एक नौजवान के कारनामे 115

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लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.
2.1k words
3.5
126
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Part 115 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 41D

लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई

रीता हांफने लगी। उसकी आवाज तब तक तेज होती रही। जब तक कि उसने कई सेकंड के लिए आवाज करना बंद नहीं किया, मैंने अपनी पीठ को झुकाते हुए, लंड को एक तेज धक्का दिया। और फिर कम और तेज गति से धक्के लगगने लगा और फिर जैसे-जैसे मेरी चुदाई की गति बढ़ती गई, मेरी उंगलियाँ उसकी स्तनों की गर्म त्वचा पर चली गईं। उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा लिया। मैं नीचे झुका, तो मेरा लंड और गहरा गया। मैंने उसके निप्पल को अपने दांतों से पकड़ लिया।

"मैं, ओह! मुझे और जोर से चोदो," वह कराही और चीखने चिलाने लगी. हाआअ!, मेरे दीपक, राजा आईसीईई!, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत रुकना, आआआआ! और ज़ोर से, उउउईईईई! माँ, आहहहाँ!, उसके नाखून मेरी पीठ में गढ़ गए और रीता और जोर से चोदने के लिए फुसफुसाई। मेरे प्रत्येक धक्के के साथ, वह दर्द में हांफती, मेरे कूल्हों को पीछे धकेलती और मैं कुछ क्षण रुकता, उसे आराम करने देता ताकि मैं आगे बढ़ सकूं। प्रत्येक धक्के और दर्द की लहर के साथ, वह अपने पैरों को भी कसती थी जो मेरे लंड के अगले धक्के देने के लिए एक अवरोध पैदा कर रहे थे।

रीता अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी और मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों से रगड़ खाता हुआ महसूस कर रही थी। एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया। मैंने थोड़ा सा लंड पीछे किया उठा और फिर से धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग तीन इंच अंदर चला गया था।

उसकी चूत से तरल निकला और मेरे लंड को भिगो दिया । और अब इस वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था. और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। रीता ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लैंड झिल्ली तक पहुँच चूका था। मेरा लंड रीता की हायमन से टकरा रहा था। फिर कुछ अद्भुत हुआ। मैंने उस बिंदु पर धक्का दिया जो उसके लिए बहुत दर्दनाक था। वह दर्द से चिल्लाई और मुझे रुकने को कहा। और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो रीता चिलाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाउंगी।

मैंने प्रतीक्षा की। जब दर्द कम हो गया, तो मैंने फिर से धक्का देने की कोशिश की लेकिन मैं और आगे नहीं बढ़ सका। वह फिर दर्द से कराह उठी और मुझे रुकने को कहा। मैंने फिर प्रतीक्षा की। इस तरह तीन बार वह दर्द से चिल्लाई और मुझे रुकने को कहा। तीन बार मैंने उसके दर्द के कम होने का इंतजार किया और फिर लंड को आगे धकेलने की कोशिश की।

वो आँखों में दर्द भरे आंसू भरते हुए बोली मुझे नहीं पता मैं ये कर पाऊँगी या नहीं "प्लीज रुको!"

वह मुझे अपने से बाहर धकेलने की कोशिश करने लगी और दर्द के कारण उसकी आँखों में आंसू आ गए थे । मैं उसे चोट नहीं पहुँचाना चाहता था, लेकिन जानता था कि यह पहली चुदाई की प्रक्रिया का हिस्सा था और इसे किसी समय पर होना ही होगा। और अब ये वही समय था ।

"रीता, मिस रीता मैंने कहा, "तुम्हें पता था कि यह दर्दनाक होगा। बस थोड़ा सा और सहन कर लो, बेबी। मेरा विश्वास करो। मैं जितना कोमलता से कर सकता हूं उतना घिरे धीरे कर रहा हूँ । आप मुझ पर भरोसा कर सकती हो!"

वह शांत हो गई, और मुझे दूर धकेलना बंद कर दिया, उसकी ओर देखा, मुस्कुराई, और कहा, "ठीक है मेरे प्यारे दीपक । मुझे तुम पर पूरा भरोसा है," उसने जवाब दिया।

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया इस चौथे धकके के बाद उसका दर्द उसके चेहरे पर आ गया, और उसने मेरे कूल्हों पर वापस धक्का देना शुरू कर दिया। मुझे एक छोटा "पॉप" महसूस हुआ जैसे बंटे वाली बोतल के खुलने पर महसूस होता है। जिससे मुझे लगा मेरे लंड ने इस ंबार उसका कौमार्य भंग कर दिया है. और मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया।

"ओह नीता " रीता के मुह से निकला. और उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गयी। लंड योनी के.अन्दर, और अन्दर चलता गया। चूत के ओंठो को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वो पूरा अन्दर तक चला गया। रीता की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी। उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था।

रीता दर्द के मारे रोने लगी। आहहहहह! नीता आएीी उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज, इसे बाहर निकालो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है। मैं दर्द से मर जाऊँगी। प्लीज निकालो इसे और रीता को आँखों से आंसू बहने लगे। नीता ने मुझे आगे झुका दिया और मैंने रीता के ओंठो से ओंठ चिपका कर उसकी आवाज बंद की और नीता उसके स्तनों को चूमने लगी । मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धक्का और लगाया लंड फिर पूरा अंदर समां गया। मैं रीता के ऊपर गिर गया ।

फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा । मैंने उन्हें लिप किस करना शुरू कर दिया, और काफी देर तक उनको लिप किस करता रहा। फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया। कुछ देर के बाद वो शांत हुई और उसका चीखना चिलाना बंद हो गया।

मैंने महसूस किया कि उसके टूटे हुए हाइमन का खून मेरे लिंग की भिगो रहा है । यह एक अद्भुत अनुभूति थी जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मैंने सोचा कि यह मेरी इस तरुण किशोरी प्रेमिका के साथ पहला सम्भोग है । मेरी प्यारी, सुंदर प्रेमिका ने मुझे अपना सबसे कीमती उपहार दिया था। रीता एक पल के लिए निश्चल पड़ी रही, मानो एक खामोश झील सर्दियों में जम गई हो। उसके चेहरे पर परमानंद था और फिर उसने एक लंबी आह छोड़ी मैंने रीता को अपने गले लगा लिया।

अब जब उसकी "चेरी" फूट गयी थी, तो थोड़ी देर बाद उसका दर्द दूर हो गया, और उसने राहत और आनंद की एक बड़ी सांस ली। उसकी आँखें बंद हो गईं और उसका सिर पीछे की ओर झुक गया जैसे उसकी योनि से आनंद की लहर बह रही थी। उसके हाथ मेरे कूल्हों को मेरे बट के चारों फिसलने लगे और उसने मुझे अंदर खींचना शुरू कर दिया।

"थैंक यू..." रीता फुसफुसाई।

"कोई बात नहीं, मिस," मैंने धीरे से उससे कहा।

नीता ने रीता को हैरान कर दिया, "तुम्हारा मतलब है कि तुम्हे दर्द नहीं हुआ?"

" थोड़ा हुआ," रीता ने स्वीकार किया, मेरे लंड को हाथ से नीचे पकड़ते हुए बोली, "लेकिन अच्छा लगा। मुझे यह पसंद आया! इससे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन ऐसा नहीं था जैसा आप सोच रही हो । यह दबाव की एहसास था, । दबाव ने मुझे विचलित कर दिया था फिर लगा थोड़ा डंक और दर्द दर्दनाक हिस्से को पार करने के बाद, फिर ऐसा सुखद एहसास जिसकी सुखद भावनाओं में उतरना मुश्किल था।

मैं इसे कभी नहीं भूलूंगी। मुझे अपने अंदर तक कुछ अध्भुत महसूस हुआ । यह कुछ ऐसा था जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। मुझे लंड को अपने अंदर महसूस करना अच्छा लगा, जब इसने मेरे अंदर मुझे छुआ और मेरे अंदर और बाहर फिसल गया, तो मैं अपनी गर्म सांसों को लेना भूल गयी । पहली बार इसका अनुभव करना सबसे कीमती चीज थी। मैं अब बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ और खुस हूँ कि मैंने इतने सालों तक इसका इंतजार किया। "

"अरे, मैं मजबूत हूँ!" रीता हँसी, और मेरे लंड को आज़ाद करते हुए थोड़ा थपथपाया, "आउच! अच्छा, शायद इसके जितनी मजबूत और सख्त नहीं हूँ।"

नीता ने आह भरी और सिर हिलाया : तुम बाकई में एक अजूबी हो," नीता ने टिप्पणी की, उनके बगल में रेंगते हुए उसे चूमा ।

"मिस, क्या तुम तैयार हो? हमने अभी तक पूरी तरह से चुदाई नहीं की है," मैंने कहा।

"हाँ, प्रिय। अब, आप मुझे अपनी इच्छानुसार चोद सकते हैं, मुझे वैसे भी दर्द नहीं हो रहा है," रीता ने कहा और मुझे अपने पास खींच लिया।

मेरा लंड खड़ा हुआ और कठोर था और उसकी प्यारी, योनि के अंदर था । उसने अपने पैरों को चौड़ा किया और मुझे पूरी पहुंच प्रदान की । वह इतनी आश्चर्यजनक रूप से तंग थी, बाहर खींचना आश्चर्यजनक रूप से कठिन था, और आश्चर्यजनक रूप से वापस अंदर जाना भी पहले प्रवेश जितना ही मुश्किल था। लेकिन मैं धीरे-धीरे लंड को वापस बाहर निकलने में कामयाब रहा और फिर खुद को सबसे गहरी स्ट्रोक लगा कर पूरी गहराई में धकेल दिया। मैंने धीमी और स्थिर शुरुआत की और आराम और उत्तेजना का आनंद लेना शुरू किया, मैंने उसे गहरा और पूरी भावना के साथ चूमा।

फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। वो बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है। हाईईईईई, म्म्म्मम!और फिर वो जोर-जोर । फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पू मस्ती में कराह रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।

प्रत्येक स्ट्रोक के साथ, मैं अपने लिंग के सिर को उसके गर्भाशय ग्रीवा को छूते हुए महसूस कर रहा था । मैं प्रत्येक धक्के के साथ, उसके आनंद और तृप्ति को देख रहा था जो वह अनुभव कर रही थी। मेरा कूल्हे के प्रत्येक अंदरूनी धक्के के साथ हम दोनों साथ में चरम की और बढ़ने लगे मैं उसके ऊपर झुका और उसके एक काले, छोटे, सख्त निप्पल को अपने मुँह में ले लिया। मैंने इसे अपने होठों के बीच हल्के से कुतरते हुए धीरे से चूसा,।

में लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। सच रीता चुदती हुई बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे और वो मेरे कूल्हों पर हाथ पर रख कर दबा कर कहती थी और जोर से और जोर से चोदो मैंने भी उतनी ही तेजी से शॉट लगा कर रीता का साथ दिया। मेरा लंड चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी।

मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे । फिर मैं चूचियों को खींचने लगता था तो रीता सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद मैं रीता के ऊपर झुक गया और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। मैं रीता को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी। मैंने देखा उसका शरीर तनावग्रस्त था और उसके तीसरे संभोग ने उसे अभिभूत कर दिया था। मैं महसूस कर सकता था कि उसकी मांसपेशियां मेरे चारों ओर कस रही हैं और उसका रस मेरे लंड पर बह रहा है। वह महसूस कर सकती थी कि उसके कूल्हे मेरे लंड को उसके अंदर रखने के लिए उठे हुए हैं।

मैं भी चरम पर पहुँचने वाला था तो वो बोली अंदर ही करना मुझे तुम्हारा वीर्य अंदर महसूस करना है। ये सुन मुझे एक अजीब सनसनी महसूस हुई और चीजें मेरे नियंत्रण से बाहर हो गईं, और लंड ने गर्म पानी की एक धारा उगल दी और लगातार लंड को आगे पीछे करते हुए पिचकारियां उसकी योनि में मारता रहा । जैसे ही मैंने अपने मोटे गर्म शुक्राणु को छोड़ा, रीता ने मेरे वीर्य को उसकी चूत के अंदर और किनारे से टकराते हुए महसूस किया । इस बार हम दोनों एक साथ झड़ गए थे

फिर मैंने अपना लुंड बाहर निकाला तो वह वीर्य और रीता के चूतरस और खून से भीगा हुआ था। बेड शीट खून से सन्न चुकी थी।

मैंने गीले तौलिये से यौन क्षेत्र के उसके जघन बालों से अपने बिखरे हुए वीर्य और चुतरस और खून को पोंछा और साफ किया। उन दोनों की अच्छी तरह से सफाई की। फिर हम उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगो को धोया। फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई उन्होंने मेरे लंड को किश कर थैंक यू बोला और मेरे लंड पर क्रीम लगाई। दोनों लड़कियों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए ।

जारी रहेगी

दीपक कुमार

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