पत्नी, साली और पड़ोसन भाग 03

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"हाँ, निकिता, रूपेश मुझे बड़े प्यार से चोदता हैं और राज अपनी साली सारिका को!" मैंने कहा.

फिर सारिका भी बोली, "निकिता, राज भैया मुझे इतना खुश करते हैं की पूछो मत. इतनी देर तक चोदते है और फिर मैं उनका सारा रस चाटकर पी जाती हूँ."

अब निकिता सुख और आनंद के मारे बेहोश सी हो रही थी.

अगले दो घंटो तक हम दोनोने निकिता को बार बार जताया की अपने पति के अलावा किसी और मर्द के लौड़े से कितना अच्छा सुख मिलता हैं और कितना ज्यादा मज़ा आता हैं. आखिर में तीनो लड़कियोंने एक दुसरे को चुत चाटकर, चूचिया चूसकर और उंगलीसे चोद कर स्वर्गीय सुख लिया और दिया.

अब चुत का काम रस निकल जाने के बाद पूर्ण रूप से निढाल होकर निकिता ने कहा, "तुम दोनों कितनी बिनधास्त हो, और कितना सेक्स एन्जॉय करती हो. सच बात तो यह हैं की मुझे भी सिर्फ नीरज से चुदवाकर थोड़ी बोरियत लग रही हैं."

अपनी ही चूतमें ऊँगली करती हुई वो बोली, "मैं चाहती हूँ की, एक दिन हम तीनो कपल साथ में बहार मस्ती करे ताकि मैं भी राज और रूपेश को और करीब से जान लू और परख लू. तभी मैं अदलाबदली के लिए अपने आप को तैयार कर पाऊँगी."

हमारे घर के पार एक वॉटर पार्क था जहाँपर गर्मी के दिनोंमें ज्यादा भीड़ रहती थी, खासकर शनिवार और रविवार को. उनका बुधवार के दिन "लेडीज और फॅमिली स्पेशल" होता था जहा किसी अकेले मर्द को आना मना होता था. उस दिन की एंट्री फी दुगनी रहती थी मगर सारी लड़किया और परिवार वाले लोग अक्सर उस दिन ही जाया करते थे. तीनो आदमियोंने आपस में बात करके एक बुधवार की छुट्टी ले ली और एक बड़ी कार में हम वहां पहुंचे.

जब हम वॉटर पार्क में थे तब यह तय हुआ की आधा दिन तक एक पार्टनर रहेगा और दिन के दुसरे भाग में अलग. सुबह ऐसे जोड़े बने - राज निकिता , रूपेश सुनीता और नीरज सारिका। राज का तो जैसे सपना ही पूरा हो गया था , शुरू में ही निकिता के साथ सारी वॉटर राइड्स पर मस्ती करनेका उसे मौका मिला था. वैसे मैं रूपेश के साथ भी खुश थी, मगर दोपहर का इंतज़ार करने लगी.

तीनो जोड़े भी काफी खुश नज़र आ रहे थे. नीरज और सारिका तो सबसे आँखे चुराके किसी और कोने में गायब हो गए. वैसे निकिता को इस बात की भी ख़ुशी हो रही थी की राज उसकी प्यारी सुनीता रानी को भी खुलके एन्जॉय करने दे रहा था. उसे महसूस हुआ की राज अपनी पत्नीसे बहुत ज्यादा प्यार करता हैं और उसकी हर ख़ुशी का पूरा इंतज़ाम करता हैं.

निकिता राज की कमर में हाथ डालकर खुलके हँसी मज़ाक कर रही थी और बात बात में उसे लिपट कर गालोंपर चुम्बन कर देती थी. नीरज को भी सारिका की गोरी गोरी गदरायी हुई जवानी भा गयी थी. वह सरिकाको बाहोंमे लेकर उसकी पीठ और मस्त गांड को सहला रहा था और सारिका भी शायद उसके लंड को हाथसे दबा रही थी. जैसे ही निकिता ने देखा की उसका पति भी खुलके मजे ले रहा है फिर वह भी बिलकुल खुल गयी.

मैं और रूपेश राइड्स पर कम जा रहे थे और एक दुसरे के अंगोंसे ज्यादा छेड़खानी कर रहे थे. बिकिनीमे मेरी भरपूर मांसल जाँघे, पतली कमर, आकर्षक नितंब और सामनेसे लो कट से झांकता हुआ क्लीवेज मानो कहर ढा था! किसी फिल्म की सेक्सी हेरोइन से काम नहीं थी मेरी जवानी. वहाँ नीरज तो सारिका को गोदीमें उठाकर घूम रहा था और दोनों सबकी नजरे चुराकर आलिंगन और चुम्बन में मग्न थे.

राज के खड़े लंड का स्पर्श कई बार निकिता को हुआ और शायद उसे भी इस बात से ख़ुशी हो रही थी की उसकी सुंदरता और सेक्स अपील का उसके लंडपर असर साफ़ झलक रहा था. मैंने देखा की राज भी निकिता की गोरी गोरी मुलायम जांघोंपर और उसकी गोल गांडपर हाथ फेरने का मौका बार बार ले रहा था. निकिता की पुष्ट चूँचिया उसके बिकिनी में से अपना जलवा दिखा रही थी और कई बार तो कहीं कोने में जाकर राज उसके मम्मोंको भी दबा और सहला रहा था. अब निकिता की भी झिझक निकल गयी थी और दो-तीन बार तो उसने खुद आगे होकर राज को किस किया और अपने जीभ से उसकी जीभ को चूसा.

तीनो जोडिया अपने नए पार्टनर के साथ पूरी मौज मस्ती कर रहे थे, किसी बाहरवाले को पता भी नहीं चला की यह तीनो अपने अपने पति/पत्नी के साथ नहीं हैं.

जैसे ही दोपहर हुई, जोडिया फिर से बदल गयी, अब - राज के साथ सारिका, रूपेश के साथ निकिता और नीरज के साथ सुनीता, यानी मैं.

जिस पल का मैं सुबह से इंतज़ार कर रही थी वो आ गया, अब किसी की परवाह करे बगैर मैं नीरज को लेकर सबसे दूर चली गयी और एक कोना ढूँढ़के हम गरमागरम चूमा चाटी में जुड़ गए.

"ओह मेरी सुनीता डार्लिंग, जबसे तुम्हे नंगा देखा हैं, मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ. तुझे घोड़ी बनाकर चोदना हैं सुनीता रानी," नीरज ने कहा.

मैं बोली, "मैं भी तुमसे चुदवाने के लिए तरसी जा रही हूँ. तेरी बीवी को जल्दी मना, ताकि तेरे इस कड़क लौड़े को मैं अपनी चुत में घुसा दू."

मैं और नीरज पूरा समय बाकी के दो जोडोंसे अलग रहे इसलिए मुझे पता भी नहीं की आखिर रूपेश और निकिता के बीच क्या हुआ होगा. मैं तो नीरज के साथ कपडोंके ऊपर से जो भी मज़ा ले सकते हैं, पूरा ले रही थी. उसने भी मेरे मम्मे दबाकर, मेरी जाँघे सहलाकर और मेरी जीभ चूसकर मुझे पागल कर दिया था.

वाटर पार्कसे लौटने के बाद रास्तेमे एक ढ़ाबेपर खाना खाकर हम सारे घर लौटे. कारमें भी हंसी मज़ाक और एडल्ट जोक्स चल रहे थे. अब तो तीनो लड़किया भी आसानीसे लंड , चुत और बूब्स के बारेमें खुल्लम खुल्ला बाते कर रही थी. घर पहुंचकर निकिता ने हम चारोंको अपने घर पर बुलाया और बियर, वाइन की बोतले खुल गयी.

राज , नीरज और रूपेश काजू और नमकीन प्लेट्स में जमाने लगे और हम तीनो लड़किया हँसते हँसते बेडरूममे घुस गयी. नीरज ने बैद्यनाथ वीटा एक्स की बोतल निकाली. तीनो लड़कोंने चार चार गोलिया खायी, क्योंकि आज पूरी रात सम्भोग का सुख जो लेना था.

अंदर जाते ही निकिता बोली, "सुनीता सारिका, आज मैं भी इस अदलाबदली के खेल में शामिल होना चाहती हूँ. तुम दोनोंके पति सचमुच बड़े अच्छे हैं और मेरी चुत भी उनसे चुदवाने के लिए पानी छोड़ चुकी हैं."

हम दोनों बहनोंने उसे गले लगाकर बहुत सारा प्यार किया.

पांच मिनट बाद हम जब बाहर आयी तो लड़कों ने देखा की हम तीनोंने भी स्लीवलेस और खुले गले का टैंक टॉप और मिनी स्कर्ट पहना था. सब मिलकर दारु पीकर मस्तीमे नाचने लगे. अब सारिका राज के साथ, नीरज के साथ मैं और रूपेश के साथ निकिता लिपट लिपटकर नाचकर मस्तीमे झूम रही थी. मैं नीरज के शॉर्ट्स में हाथ डालकर उसके लंड को दबाने और पुचकारने लगी. वो भी मेरी मिनी स्कर्ट उठाकर मेरी गांडपर और पैंटी के उपरसे ही चुत पर हाथ फेरने लगा.

जबसे नीरज यहाँ आया था तबसे उसे मैं आकर्षित कर रही थी, आज सुनेहरा मौका उसके हाथ लगा था, जिसे वो खाली नहीं जाने देनेवाला था. अब नीरज ने कमरे की लाइट एकदम धीमी कर दी और नाचते नाचते मुझे एक कोनेमे ले गया. मेरे खुले टैंक टॉप में हाथ डालकर अब वो मेरी कठोर चूँचिया दबाने और मसलने लगा. मैंने भी आव देखा न ताव, और एक ही झटके में अपनी टॉप उतारकर फ़ेंक दी और नीरज का टी-शर्ट भी निकाल दिया. अब दोनों एक दूजे की बाहोंमे समाकर होंठ चूसने और एक दुसरे के अंगो से खेलने लगे.

अब नीरज को इस बात की भी चिंता नहीं थी की उसकी शर्मीली पत्नी निकिता रूपेशके साथ क्या कर रही होगी, उसपर तो सिर्फ मेरी जलती जवानी का भूत सवार था और आज मुझे चोदे बिना नहीं रहनेवाला था. नीरज ने मुझे चूमते हुए मेरी ब्रा भी खोल दी. अब वो दोनों हाथोंसे मेरे बूब्स सहलाने और मेरे खड़े हुए निप्पल्स अपनी उंगलियोंमे प्यार से दबाने लगा. वहाँ तीसरे कोने में निकिता और रूपेश दोनोंके ऊपर के कपडे उतर गए थे और रूपेश निकिता के मम्मे चूसने के साथ साथ उसकी गांड और चुत को प्यार कर रहा था. निकिताका हाथ उसके शोर्टमे से कड़क लंड से खेल रहा था.

नीरज ने अब मुझे गोदीमें उठाया और सीधा बैडरूम की तरफ चला गया. उसने न अपनी पत्नी निकिता से कुछ कहा, न राज से उसकी पत्नी को चोदने की इजाज़त मांगी. आज तो माहौल ऐसा था की पूरे छे के छे लोगोंने अपने नए पार्टनर के साथ चुदाइ के लिए मन में ठान लिया था. निकिता और रूपेश एक सोफेपर चढ़ गए और उनके बदन पर बचे हुए कपडे भी गायब हो गए. राज सारिका को लेकर बेडरूममे घुस गया और उसने बेड के दुसरे हिस्से में सारिका को लिटा दिया.

"सुनीता, जबसे तुम्हे नंगा देखा हैं तबसे मैं इस घडी का इंतज़ार कर रहा हूँ. आज तुझे जी भरके चोद कर तेरी चुत और बड़े बड़े मम्मोंका पूरा मजा लूँगा," नीरज बोल उठा.

"हाँ, मेरे राजा, आ चोद मुझे, फाड़ दाल मेरी फुद्दी को. ले चूस मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ। मैं तेरे इस लम्बे और मोटे लिंग को चूस कर तुझे पागल कर दूँगी," मैं उसके लंड को और गोटियोंको सहलाकर बोली.

हम सीधा सिक्सटी नाइन में आ गए और नीरज की जीभ मेरी चुत की पंखुड़ियां खोलकर अपनी जीभसे मुझे चोदने लग गया. साथ में कभी दाना चाटना और कभी चूसना जारी था. मैं नीरज के लिंगको उसका सबसे सुखद मुखमैथुन दे रही थी. साथ में गोटियां सहलाना भी चल रहा था. नीरज मेरे लिए इतने दिनोंसे पागल था इसलिए अत्याधिक उत्तेजित होने के कारण उसका लौड़ा अपने वीर्य की थोड़ी थोड़ी बूंदे लगातार मेरे मुँह में छोड़ रहा था. मैं भी हर एक बूँद पीकर उसके लौड़े के टोपेपर जीभ से मानो बलात्कार कर रही थी.

अब दो बहने आजु बाजू लेटकर चुद रही थी और सबकी साँसे तेज़ हो गयी थी. राज ने सारिका की स्कर्ट और पैंटी उतारी, सारिका ने भी अपने गांड उठाकर पूरी सहायता की. अब राज भी पूरा नंगा होकर उसपर लेट गया. उसके मम्मे बारी बारी चूसने लगा, सारिका उसके तने हुए लौडे को अपनी गीली चुत पर रगड़ने लगी.

बाहर रूपेश और निकिता चूमा चाटी करते हुए कब सिक्सटी नाइन की अवस्था में पहुंचे, उन्हें भी पता न चला. निकिता उस तगड़े आठ इंच के लौड़े को चूसकर सारा वीर्य निगल गयी. कुछ ही मिनटोंमें रूपेश का लौड़ा फिरसे खड़ा हुआ और वो निकिता की गर्म और गीली चुत को चोदने लगा.

"निकिता, तुम्हारी गोरी जवानी को पाकर मैं कितना खुश हूँ. तुम इस दुनिया की सबसे सुन्दर और सेक्सी लड़की हो. आज मैं तुम्हे जीवन का पूरा सुख दूंगा," इतना कहकर रूपेश उसे चोदने में जुटा रहा.

सिक्सटी नाइन के बाद नीरज ने मुझे आधे घंटे तक मिशनरी पोज में चोदा और फिर अपना सारा वीर्य मेरे कठोर वक्षोंपर निकाल दिया. वो उसकी सालोंकी फैंटसी थी जो निकिता कभी पूरी नहीं होने देती थी. मेरे बाजू में लेटी हुई सारिका ने वह सारा वीर्य मेरे चूचियोंसे चाट कर पी लिया और वो देखकर नीरज और भी उत्तेजित हुआ और उसका लंड फिर से खड़ा हुआ. अब उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा और मेरे मम्मोंको जोर जोर से मसला. अब की बार सारा वीर्य मेरी गांडपर उंडेल दिया. यह भी उसकी एक और फैंटसी थी जिसे निकिता मना करती थी. मैं नीरज के साथ कुछ भी करने के लिए राजी थी.

मुझे इस बात की सबसे ज्यादा ख़ुशी हुई की मेरी नीरज से चुदने की इच्छा पूरी करने के लिए राज ने निकिता को पहले रूपेश से चुदने दिया. वैसे यह तो तय था की कुछ देर बाद पार्टनर फिर बदले जाएंगे, क्योंकि नीरज को भी तो सारिका को चोदना था.

आधे घंटे के बाद, निकिता खुद चल कर बैडरूम में आयी और उसने राज को अपनी बाहोंमें भर लिया. बाजुमें लेटी सारिका पलटकर नीरज की बाहोंमें चली गयी और मैं बाहर रूपेश से चुदवाने चली गयी.

भोली भाली और शर्मीली निकिता आज अपने पडोसी राज से चुदने वाली थी और उसी बिस्तर पर उसका पति नीरज, राज की साली, यानि सारिका को चोद रहा था. राज ने निकिता के वक्ष और गुलाबी निप्पल्स काफी देर तक चूसे।

"निकिता, तुम्हारे इन चूचियोंको चूसकर कितना मजा आ रहा हैं. जी करता हैं इन्हे खा जाऊं," मदहोशी भरी आवाज़ में राज ने कहा.

"ओह राज, येस , चूसो और मसलो इनको. आह, फक तुमको मैं इतनी अच्छी लगती हूँ. काश मैं उस फोटोशूट वाली रात ही तुमसे चुदने के लिए तैयार हो जाती," जोर जोर से आहें भरते हुए निकिता बोली.

अब राज सिक्सटी नाइन की पोज में आ गया और निकिता की मुलायम गुलाबी चुत और चुत का दाना उसने करीब आधे घंटे तक चूसा. निकिता को इस दौरान कई ओर्गास्म आये और उसकी योनि से लगातार ज्यूसेस बहने लगे. राज को उनका स्वाद पसंद आया और उसकी योनि से निकलती हर बूँद को वो चाटता गया.

"कितना अच्छा हैं तुम्हारी चुत से निकला पानी. यह तो सुनीता और सारिका की चूतोंसे निकलने वाले पानी से भी ज्यादा स्वादिष्ट हैं निकिता डार्लिंग," राज अपनी जीभ होठोंपर फेरते हुए बोला.

इस दौरान निकिता राज के लौड़े के बिना रुके चूसती रही और उसका वीर्य दो बार पी गयी थी.

"तुम्हारा नमकीन माल भी कुछ काम टेस्टी नहीं हैं. और कितना ज्यादा आया मेरे मुँह में, मैं पीती ही रह गयी," वो बोली.

अब उत्तेजना के मारे, सिक्सटी नाइन की पोज में राज ने निकिता की गांड में भी ऊँगली घुसा डाली, जिसके कारण निकिता और भी उत्तेजित हो गयी.

"आह, राज, डालो मेरी गांड में ऊँगली और अंदर बाहर करो. मुझे यह भी बहुत अच्छा लगता हैं. तुम्हारी उंगलियोंसे मेरी गांड को चोद डालो, आह," निकिता के होठोंसे आवाज़ निकली.

जब निकिता तीसरी बार जोर से झड़ी तब उसकी चुत से एकसाथ बहुत सारा कामरस निकला, जिसे राज ने चाट चाट कर गटक लिया.

अब सिक्सटी नाइन का पूरा आनंद लेने के बाद, राज ने निकिता को मिशनरी पोज में लिटाकर उसकी जाँघे खोलकर अपना लौड़ा घुसेड़ दिया. आधे घंटे तक दोनों डटे रहे और फिर राज अपना बचा हुआ वीर्य निकिता की गुलाबी चुत में छोड़कर निढाल हो गया. उसकी भी कई दिनोंकी फैंटसी आज जाकर पूरी हुई थी. निकिता को भी राज बहुत पसंद आया और दोनों एक दुसरे को चूमते हुए जीभ चूस रहे थे.

अब राज को उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सरप्राइज निकिता से मिला. आजतक हमें पता नहीं था की इतनी शर्माने वाली और अदलाबदली की चुदाई के लिए तैयार न होने वाली निकिता को गांड की चुदाई बहुत पसंद थी.

उसने राज के लौड़े को कंडोम पहनाया और फिर बोली, "राज, अब तुम मेरी गांड मारो. मुझे सुनीता ने बताया था की यह तुम्हारी फैंटसी है जो आजतक सुनीता पूरी नहीं कर सकी. आज मैं, तुम्हारे सपनों की रानी तुम्हारे सामने हूँ. चोदो मेरी गांड को जितना जी चाहे. तुम मुझे बहुत अच्छे लगे इसलिए नीरज के बाद तुम पहले पुरुष हो जो इस गांड को चोदेगा."

राज ने उसे डॉगी पोज में आने को कहा और धीरे से झटके मारते हुए पहले तो अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ा, फिर उसकी गांडके छेद में डालना शुरू किया. उसे इतना ज्यादा सुख मिल रहा था की वो अपने होश खो कर निकिता की गांड चोदता रहा.

"निकिता डार्लिंग, आज तूने मेरी सारी इच्छाएं पूरी कर दी, तू सचमुच मेरी रानी हैं. मैं पूरा जीवन तुम्हारा गुलाम बनकर तेरी चुत, तेरे मम्मे और तेरी इस मस्त गांड को चोदता रहूंगा."

बाजू में लेटे हुए सारिका और नीरज यह नज़ारा देख रहे थे. आखिर चालीस मिनट तक गांड चोदने के बाद, राज ने पूंछा, "निकिता डार्लिंग, बोल अब इस माल को कहाँ निकालू?"

वह बोली, "हमेशा की तरह, मेरे मुँह में, और कहाँ?"

फिर राजने कंडोम हटाकर अपना लंड उसके मुँह में दिया और दो-चार झटके मारकर स्खलित हो गया. मेरे राज का कई दिनोंका सपना आज पूरा हुआ था.

इसके बाद हर दुसरे दिन हम तीनो जोड़े एक साथ मिलकर ग्रुप सेक्स का आनंद लेते रहे. जब कभी एक लड़की की माहवारी (पीरियड्स) रहते तब वो लौड़े चूसती और बाकी की दो लड़किया चुदवाने का काम करती. आने वालो दिनोंमें मैं और सारिका ने भी गांड चुदाई सीख ही ली. हममें से कोई भी किसी की भी पत्नी को जब मर्ज़ी चाहे तब चोदता था, फिर भी मेरा फेवरिट रूपेश था, राज की फेवरिट निकिता थी और नीरज की फेवरिट सारिका थी.

अगले साढ़े तीन साल तक यह दौर चला, उसके बाद नीरज और निकिता किसी दुसरे शहर चले गए. पता चला की वहांपर उन्होंने किसी और जवान जोडेको फांसकर ग्रुप सेक्स की परंपरा जारी रखी। अभी भी हम नीरज और निकिता से संपर्क बनाये हुए हैं मगर वो लोग राजस्थान में चले जाने के कारण हमारा मिलना नहीं हुआ.

आज भी हम चारों निकिता और नीरज के साथ बिताये हुए पलोंको याद करते हैं और एक दुसरे के पार्टनर को सम्भोग का सर्वोच्च सुख देते हैं.

समाप्त.

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3 Comments
ilovealliloveallalmost 5 years ago
Gosh, it is a real erotic story

Dear Raj, Sunita,

I find that Indian stories if written well, are far superior to other western stories. This is perhaps because we are Indians and our culture, habits and thought process are different. However, well written Indian stories are very few. Your story "Patni Saali aur padosan" ranks high among those few. Please accept my heartiest compliments and appreciation for your time and commitment in writing these stories. They appear real life stories though highly erotic. I am happy that you chose to write them in Hindi alphabets rather than Hinglish, which (perhaps it is my short coming) I am not able to appreciate.

rajNsunitaluv2explorerajNsunitaluv2exploreover 5 years agoAuthor
Thanks for making our story Hot

Thanks to all the readers for giving such high votes to our first ever attempt of an erotic story. Glad to see it has been marked as hot. This will give us more encouragement to write more such interesting stories.

rajNsunitaluv2explorerajNsunitaluv2explorealmost 6 years agoAuthor
Full story

Dear readers, we hope you will love all the three parts of our story.

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