एक नौजवान के कारनामे 126

Story Info
मरीना का कौमर्य भंग ​
1.6k words
5
142
00

Part 126 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 48

मरीना का कौमर्य भंग ​

मैंने अपने लंड पर मरीना की योनि का कोमल स्पर्श महसूस किया और मैं परमानंद के साथ कराह उठा, "ओह्ह्ह।" मैंने उसके स्तनों को जोर-जोर से निचोड़ा। हम दोनों साथ-साथ लिप किस कर रहे थे और हम दोनों का मुंह लार से भीगा हुआ था और हमारे मुंह से लार की धारा टपक रही थी जो गालो से बह कर गर्दन पर जा रही थी ।

मरीना ने महसूस किया कि मेरा लंड उसकी योनि में लम्बा और मोटा हो रहा था और साथ-साथ उसके अंदर सख्त होता जा रहा था। उसने अपने दोनों नितम्बो को थोड़ा-सा फैलाया और बहुत धीमे से आह करते हुए कराहने लगी।

मैंने उसकी कराह को अनसुना करते हुए एक छोटा-सा धक्का लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और जिस तरह से मैंने शुरू किया था, एक छोटा धक्का और उसके बाद तेज धक्के के साथ अपने लंड के सिर को उसकी योनी में पूरा धकेल दिया और फिर थोड़ा पीछे हटकर उसे और भी आगे उस अविश्वसनीय रूप से तंग, गर्म छेद में घुसा दिया और जैसे मरीना कराह रही थी, झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर कर रही थी उससे लगा कि अब वह इसे ज्यादा देर तक नहीं झेल पाएगी ।

दूसरे धक्के ने मेरे लंड के अग्रभाग को मरीना के हाइमन से पास पहुँचा दिया। मेरा लंड उसकी कौमार्य की पतली झिल्ली से टकराया, फिर मैंने लंड को धीरे से थोडा पीछे और फिर अन्दर की ओर बढ़ाया लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और लंड दो इंच अंदर चला गया। न्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच चूका था मेरा लंड मरीना के हायमन से टकरा रहा था और जब मैंने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो मरीना कराहने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाउंगी। मास्टर हाअ!, आआआआजा!, आईसीईई!, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ! और ज़ोर से, उउउईईईई! माँ, आहहहाँ!

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह दीदी" मरीना के मुह से निकला। उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया और मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग उसके कौमेर को भंग करके योनी में घुस गया। अन्दर और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा अन्दर तक चला गया था।

मेरा लंड जब योनी में गहराई से फिसल गया तो मरीना दर्द में चीख उठी क्योंकि उसके कौमार्य की झिल्ली के भंग होने से उसके शरीर में तेज दर्द हुआ।

अगर किसी लड़की को इतने बड़े लंड से छोड़ा जाए तो वह वास्तव में एक असामान्य लड़की ही होगी जिसकी योनि की भीतरी मांपेशियों बड़े लंड के प्रवेश के कारण कसकर फैल न जाए। मेरे लंड के बड़े और चौड़े सिर ने उसकी योनि की कोमल दीवारों में गहरा गया । मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचा और एक धका और लगाया लंड फिर पूरा अंदर समां गया...जिससे उसके शरीर में यौन उत्तेजना के बड़े झटके आए। मेरे लिंग को मरीना ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था और मैंने मरीना को लिप किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक लिप किस करता रहा उधर रोजी ने मरीना के स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया मरीना का तड़पना और चीखना चिलाना बंद हो गया था वह अब मेरा पूरा साथ दे रही थी ।

फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया। जल्द ही मेरे लिंग उसकी योनि के गहरे हिस्से का पता लगाना शुरू कर दिया और जी स्पॉट को रगड़ते हुए अंदर जाना शुरू कर दिया। तो वह कराहने लगी, आह मास्टर बहुत मज़ा आआआआ रहा है, हाईईईईई!, म्म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह! आाइईई! और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, मास्ततततरररररर! आआईई!, चोदो और जोर से चोदो।

फिर बहुत ही कम समय में मैंने महसूस किया कि उसकी योनि के अंदर चिर परिचित जानी-पहचानी जकड़न बन रही है।

हांफती हुई मरीना ने महसूस किया कि यह उसके पहले के अपनी बहन के साथ वाले और अन्य यौन अनुभवों से बहुत अलग था। यह जल्दी से उन सभी यौन अनुभवों को-को पार कर गयी जिसे वह पहले कभी भी अनुभव कर चुकी थी। उसने महसूस किया कि उसकी योनि अंदरूनी हिस्से एक विशाल रबर बैंड में बदल गये थे और उन्हें जितनासानी से संभव हो सकता है उससे कहीं अधिक कसकर खींचा जा रहा था। मरीना को उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहे मेरे लंड द्वारा प्रदान की गई संवेदनाएँ हस्तमैथुन या लेस्बियन सेक्स ने संलग्न होने से बहुत बेहतर महसूस हुई।

संक्षेप में, इस पहली चुदाई में मरीना ने खेल से गंभीर चुदाई में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उसने पाया कि बाद वाला बहुत ज्यादा रोमांचक अनुभव है। उसे निश्चित रूप से इसमें आनद आया, लेकिन जिस तरह से मैने और मेरे लंड ने उसके पूरे शरीर पर कब्जा कर लिया था और उसकी योनी को इतनी शक्तिशाली भावनाओं से भर दिया था, उसके लिए वह बिलकुल तैयार नहीं थी।

उसके होठों से आनंद भरी कराहे निकली। उसने अपने पैरों को मेरी जाँघों के चारों ओर कस दिया। उसने अपने कूल्हों ऊपर-नीचे झटके।

फिर अब मरीना को भी मज़ा आने लगा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ मरीना के बूब्स को मसलने लगे फिर मैं मरीना की चूचियों को खींचने लगता था तो मरीना सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी... उसके बाद मैं हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.। मैं मरीना को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी ।

आह! करती हुई वह कराही और अपना सिर वापस गद्दे पर फेंक दिया और अपने स्तनों को ऊपर उठा दिया ताकि मैं उसके एक निप्पल को अपने मुंह में ले सकूं। "ओह मास्टर, तुम मुझे मार ही डालोगे! आह! ओह, मुझे चोदो, मुझे और ज़ोर से चोदो!"

मरीना ने अपने कूल्हों को ऊपर उठाया यह महसूस करते हुए कि वह चरम उत्कर्ष के करीब थी।

हेमा ने इससे पहले कभी पूरी चुदाई नहीं देखी थी। वह हमारे हिलते मरोड़ते शरीर के करीब आ गई और उसके हाथ मेरी बड़ी गेंदों को पकड़ने के लिए मेरी जांघों के बीच पहुँच गए। मेरा लंड इस समय मरीना की टाइट फिटिंग योनी में लगभग पूरी तरह से लिपटा हुआ था। जैसे ही मैंने इसे और भी अंदर डुबाने की कोशिश की, हेमा की उंगलियों का अचानक मेरे लंड को सहलाने के कारण मेरी उत्तेजना बढ़ गयी। उसने मेरी गेंदों को धीरे से सहलाया, वह मेरे ध्यान को भटकाना नहीं चाहती थी, फिर भी अनजाने में मेरे आनंद को बढ़ा रही थी। मेरा मूल रूप से इरादा था कि मैं इस चुदाई सत्र को लम्बा करून और चाहता था कि मरीना मेरे साथ पहले सम्भोग में कम से कम दो बार झड़े लेकिन हेमा की उंगलियों ने सब बदल दिया।

हेमा का दूसरा हाथ मरीना की योनि के दाने को सहलाने लगा फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब मरीना अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, हाए मास्टर में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह झड़ गई।

मैंने महसूस किया कि मेरा लंड मरीना के गाढ़े रस में समा गया है, जो मेरे लंड से निकलने वाले प्रीकम के साथ मिल रहा है।

मैं मरीना को पागलों की तरह चूमने लगा, मैं उसके ऊपर लेट कर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। मैं उसके निप्पलों को अपने दांतों से दबाने लगा। कभी ज़ोर से भींच लेता, तो वह उछल पड़ती। उधर रोजी उसके स्तनों को सहला रही थी और हेमा उसकी योनि के दाने को सहला रही थी । मरीना तेज सिसकारियाँ ले रही थीं।

उसकी बांहें मेरी पीठ को सहला रही थीं और वह मुझे भींच रही थी। मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था।

"ओह आमिर... बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आह आमिर आज मुझे पता चला कि असली चुदाई क्या होती है, हाँ राजा ज़ोर से चोदते जाओ, ओह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।" ज़रीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी। मैंने जोर दार धक्के लगाना जारी रखा और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया।

मुझे अभी अपने लंड में तनाव लग रहा था। और मेरा शरीर सख्त हो गया और मैंने मरीना को जोर से चोदने लगा जिससे मरीना के होठों पर जंगली खुशी से भरी तेज कराह ला दी। मेरा बड़ा लंड उसकी योनी में फिसल गया और मरीना का शरीर काम्पा, फिर अकड़ा और वह और भी जोर से आने लगी।

उसका चरमोत्कर्ष एक नए स्तर तक बढ़ गया, हेमा की उँगलियाँ की चयन ज़रूरी टॉनिक साबित हुईं और मैंने अपनी बड़ी गेंदों में जमा हुए शुक्राणुओं की मेरे लंड ने जोरदार पिचकारी मरीना कि चूत में छोड़ दी और मैं मरीना के ऊपर लेट गया।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

Repercussions Pt. 01 Victorian girl punishes manservant's lewd transgression.in Romance
औलाद की चाह 001 परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.in NonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 001 अंतरंग जीवन की पहली हमसफ़र रोज़ी.in Erotic Couplings
राजमहल 1 राज्य के वारिस के लिए राजकुमार की तीसरी शादी और सुहागरातin First Time
A Brief Exchange Best friends give their virginity.in First Time
More Stories