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Click here"गधे जैसी बड़ी हो गयी है पर अक्ल धेले भर की भी नहीं है, जब वो तेरी छतिया मसल रहा था तो चिल्लाई नहीं," वो गुस्से से बोली, "टांग फैला के लेट गयी, की ले चोद ले मुझे।"
मै रोने जैसी शक्ल बना के मम्मी को देखने लगी।
फिर वो वो मेरी चूत को फैला के देखने लगी तो मै कुनमुनाई।
"क्या है, मोटा लन्ड ले लिया चूत मे अब मेरी उंगली से क्यो पिनपिना रही है।"
मम्मी कभी गुस्से मे तो कभी बेबसी मे बड्बड़ाती रही जब तक की मै नहा नहीं ली। उसके बाद वो मुझे बहुत कुछ समझती रही और बोली की सुबह वो मुझे गोली देंगी जिस से मै प्रेग्नेंट न हो जाऊ। मम्मी को सब बता के मेरी चिंता तो दूर हो गयी पर मम्मी को इतना परेशान करने के लिए मै दुखी भी बहुत हुई। मुझे अपने ऊपर गुस्सा भी बहुत आ रहा था की मै कैसे गार्ड चक्कर मे फंस गयी अगर मम्मी को नहीं बताती और प्रेग्नेंट हो जाती तो।
कई दिनो तक मम्मी मेरे को नीचे खेलने भी नहीं जाने दी और जब मै गयी तब वो भी चक्कर मारती रही और मेरे को कहती रही की मै उस आदमी को अगर देखू तो उसे तुरंत बता दू। गार्ड मेरी मम्मी को साथ मे देख के मुझसे दूर दूर ही रहा, पर वो मौका पा के मुस्कुरा देता या मुझे इशारे कर देता था। मै उसे कोई बढ़ावा नहीं दी। पर एक बार चुदने का मज़ा लेने के बाद मै कितने दिन लन्ड़ से दूर रह सकती थी।
जब मै छोटी थी तब मै कई बार शादी ब्याह मे और घरेलू functions मे रिश्तेदारों की गलत हरकतों का शिकार हुई। एसे functions मे जब रिश्तेदार इकठे होते तो मेरी माँ को मेरी कोई सुध नहीं होती थी और न उन्होने मुझे कभी कोई समझ दी। कई बार अंकल लोगो ने मेरा फ़ायदा उठाते हुए मेरी फ्रॉक के अंदर हाथ डाल के मेरी चूत और उरोजों को मसल दिया और कई बार गोदी मे बैठा के होंटो पे चुंबन के साथ साथ शरीर का मर्दन किया। एसे अवसर पर मुझे भी अजीब सी सनसनी होती, पता होते हुए भी की ये गलत है मै ज्यादा विरोध नहीं कर पाती थी। लेकिन सर्वप्रथम मेरा कौमार्य भंग करने वाला कोई रिश्तेदार नहीं था बल्कि शादी मे आया हुआ हलवाई था।
मै एक शादी मे गाँव गयी हुई थी तो वहाँ जो हलवाई था वो मेरे को फुसलाने मे कामयाब हो गया, वो कभी मुझे कोई मिठाई खिलाने के बहाने बुला लेता तो कभी कोई सब्जी चखाने के बहाने। मौका देख के वो मेरे को अपनी बाहों मे भर लिया मेरे अंगो को मसल दिया, मेरे होंटो को चूस चूस के मुझे उत्तेजित कर दिया। बाद मे रात मे मिलने का वादा ले कर जाने दिया।
रात को जब वो बुलाया तो मै भी बेवकूफ़ों की तरह चली गयी बिना ये सोचे समझे की क्या हो सकता है। वो मुझे अंधेरी रात मे फुसला के खेतो मे ले गया। वहाँ ईख के खेतो मे उसने एक खटिया बिछा रक्खी थी। वो तुरंत ही मेरे ऊपर हावी हो गया और मै भी उत्तेजना मे मदहोश हो गयी। जब वो मेरे सारे कपड़े उतारने लगा तो मैंने थोड़ा विरोध किया पर तब तक मामला हाथ से निकल चुका था। तेल वेल लगा के वो मुझे पहले तैयार किया फिर मेरे ऊपर चढ़ गया।
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मेरे छोटे छोटे स्तनो को चूसने मसलने लगा तो मेरी सिसकरिया निकल गयी। थोड़ी देर मे ही वो मेरी टाँगे ऊपर उठा के अपना लंड मेरी चूत के छेद पे अड़ा दिया। तेल लगा होने की वजह से वो आसानी से अंदर फिसलने लगा पर दर्द के मारे मेरी कराहे निकल गयी। वो मुझे पुचकार के, फुसला के दर्द के बीच ही अपना पूरा लंड अंदर पेल दिया। जब उसने मुझे चोदना शुरू किया तो मै दर्द के मारे बिलबिलाने लगी पर वो मुझे छोड़ा नहीं और पेलता रहा। उसकी मजबूत पकड़ की वजह से मै हिल भी नहीं पा रही थी और वो मेरा कौमार्य भंग करने मे जुट गया। थोड़ी देर मे वो मेरे अंदर ही अपना माल निकाल दिया।
पति के रहते अगर औरत किसी पराय मर्द से चुदे तो उसे छिनाल ही कहेंगे और चोदने वाला मर्द भी कोई उसको इज्ज़त की नज़र से नहीं देखता बल्कि वो भी उसे छिनाल ही समझता है। इसका मुझे एहसास परपुरुष के साथ चुदवाने के बाद हुआ। मेरी शादी 19 साल के उम्र मे ही हो गयी थी और शादी के बाद मै पति के साथ खुश थी, कोई कमी नहीं थी। पर 19-20 साल की उम्र नादानी की ही होती है, पड़ोस मे एक स्कूटर मकैनिक की दुकान थी वो मुझ पे लाइन मारता और मै भी बेवकूफ़ों की तरह उससे फंस गयी। एक बार स्कूटी ठीक कराने गयी तो वो अंदर बुला लिया, अंदर ही एक कमरा था जहां वो रहता था। वहीं वो मुझे दबोच लिया, मुझे यकीन ही नहीं हुआ की मामूली सी छेड़छाड़ यहाँ तक पहुँच जाएंगी। साले ने कुत्ते की तरह भभोड़ डाला, पूरे बदन को मसल डाला, एसा मज़ा पति के साथ कभी नहीं आया था।
इसके बाद जब भी वो बुलाता मै उसके कमरे मे पहुँच जाती या वो मेरे घर घुस जाता जब पति बाहर होते। वो मुझ पे पूरा हावी हो गया था, अपनी मर्जी से मुझे चलाता था, जब पहली बार गांड मारी तो मै दर्द से बहुत चिल्लाई पर वो नहीं छोड़ा और अपनी मनमर्जी कर के माना। वो हर तरह की ज्यात्द्ती मेरे साथ करता और मै बर्दाश्त करती, जब उसकी मर्ज़ी होती वो मुझे अपने कमरे पर बुला लेता और कभी सिर्फ मेरे मुह मे लाँड़ घुसा के चुसवाता और मेरे मुह मे ही माल निकालता, उसकी नजरों मे मै एक छिनाल ही थी। फिर एक दिन इंतेहा हो गाय जब मै उसके कमरे मे गयी तो वो अपने एक दोस्त को भी बुला लिया और फिर मेरे ना करने का कोई असर नहीं और उसके दोस्त ने भी मुझे जी भर के चोदा। इसके बाद मै उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश के लग गयी पर छुड़वा नहीं पायी जब तक की पति का तबादला दूसरी जगह नहीं हो गया। तब तक वो मुझे अपने 4 दोस्तो से चुदवा चुदवा के रंडी बना दिया।
जब मैं छोटी थी तो बहुत चुलबुली थी सभी से हंस बोल के मिलती थी. इस वजह से कई बार मेरा गलत फायदा उठा लिया गया था. तीन लोग थे एक हमारे मोहल्ले का चौकीदार, जो हमारे घर के सामने ही हमेशा पाया जाता था, दूसरा हमारा माली और तीसरा पापा का ड्राइवर, तीनों मेरा गलत फायदा उठा लिए थे.
ये तीनों बेटी बेटी कहकर बात करते और अकेले में मौका मिलता तो बांहों में भर लेते, गालों पर चुम्मा, गोदी में बैठा लेते. तीनों आपस में दोस्त थे और बाद में मुझे realize हुआ कि वो मेरे साथ हुई बातें आपस में share करते थे और एक साथ ही मिल कर मुझे फंसा रहे थे. रोज दोपहर को मौका मिल जाता था और मैं धीरे-धीरे उनके चंगुल में फंसती जा रही थी.
मैं जब 14 की हुई तो सबसे पहले ड्राइवर मेरे साथ गैरेज में सम्भोग करने में कामयाब हो गया. वो मेरे को इतना उत्तेजित कर दिया कि मैंने उसे अपना शरीर सौप दिया, वो भी भरपूर फायदा उठाया और मुझे तेल लगा कर तैयार कर दिया. पहली बार में दर्द हुआ पर मैं बर्दास्त कर गई, बस फिर क्या था वो मेरा पूरा फायदा उठाया.
एक बार ड्राइवर ने किया तो फिर कुछ ही दिनो मे चौकीदार और माली ने भी पेल दिया. इसके बाद मैं उनके चंगुल में एसा फंसी की रोज ही कोई न कोई मेरे साथ अपनी वासना शांत करते. कोई भी condom नहीं use कर्ता था और मुझे नियमित गोली खिलाने लगे. मैं भी इसमें लिप्त रहने लगी. कई बार ड्राइवर मुझे रात को अपने कमरे में बुला लेता और रात भर मैं उसके साथ सोती. कुछ महीनों के बाद मुझे अप्राकृतिक सेक्स के लिए भी फुसला लिए और फिर मेरे साथ माली गुदा मैथुन किया. मैंने किसी और को नहीं करने दिया पर माली नहीं छोड़ता था.
ये सिलसिला करीब 1 साल चला और उसके बाद मैंने इसे धीरे-धीरे खत्म किया.
मस्त कहानी है। ये बड़ी घर की चुदासी लड्कीया को कम उम्र मे ही लंड चाहिए होता है चाहे फिर वो गार्ड का हो या फिर पड़ोसी अंकल का। मुझे कुछ वरदान है मै एसी लड़कियो को तुरंत भाप जाता हूँ। कसम से एक बार फंस जाए तो ये कच्ची कली लड्कीया मज़ा बहुत देती है। मै आज तक अपने अड़ोस पड़ोस की 7 लड़कियो को सेट करके आगा पीछा सब चोद डाला है। ये जरूरत से ज्यादा अदाए दिखती है और उम्र से पहले जवान होने की कोशिश मे रहती है। अंकल अंकल करती हुई मेरे पास आती है तो फिर मै छोड़ता नहीं हूँ।
एक लड़की थी शालू हाइट सिर्फ 5 फीट पर गांड चूचिया सब उभर आयी थी। उसका बाप से दोस्ती हो गयी थी और मै जब भी उसके घर जाता तो शालू को मचलते देख मै समझ गया की ये फँसेगी। उसके बाप को पता नहीं था की मै कितना बड़ा हरामी हूँ वो शालू को मेरे पास साइन्स पढ़ने के लिए भेजने लगे। 2 दिनो के अंदर वो मेरी गोदी मे बैठ गयी और तीसरे दिन मै उसके होंटो को चूमने चूसने लगा। इतना तेजी से कोई नहीं फांसी थी, साली के जब फ़्रौक मे हाथ डाला तो आंखे बंद करके सीने से लगी रही। बाल रहित चिकनी चूत मसल मसल के गीली कर दी तो आह अंकल, आई अंकल करने लगी। जब गुलाबी गुलाबी चूचियो को पकड़ा तो जैसे रुई का गोला, साली मस्ती मे फड़फड़ाने लगी।
एक दिन मौका बनाया और उसे स्कूल से छुट्टी करा के अपने साथ अपने दूसरे फ्लॅट पर ले गया, वहाँ कोई नहीं था रोकने वाला। जब पूरा नंगा किया तो देखा बॉडी एसी जैसे सिर्फ चुदने के लिए ही बनी हो। थोड़ा नखरा किया जब लंड दिया चूसने को पर फिर लाइन पर आ गयी और मस्त हो के आधा लंड अंदर ले ले के चूसने लगी। जब बिस्तर पर पटक के उसके ऊपर चढ़ा तो साली फड़फड़ाने लगी, मै जोश मे उसे रगड़ने लगा तो हाय हाय करने लगी पर एक बार भी नहीं बोला की छोड़ दो या मत करो। लंड जैसे मक्खन मे घुसा हो। जब चूत फटी तो चिल्लाई पर अब मै कहाँ छोड़ने वाला था।
मै भी जब छोटी थी तब हमारे बिल्डिंग के गार्ड ने मेरा फायदा उठा लिया था। मुझे पता ही नहीं चला की वो मज़ाक करते करते और मुझे tease करते करते इतना आगे बढ़ गया। मै कोई अंजान नहीं थी और उसके इरादे समझती थी पर मै कभी नहीं सोची थी की उसके साथ ये थोड़ी सी मस्ती क्या गुल खिला सकती है। एक दिन जब मेरे फ्लैट मे मै अकेली थी तो वो अंदर घुस गया और मुझे बिस्तर पे दबोच लिया। मै उसे रोक नहीं कर पायी, मै भी उत्तेजित हो गयी जब वो मुझे किस करने लगा। मुझे डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था। वो मुझे आश्वासन दिया की “डरो मत मै हूँ, मै सब संभाल लूँगा, सभी लड़कियां मज़े लेती है।” मै उसकी बाते सुन के मै relax हो गयी और वो मुझे नंगी कर दिया। वो मेरे उरोजों को बहुत मसला और चूसा और जब लंड घुसाया मेरी चूत मे तो मै दर्द मे मारे तड्फड़ाने लगी पर घर मे कोई नहीं था मेरी आवाज सुनने वाला और वो मेरे दर्द की परवाह किए बिना मुझे चोदता रहा। चोदने के बाद मै जब दर्द से कराहती हुई लेटी थी तब वो मेरे को बहुत समझाया और फुसलाया, उसे डर था की कहीं मै किसी सी इस बारे मे न कह दू।
मै तो घबरा रही थी पर उसके समझने पर थोड़ा relax हुई, बाद मे उसने ही मुझे गोली खिलाई जिससे की मै pregnant न हो जाऊ। मै अपनी माँ को या किसी और को कुछ नहीं बताया। इसके बाद उसके फुसलाने पे मै कई बार उसके पास चली गयी और वो हर बार मुझे चोद देता, मै हर बार सोचती की अब नहीं जाऊँगी पर हर बार वो मुझे फुसला लेता और फिर मुझे भी इसमे मज़ा आने लगा था, दर्द कम होता गया। वो मुझे हर तरह से चोदने लगा, कई positions मे, अपना लंड चुसवाने लगा और मेरी चूत चूसने लगा। एक दिन मेरी गांड भी मार ली। वो बहुत possessive भी था, एक बार एक लड़के के साथ बात करते देख लिया तो बाद मे वो मेरे से बहुत नाराज हुआ की मै उस लड़के को भाव दे रही हूँ। वो मेरे को अपनी गोदी मे लिटा के मेरे चूतडो को चांटे मार मार के लाल कर दिया था। ये सिलसिला लगभग दो साल चला और तभी खतम हुआ जब मै collage चली गयी दूसरे शहर मे।
तुम्हारी कहानी पढ़ के मुझे मेरी आप बीती याद आ गयी, अब तो 10 साल हो गए इस बात को। पर जो कुछ भी हो मुझे तो अभी भी उसके साथ की हुई चुदाई हमेशा याद आती है अगर वो इतना possessive न होता तो मै उसके साथ अभी भी चुदने को तयार होती और अपनी spanking भी सह लेती। आज भी मजबूत से guards को देख के मेरा मन मचलने लगता है। पर अब बहुत कुछ सोचना पड़ता है और मन होते हुए भी किसी guard से संबंध नहीं बना पाती। हो सकता है भविष्य मे कभी हो जाये।
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