र्रर और नीलोफर की सिसकारीओं को सुन कर जोश में अपनी बेहन की चूत के मज़े लेने में मगन था।

अपने अपने जिस्मो की आग ने दोनों बहन भाई को इतना मस्त कर दिया था। कि वह दोनों यह ना देख पाए कि एएसआइ ज़ाहिद नीलोफर की गान्ड के सुराख को अपनी ज़ुबान से तर करने के साथ-साथ बिस्तर की साइड टेबल पर पड़ी पोंड क्रीम से अपने लंड को भी फुल तर कर के उसे नीलोफर की कंवारी गान्ड में डालने के लिए तैयार कर चुका है।

इस से पहले के नीलोफर या जमशेद कुछ समझ पाते। ज़ाहिद ने नीलोफर के पीछे घुटनो के बल बैठ कर अपने तने हुए मोटे, सख़्त और बड़े लंड को हाथ में थामा और फिर एक दम से अपना मस्त लंड नीलोफर की गान्ड पर रख कर एक ज़ोरदार झटका मारा।

नीलोफर की गान्ड से "घुऊदूप" की एक तेज आवाज़ निकली और ज़ाहिद का बड़ा लंड नीलोफर की गान्ड की दीवारों को बुरी तरहा से चीरता हुआ जड़ तक उस की गान्ड के अंदर घुस्स गया।

ज़ाहिद का झटका इतना अचानक और इतना ज़ोरदार था। कि नीलोफर के हलक़ से बे इकतियार एक चीख निकल गई और वह झटके के ज़ोर से अपने सामने लेटे हुए अपने भाई जमशेद की छाती पर गिर पड़ी।

" यह किस ने, मेरी गान्ड में

इतना बड़ा लंड डाला?

मार डाला हाएएयी मार डाला! "

नीलोफर दर्द की शिद्दत से चिल्ला उठी।

" हाईई मरर गई आआ ऊऊ ईई अम्मिईीई! मेरिइ तो फटत्त गेिई नीलोफर की आवाज़ इतनी उँची थी कि यक़ीनन कमरे से बाहर भी उस की चीख की आवाज़ ज़रूर पहुँची होगी।

नीलोफर ने आगे बढ़ते हुए अपने आप को ज़ाहिद के लंड के चुंगल से बचाने की एक नाकाम कोशिस की। मगर ज़ाहिद ने नीलोफर की गान्ड की पहाड़ियों को अपने हाथ में कस कर था और अपना लंड एक झटके से नीलोफर की गान्ड से बाहर निकाल लिया।

एएसआइ ज़ाहिद का लंड नीलोफर की गान्ड में बुरी तरहा से फँसा हुआ था।

इस लिए ज्यों ही ज़ाहिद ने अपना लंड नीलोफर की गान्ड से निकाला तो ऐसी आवाज़ आई जैसे किसी बॉटल का ढक्कन खोल दिया हो।

ज़ाहिद ने दोबारा झटका मारा, नीलोफर दुबारा चीखी और झटके के ज़ोर से फिर अपने भाई के उपेर गिर पड़ी।

अब की बार जमशेद ने अपनी बेहन के जिस्म के गिर्द अपने हाथ बाँध कर उसे अपनी बाज़ुओं में क़ैद कर लिया और अपनी बेहन के मुँह पर अपना मुँह राख कर उस के होंठो को चूसने लगा।

जमशेद ने जब ज़ाहिद को यूँ नीलोफर की कंवारी गान्ड की सील तोड़ते हुए देखा तो उसे बहुत मज़ा आया।

वो इस से पहले कई बार अपनी बेहन से उस की गान्ड मारने की फरमाइश कर चुका था। मगर नीलाफर ने आज तक उस की यह बात नहीं मानी थी।

इस लिए आज ज़ाहिद से नीलोफर की गान्ड चुदाई के बाद जमशेद को यक़ीन था। कि अब जल्द ही वह भी अपनी बेहन की गान्ड का स्वाद चाख पाए गा।

जमशेद ने इशारे से ज़ाहिद को अपनी चुदाई रोकने को कहा। तो नीलोफर की गान्ड में झटके मारता हुआ ज़ाहिद रुक गया।

असल में जमशेद चाहता था कि ज़ाहिद थोड़ा रुक कर नीलोफर को संभालने का मोका दे। ता कि नीलोफर की गान्ड ज़ाहिद के मोटे और बड़े लंड को अपने अंदर अड्जस्ट कर सके.

क्योंकि एक दफ़ा जब नीलोफर की गान्ड का दर्द काम हो गा। तो उस के बाद वह सही मायनों में ज़ाहिद के लंड को अपनी गान्ड में ले कर मज़े से चुदवा सकेगी।

कहानी जारी रहेगी

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