मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 16

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जेन के साथ सेक्स की शुरुआत.
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Part 17 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
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मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-16

जेन के साथ सेक्स की शुरुआत

ज्यों ही मैंने जेन की उंगली में सोने की रिंग पहनाई। तो लूसी और डायना ने तालियाँ बजा कर हमारे सम्बन्ध की शुरुआत की मुबारकबाद दी।

हमारी बातो से जेन मेरे साथ थोड़ा सहज हो गयी थी। अब मैंने जेन की तारीफ करना शुरू कर दि ।मैंने कहा जेन आप बहुत सुन्दर हो मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को कब से पाना चाहता था। आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं। वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी आप को प्यार करती हूँ।

जेन शरमाते हुए थैंक यू बोली । तो मैंने उसके हाथ चुम लिए. तो वह बोली प्लीज आमिर आराम से करना । अपनी "माशूका जेन" की मीठी आवाज़ सुन कर मैं चहक उठा और हिन्दी अल्फ़ाज़ इस्तेमाल करते हुए बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ में अपनी माशूका को होसला देते हुए बोला। उफफफ्फ़! मेरी जेन तुम चिंता मत करो तुम्हारा टार्जन तुम्हे बहुत प्यार करता है और तुम्हारे साथ पहली बार बहुत-बहुत आराम से करूँगा ।

मेरे बाते सुन कर तो जेन की कुंवारी बुर मेरे लंड को अपने अंदर लेने के लिए बेचैन होने लगी थी।

तुम्हारे जिस्म में बहुत गर्मी छुपी हुई है। जिस के लिए तुम्हे मेरे जैसे जवान मर्द की ज़रूरत है। मैं तुम्हारे प्यासे जवान बदन की गर्मी को अच्छी तरह से संभाल लूँगा। मेरी प्यारी जेन तुम फिकर मत करो, कुछ भी नहीं होगा, में हूँ ना में सब ठीक कर लूँगा तुम बस मजे लेना ।

जेन को मेरी प्यार भरी बाते सुन कर बड़ी खुशी महसूस हो रही थी जैसे उसे कारुन का ख़ज़ाना मिल गया हो ।

और जैसे मैंने उसका मन पढ़ते हुए उसके स्तनों पर पाने हाथ रखते हुए बोलै बोला मेरी जान कारुन के इस ख़ज़ाने का पता भी तो मुझे तुम ने ही बताया था । तो फिर चलें जन्नत की सैर करने मेरी जान ।

मेरी बात सुन जेन शर्म के मारे दोहरी हो गयी और मेरे से लिपट गयी । और बोली आमिर आप बड़े वह हो प्लीज आराम से करना मुझे आपके बड़े लंड से बहुत डर लग रहा है।

जेन आपकी आपके हुए आम जैसी भरी हुए मस्त बदन और जनम-जनम की प्यासी चूत चोदने को मिल जाय तो काबू करना मुश्किल है, लेकिन मेरे दिल की रानी जैसे आप कहोगी में वैसे ही करूँगा।

मैंने जेन के जिस्म के गिर्द अपने बाजुओं को लपेटा और जेन को कस कर अपने साथ चिपका लिया। फिर एक हाथ से जेन के भारी मम्मे को मसल्ते हुए जेन के गुदाज होंठो पर अपने होन्ट रख कर उन को चूसना शुरू कर दिया तो उसने भी ऐरे ओंठो को चूस कर मेरा साथ दिया। जेन के मोटे मम्मे 18 साल की जवान किसी लड़की के मम्मो जैसे सख़्त और मज़ेदार थे।

मैं तो कब से इस लम्हे का मुंतीज़ार था। इसीलिए उसे मेरा साथ देते महसूस कर मेरा दिल खुशी से झूम उठा। हमने एक लम्बा चुंबन किया और चूमने से जेन की पानी छोड़ती चूत और भी भड़क उठी।

फिर मैंने उसे थोड़ा दूर किया और उसे देखने लगा। जेन की उम्र उस 28. साल की थी रंग गोरा बाल सुनहरी और फिगर मस्त 36 24 36 है गोरी अँगरेज़ मेम जेन की कमर लचकदार है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होंठ और आवाज़ बहुत मीठी है । जेन के भी बड़े-बड़े गोल गोल बूब्स। नरम चूतड़, सपाट पेट, भरा हुआ बदन कद 5 फुट 6 इंच था। मैंने जब जेन को लाल साडी में मलबूस हो कर फुल मेक अप और ज्वेलरी के साथ दुल्हन के रूप में देखा वह बहुत ज़्यादा खूबसूरत और प्यारी लग रही थी॥ तो उसके जवान जिस्म का ये नज़ारा देख कर देखता ही रह गया । मुझे ऐसे देखते हुए देख जेन ने आँखों के इशारे से पुछा क्या हुआ?

तो मैंने उसे अपनी बाहों के घेरे में भरते हुए कहा "जेन आज तो तुम्हारा ये सजा संवरा तैयार हुआ रूप मेरे लिए वियाग्रा का काम कर रहा है।"

उस वक्त मेरा कमरा, बेड की चादर पर बिखरे हुए फूलो और बिस्तर के इरद गिर्द लटकी हुई गुलाब और मोतिए की लड़ियों की खुश्बू से पूरी तरह महक रहा था।

वैसे तो जेन आज दुल्हन की तरह सज संवर कर बहुत बे करारी से मेरे साथ अपना कौमार्य मुझे समर्पित करने की मुंतीज़ार थी। मगर अब रात की तनहाई में मुझे अपने साथ बैठा हुआ महसूस कर के ना जाने क्यों शरम के मारे जेन के जिस्म से पसीने छूटने लगे थे और जेन के पूरे जिस्म और ख़ास तौर पर अपने गुदाज मम्मो और अपनी सॉफ्ट, चिकनी चूत पर जिस्म पर पारलर वाली ने जो खुसबूदार लोशन लगाया था उस तो लोशन और पसीने की मिलीजुली खुश्बू से जेन की ना सिर्फ़ चूत और मम्मे बल्कि उस का पूरा जिस्म महक उठा।

जब के दूसरी तरफ मेरा हाल भी बिल्कुल जेन जैसा ही था। हालाँकि मैंने कल ही लूसी की चूत का उद्घाटन किया था और आज सुबह ही उसे फिर से चोदा था लेकिन अब जेन की चूत का उदघाटन करने के इरादे से जेन के नज़दीक आते ही भी ना जाने क्यों एक अजीब किस्म की घबड़ाहट शुरू हो गई थी और शायद इसकी वजह ये थी की दोनों के जिस्मो में जवानी की "आग" बहुत शिद्दत से जल रही थी और एक दुसरे के लिए चाहत की आग बहुत सालो से जल रही थी । जिगर (जिगर मुरादाबादी) ने ऐसे ही किसी मौके के लिए फ़रमाया है।

ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे। इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।।

कमरे में इतनी खामोशी थी। कि दोनों की तेज-तेज और घबराई हुई साँसों की आवाज़ भी हम दोनों को सॉफ साफ सुनाई दे रही थी।

मैं जानता था कि चाहे कुछ भी हो एक मर्द होते हुए पहल तो हर सूरत में अब मुझे ही करनी है।

इसी दौरान बिस्तर पर बैठ कर जेन के गुदाज और भरे हुए मस्त बदन का जायज़ा लेते-लेते मेरा लंड कड़ा हो कर पूरा सख्त हो गया था ।

जेन की ठोडी (चिन) के नीचे अपना एक हाथ रख कर जेन की झुकी हुई ठोडी को उपर की तरफ किया। और जेन के चेहरे की तरफ देखते हुए उसके ओंठो पर एक हलकी-सी किस कर दी और बोला चश्में बद्दूर, मिस जेन आज दुल्हन बन कर आप पहले से भी बहुत ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो ।

तो जेन ने एक रवायती दुल्हन की तरह शरमाते हुए अपनी आँखे बंद कर लीं और अपना मुँह अपने मेहन्दी भरे हाथों से ढक लिया। मुझे उस से यूँ शरमाना बहुत अच्छा लगा।

मैंने बड़े प्यार से जेन के हाथों को उस के चेहरे हटाया और उसके मेक अप किये हुए चेहरे पर अपनी नज़रें जमाते हुए उसकी बहन के हुष्ण की तारीफ की। ाश्च कह रहा हूँ आप बहुत सुंदर लग रही हो अगर मैं आपको कभी पहले ऐसे देख लेता तो पता नहीं क्या कर बैठता ।

अपनी तारीफ सुन करजेन की पहले से गरम चूत में लगी आग और बढ़ गई और उस ने भी जज़्बात में आते हुए अपनी आँखे खोल कर शर्माते हुए मेरी तरफ देखा।

अपनी बहन का यूँ आँखे खोल कर उसे देखना मेरे दिल में तीर से चला गया।

अपनी तारीफ सुन कर जेन की पहले से गरम चूत में लगी आग और बढ़ गई और उस ने भी जज़्बात में आते हुए अपनी आँखे खोल कर शर्माते हुए मेरी तरफ देखा।

जेन का यूँ आँखे खोल कर देखना मेरे दिल में तीर से चला गया।

मैं जेन के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए बड़े प्यार से बोला हमारे पहले मिलन के मौके पर यादगार के मैं तुम्हारे लिए तोहफा लाया हूँ, मुझे उम्मीद है मेरा ये तोहफा तुम को पसन्द आएँगा मिस जेन। "मैंने अपने हाथ में जेन का हाथ पकड़ जेन की आँखों के सामने किया और बोला" अच्छा ज़ेरा देख कर बताओ कि मेरी जान को मेरा दिया हुआ ये तोहफा कैसा है? "

जेन मेरे हाथ से अपनी कलाई छुड़ा कर मेरे द्वारा पहनाई अंगूठी का जायज़ा लेने लगी। तो बे इख्तियारी में कलाई हिलने की वजह से चूड़ियों की "छन छन" की गूँज पूरे कमरे में फैल गई।

दुल्हन बनी जेन ने तो उस वक्त पहले ही काफ़ी सारा ज़ेवर पहना हुआ था। मगर इस के बावजूद मेरे दिए हुए ये तोहफे को पहन वह खुश हो गयी और बोली मैं तो आपके लिए कोई तोहफा नहीं लायी मैंने दुबारा से जेन के हाथ को अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से जेन से मुखातिब हुआ, "मिस जेन आपने मेरे साथ अपनी जिंदगी के ये सबसे महत्त्वपूर्ण पल गुजारने का ये जो फ़ैसला किया है। मैं इस के लिए तुम्हारा, दिल से शूकर गुज़ार हूँ मेरी जान और तुमने तो मुझे एक साथ तीन लाजवाब तोहफे दिए हैं। कल लूसी, आज तुम और इसके बाद डायना । तुम तीनो जो मुझे इतना चाहती हो, को पाकर मैं धन्य हो गया हूँ ।"

मेरे ये प्यार भरे अल्फ़ाज़ सुन कर जेन के दिल में भी छुपी हुई मेरी मोहब्बत ने जोश मारा और उस ने भी उसी तरह प्यार भरे अंदाज़ में मेरी बात का जवाब दिया "आमिर मुझे बहुत खुशी है कि आप ने मुझे अपने दिल में एक माशूका बीबी और गुरु के बराबर का रुतबा दिया है और में पूरी कोशिश करूँगी कि आप के लिए एक अच्छी माशूका, बीबी और गुरु साबित हो सकूँ।"

जेन के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर मेरे सबर का पैमाना अब लबरेज हो गया। मैं बेड पर चढ़ गया और जेन के नज़दीक हो गया।

मैंने जेन के जिस्म को अपने बाहों में भर कर अपने जिस्म के साथ लगाया और इस तरह जेन को-को अपनी छाती से लगाने की वजह से ऊपर जेन के मोटे मम्मे मेरी की सख़्त जवान छाती से चिपक गये।

जब कि नीचे से मेरा खड़ा हुआ लंड भी साडी के ऊपर से उस की गरम प्यासी बुर पर टिक गया।

मेरे सख़्त और गरम लंड को अपनी चूत से छूता हुआ महसूस कर के जेन के पहले से गरम बदन में एक झुरझुरी-सी फैल गई.और मेरी बाहों में आते ही जेन समझ गई. कि अब मैं उस के साथ चुदाई का असल खेल शुरू करने वाला हूँ।

ये बात सोच कर जेन का जिस्म ना जाने क्यों खुद ब खुद ही सख़्त हो कर काँपने लगा अब तक जेन अपनी जवानी के दिन और राते अपनी उंगलियों पर गिन-गिन कर इस उम्मीद पर गुज़ार रही थी। कि उस की जिंदगी में कब वह वक्त आएगा जब मेरा जवान लंड उस की गरम फुद्दि में जा कर उस की चूत को जिन्सी सकून बख्शेगा।

आज लम्बे इन्तजार के बाद वह मौका आया है जब मेरा बहुत मोटा, लम्बा, ताज़ा और सख़्त लंड उस की चूत के दरवाज़े पर खड़े हो कर जेन की कुंवारी बुर के अंदर आने की इजाज़त तलब कर रहा था। तो उसकी छूट पानी छोड़ने लगी और उसका दिल चाहने लगा अब और देर न की जाए।

मैं अपने होंठ जेन के गाल पर चिस्पान करते उसके गुदाज और नरम गालों पर अपनी गरम ज़ुबान फेरने लगा।

अब जेन के अंदर की रही सही सारी शरम और झिझक भी ख़तम हो गई.और उस ने भी जोश में आते हुए मेरे गले में डाल दीं। वह मुझसे और कस का लिपट गयी। मेरे हाथ ने महसूस किया उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे... क्या चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी ।

जेन के जवान जिस्म से उठती हुई उस की प्यासी जवानी की खुसबू के साथ-साथ, पसीने परफ्यूम और मेहन्दी की खुसबू के मिलाप ने जेन के बदन को और भी महका दिया था।

जेन के गरम बदन से आती हुई ये मधुर खुसबू जब मेरी नाक के ज़रिए दिमाग़ में पहुँची। तो जेन की मचलती जवानी की ये खुसबू मेरे को जेन के लिए और भी बेचैन करने लगी और मेरा लंड फुफकारने लगा।

मैंने आहिस्ता से अपना मुँह आगे बढ़ा कर अपने होन्ट जेन के प्यासे होंठो पर रख दिए।

। मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे उसने साडी अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहनी हुई थी । उसकी साडी के ऊपर से ही माइन उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया। तो आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी ।

मेरे होंठो को अपने होंठो पर महसूस कर के जेन को ऐसा लगा जैसे उस की चूत में आग लग गयी हो। मैंने जेन के गुदाज होंठो को अपने होंठो में ले कर चूसना शुरू किया।

मेरे सपनो की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने को त्यार थी मैंने फिर जेन से कहा आप सबसे सुन्दर, गोरी मस्त माल हो । आपको देखकर मैं कबसे आपका दीवाना हूँ मैंने हल्की-सी आवाज में 'आई लव यू जेन' आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है। मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो...मैं उनको बोला आपके गुलाबी नरम गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

मैंने फिर उसको अपने से हल्का-सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो जेन ने आँखे खोली और मुस्करायी, मैं फिर उसके होंठो को चूमने लगा और वह गर्म होने लगी । इस तरह गरम होते हुए और अपनी शर्म-ओ-हया को भुलाते हुए जेन में मेरे जिस्म के गिर्द अपनी बाहों को लिपटा कर अपने होंठ मेरे होंठो के इस्तकबाल करने के लिए खोल दिए।

मैं तो बस इस लम्हे का ही इंतिज़ार था। जेन की खुद सुपुर्दगी का ये अंदाज़ मुझे बहुत भाया और उस ने जोश में आते हुए एक दम से जेन के होंठो, गाल और गर्दन पर अपने होंठो की चुम्मियों की जम कर बरसात-सी कर दी।

"हाई ईईईईई! जेन मेरी जान, तुम्हारे होंठ बहुत ही नरम और मज़े दार हैं।" मैंने अपने होंठो को जेन के मक्खन की तरह नरम होंठो पर रगड़ते हुए कहा।

आज मेरे होंठो के साथ अपने होन्ट और मेरी ज़ुबान के साथ अपनी ज़ुबान लहराने में जेन को एक अलग किसम की खुशी और मज़ा नसीब हो रहा था जिसे हासिल करने का कभी तवस्सुर भी नहीं किया था।

दूसरी तरफ मैं जेन के होंठो को ऐसे चूस रहा था। जैसे आज के बाद ये हसीन, गरम और जुसी लब मुझे कभी नसीब नहीं होंगे।

अब हम दोनों के दरमियाँ किस्सिंग और चूमा चाटी का ना रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया था।

फिर वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये । हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी।

फिर मैंने निचले होंठ को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। जेन को दर्द हो रहा था मगर वह मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था। हम लोग एक दुसरे को किस करने लगे थे। मैंने जेन की पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी।

मैंने महसूस किया की जेन की जीभ मेरे होंठों में से मेरे मुह में अन्दर जाना चाह रही थी। मेरे होंठों को खोलती हुयी जीभ मेरे मुह में चली गयी और उसी बीच मेरा हाथ उनके चोली पर से होते हुए जेन की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया। मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था। जेन की आँखें पूरी तरह से बंद थी। वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

मेरे लब और ज़ुबान जेन के मीठे होंठो और नरम ज़ुबान से अपनी जंग लड़ रहे थे। कि इस दौरान मैंने जेन के होंठो को चूमते हुए जेन के सर पर से पल्लू उतार दिया। उसका रूप धीरे-धीरे मेरे सामने आने लगा था। वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गया...गोरी चिट्टी तीखे नैन नक्श। सुंदर मासूम चेहरा। मेरा लंड तो फुफकारने लगा और फिर मैंने एक-एक कर के जेन के कानो की बालियाँ, माथे का झूमर और गले में पहना हुआ सोने का हार उतार कर जेन के जिसम को भारी जेवरात के बोझ से आज़ादी दिला दी। जहाँ-जहाँ के गहने उतरे मैंने वहाँ किस किया। बिच-बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी ।

अब मैंने उसका मांग टिका हटा दिया और धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली । उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों नशीली आँखों पर एक बोसा दिया। फिर जेन की नाक को चूमा तो वह सिहर उठी... फिर मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके-हलके खुलने और मुस्कराने लगी। मैंने फिर उसके गालो को चाटा। बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे-धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा। फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

मैं कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा। जेन मुझसे कस कर लिपट गयी... मेरे हाथ अब उनके मोमो पर जा चुके थे मैंने उसके गोल-गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। मैंने महसूस किया उसकेबड़े बड़े बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे। तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और लगा कबूतर आज़ाद होना चाहते हैं मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा।

फिर मैंने अपने हाथ को आगे बढ़ा कर उसे जेन की छाती पर आहिस्ता से रखा और बड़े आराम और सकून के साथ अपनी बहन की जवान, भरी और नरम छाती को अपनी गिरफ़्त में लेने की कोशिश करने लगा।

मगर जेन के बूबा इतना बड़ा था कि मेरे हाथ जेन के बूबे से फिसल गए।

जेन के मम्मे बड़े और मोटे होने की वजह से मेरे हाथ में नहीं समा पा रहे थे लेकिन वह लूसी के मम्मो से छोटे ही थे । अब लूसी के मामो का ख्याल आते ही मेरा ध्यान कमरे में बैठी लूसी की तरफ चला गया तो मैंने देखा की उस समय डायना भी लूसी को चूमते हुए उसके मोमे दबा रही थी ।

जेन के मम्मे पर हाथ रखते हुए मैं मम्मे को अपने हाथ से दबाने और सहलाने लगा।

"ओह क्या मस्त और जवान मम्मे हैं तुम्हारे जेन" मैंने जेन की छाती को अपनी हथेली में ले कर मसल्ते हुए कहा।

मेरे हाथ जेन के जवान प्यासे जिस्म के साथ छेड़ छाड़ करने लगे थे।और अपनी चुचियाँ मसलवाने के अमल को वह बहुत पसंद कर रही थी। इस का अंदाज़ा जेन की बंद आँखों और तेज़ी से ऊपर नीचे होते उस के सीने को देख कर बहुत अच्छी तरह लगाया जा सकता था।

मेरे हाथ जेन के-के भारी गुदाज मम्मे को हाथ से मसल रहे थे।जिससे जेन के जिस्म में लगी हुई आग मज़ीद भड़क गयी थी। जिस की वजह से उस के मुँह से एक प्यार भरी सिसकारियाँ निकालने लगी थी। "अह्हह्! ओह्ह्ह!"

मुँह से निकलने वाली सिसकारियों के साथ-साथ नीचे से जेन की चूत भी गीली होने लगी थी।

हम दोनों एक दूसरे की छाती से छाती मिला एक दूसरे से चूमा चाटी में मसरूफ़ थे।

फिर जेन के होंठो और ज़ुबान को सक करते-करते मैं अपने हाथ को जेन की कमर के पीछे ले गया। उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी और एक-एक कर अपनी दुल्हन बनी जेन की चोली की डोरियों को ढीली करने लगा। उनकी चोली जिसमे उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे। उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। उसके बाद नीचे की भी डोरी खिंच कर ज्यों ही मैंने जेन की चोली की डोरियों को खोला। तो जेन की चोली उस की जवान चुचियाँ से ढीली हो गई।

जिस के साथ ही मैंने बड़े आराम से अपनी जेन की चोली को उतार कर जेन के जिस्म से अलग कर दिया और कबूतर अज़्ज़ाद कर दिए । जब मैंने जेन की चोली को अपने ही हाथों से उस के बदन से उतारा। तो ज़ाजेन की कसी हुई छातियों का दिल कश नज़ारा देखने को मिल गया। जेन शर्मा कर बाहों से छुपाने लगी तो मैंने अपनी बाहे फैला कर कहा अगर तुम्हे छुपना है तो मेरी छाती में छुप सकती हो और वह एकदम मुझसे लिपट गयी ।

मैंने धीरे से उसको अलग किया अभी भी उनके स्तन लाल साडी के पल्लू से ढके हुए थे मैंने धीरे उनके हाथ हटाए और पल्लू कंधे से हटाया । जेन के बड़े-बड़े मम्मो को देख कर मेरे जिस्म में एक मस्ती-सी छा गई और मैंने बिस्तर पर पड़ी गुलाब की पतिया उठा कर बड़े प्यार से जेन की भारी छातियों के ऊपर बिखेर दीं।

जेन के मम्मो पर फूलो की पत्तिया फैंकने के बाद मैं फिर से जेन के भारी मम्मों का जायज़ा लेने लगा। जेन के मम्मे बहुत उम्दा थे एकदम गोल सुडोल और बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे ।

उफ़फ्फ़ क्या नज़ारा था। कि जेन की खूबसूरत भारी छाती पर, उस के हल्के गुलाबी रंग के तने हुए गोल-गोल निपल्स, जेन की 36 इंची छाती पर बड़े फख्र से तन कर खड़े हुए मुझे आमंत्रित कर रहे थे।

मैंने अपना कुरता उतार दिया और जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि।

जेन के निपल्स को यूँ अकड़ कर छाती पर खड़ा देख कर मुझे यूँ लगा। जैसे उस कि निपल्स मेरा इंतिज़ार कर रहे हैं कि कब मैं उन को अपने मुँह में ले कर उन की अकड़ को ख़तम कर दू।

इसीलिए मैंने अब अपनी बहन के मम्मे और निपल्स को मज़ीद इंतजार करवाना मुनासिब ना समझा। फिर उसकी छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए । फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जेन के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और । मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था । मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। और फिर मैंने बेताबी से अपना मुँह आगे बढ़ा कर जेन के दाए मम्मे के निपल को अपने गरम होंठो में दबा लिया।

मैं बता नहीं सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो मज़े की शिद्दत से उसके मुँह से एक शहद भरी सिसकारी ओह्ह्ह्! निकल कर पूरे कमरे में गूंजने लगी।

जेन की लज़्जत भरी सिसकारी सुन कर मेरे को और जोश आया और मैं जेन की चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो! मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो जेन कराह उठी आह यह आह जेन कह रही थी धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे।

मैं बार-बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहे जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग-सी न लग गयी। अब मेरा एक हाथ जेन के मम्मे पर था और दूसरा हाथ जेन के दुसरे मम्मे का निपल मेरे मुँह में था।

मैं जेन के मोटे तने हुए निपल को कभी चूसता कभी जीभ से छेड़ता और कभी पूरे स्तन और स्तनों के बीच की घाटी पर अपनी गर्म ज़बान फिरा देता।

जारी रहेगी

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