खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे भाग 08

Story Info
Foursome Suhaag raat with Shama and Shakila joining us.
2.5k words
4.21
16.8k
2
0

Part 8 of the 8 part series

Updated 06/09/2023
Created 06/06/2019
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

इस कहानी के सारे पात्र १८ वर्ष से ज्यादा आयु के हैं. यह कहानी काल्पनिक है. आशा है की आप को यह नयी प्रस्तुति पसंद आएगी.

*****

अब तक आपने पढ़ा:

कहानी के दो पात्र हैं, पराग और अनुपमा. दोनों मुंबई के कॉलेज में मिले, पहले उनके दिल मिले फिर जिस्म मिले. कॉलेज के चार साल तक दोनोंका सेक्स जबरदस्त चलता रहा. उनकी शादी हो गयी और दोनोंने मालदीव में हनीमून मनाया. वहांपर सैकड़ो लोगोंके सामने पराग और अनुपमा ने सम्भोग किया. कुछ दिनों बाद चुदाई में आयी बोरियत को मिटने के लिए पराग अदलाबदली का खेल चाहता था, मगर अनु किसी दुसरे आदमी से चुदवाने के लिए राजी नहीं हुई.

अनु के सहायता से ही पराग के ऑफिस की एक लड़की डॉली को दोनोने मिलकर पटाया और उसके साथ थ्रीसम सेक्स का भरपूर आनंद लिया. गोवा में जब तीनो छुट्टियां मनाने गए, तब एक अमेरिकन कपल माइकल और जूलिया से उनकी मुलाक़ात हुई. डॉली ने माइकल के साथ और पराग ने जूलिया के साथ चुदाई की, मगर अनुपमा माइकल के साथ सेक्स करने के लिए राजी नहीं हुई. कुछ दिनोंके बाद पराग को ब्लैकमेल करने वाला एक लिफाफा मिला.

पता चला की ब्लैकमेलेर पराग के ऑफिस का जनरल मैनेजर निखिल था. उसने फोटो और वीडियो के बदले डॉली के साथ जबरदस्ती सेक्स किया. फिर अनु के साथ भी जंगली जानवरोंकी तरह सम्भोग किया. जब निखिल का पानी निकलने वाला था, उसी समय पराग ने उसके सर लोहे का डंडा मारकर उसे बेहोश कर दिया.

पराग के चचेरे भाई अजय ने उस ब्लैकमेलेर से बचाने में सहायता की. फिर अनुपमा ने अजय को जीवन का सर्वोच्च सुख दिया और दो मर्दोंके साथ थ्रीसम भी किया.

अगले दिन तीनो डॉली से मिलने गए. डॉली ने हमें अपने बॉयफ्रेंड लकी से मिलवाया. आगे चलकर पराग, अनुपमा, अजय, डॉली और लकी पाँचों ने मिलकर सामूहिक संभोग का आनंद लिया. डॉली और लकी ने शादी कर ली. हनीमून पर उन दोनोंके साथ पराग और अनुपमा ने भी जाने का प्लैन बनाया.

लकी और अनु ने सुहाग रात का रोल प्ले किया, जिसे शमा ने शूट किया. शमा भी उनके साथ शामिल हुई और तीनों ने मिलकर अच्छा सा थ्रीसम किया.

अब आगे:

आंठवा भाग पराग की जुबानी है.

**********************************************************

डॉली - पराग की सुहाग रात और शकीला की शूटिंग:

**********************************************************

अगले दिन मुझे पता चला की लकी और मेरी अनु डार्लिंग की सुहाग रात का रोल प्ले एकदम रोमांटिक प्रकार से हुआ. अब मैं बताता हूँ की मेरी और स्वीट हार्ट डॉली की सुहाग रात कैसी रही.

डॉली सजधज कर अपने कमरे में बैठी थी. शकीला ने फ़ोन करके मुझे कमरे के अंदर आने के लिए कह दिया.

मैं कमरे में दाखिल हुआ, और गरम दूध का ग्लास पी लिया. मैंने अपने कुर्ते की जेब से चांदी की पायल निकाल कर डॉली के पैरोंमें पहना दी. शकीला ये सारा सीन शूट कर रही थी.

मैंने उसका घूंघट उठाया और डॉली ने कहा, "थैंक्स पराग, इतनी प्यारी गिफ्ट के लिए. तुम कितने प्यारे हो."

"और तुम कितनी सुन्दर और सेक्सी हो मेरी जान," मैंने उसकी आंखोमें आँखे डाल कर कहा.

मैंने उसके अधरोंपर चुंबन लिया और डॉली शर्मा गयी. मैंने डॉली को अपनी बाहोंमे ले लिया और हम दोनों बिस्तर पर लेट गए. मैं डॉली के ऊपर था और उसके स्तनोंपर मेरी छाती दब रही थी. मैं डॉली के होठोंको चूमता गया.

"ओह पराग, तुम कितने हॉट हो. कितने प्यार से मुझे चूम रहे हो."

अब उसने अपने आप को पूरी तरह मेरे समर्पित कर दिया था. डॉली ने कहा कि मैं उसे वह सारी खुशियां दे दूं जो एक लड़की को पहली बार संभोग करने पर मिलती हैं।

मैंने उसे प्यार से चूमना शुरू किया। सुहाग रात को सेक्स करते समय चुंबन बहुत जरूरी होता है, यह अंदर चल रहे वासना के तूफान को और भड़का देता है।

मैं उसे चूमते चूमते धीरे धीरे उसके कपड़े भी उतारता जा रहा था। थोड़ी देर में वह मेरे सामने लाल रंग के ब्रा और पैंटी में लेटी हुई थी।

उसकी आंखें बंद थी, वह भी थोड़ा शर्म महसूस कर रही थी, उसकी शर्म को दूर करने के लिए मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और केवल फ्रेंची में रह गया।

मैंने उसे गले लगाया और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, धीरे-धीरे डॉली भी मेरी बांहों में पिघलती जा रही थी।

"आज मैं तुम को एक नया अनुभव देता हूँ डॉली डार्लिंग. चल अब मैं तेरी मालिश करके तुझे बहुत मजा देता हूँ," मैंने कहा.

डॉली अब बिस्तर पर पेट के बल लेट गई और मैंने अपने बैग से एक खुशबू के तेल की शीशी निकाली। अपने हाथों में तेल लेकर मैंने उसके शरीर पर मालिश करना शुरू किया।

मालिश करते-करते मैंने उसके शरीर से उसकी लाल ब्रा को अलग कर दिया; अब वह केवल अपनी पैंटी में मेरे सामने पेट के बल लेटी हुई थी।

अगले पंद्रह मिनट तक मैं उसकी मालिश करता रहा. मालिश करते हुए मैं कई बार उसके ऊपर लेटा और मेरा सख्त लौड़ा डॉली को कई बार छुआ.

अच्छे से उसकी पीठ की मालिश करने के बाद मैंने कहा, "डॉली मेरी जान, अब पलट जाओ."

अब वह पीठ के बल लेट गई और मैंने तेल से उसकी गठीली गोरी गोरी चूचियों को मसलना शुरू किया। उसकी चुचियों पर मेरे हाथ रखते ही वह एकदम से सिहर उठी, उसके मुंह से एक हल्की सी आह निकल गई।

मैंने शुरुआत में हल्के हाथों से चुचियाँ दबाना शुरू किया। अब धीरे-धीरे मैंने तेल की मालिश नीचे की तरफ करना शुरू किया।

आनन् फानन में मैंने उसकी लाल पैंटी उसके शरीर से अलग कर दी। डॉली ने भी अपनी गांड उठाकर मुझे सहयोग किया. एक मुलायम और खूबसूरत सी क्लीन शेव चूत मेरी आंखों के सामने थी।

मैंने अपने दोनों हाथों में तेल लेकर वो उसकी चूत की फांकों पर लगाया। मेरे उंगलियोंसे उसकी चूत छूते ही वो एकदम से सिहर उठी और उसके मुंह से एक मीठी वाली आह निकल गई।

अब मैंने धीरे धीरे उंगलियों में तेल लेकर उसकी चूत के अंदर तक तेल लगाना शुरु किया और ऐसा करने से उसकी चूत अंदर तक तेल से तर हो गई। अब डॉली एकदम गरम हो गई थी। उसकी चूत भी पूरी तरह गीली हो रही थी. आज मैं उसे आराम से पूरा सुख देना चाहता था.

शकीला भी ये सारा शूटिंग करते हुए कामुक हो जा रही थी. एक्साइट होकर उसने भी खुद की सलवार का नाडा खोल दिया और पैंटी भी उतार दी. अब उसका एक हाथ विडिओ कैमरा पर और दूसरा अपनी चूत को सहलाने में व्यस्त हो गया था.

मैंने एक मुलायम तौलिये से उसके पूरे नग्न शरीर से तेल साफ किया। मैंने धीरे धीरे डॉली के एक एक अंग को चूमना आरंभ किया।

अब डॉली पूरी तरह से चुदासी हो चुकी थी और जोर जोर से "आआअहह.. आआआहह" कर रही थी. उसकी सीत्कारों की आवाज़ कमरे में गूँज रही थीं.

ये तो सब लोग जानते हैं की सेक्स में फोरप्ले का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है. धीमे धीमे और अच्छे से किया गया फोरप्ले सेक्स को बहुत ही रोमांचक, शानदार और आनंददायक बना देता है.

मैंने उसके विशाल स्तनोंको को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया। डॉली अब मीठी मीठी सिसकारियां भर रही थी। धीरे धीरे मैं उसके गोरे नग्न शरीर पर यहां वहां हर जगह चूम रहा था।

इस बीच में मेरा मुँह और एक हाथ उसकी चूचियों पर और दूसरा हाथ उसकी चूत में उंगली कर रहा था.

बीच-बीच में चूत के अंदर घुसाया हुआ हाथ की उंगलिया मैं उसके मुंह के अंदर डाल दे रहा था और वह भी बड़े मजे से अपनी योनि का रस मेरी उंगलियोंके द्वारा चूस रही थी।

अब डॉली पूर्ण रूप से गर्म हो चुकी थी और उसका बदन संभोग के लिए आतुर हो गया था। धीरे धीरे मैं उसकी चूत के पास पहुंच गया जिससे भीनी भीनी सी खुशबू आ रही थी.

मैंने अपनी जीभ उसकी गीली चूत पर जैसे ही लगाई, वो एकदम से सिहर गई और "आह, उई माँ , आह," कह कर तड़प उठी।

मैंने डॉली की रसीली चूत को अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू किया। उसकी चूत की फांकें आपस में बिल्कुल सटी हुई थी, जो बिल्कुल अलग ही मजा दे रही थी।

चूत को चूसते हुए समय उसके मुख से अजीब अजीब सी मीठी मीठी सिसकारियां निकल रही थी और उत्तेजना में आकर वह मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा रही थी।

मैं अपनी जीभ को उसकी चूत के ज्यादा से ज्यादा अंदर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा था। जाहिर बात थी की उसकी चूत चूसने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उसे अपनी चूत चुसवाने में।

जैसे मैं उसकी योनि का दाना (क्लाइटोरिस) चाटता और चूसता गया, उसकी चीखें बढ़ती जा रही थी और वह आनंद के आगोश में समाती जा रही थी।

उसका मजा धीरे धीरे चरम पर पहुंचने लगा था। जैसे-जैसे मेरी जीभ उसकी उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी, उसके शरीर मैं अजीब अजीब सी हरकतें होने लगी थी।

डॉली अचानक से तड़प उठी और एक जोर सी आह की आवाज के साथ उसने अपने दोनों पैर बिस्तर पर पटक दिए। उसकी चूत से मानो कोई ज्वालामुखी सा फट फट गया हो, उसका काम रस उसकी चूत से जोर-जोर से बाहर निकलने बाहर निकलने लगा, जो सीधा मेरे चेहरे पर बह कर आ रहा था। उसकी योनि से निकले एक एक बूँद को मैं चाट कर पी गया. बड़ा ही स्वादिष्ट था उसका पानी.

अभी भी डॉली की सांसें बहुत तेज चल रही थी और भरी हुई छातियाँ ऊपर नीचे हो रही थी. उसकी गुदाज मांसल जांघें उसके योनि से निकले हुए यौवन रस से भीगी हुई थी और चमक रही थी.

मेरा लंड अब पूरी तरह तन कर डॉली को चोदने के लिए लालायित हो गया था.

मैं दोबारा उठ कर डॉली की चूत के पास पहुंच गया और दोबारा से उसकी चूत को हल्के हल्के से काटने लगा. अब मैं उसे चुदाई के लिए तैयार करना चाहता था. थोड़ी देर बाद वह मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और कामुकता से बोलने लगी, "पराग डार्लिंग, अब जल्दी से डाल दो तुम्हारा लौड़ा मेरी पूसी में, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा हैं."

मैं धीरे धीरे डॉली को योनि में उंगली अन्दर बाहर करता गया, फिर से मेरी उंगली उसकी चुत के अन्दर चली गई थी. वो मेरे लंड को जोर से दबाने लगी, और उंगली अन्दर ना डालने को कहने लगी. लेकिन ये भी था कि वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और ये सही टाइम था मेरा सख्त लंड उसकी योनिके अन्दर डालने का.

मैंने भी सोच लिया कि अब इसे ज्यादा तड़पाना सही नहीं है और इसे अब चुदाई का मजा दे ही देना चाहिए।

मैंने अपना लंड उसकी चूत के सुराग पर रखा पर रखा. डॉली की चूत एकदम गरम हो रही थी.

मैंने अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों से मिलाएं और फिर उसकी एक चूची को अपने हाथ में लेकर मसलने लगा. उसके मांसल पैरों को अपने पैरों में लपेटा और एक हाथ से लंड को उसकी चूत पर सेट करके धीरे से धक्का लगा दिया.

पहली बार तो मेरे लंड का सुपारा फिसल गया, मैंने दोबारा से उसे सेट किया और फिर से धक्का लगा दिया.

इस बार मेरे लंड डॉली की चूत में करीब दो इंच तक अंदर चला गया. डॉली सेक्स की आग में जल रही थी और उसने आगे बढ़ने के लिए अपनी सहमति दे दी.

मैंने दोबारा से एक और जोर का धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी योनि के काफी अंदर तक चला गया।

डॉली पूरी उत्तेजित होकर एक दम से तड़प उठी।

अब मैंने डॉली के अंगों को सहलाना शुरू किया। धीरे धीरे डॉली नॉर्मल होने लगी। अब मैंने अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू किया।

मैंने धीरे-धीरे अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और मेरा लौड़ा डॉली की योनि में अंदर बाहर करते हुए झटके मारना शुरू किया. वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

इसका सारा शूटिंग करती हुई शकीला अब पूर्ण रूप से नग्न होकर करीब से रिकॉर्डिंग करने लगी.

मेरा लंड पूरा का पूरा डॉली की चूत के अंदर तक जाने लगा और मेरा लंड सीधा उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था. अब मेरा खड़ा लौड़ा अंदर तक जाकर उसको और मजा दे रहा था।

डॉली की दर्द की आवाज अब उसके मस्ती की आवाज में बदल गई थी. वह भी अपनी गांड उठा-उठा कर मेरे लंड को ज्यादा से ज्यादा अंदर तक लेने का प्रयास कर रही थी। उसकी चूत पूरी तरह गर्म थी और मेरे लौड़े को जैसे निगलने का प्रयास कर रही थी.

मैं डॉली की चूचियों को बारी बारी से पीता और मसल रहा था. मेरा ये संभोग डॉली के मजे को और भी बढ़ा रहा था.

बीच-बीच में मैं उसके एक एक निप्पल को काट भी ले रहा था, ऐसा करना उसे और भी मजा दे रहा था।

बीस पच्चीस मिनट की धुआंधार चुदाई के बाद अचानक से डॉली का शरीर अकड़ने लग गया. डॉली ने मेरी पीठ में अपने नाखून गड़ा दिए.

अब शकीला ने अपने कैमरे को स्टैंड पर फिक्स कर दिया और वो भी बिस्तर पर हमारे साथ आ गयी. शकीला ने डॉली के स्तनोंको मुँह में लेकर चूसना शुरू किया.

डॉली ने भी अपनी दो उँगलियाँ शकीला की चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगी थी.

अब डॉली पूरी तरह उत्तेजित हुई और उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया। चरम सुख पाकर डॉली ने अपना सारा पानी छोड़ दिया. उसके गर्मागर्म योनि रस को मैं अपने कड़क सख्त लंड पर फील कर रहा था। डॉली के योनि का रस पाते ही मैं भी पूर्ण रूप से तृप्त हुआ और झड़ने लगा. मेरा गाढ़ा और गरम वीर्य उसकी चूत की गहराई तक पहुंचा और दोनोंके रस डॉली की चूत में मिल गए.

मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। मेरे लंड मेरे खुद के वीर्य तथा डॉली के काम रस से सना हुआ था, जिसे शकीला चूसने लगी.

दो-तीन मिनट में ही मेरा मुरझाया हुआ लौड़ा शकीला के मुँह में खड़ा हुआ. अब शकीला जोर जोर से मेरे लंड को चूसने लगी और अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे पर बलात्कार करने लगी.

अब मुझसे भी इतना सारा सुख बर्दाश्त नहीं हुआ और मैं शकीला के शरीर पर चढ़ गया. सिक्सटी नाइन पोज में जाकर उसकी गीली चूत चाटने लगा. तीन उंगलियां घुसाकर शकीला के क्लाइटोरिस को चूसता गया.

शकीला पागल हो गयी और बोली, "पराग, फक मी, जल्दी से चोदो मुझे."

उसे डॉली के बाजू लिटाकर मैं शकीला के ऊपर चढ़ गया और एक ही झटके में अपना सख्त लम्बा लौडा शकीला की गीली और भट्टी जैसी गर्म योनि में डाल दिया.

क्योंकि मैं कुछ मिनट पहले ही झाड़ा था, इसलिए अब की बार मेरा पानी जल्दी नहीं निकलने वाला था. करीब आधे घंटे तक मैं शकीला को कभी मिशनरी, कभी डॉगी तो कभी कोई और पोज में चोदता गया.

थ्रीसम में डॉली कभी शकीला का स्तन चूसती या फिर कभी शकीला से अपनी रसीली चूत चटवाती.

आखिर मैं पूर्ण रूप से संतुष्ट हुआ और मैंने अपना लौड़ा बाहर निकालकर शकीला के चेहरे और स्तनोंपर अपना पानी उंडेल दिया. डॉली ने एक एक बूँद चाटकर शकीला के साथ शेयर की और दोनों भी मेरे वीर्य को पीकर निढाल हो गयी.

दोनों सेक्सी लड़कियोंके बीच एक महाराजा की तरह मैं सो गया.

सुबह के पांच बजे तक हम तीनो गहरी निद्रा में थे. फिर उठकर मैंने शकीला को सिक्सटी नाइन का सुख दिया और उसी पोज में उसके मुँह में अपना पानी निकाल दिया.

अगले कुछ दिनोंतक हम दोनों कपल्स (मैं-डॉली, अनुपमा-लकी) दोनों बहनोंको (शमा-शकीला) अदल बदल कर चोदते रहे.

सुहागरात के शूटिंग की विडिओ बहुत बढ़िया बानी थी,जिसे देखकर अगले कई साल तक हम ग्रुप सेक्स का लुत्फ़ उठाते रहे.

कहानी आगे जारी रहेगी. पराग और अनुपमा विदेश यात्रा पर गए, वहाँ उन्हें कौन मिला?

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
Share this Story

Similar Stories

गंगाराम और स्नेहा Ch. 01 एक पचपन वर्ष के आदमी के साथ इक्कीस वर्ष की युवती की योन क्रीin Erotic Couplings
साथी हाथ बढ़ाना Ch. 01 हम ने हमारे साथीयों से मिल कर, उनसे हाथ बढ़ा कर बहुत कुछ पाया.in Erotic Couplings
शालिनी बनी मेरी दूसरी पत्नी Mei apni patni ki saheli ko kaise pataya aur choda.in Erotic Couplings
खानदानी निकाह 01 मेरे खानदानी निकाह मेरी कजिन के साथ 01in Loving Wives
प्यासी शबाना (भाग - १) Pyaasi Shabana: Shabana's extra-marital affair with Pratap.in Erotic Couplings
More Stories