विधवा भाभी के साथ विवाह

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रोमान्टिक होने के लिये भी जगह सही थी। हम दोनों नें शाम नदी के किनारें पानी में पांव डाल कर काटी और रात को दोनों गहरे प्रेमालाप में डुब गये। सुबह जल्दी उठे तो फिर से संभोगरत हुये।

इस के बाद पहाड़ों पर होने वाले सूर्योदय के दर्शन किये। रेस्तोरेंट में नाश्ता करके पास के पहाड़ी पर पैदल ही घुमने निकल गये। रास्ते में माधवी बोली कि मुझे अभी तक यकीन नही हो रहा है कि हम दोनों एक साथ बाहर आये हुए है।

अब कैसे यकीन करोगी

पता नही, लेकिन लगता है कि मैं एक सपना देख रही हूँ और चाहती हूँ कि यह सपना कभी ना खत्म हो

अपने मन के डर को निकाल दो, जैसे मैंने निकाल दिया है

कह तो सही रहे हो, लेकिन मन के किसी कोने में डर लगता रहता है

उस कोने में रोशनी आने दो डर अपने आप भाग जायेगा

तुम हर समय कविता करने लगते हो

जब से तुम मिली हो, मैं कवि हो गया हूँ

और क्या क्या हो गये हो

पति हो गया हूँ, प्रेमी हो गया हूँ

अच्छा जी

हाँ जी

तुम्हारें धीर गम्भीर रुप के पीछे ऐसा चेहरा होगा मैंने कभी सोचा नहीं था

यह सिर्फ तुम्हारें लिये है औरों के लिये तो मैं वही धीर-गम्भीर हूँ

मेरे लिये क्यो?

क्योंकि तुम्हारें साथ मैंने अपना जीवन बिताना है

सच बताओं तुम नें पहले कभी प्रेम नहीं किया?

किया है माँ बाप से, भाई से भाभी से

मजाक मत करो

नहीं मजाक नहीं है तुम्हारें प्रश्न का उत्तर दे रहा हूँ, यह पुछो कि किसी लड़की से प्रेम किया है या नहीं

हाँ

इतना समय ही नहीं मिला कि किसी से प्रेम कर पाता, पढाई और फिर यह सब, इतनी जल्दी हो गया कि कुछ किया ही नहीं

बहुत शरीफ हो

शरीफ तो नहीं हूँ

क्या मतलब?

भई तुम से प्रेम किया है, इस लिये

मेरे से तो करना ही पड़ता, नही को काम नहीं चलता

क्या पता इतना समय इसी उहापोह में बीत गया कि तुम्हें कैसे प्रेम करुँ?

अब जो बीत गया है उसे भुल जाओ

वही तो करने की कोशिश कर रहा हूँ

हम दोनों एक दूसरे को पति-पत्नी के रुप में अपना रहे थे। एक-दूसरे के करीब आ रहे थे। एंकात में गुजारे दिनों ने हमें एक-दूसरे के बहुत करीब ला दिया और मन के किसी कोने में जो कुछ शर्म या शंका बची थी वह खत्म हो गयी।

छुट्टियाँ मना कर जब हम घर लौटे तो बिल्कुल प्रेमी-प्रेमिका बन गये थे। हमारा यह नया रुप देख कर माता-पिता दोनों के चेहरे पर चमक आ गयी थी। खुशियों नें हमारे घर का रास्ता ढुढ़ लिया था।

।। समाप्त ।।

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2 Comments
katha_vachakkatha_vachak27 days agoAuthor

कहानियाँ सत्य और कल्पना के मिश्रण से ही बनती है।

AnonymousAnonymous29 days ago

Tell me, it's true story?

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