अंतरंग हमसफ़र भाग 340

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10. 48 कौमार्य भेदन और प्रथम सम्भोग
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Part 340 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

340

दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

भाग 48

कौमार्य भेदन और प्रथम सम्भोग

मेरा चेहरा उसके स्तनों से इंच भर दूर था और अब उसके निप्पल मेरे ओंठो के बिलकुल पास थे। मैं मैरी के सर के पास आकर खड़ा हो गया। और उसके सुडौल स्तनों और पसलियों की मालिश करना शुरू किया। मेरा लिंग खड़ा होकर उसे सलामी दे रहा था और मेरे हिलने डुलने पर झटके मार कर सलामी देर रहा था और बार-बार उसके गालो और ओंठो से टकरा रहा था ।

मैं लंड को पकड़ कर उसके ओंठो के पास ले गया । पहले तो वह घबराई फिर मेरी आँखों में देखा और मैंने पलके झपकाई तो उसने पर लंड पर एक मीठी किस करि। फिर मैरी लिंग के चिकने-चिकने गुलाबी सुपाड़े अपने जीभ के सिरे से हल्के-हल्के चाटने लगी... और फिर थोड़ी ही देर में वह लिंग अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगी। फिर मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे।

मैं मैरी के बालों को पकड़कर सिर को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा । उसे लंड चूसने में मजा आ रहा है और हम दोनों इस पल का लुफ्त उठा रहे थे ।

कुछ देर ऐसे ही लिंग चुसवाने के बाद मैंने उसकी दोनों टांगे फैला दी-तो मैरी ने मेरा लिंग अपने मुंह से निकाल दिया और उसकी जांघों को पकड़कर उसकी कमर को बिल्कुल बिस्तर के किनारे तक ले आया... अब मैरी की टांगे बिस्तर के नीचे लटक रही थी और मेरे पैर के तलवे जमीन को छू रहे थे ।

मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वह भी मेरा साथ देने लगी।

मै मैरी की चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। अब बूब्स कड़क हो गए थे और मैंने जब बूब्स को हलके से दांतो से काटा मैरी कराह उठी आह!

मैरी के बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी मैरी मस्त हो गयी थी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी । उसकी कमर पतली और नाजुक थी । मैं उसके एक-एक अंग को चाट कर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। उसे मानो करंट-सा लगा और मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। जब मैंने उसकी कुंवारी चुत को चूमा तो उसकी खुशबू ने मुझे नशा-सा कर दिया । फिर मैं चूत को चाटने लगा।

मैरी की चूत पर अपना मुँह रखते ही वह जोर से कराहहने लगी आआहह, ओमम्म्मममम, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। अब मेरा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था और अकड़ गया था।

मैंने धीरे से मैरी की चूत का दाना सहलाया ओर अपनी एक उंगली अंदर डाल दी, ऊँगली अंदर नहीं गयी क्योंकि अभी चूत टाइट थी, वह कराह उठी आहहह। मैंने चूत में अपनी एक उंगली से योनि के ओंठो को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी... मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत के ओंठो को अलग किया मैंने धीरे-धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की, तो वह ज़ोर से चिल्लाई । आहह! प्लीज आहहह। फिर भी मैं ऊँगली धीरे-धीरे चलाता रहा । में ऊँगली से उसे लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी,। कुछ ही देर में वह ज़ोर-जोर से हाँफने लगी और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, की कामुक कराहे भर रही थी।

दुसरे हाथ से कभी मैं मैरीके निप्पल को उमेठता तो कभी स्तनों को दबा देता कभी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। फिर मैंने क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया। मैरी का हाल बुरा हो गया था।और वहाँ मौजूद क्लब के कुछ महिला सदस्यों के मुँह से भी कभी-कभी हमारे साथ में आहे निकल रही थी।

और फिर मैं मुस्कुराता हुआ फुसफुसाया, "मैरी, अब मैं अपना लिंग तुम्हारी योनि में डालने जा रहा हूँ, क्या तुम तैयार हो?" उस कमरे में फिट माइक्रोफोन बहुत बढ़िया था और ये फुसफुसाहट उस कमरे में मौजूद सब लोगों ने सुनी ।

मैरी ने कोई जवाब तो नहीं दिया थोड़ा-सा शर्मायी और अनजाने में ही अपनी कमर उचका दी।

फिर मैंने मैरी के दोनों पैरों को फैलाया और मैंने अपना लैंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लैंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वह ज़ोर से कराह उठी, शायद इसके बाद जो होने वाला था उसकी प्रत्याशा में, मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया और लंड को धीरे-धीरे अन्दर दबाब डालना शुरू किया। फिर धीरे से थोडा पीछे किया और फिर अन्दर की ओर बढ़ा, लेकिन सच में उसकी चूत बहुत टाइट थी और लंड आराम से अंदर जा नहीं रहा था। फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और अब लंड दो इंच अंदर चला गया। मैंने उसके ओंठो पर अपने ओंठो को रखा और एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वह थोड़ा छटपटाई मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। मैरी ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। मुझे योनि के अन्दर कौमार्य की झिल्ली का अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच टकरा रहा था और जब मैंने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो फिर एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड मैरी की चूत के अंदर चला गया, उसकी आह निकल गयी, और मैंने अपने नितम्बो पर दबाब दे कर लंड अंदर ऐसे धकेल दिया मानो एक तलवार की तरह घोंप दिया हो...।

धक्के के जोर, दबाब और उसकी तीव्रता और दर्द के मारे मैरी हल्का-सा कराह उठी। स्वाभिक था कि कौमार्य की झिल्ली का भेदन हो गया था योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुल हो गयी थी। उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और अब कौमार्य की झिल्ली का भेदन कर लिंग अन्दर जा चूका था । । मैंने लिंग योनि के ऊपर लगा कर एक बार आगे को धकेल दिया... फिर मैं । थोड़ी देर के लिए बिल्कुल स्थिर-सा हो गया...मैं उसे संभलने का मौका देना चाहता था।

मैरी घबरा कर या अन्यथा उचका कर लंड बाहर न निकाल दे इसलिए मैंने उसने उसके शरीर के निचले हिस्से को अपनी दोनों टांगों से जकड़ कर रखा था। खैर उसने लंड बाहर निकालने का कोई ऐसा प्रयास किया भी नहीं । फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुई तब मैंने धीरे-धीरे अपना लिंग उसकी योनि के अंदर घुसा दिया।

उसने मारे दर्द के अपने होठों को जोर से काटा।

"तुम बहुत ही टाइट हो, मैरी!" वह मुस्कुरायी अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों स्तनों को सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके ओंठो और कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। मेरा लंड और उनकी चूत दोनों मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकने हो चुके थे और-और फिर मैंने अपनी कमर को धीरे-धीरे आगे पीछे हिलाना शुरू किया... फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया धीरे-धीरे मैथुन की गति बढ़ती गई... उसका पूरा शरीर मैथुन के धक्कों से डोलने लगा था... और मैरी के शानदार और प्यारे सुडोल स्तन धक्कों के कारण हिलने लगे।

मेरे धक्कों को संभालना शुरू-शुरू में मैरी के लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा था उसका पूरा बदन हिल रहा था और वह जोर से कराह रही थी । लेकिन कुछ देर बाद उसे काफी मजा आने लगा । अब पूरी कमरे में बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था । मेरा पूरा ध्यान अब मैरी के साथ सहवास करने में लगा हुआ था ।... कमरे में बस दो बदनों की घर्षण और मिथुन की वजह से थपकियों आवाज ही आ रही थी ।

थप! थप! फच थप! थप! फच थप! थप! फच थप! थप! फच-फच थप!

मैं रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब मैरी नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर कराह रही थी आहहहहहह। मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, कुछ देर उसका बदन काम्पा और कुछ देर के बाद झड़ गई।

में मैरी को ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था।

फिर से वह गर्म हुई और कराहने लगी । मैरी इस बीच लगातार मेरे हिप पर रथ रख कर दबा रही थी और। साथ में अपने नितम्ब ऊपर उठा रही थी । मेरे धक्के के साथ ही मेरा लंड चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उसके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं चूचियों को खींचने लगता था तो वह सिसकने लगती थी। हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी। फिर मैंने जम कर चुदाई की। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी मैरी के अंदर एक नहीं करीब दो-दो बार कामोत्तेजना का परम विस्फोट हुआ, लेकिन मैं फिर भी उसे किस करता हुआ धक्के लगा रहा था ।

फिलहाल हम दोनों इस सम्भोग का पूरा आनंद उठा रहे थे. मैंने मैरी की जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और अपना रस उसकी चूत में ही डाल दियाल फिर जैसे फुल स्पीड पर चलती हुई कोई गाडी धीरे-धीरे अपनी गति को कम करती हुई रूकती है ठीक वैसे ही मैंने धक्को की गति को कम करने के बाद रोका और फिर धीरे-धीरे अपने शिथिल पढ़ते हुए लिंग को उसकी योनि के अंदर से बाहर निकाला. कुछ देर तक उसके ऊपर लेट कर उसे चूमता रहा औअर उसके बदन को सहलाने के बाद जब हमारे साँसे नार्मल हुई तो मैं धीरे से उसके आलिंगन से अलग हुआ.

वो एक अजीब सी मदहोशी में डूबी हुई थी और अपने हाथ पैर फैलाकर यूं ही लेटी पड़ी हुई थी. उसके चचरे पर हलकी मुस्कराहट और संतुष्टि के भाव थे. मेरा लंड वीर्य, चूतरस और खून से भीगा हुआ था... बेड शीट ुर उसकी योनि भी खून से सन्न चुकी थी. फिर हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगो को धोया. फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई. मैंने फिर मैरी को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया. उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा तो उसने मुझे चुम कर "आयी लव यू " बोला!

वाह, मुझे विश्वास है कि हमारी प्यारी मैरी ने अपनी प्रवेश परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है," मैंने मैरी के लाल चेहरे पर मुस्कुराते हुए कहा।

"हाँ, ऐसा प्रतीत होता है कि वह अब हमारे छोटे समूह में शामिल होने के लिए तैयार है," एल्डा ने मुस्कुराते हुए कहा।

मैरी अब बैठी हुई थी, मुस्कुरा रही थी लेकिन फिर भी अपने अनुभव से थोड़ी हतप्रभ लग रही थी।

जैसे ही उसने धीरे से कहा, रोशनी में उसकी आँखें समायोजित होने के बाद उसने जो पहली चीज़ देखी, वह मेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा था।

"हमारे क्लब में आपका स्वागत है, मैरी।"

मैरी ने अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर डाल दीं और मेरे होठों पर एक गीला भावुक चुंबन रखा, फिर घूम गई और मोटे तौर पर मुस्कुराते हुए एल्डा के साथ भी ऐसा ही किया।

जैसे ही दर्शकों ने तालियाँ बजाईं, हम उठे और मंच से एक-दूसरे का हाथ थामकर चले।

जारी रहेगी

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