एक नौजवान के कारनामे 206

Story Info
सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभाव
947 words
5
81
00

Part 206 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 14a

मोहक मिलन ​

अब जैसे ही हमारी नज़रें मिलीं। तो मैंने बड़े प्यार भरे अंदाज़ में ज्योत्सना को देखा उसका सारा शृंगार बिगड़ चूका था लेकिन अब उसका ये रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे। तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा। तो वो कराहने लगी और मुझे इस प्यार भरे अंदाज़ से देखते हुए देख कर उसने शरमाते हुए अपनी आँखे तुरंत बंद कर लीं और उसका चेहरा गुलाबी हो गया ।

मैं फुसफुसाया "अब तो हम दोनों एक जिस्म और एक जान हो चुके हैं, तो फिर ये शरमाना कैसा, आँखें खोल कर मेरी तरफ देखो मेरी जान।" ज्योत्सना ने धीमे से आखे खोली और मेरी तरफ देखा और मुस्कुरायी और उसकी दृष्टि मेरे लंड पर पड़ी। लंड अभी भी योनि में ही था.. और फिर मैंने धीरे धीरे बाहर निकला तो लंड हमारे प्रेम के रसो में भीगा हुआ था और स्खलन के बाद भी बिलकुल ढीला नहीं पड़ा था। बल्कि मेरा विशाल और मोटा लंड वीर्य स्खलन के निकालने के बावजूद पहले से ज़्यादा अकड़ कर उछल कूद करने लगा ।

मैंने धीरे-धीरे उसके बालों में हाथ डाल के उस का चेहरा अपने करीब किया और ज्योत्सना के होंठो को बहुत ही कस के चूमा।

साथ ही मैंने अपना हाथ ज्योत्सना की टाँगों के मध्य ले जा कर उसकी गरम योनि पर अपना हाथ कर चूत को ज़ोर से मसला तो वो जोर से कराह उठी । हाई! दर्द हो रहा है हाईई ईईई! कुंवारी योनि की बड़े लंड से ताज़ा-ताज़ा और पहली चुदाई की बाद दर्द महसूस होन स्वाभिक था ।

वो बोली आपके मोटे और बड़े लंड ने मेरी कुंवारी चूत की बुरी हालत कर दी है देखिये कैसे सूज गयी है। मैंने पुछा मेरी रानी! क्या आपको अच्छा नहीं लगा और मजा नहीं आया? और फिर आपने ही तो मुझे उकसाया था ।

वो बोली पहले तो जब आपने शुरू किया तो अच्छा लगा और मजा आया। फिर जब आपने अंदर डाला तो मुझे लगा मुझे आपने बीच से चीर दिया है और बहुत दर्द हुआ। फिर जब आप चूमने लगे और थोड़ा दर्द कम हुआ और आपने उसके मुझे बाहर बेदर्दी से चौदा। मुझे आपके साथ बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती।

फिर मैंने उसे थोड़ा-सा पुचकारा और बोला पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है फिर तुम इतनी प्यारी हो और तुम्हारी योनि भी तो इतनी कसी हुई थी लेकिन इस सब से बड़ा सत्य तो ये है रानी साहिबा मुझे इतना मजा आया की अब मैं आप से दूर रह ही नहीं पा रहा हूँ ।

उसकी चूचिया भी सूजी हुई थी मैंने प्यार से एक चूची को सहलाया तो वो फिर कराहने लगी और बोली अपनी दुल्हन को बड़ी बेरहमी से चौदा मैंने आपको उकसाया था तो भी आप प्यार से करते और प्यार में छेड़छाड़ चलती ही है इसका मतलब ये तो नहीं की आप बेदर्द हो जाओ । देखो कैसे सूज गयी है? और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया मैंने सहलाया तो वो फिर से कराह उठी। जैसे ही मेरी उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी,और अंतत: जब ऊँगली ने उसकी योनि के फटे हुए हिस्से की छुआ, उसने दर्द भरी एक छोटी-सी चीख दी और खुद को दूर खींचने का प्रयास किया। मैंने उसकी दर्द और विस्मय भरी प्रतिक्रिया देखते हुए अपनी उंगली वापस निकाल ली।

मैं अब उसे नीचे से ऊपर देखने लगा उसके पैरो पर मेरे चूसने से निशान पड़ गए थे औअर जो गजरा मैंने बंधा था वो टूट कर एक तरफ पड़ा था और फिर घुटनो मेरे घुटनो के दबाब के कारण घुटनो नील पड़ गए थे और जांघो पर काटने के निशान थे और लंड के स्पर्श और आघात से नील नजर आ रहे थे ।

उसकी योनि सूज कर डबल रोटी बन गयी थी और गुलाबी योनि लाल लग रही थी और स्तनों पर मैंने कई जगह बहुत बेदर्दी से काटा और चूसा था जिससे राजकुमारी को कितना दर्द हुआ होगा, जिसकी गवाही निशान और नील दे रहे थे । उसके कंधो, गालो और स्तनों और गर्दन पर नील पड़ गए थे । और गुलाबी चूचक भी फूल कर भूरे हो गए थे। उसे गालो पर काटने के निशान थे ओर ओंठो को काटने के कारण जो रक्त निकला था उसके कारण ओंठ सूज गए थे ।

मैंने ज्योत्सना को उसकी पीठ के बल लेटा दिया और उसके पैर फैला दिए। वह नीचे देखने के लिए अपनी कोहनी हो गयी कि मैं क्या करने जा रहा हूं। मैंने उसका निरीक्षण करने के लिए अपने अंगूठे और उंगली से उसके सूजे हुए होंठ खोलेतो वो कराह उठी। ओह्ह दर्द! उसके योनी होठों के अंदर और उसके योनि उद्घाटन के चारों का रंग अब गुलाबी से लाल हो गया था और और योनि सूज कर डबल रोटी बन गयी थी. उसकी भगशेफ ठीक लग रही थी । उसकी चूत के ठीक अंदर जहाँ उसका हाइमन हुआ करता था, एक सूजी हुई, लाल लकीर थी जहाँ की त्वचा फटी हुई थी। मैंने उसके फटे हुए भाग पर और योनि के ऊपर, उसके छेद और होंठ के प्रभावित क्षेत्र के चारों ओर कुछ क्रीम लगा दी।

ज्योत्सना थोड़ा फुसफुसायी और कहा, " थोड़ा दर्द और चुभन का अहसास है है," और उसने अपना सिर वापस तकिए पर रख दिया। फिर और जहाँ जहाँ नील औए जकातने के निशाँ थे वहां थोड़ी क्रीम लगाई और और सोचा की अब थोड़ी देर आराम करने देना ही उचित होगा. और उसने अपनी आँखे बंद कर ली. और मैं भी जो कुछ आज हुआ उस अनुभव को याद करते हुए उसके साथ लेट गया।

कहानी जारी रहेगी

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