गदराई मोटी गाय 01

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

कल की तरह ही मैं और भाभी दूसरी तरफ मुँह करके सो गए। पर मैंने एक तरकीब निकाली की धीरे धीरे मैं भाभी से पति-पत्नी वाली बातें किया करूँगा कुछ दिनों में तो हमें पूरा पति-पत्नी बनना ही है। वैसे भी भाभी ने जब इस रिश्ते के लिए हाँ किया था तो उन्हें ये अपेक्षित भी होगा की हम साथ में सब कुछ करेंगे। सुबह मैंने उन्हें मधु बुलाया वो थोड़ी शर्मायी लेकिन फिर मैंने उनसे कहा की भाभी माँ बुलाना सही नहीं है क्यूंकि हमारा रिश्ता पति-पत्नी का है। पर मैंने उन्हें प्रॉमिस किया की मैं दूसरों के सामने उन्हें भाभी माँ ही बुलाया करूँगा। उन्होंने कुछ कहा नहीं पर उन्हें इस बात पे आपत्ति नहीं दिखी।

8 बजे सुबह नौकरानी आयी और मैंने उसे भाभी माँ से मिलाया और कहाँ की ये अब यहीं रहेंगी। नौकरानी थोड़ी डर गयी क्यूंकि उसे लगा कहीं उसकी जॉब न चली जाए फिर मैंने उसे कह दिया की खाना वो ही बनाएगी, भाभी माँ बस उसे गाइड कर देंगी। और उसे भाभी माँ का पर्सनल काम भी करना है झाड़ू-पोछा के सिवा। मैंने भाभी माँ को अलग बुला कर कह दिया की आप अपने शरीर की मालिश-वालिश भी करवा लिया करना इससे। ब्रेकफास्ट करके मैं ऑफिस के लिए चला गया, पूरे दिन ऑफिस में मैं उत्तेजित रहा। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था की भाभी जैसी गदराई औरत अब मेरी बीवी थी। मैंने ऑफिस में किसी को भी नहीं बताया था मेरी शादी के बारे में लेकिन उन्हें मैंने ये बता दिया था की भाभी मेरे साथ दिल्ली रहने को आ गयीं थीं|

रात को जब मैं वापस आया तो देखा की भाभी ने पूरे घर को अच्छे से सजवा दिया था। हालाँकि काम तो नौकरानी ने ही किया होगा परन्तु घर की सजावट देख कर ऐसा लगा जैसे भाभी धीरे धीरे वापस खुश होने की तरफ थीं। हमनें खाना खाया फिर मैंने पूछा की मधु कैसी लगी नौकरानी तो भाभी ने कहा की अच्छी थी। मैंने फिर कहा की उसे पता तो नहीं चला तो भाभी ने तुरंत कहा बिलकुल नहीं। मैं समझ गया की भाभी नहीं चाहती की किसी को भी ये पता चले। पर वो अकेले में मुझे पति-पत्नी जैसे बात करने को लेके राजी थी हालाँकि वो खुद कुछ बोलती नहीं थीं। मुझे इसी बात से उत्तेजना रहती थी की मैं भाभी से पत्नी की तरह बात कर सकता था।

फिर मैंने उनके nighty की तरफ देख के पूछा की मालती (हमारी नौकरानी) ने कुछ कहा तो नहीं। भाभी बोली की वो कह रही थी ये पहन के बाहर नहीं जाने को, ये यहाँ दिल्ली में चलेगा नहीं! मैंने मुस्कुराते हुए कहा की मधु तुम चाहे कुछ भी पहनो यहाँ चलेगा नहीं; लोग तुम्हे गन्दी नजर से ही देखेंगे। भाभी ने चौंकते हुआ पूछा - क्यों? मैंने उनसे कहा की कभी अपने बदन को देखा है। बिलकुल एक दुधारू गाय जैसी लगती हो तुम! भाभी ने सर झुका लिया। मैंने थोड़े धीरे से कहा कि भैया ने आपकी तबियत से चुदाई की होगी तभी आप इतनी गदरा गयीं हैं। भाभी ने कोई जवाब नहीं दिया और ये उनका इशारा था की वो ये पसंद नहीं कर रही । फिर मैंने उनसे पूछ लिया कि भैया के नाम से नाराज़ गयी क्या? तो उन्होंने कहा की उनका नाम प्लीज मत लीजिये वो मेरे पति थे। मैंने कहा पर मैं कहाँ मना कर रहा हूँ कि वो आपके पतिदेव नहीं थे! वैसे वो मेरे भैया भी थे (और उनके पास आके उनके विशाल स्तनों को हाथ में लेते हुए कहा की) पर उन्होंने ही तो ये हाल किया है आपका- एक औरत से आपको पूरी दुधारू गाय बना दिया है। आप अगर कपड़ों में भी किसी मर्द के सामने आएँगी तो वो बस आपको चोदने की ही सोचेगा। पर ये सौभाग्य मुझे मिला है और ये कहते हुए मैं उनके सर को उठा के उनके आँखों में देखते हुए मुस्कुराया। फिर हम दोनों सो गए। सोते सोते मुझे ख्याल आया की क्यों न नौकरानी का इस्तेमाल करके भाभी के बदन का भोग किया जाए।

अगले दिन मैंने नौकरानी को समय देखकर अलग से हमारी शादी की बात बता दी और ये भी बता दिया की भाभी अभी भी मुझे पति मानने को तैयार नहीं हैं फिर मैंने उसे कुछ पैसों का लोभ देकर मदद करने के लिए कहा। नौकरानी पहले तो थोड़ी घबराई लेकिन फिर उसने पैसों के लालच में हाँ कर दी। मेरे ऑफिस जाने के बाद नौकरानी ने भाभी को बोला की वो उनकी मालिश करेगी। (अब जैसा मुझे नौकरानी ने फ़ोन पे शाम में बताया) भाभी ने खिला-पीला करके सोनू को सुला दिया और फिर खुद nighty में मालती को मालिश करने के लिए अपने कमरे में बुला लिया। मालती ने भाभी को nighty में देखते हुए कहा की मधु भाभी आप उदास क्यों रहती हैं इतना सुन्दर बदन दिया है आपको भगवन ने और आपको क्या चाहिए! जो लिखा था वो तो हो गया अब नया जीवन शुरू करना चाहिए आपको। फिर उसने भाभी के nighty को खोल दिया भाभी अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं और खुद के ऊपर चादर डाल लिया था।

मालती तेल लेकर आयी और भाभी के ऊपर से चादर हटा दिया फिर भाभी ने हटे हुए चादर को जाँघों तक दुबारा रख दिया और कहा की जितने दूर की मालिश करनी है उतना ही खुला रखो! मालती ने कहा की दरवाज़ा बंद है और कोई नहीं आ सकता यहाँ पे। फिर भी भाभी काफी शर्मा रही थीं। मालती ने पीछे करके उनके ब्रा के हुक खोल दिए फिर ब्रा तो दोनों हाथों से पकड़-के कहा की क्या साइज हैं दीदी इनके। भाभी ने शरमाते हुए बोला 48! क्या बदन पाया है दीदी आपने; मालती ने बोला की वो इतने लोगों के यहाँ जाती है पर सबसे बड़ी 42 स्तन वाली ही मिली उसे आज तक। फिर उसने भाभी के विशाल स्तनों पे तेल लगा के मालिश शुरू कर दी। मालती ने भाभी से पूछा की भैया उम्र में उनसे छोटे थे न! भाभी ने हाँ में सर हिलाया। मालती ने कहा मधु दीदी पूछोगी नहीं कैसे पता था मुझे? बिना भाभी के बोले ही मालती ने कहा की कम उम्र के ही लड़के इतनी चुदाई करते है बीवियों की। आपके इतनी गदराई औरत मैंने आज तक नहीं देखी मधु दीदी| वैसे मधु भाभी मेरी समझ से आपको फिर शादी करनी चाहिए। ये हरा-भरा बदन तुरंत बैठ जायेगा अगर इसकी चुदाई बंद हो गयी तो। भाभी ने उसे बोला की क्या बकवास कर रही हो। मालती भांप गयी की वो कुछ ज्यादा बोल गयी पर फिर भी उसने स्तनों को मसलते हुए कहा की इन्हे मसलने वाला कोई तो होना चाहिए। कुछ सालों पहले में ऐसे ही एक जगह जाती थी उनके पति के निधन के बाद वो कुछ सालों में ही बूढी से लगने लगी जबकि अगर उसने शादी की होती तो जवानी फिर भर जाती।

फिर मालती ने भाभी के जाँघों की मालिश शुरू की। भाभी पहली बार उत्तेजित महसूस कर रही थी (ऐसा मालती ने मुझे कहा)। मालती ने बात जारी रखते हुए कहा की आप कहें तो मैं सुनील भैया से बात करुँगी वो आप के लिए एक अच्छा कसरती बदन का लड़का खोज देंगे जो आपके बदन की तबियत से दुहाई करता रहेगा। भाभी ने मालती की तरफ गुस्से से देखते हुआ कहा अब रहने दो और अपने काम पे ध्यान रखो। मालती ने भाभी की नितम्बों पे ज़ोरदार चाटा मारते हुए कहा की मधु भाभी कोई भी मर्द तुमसे शादी करने को तुरंत तैयार हो जायेगा। शुरू के एक-दो साल तो वो बस तुम्हे चोदता ही रहेगा। मैं तो कहूँगी की फिर किसी कम उम्र के लड़के से ही शादी करना आप! भाभी अब पूरे गुस्से में आ गयी थी और डांट कर उसे बाहर जाने को कहा। मालती ने माफ़ी मांगते हुए कहा की उसे लगा की भाभी तो ये बातें अच्छी लग रही हैं। फिर कुछ देर तक घर का काम करने के बाद मालती चली गयी।

शाम को भाभी मेरे से मालती की बुराई कर रही थी बोली की वो अच्छे से काम नहीं करती है। मैंने पूछा ऐसा क्या किया उसने तो वो बोलीं की मुझसे शादी करने को कह रही थी। मैंने कहाँ हाँ उसे पता नहीं है न हमारे बारे में इसलिए| तो भाभी ने कहा पर उसे क्या मतलब? मैंने कहा पर उसने क्या गलत कह दिया मधु! तुम जवान हो कोई भी कहेगा तुम्हे दुबारा शादी करनी चाहिए| आखिर डैडी (भाभी के पिता) और राहुल ने भी तो यही किया न! भाभी थोड़ी शांत हो गयी । मैंने फिर उनकी तरफ देखते हुआ कहा की लगता है आज मालती ने मालिश की है तुम्हारे बदन की, कितना अच्छा लगा होगा उसे तुम्हारे बदन पे हाथ फेर के। मेरी तो तुम्हे देख-कर ही उत्तेजना बढ़ जाती है पर तुम्हे मैं पसंद नहीं इसलिए मैं कुछ करता नहीं। पर मधु मैं इंतज़ार कर सकता हूँ तुम्हारे राज़ी होने का मुझे कोई जल्दी नहीं है। फिर मैंने उनके करीब आके उनके नितम्बों को पीछे हाथ ले जाके दबाते हुए कहा की ये बदन तो है मेरा ही - आज नहीं तो कल।

भाभी ने खुद को मेरे से छुड़ाते हुए कहा की छोड़ दो| मैं भाभी के ब्लाउज को खोलने लगा तो और फिर भाभी को लेटने का इशारा किया । मैंने फिर भाभी के स्तनों को ब्लाउज से बाहर कर दिया और उसे हाथ से धीरे धीरे सहलाने लगा। एक भारी भरखम औरत मेरे सामने अध्नंगी पड़ी थी पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था। भाभी ने मेरे हाथ से अपना स्तन छुड़ाते हुए ब्लाउज के अंदर उसे समेटने की कोशिश की, पर मैंने उनके ब्लाउज को और खोल दिया। फिर मैंने हिम्मत करते हुए उनके विशाल स्तन को अपने मुँह में ले लिया और थूक लगाने लगा उसपे। इतने बड़े स्तन का बस छोटा सा ही हिस्सा एक बार में मुँह में आ रहा था। मैं भाभी को गाय बुलाता रहा और उनके स्तनों को बारी-बारी से मसलता रहा। मैंने उनके लेटे लेटे ही उनके ब्लाउज और ब्रा हटा दिए थे और नंगे स्तनों को हाथों से जोर-जोर से मसलने लगा था। पता नहीं क्यों वो आज मुझे मना नहीं कर रही थीं। फिर मैं उनके पीठ के बल लिटा करके उनके पेट पे बैठ गया और बड़े आराम से उनके स्तनों का मंथन करने लगा। फिर मैंने झुक कर उनके स्तनों को बारी बारी से मुँह में ले कर थूक लगाने लगा। मैंने अपने मुँह को उनके दोनों स्तनों के बीच रख-कर गालों पे सहलाने लगा। उत्तेजना के चरम पे मैंने धीरे से उनसे बोला की आप औरत नहीं गाय हैं भाभी माँ। आप मेरी माँ भी होती तो मैं आपकी दुहाई जरूर करता (शायद मैं ज्यादा बोल गया था!)| भाभी ने फिर मुझे बल से खुद के ऊपर से उतार दिया और अपने ब्लाउज का हुक लगाने लगी । मैं चाहता तो बल का इस्तेमाल कर सकता था वैसे भी इतनी गदराई औरत क्या बल लगाती मुझ-से लेकिन मैंने सोचा की इसकी चुदाई इसे खुश करके ही करूँगा। आज जरूर मैंने ज्यादा दूर तक कदम बढ़ाये थे पर भाभी अभी भी अपने शरीर को पूरे तरह देने के मूड में नहीं थी।

अलगे दिन मालती ने भाभी को बिलकुल भी परेशान नहीं किया, मैंने उसे भी समझा रखा था की मेरे पास मेरा पूरा जीवन है मधु के बदन को मथने के लिए और मैं कोई जल्दी-बाज़ी में गलत कदम नहीं उठाना चाहूंगा| पर मालती को हमारे शादी के बारे में बताने का मकसद ही था की वो दिन जल्दी आये जब मैं अपनी गाय को जब चाहे तब जैसे चाहे वैसे दुह सकूँ। मालती ने बात समझ ली थी और वो भी अपने तरीके से भाभी को काम-क्रिया के लिए उत्तेजित कर रही थी ।

मालती दिन में रोज़ भाभी को कम-से-कम एक बार शादी के लिए तैयार करती थी और रात में मैं भाभी के बदन को चूमना और उनसे उत्तेजक बातें किया करता था। 3-4 दिनों बाद एक दिन मालती ने भाभी से कहा की उसके पास एक तरकीब है जिस-से उन्हें शादी के लिए सही लड़का भी मिल जायेगा और भाभी के बदन की प्यास भी मिट जाएगी। भाभी ने उसे डांटे हुए कहा की तू फिर बकवास कर रही है। मालती ने फिर भी भाभी के पास जाके उनके स्तनों को दोनों हाथों से छूते हुए कहा की सुनील भैया भी अपनी भाभी माँ के स्तनों का दूध पीना चाहते होंगे। मेरे मानों तो उन्हें ही अपने स्तनों का गुलाम बना लो मधु भाभी! आपकी जवानी को कोई न कोई तो भोगेगा है अच्छा रहेगा आपका देवर ही इसका रसपान करे। इसी बहाने आपका और उनका बंधन भी हो जायेगा और वो हमेशा आपके साथ रहेंगे। (पता नहीं क्यों भाभी चुपचाप ही रही, पर मालती बोलती रही) लेकिन सुनील भैया तो अभी जवान हैं हो सकता है उनकी पसंद काम उम्र की चिकनी लडकियां हों । वैसे तो आजकल सभी मर्द गदराई घोड़ियों को पसंद करते हैं, पर हो सकता है सुनील भैया ऐसे न हों। आप बोलेँ तो मैं उनका मन टटोलूं। मालती ने ये बात भाभी के स्तनों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलते हुए कही । भाभी ने खुद को उससे दूर करते हुआ कहा की तुझे मुझमे क्या दिलचस्पी है तो फिर मालती ने कहा की उसे चिंता है की कहीं लोग भाभी और मेरे साथ रहने को लेकर बातें करनी न शुरू कर दें! भाभी को दिल्ली आये 7 दिन हो गए थे और मालती ने भाभी को बताया की कल ही मकान मालकिन पूछ रही थी की दोनों के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है। मैंने तो उन्हें मन कर दिया पर वो कह रही थीं ऐसी गदराई औरत दिन भर जिसके साथ रहती हो वो भला कैसे खुद को संभल पायेगा! आज नहीं तो कल सुनील अपनी भाभी के बदन को भोग ही लेगा। ऐसी अटकलों से अच्छा है की आप खुद ही सुनील भैया को अपना पति बना लो ।

भाभी ने बोला कि तू सुनील को कहाँ से ले आयी इस बीच में? मालती ने नादान बनते हुए पूछा क्यों सुनील भैया में क्या कमी है? कमाते हैं, जवान हैं, आपके बदन से हो सकता है आकर्षित भी हूँ पर कुछ कह नहीं पा रहे हों! भाभी ने इस बार थोड़ी लचक दिखाई बातों में और बोला की अगर मैं सुनील से शादी कर लूँ तो क्या गारंटी है की वो मुझे नहीं छोड़ेगा। हो सकता है किसी खूबसूरत लड़की के लिए मुझे बाद में छोड़ दे। (ये एक बड़ी जीत थी हमारे चाल की)। भाभी के ये कहते ही मालती ने कहा ये तो आप मेरे ऊपर छोड़ दो मैं सुनील भैया का मन टटोल लुंगी अपने तरीके से। वैसे अगर वो स्तनों या फिर नितम्बों के आशिक होंगे तो आपको कभी नहीं छोड़ेंगे क्यूंकि वो आपको जितना चोदेंगे आपके शरीर में उतना ही निखार आता जायेगा। वो आपसे प्यार करे न करे आपके बदन के गुलाम जीवन भर बने रहेंगे। इतना मांसल गोश्त उन्हें और कहाँ मिलेगा। मालती ने भाभी के नितम्बों पे हाथ फेरते हुए कहा की चलो आज तुम्हारी गरमा-गरम मसाज करती हूँ। और फिर बिलकुल गाय की तरह भाभी को खींचते हुए मालती मालिश के लिए बिस्तर पे ले आती है। मेरी गाय जैसी भाभी आज मैं तुम्हे एक अच्छी गरम मालिश करती हूँ। और फिर मालती ने भाभी के कपड़ों को हटा कर पूरी नंगी कर दिया। उनके स्तनों को मसलते हुए कहने लगी - सुनील भैया जब आपके स्तनों की ऐसी मालिश करेंगे तो कितना मजा आएगा रे मधु घोड़ी। तेरे बदन को तार-तार कर देगा तेरा देवर। सुनील भैया ने भी क्या किस्मत पायी है, इतनी मांसल शरीर की मल्लिका उनकी बीवी बनेगी वो तो ये सोच के ही उत्तेजित रहेंगे हमेशा। (भाभी शायद अब समझ रही थी की क्यों मैं हमेशा उनके बदन के प्रति आकर्षित रहता था। दरअशल उन्होंने कभी ये सोचा ही नहीं था की उनके बदन में ऐसी कोई बात है। मुझे बस वो एक बच्चे की तरह देखती थीं जो थोड़ा नासमझ है और अभी बचपने में उनके बदन से चिपकने की जुगत में लगा रहता है)| उन्होंने मालती से कहा क्यों तुझे कैसे लगता है कि बड़े स्तन और बड़े नितम्ब पुरुषों को आकर्षित करते हैं। मधु दीदी एक बात बताओ भैया (उनके पति) उन्हें कितनी बार दिन में चोदते थे? भाभी शर्मायी पर कहा - 3 /4 बार । देख लो ज्यादार मर्द बीवी को एक बार ही तो चोदते हैं रात में। पर आपके पति आपको जब भी मौका मिलता होगा चोदते होंगे! है की नहीं?

और सुनील भैया तो आपके बदन को छोड़ेंगे ही नहीं । उनकी उम्र ही क्या है! 25 साल भी नहीं होंगे अभी तो! - भाभी ने बोला 23 है सुनील की उम्र । (ये दूसरी जीत थी वो मालती से और सुनना चाहती थी)। मालती ने भाभी को पेट के बल पलट के विशाल उभरे नितम्बों पे तेल लगते हुए कहा और तुझे क्या चाहिए मधु दीदी 23 साल का लड़का इस बदन का मालिक होगा। सुनील भैया जैसा ही कोई जवान मर्द तेरे बदन की जरुरत पूरी कर सकता है। मधु दीदी तुम उसकी गाय बन जाना और वो तुम्हे जम के दुह दिया करेंगे। सुनील भैया के उम्र के मर्दों को बदन का कसाव ही सबसे आकर्षित करता है। ये आजकल के मर्द तो चाहते हैं खूब गदराई औरत मिले उन्हें। दिन भर बिस्तर पे भी पड़ी रहो तो इन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। चोदने के लिए ये तुम्हारे ऊपर चढ़ेंगे और तब इन्हे खुश कर दिया करो फिर दिन भर इनसे ग़ुलामी करवा लो।

मालती ने भाभी को उल्टा करके उनके जाँघों को मसलने लगी। जैसे ही मालती ने अपने हाथ भाभी के चुत कि तरफ ले जाना चाही भाभी ने सख्त मन कर दिया। मालती फिर भाभी के स्तनों का मादन करने लगी और बोली तू इतनी बड़ी घोड़ी है और इतनी शर्मीली। कितना मजा आएगा जब तू बेशरम होक अपने ही देवर से दिन-रात चुदेगी। इस शर्मीलेपन से तू और भी चुदासी लगती है। मालती ने फिर करीब आधे घंटे तक भाभी के बदन कि खूब अच्छे से मालिश कि और बीच बीच में उन्हें मेरा नाम लेकर उतेज्जित करती रही।

शाम 6 बजे जब मालती ने मुझे ये बातें कॉल पे बतायीं तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ (मुझे ये काफी बड़ी जीत लगी)। क्यूंकि जैसा मैं समझ पा रहा था भाभी चाहती थीं मैं उन्हें पत्नी के रूप में चाहूँ न कि केवल उनके बदन को। मैं समझ गया कि मुझे अब रात में वो बातें नहीं करनी होगी और उन्हें ये दिखाना होगा कि मैं उन्हें वाकई पत्नी के रूप मैं चाहता था। मैं मालती तो धन्यवाद् कहा और फ़ोन रख दिया। रात में जब मैं घर आया तो भाभी आज थोड़ी खुश भी दिख रही थीं। मैंने पूछा क्या बात है मेरी मधु आज बड़ी खुश दिख रही है तो वो झेप गयीं और अंदर अपने कमरे में चली गयी। मैंने decide कर लिया था कि कोई गन्दी बात नहीं करूँगा और अच्छे से पेश आऊंगा। मैं हम दोनों के खाने के बाद चुप-चाप दूसरी तरफ मुँह करके सो गया।

आज सुबह जब मालती आयी तो मैं घर पे ही था । मालती ने मुझे देखते हुआ कहा कि भैया आप भाभी का ध्यान नहीं रखते । मैंने कहा ऐसा क्यों? - वो बोली भाभी के पास बस एक ही nighty है और देखो वो भी इतनी छोटी, इन्हे बाजार ले जा के इनके साइज के 1 -2 nighty खरीद दो। भाभी ने तब nighty ही पहन रखी थी और उनके स्तन और नितम्ब बिलकुल बाहर निकले जैसे थे (भाभी को हालाँकि मालती कि बात थोड़ी चुभी भी क्यों मालती ने मेरा ध्यान भाभी के शरीर कि तरफ किया था!)। हालाँकि कितनी बार भाभी मालती के रहते हुए भी मेरे सामने इस nighty में रहती थी पर आज उन्हें शर्म सी आयी और वो कमरे में जा कर साड़ी बदल कर आ गयीं। मुझे भी बड़ी शर्म लगी क्यूंकि मुझे खुद ही उन्हें कपड़े खरीदने के लिए कहना चाहिए था। 8 दिन हो गए थे और भाभी घर के बाहर एक भी बार नहीं गयी थी। मैं तो बस उन्हें चुदने वाली मशीन कि तरह सोचा था अब तक पर मुझे एहसास हुआ कि वो भी एक औरत हैं और उनकी भी आकांक्षाएं होंगी । फिर मैंने भाभी से कहा कि शाम में मैं उन्हें बाजार ले जाऊंगा ।

मेरे जाने के बाद मालती ने भाभी से कहाँ - क्यों सुनील भैया को अपने बदन कि नुमाइश करा रही हो मधु घोड़ी। तूने जान बूझ कर भैया के सामने ऐसी तंग लिबास डाली थी न दीदी? खैर भैया बड़े सीधे हैं मैं होती उनकी जगह तो कहती कहाँ छोटी है ये nighty अब शरीर ही भाभी कि इतनी बड़ी है इनके साइज कि nighty आएगी भी कहाँ! भाभी मालती को अनसुना कर रही थी तब मालती ने कहा वैसे ये बात तो आपने देखि होगी- भैया ने तुरंत आपके लिए शाम में बाजार जाने को तैयार हो गए । भाभी ने कुछ नहीं कहा और कुछ देर के बाद मालती काम करके घर चली गयी ।

शाम को मैं और भाभी बाजार में थे। हम एक lingerie स्टोर पे गए तो वहां भाभी को देखते ही दूकान वाले ने अपने स्टाफ को इशारा किया सबसे ऊपर वाली 48" के शेल्फ की तरफ। और मेरी तरफ देख के बोला कि आप बाहर वेट कर लें और अपनी माँ को अंदर भेज दें। (मैं और भाभी दोनों चौंक गए 'माँ' शब्द सुन के)! दूकान वाले ने फिर कहा की यहां केवल लेडीज स्टाफ हैं और कोई समस्या नहीं आएगी। मैं वहीँ खड़ा रहा और कुछ देर के बाद भाभी 3 ब्रा 3 पैंटी और 2 nighty ले के बाहर आ गयीं। मैंने पेमेंट किया और फिर हम घर वापस आ गए। रात में भाभी ने आज की खरीदी हुई nighty में से एक पहना और मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ क्यूंकि ये और भी तंग थी। इसमें तो न केवल उनके उभार और बड़े लग रहे थे पर ये थोड़े ट्रांसपेरेंट टाइप की भी थी। मुझे समझ नहीं आया की भाभी ने ऐसा क्यों किया पर मैंने संयम बनाये रखा और इस बारे में कोई बात नहीं की। मुझे पता था की ये मेरी परीक्षा के दिन है और मुझे धैर्य से काम लेना होगा। भाभी आज पहली बार अपने बदन की नुमाइश कर रही थी। वैसे तो वो जल्दी लाइट बंद करने को कह देती थीं पर आज वो चुप चाप लेती हुई थीं। खैर कुछ मिनटों बाद मैंने लाइट बंद कर दी और हम सो गए।

अगले दिन मालती आयी तो भाभी ने वही nighty पहन रखी थी। हमारे घर में दो कमरे थे हालाँकि हम दोनों एक ही कमरे में सोते थे लेकिन दूसरा कमरा हमेशा सजा रहता था ताकि किसी को (मालती को) ये न लगे की हम एक ही कमरे में सोते हैं (वैसे मालती को ये बात पता थी!)। उसने फिर भी जान-बूझकर मुझे सुनाते हुए भाभी से बोला की क्यों डर लग रहा था क्या रात में भैया को भी आपने खुद के कमरे में सुला लिया । भाभी पूरी घबरा गयीं और बोली नहीं तो! मालती ने बोला अच्छा मुझे भैया के कपड़े दिखे इसलिए बोला। मैंने चुप रहना ही मुनासिब समझा। मालती ने फिर भाभी को उनके nighty के लिए भी छेड़ा- लगता है आपके साइज की nighty मिलती ही नहीं है। पर ये तो और भी छोटी लग रही है क्यों दूकान पे try नहीं किया था क्या? भाभी ने झूठ बोला की नहीं।

मेरे जाते ही मालती भाभी के पास आके पीछे से चिपक गयी| अपने दोनों हाथ बढ़ा कर उसने भाभी के स्तनों को पकड़ लिया। भाभी के नितम्बों के फैलाव की वजह से उसके हाथ भाभी के स्तनों के उभार तक नहीं पहुंच पाए पर उसने स्तनों को साइड से ही पकडे हुए आपस में धीरे धीरे रगड़ते हुए बोला की कितनी चुदासी है रे तू। देवर को अपने बदन का गुलाम बना के मानेगी तू तो। पूरी गदराई हुई एक मोटी दुधारू गाय लग रही है तू इस कपड़े में। जिस दिन तूने सुनील भैया को इस बदन से चिपका लिया वो फिर तुझे पल भर के लिए भी अलग नहीं करेगा।

वो तो सुनील भैया हैं जो तेरी हरकतों को अनदेखा कर रहे हैं अगर मेरे मर्द के सामने तू पूरे बदन ढक के भी खड़ी हो जाए तो वो तेरे बदन की सारी अकड़न तोड़ दे। मालती ने और जोर से अपनी पकड़ बढ़ाते हुए भाभी को धीरे से बोला की मैं ले चलती हूँ मेरी दुधारू गाय को दुहने। मालती ने पीछे से भाभी के स्तनों को पकडे पकडे ही किचन से बैडरूम में ले आयी। फिर भाभी के स्तनों को पकडे हुए उन्हें virasana के पोज़ में नीचे बैठाते हुए उन्हें उनके nighty के ऊपर के हुक खोलने को कहा। भाभी के नंगे स्तन अब मालती के हाथों के बीच पीस रहे थे। भाभी के स्तन इतने बड़े थें पर दूध से भरे और कठोर थे। मालती भाभी को नहवाने के लिए बाथरूम ले गयी । पर मालती ने स्तनों को पीछे से वैसे ही पकडे रखा था। बाथटब में पहले मालती ने पैर रखा फिर भाभी ने। मालती ने फिर भाभी को उनके अध्खुले nighty को उतार देने को कहा। बाथ-टब के एक कोने पे पीठ टिका के मालती बैठ गयी और खुद के ऊपर भाभी को बैठा लिया। भाभी के चूतड़ के नीचे वो दब से गयी थी। पर वो भाभी के स्तनों का मर्दन लगातार कर रही थी। भाभी के बालों को एक तरफ करके उसने भाभी के गर्दन और गालों को चूमा (जब मालती ने मुझे ये बताया तो आप सोच सकते हैं मेरी क्या हालत हूई होगी!)।

मधु दीदी सच बताओ तुम्हे नहीं मन करता सुनील भैया से चुदवाने का। गबरू जवान हैं वो। वैसे तो तू एक मर्द के लायक है नहीं पर सुनील भैया जवान हैं तेरी बदन की अकड़न ढीली कर सकते हैं वो। मैं तो तेरी जगह होती तो शादी के पहले ही उनसे चुदवा लेती। कितना मज़ा आता अपने पति के भाई के नीचे लेट के! तुम्हारे पति भी तो यही चाहते होंगे की तेरे बदन का मालिक कोई उनका सगा ही हो। मेरी मानों तो सुनील भैया से शादी-वादी की बात छोड़ो, अपने आप को लिटा लो उनके नीचे। देवर-भाभी के रिश्ते में पति-पत्नी वाली मादकता ले आओ। अपनी कोख भर लो अपने देवर के अंश से| दुनिया के लिए तुम दोनों देवर और विधवा भाभी होंगे और घर में दो मादक प्रेमी युगल। (भाभी बिलकुल मना नहीं कर रही थी मालती को बोलने से)। मालती ने फिर भाभी के नितम्बों और जाँघों को भी साबुन लगा के धो दिया फिर भाभी को नंगी बाहर ले आयी और टॉवल से उनके मांसल बदन को पोछने लगी। पूरे बदन को टॉवल से सुखाने के बाद मालती ने भाभी के पूरे शरीर की तेल से मालिश की और फिर मालती अपने घर चली गयी ।

आज तीसरा दिन था जब मालती ने भाभी के बदन से खेलते वक़्त मेरा नाम लिया था बल्कि उसने केवल मेरा ही नाम लिया था। और भाभी ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। भाभी के nighty के choice को देख-कर मुझे और उनके थोड़े सहज बर्ताव को देख-कर मुझे ऐसा लग रहा था की शायद आज मुझे वो आदर की लकीर लांघ देनी चाहिए। जिस बदन के लिए में शादी के बाद से पिछले 10 -12 से उतेज्जित था उसे भोगने का समय आ गया था। मैंने वियाग्रा की 2 गोली ले ली। भाभी के गदराये बदन नशा मेरे ऊपर सवार हो गया था। मैंने सोच लिया था या तो आज उनकी इच्छा से हमारा सम्भोग होगा या फिर वियाग्रा के नशे में वो मुझसे चुदेंगी। मैंने मालती को देर तक रुकने को कहा और उससे बोला की अगर उसने भाभी को मेरे से आज रात चुदने के लिए राज़ी कर दिया तो मैं उसे आज ही उसको वादा किया हुआ पैसे दे दूंगा।