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Click hereइस कहानी के सारे पात्र १८ वर्ष से ज्यादा आयु के हैं. ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और अगर इसके किसी पात्र या घटना किसी के वास्तविक जीवन से मिलती है तो उसे मात्रा के संयोग माना जायेगा.
यह कहानी मेरी पिछले कहानी "किस्मत का खेल - चुदक्कड़ परिवार" श्रृंखला के अगली कड़ी है, परन्तु अपने आप में एक पूरी कहानी है. आशा करता हूँ की पाठकों को पसंद आएगी.
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भूमिका
नमस्कार मित्रों! मैं अपनी पहली कहानी "किस्मत का खेल - चुदक्कड़ परिवार" के बाद की अगली कड़ी प्रस्तुत कर रहा हूँ. समय की कमी के कारण थोड़ा विलम्ब हुआ, उसके लिए क्षमा चाहता हूँ. मुझे ख़ुशी है की आप सब को इस कहानी-श्रृंखला (चुड़क्कड़ परिवार) की पहली कड़ी बहुत पसंद आयी और आप सबने व्यक्तिगत रूप से मुझे ईमेल पर इसकी सराहना की. दोस्तों, चुड़क्कड़ परिवार एक कहानी की श्रृंखला होगी और किस्मत का खेल उस श्रृंखला की पहली कड़ी थी. अब आपके समक्ष प्रस्तुत है इसकी दूसरी कड़ी - "घर की लाड़ली".
जिन्होंने पहली कहानी नहीं पढ़ी, मैं उसको पहले पढ़ने की सलाह दूंगा, इस से आप इस कहानी को दोगुना एन्जॉय कर पाएंगे. अगर आप पहली कहानी नहीं भी पढ़ते है तो भी आप सीधे इस भाग का आनंद ले सकते हैं.
आपको याद होगा की उस शाम को कैसे एक सामान्य से परिवार को किस्मत ने एक नया आयाम दे दिया था. घर के सरे सदस्यों के बिच का सामान्य सम्बन्ध एकदम परिवर्तित ही हो गया था. अब परिवार में भाई-बहन, पति-पत्नी, पिता-पुत्र, पिता-पुत्री, बहु-ससुर सब की बिच का सम्बन्ध बिलकुल बदल चूका था. अब सब एक दूसरे को चोद और एक-दूसरे से चुदवा रहे थे, वो ख़ुशी-ख़ुशी. कोई विरोध नहीं, और सबको एक दूसरे की सहमति थी.
इस के साथ-साथ घर के कुछ लोगो के जीवन के कुछ बहुत ही पुराने राज़ भी खुल गए थे और सब एक दूसरे के सामने बिलकुल नंगे हो चुके थे, पर आश्चर्य की बात ये थी की कोई भी लाज-लज्जा नहीं दिखाई दे रही थी इतने बड़े बड़े रहस्यों के खुलने के बाद भी. सब उत्साहित होकर एक-दूसरे को अपने कहानिया बता रहे थे.
मयूरी ने वादा किया था की वो सबको अपने घर में हुए दोनों भाइयो और पिता के साथ चुदाई की कहानी बताएगी.
तो उस हसीं शाम की घनघोर चुदाई के बाद भी रात को चुदाई का सिलसिला चलता रहा. पार्टनर बदल-बदल का चुदाई चली और बहुत ज्यादा चली. फिर अगली सुबह रमेश और सुरेश अपने ऑफिस चले गए और घर में मोहनलाल ने मयूरी और काजल को अकेले में फिर से बहुत चोदा. उसका तो जैसे सपना पूरा हो रहा था. दो-दो जवान लड़कियां वो भी अपने घर की. एक अपनी सगी बेटी तो एक अपने ही घर की बड़ी बहु. इसकी आनंद की कोई सिमा नहीं थी और वो इसकी व्याख्या शब्दों में नहीं कर सकता था.
शाम को जब रमेश और सुरेश भी घर आ गए तो चुदाई के कई और राउंड चले. घर के हर मर्द के लंड ने घर की दोनों चूत की खूब सेवा की और मजे दिए. फिर जब सब लोग थक कर बैठ गए तो कोमल के आग्रह पर मयूरी ने अपने घर में हुए चुदाई शुरुआत की कहानी शुरू की.
अध्याय - 0 - मन का बीज
तो बात आज से करीब 6 साल पहले की है यानि की मयूरी की शादी के लगभग 5 साल पहले. मयूरी अपना स्नातक (ग्रेजुएशन) पूरा करने वाली थी. वो उस समय लगभग 19 साल की रही होगी. घर में उसके पिता अशोक (45 साल), माता जिनका नाम शीतल (41 साल), बड़ा भाई विक्रम (21 साल) और छोटा भाई रजत (18 साल) जैसे सदस्य थे. अशोक की सरकारी नौकरी थी, वो देखने में एकदम साधारण व्यक्ति लगता था पर हमेश व्यायाम करता था इसलिए बहुत ही स्वस्थ था.
शीतल थी तो वैसे 41 साल की पर बहुत ही खूबसूरत...! उसको देखकर ये अनुमान लगाया जा सकता था की जवानी में इसने कितनो के सपनो में आकर उनकी की नींदें हराम की होंगी. वो बहुत पतली नहीं थी और मोटी भी नहीं थी, देखने में ज्यादा से ज्यादा 35 की लगती थी. माँ बेटी को एक साथ देखकर लगता था की जैसे दोनों बहने हों. अशोक से उसकी शादी उसके सरकारी नौकरी के वजह से ही हुई थी.
मयूरी बिलकुल अपने माँ पर गयी थी, छरहरा बदन, खूबसूरत होंठ, नशीली कमर, जवानी की उठान, भारी-भारी चूचियां और उतनी ही बड़ी बड़ी गांड। जिस जगह से गुजरे उस तरफ के लोगो का लंड अपने आप ही खड़ा हो जाता था.
विक्रम और रजत भी गठीले शरीर के मालिक थे. दोनों नियमित रूप से जिम जाते थे, देखने में बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक लगते थे. विक्रम किसी कम्पटीशन की तयारी कर रहा था और रजत अभी सेकंड ईयर में था. विक्रम और रजत में पिछले 4-5 महीनो से बातचीत बंद थी. कारण थी एक लड़की जिस से दोनों भाई प्यार करते थे और उसने दोनों को बेवकूफ बना कर मजे ले लिए.
मयूरी अपने घर की लाड़ली थी. उसको अपने पिता, माँ और दोनों भाइयों से खूब सारा प्यार मिलता था. सब कुछ सामान्य चल रहा था. एक बार ग्रुप स्टडी के लिए मयूरी अपने एक सहेली पूजा के घर गयी. वह उसकी 2 और सखियाँ आयी हुई थी - रुचिका और हीना. एक-दो घंटे की लगातार पढाई के बाद सबने एक ब्रेक लेने की सोची और रिलैक्स करने लगे. इधर-उधर की बातचीत करते-करते सेक्स के बारे में बात करने लगे. चारों आपस में पक्की सहेलिया थी और कई सालों से एक दूसरे को जानती थी.
बातों-बातों में हीना ने बताया की वो सेक्स कर चुकी है. बाकियों ने पूछा की किसके साथ तो वो थोड़ा शर्माने लग गयी और बात को टालने लगी. फिर बहुत जोर देने पर उसने बताया की उसके अब्बा ने ही उसकी सील तोड़ी और अब घर में रोज़ खूब चुदाई चलती है. उसने बताया ये बात उसकी अम्मी को भी पता है और तीनो लोग साथ में भी सेक्स करते हैं.
पूजा ने कहा की इसमें क्या बड़ी बात है, मैंने भी अपने छोटे भाई को पटा रखा है. हम दोनों करीब 1 साल से रोज़ ही चुदाई करते है. घर में किसी और पता नहीं है इसलिए कोई शक भी नहीं करता. हम दोनों एक ही कमरे में सोते है तो रोज़ चुदाई का काम बहुत ही आसान हो जाता है. उसने बताया की ग्रुप स्टडी के 2 घंटे पहले ही इसी कमरे में वो फिर से चुदी थी अपने भाई से. आज उसने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा और उसके पहले दोनों ने 69 भी किया था.
फिर सबने रुचिका से पूछा की क्या तुमने कभी सेक्स किया है, तो उसने बताया की हाँ, मगर किसी आदमी के साथ नहीं किया है. हीना ने पूछा - "मतलब?" तो उसने बताया की पिछले पांच-छे महीनो से उसके और उसकी माँ के बिच में सेक्स सम्बन्ध बन गए है. दोनों एक दूसरे के साथ लेस्बियन सेक्स का अनुभव लेते हैं.
आज चारों सहेलिया अपना राज़ एक दूसरे के सामने खोल रही थीं. फिर सबने जब मयूरी से पूछा की तुम अपने चुदाई की कहानी बताओ तो वो चुप हो गयी. एक बड़ी सी आह भरते हुए उसने कहा की उसकी जमीन अभी भी सुखी है. मुझे अभी तक चुदाई का मौका नहीं मिल पाया है. बॉयफ्रेंड कोई है नहीं और घरवालों से ऐसी उम्मीद कभी की नहीं. हीना ने कहा - "यार, कोशिश करनी पड़ती है, फिर सब हो जाता है. देखो अंत में सब होते औरत-मर्द ही है. और माशाल्लाह, तुम तो हूर की परी हो, उपरवाले ने इतना बढ़िया हुश्न दिया है की कोई भी मर-मिटेगा".
मयूरी ने कहा की उसकी किस्मत में शायद शादी के बाद ही लंड लिखा है. फिर सब से ठहाको के बाद पढाई फिर से शुरू की. एक और घंटे की पढाई के बाद सब अपने अपने घर को चल दिए.
पर आज जब मयूरी अपने घर जा रही थी तो उसके दिमाग में कुछ नयी तरंगो ने कब्ज़ा कर रखा था. वो अपने दोस्तों के चुदाई के बारे सोचे जा रही थी और कितनी भी कोशिश करने पर अपने आप को रोक नहीं पा रही थी. उसने महसूस किया की सोचने मात्र से ही उसके चुत में बहुत सारा पानी आ गया है. सो फटाफट घर गयी और बाथरूम जा की अपने उंगलियों को अपने चुत में डाल कर अंदर-बाहर करने लगी. फिर थोड़ी देर बाद जब उसकी चुत से पानी का फव्वारा बाहर निकला तो उसको इतना चैन मिला जैसे ऐसा पहले कभी हुआ ही नहीं हो.
इसके बाद उसने फैसला किया की अब वो किसी ना किसी सी चुदाई करवा के ही मानेगी। उसने बहुत सोचा की सबसे आसान है की किसी लड़के को पटाओ और खूब चुदाई करवाओ. पर उसमे रिस्क बहुत ज्यादा था क्यूँ की अगर ये बात किसी को पता चल गयी तो बहुत बदनामी होगी. और ऐसी बातें किसी ना किसी तरह दोस्तों-यारों से सबको पता चल ही जाती है.
फिर अब उसने घर में लोगो के बारे में सोचना शुरू किया. उसने सबसे पहले अपने पापा के बारे में सोचा पर फिर वो बहुत ही मुश्किल काम लगा. फिर उसने सोचा की अपने भाइयों को टारगेट करते है - पर किस भाई को, छोटे को या बड़े को. ये फिर बहुत मुश्किल सवाल था, बहुत सोचने के बाद उसने फैसला किया की दोनों पर लाइन मारा जाये, जो पट गया उसी का लंड अपनी चुत में डलवा लुंगी, पर चुदाई तो हो के रहेगी.
पर वो कुछ भी जल्दी में नहीं करना चाहती थी. तो उसने बड़े आराम से सब कुछ सुयोजित किया और योजना के मुताबिक, सब से पहले उसने बड़े भाई पर लाइन मारना चालू किया. वैसे बता दूँ की तीनो भाई बहिन आपस में काफी खुले हुए थे. चुदाई की बातें तो नहीं होती थी पर एडल्ट जोक्स आपस में बहुत किया करते थे.
अगर वाटसऐप्प पर कोई भी एडल्ट जोक्स आये तो तीनो आपस में फॉरवर्ड करने में देर नहीं लगते थे. खुल्ले में तो नहीं पर तीनो को पता था की पोर्न मूवी लैपटॉप के किस ड्राइव में कहा रखी है. तीनो ही उस फोल्डर में नयी नयी मूवीज डालकर अपडेट भी करते रहते थे. पर इतना सब के वावजूद भी, कभी भी तीनो में से किसी ने एक दूसरे को गन्दी नज़र से नहीं देखा था. मतलब रिश्ते अभी तक बिलकुल पवित्र थे, पर मयूरी ने ठान लिया था की अब ये सब ऐसे नहीं रहने वाला था.
अगले पार्ट में पढ़िए कैसे मयूरी ने अपने बड़े भाई को चुदाई के पटाया.
लेखक से:
ये मेरी जिंदगी की पहली रचना "चुड़क्कड़ परिवार" श्रृंखला की अगली कड़ी है. मैं सेक्स और चुदाई के कहानियो का बचपन से शौक़ीन रहा हूँ. विशेष रूप से रिश्तो में चुदाई की कहानियों का बड़ा प्रशंसनीय रहा हूँ. मुझे अपनी इस श्रृंखला की ये कड़ी को लिखने में बहुत वक्त लग गया, पर ये बहुत ही रोमांच से भरी हुई कहानी तैयार हुई है. मेरी पाठकों से आग्रह है की आपको ये कहानी कैसी लगी, आप अपनी राय मुझे मेरे ईमेल आईडी पर जरूर दें ताकि मैं इसकी दूसरी कड़ी भी लिख पाऊँ.
This story is amazing. It'll help me to start a family like this. Incest is best.