खानदानी निकाह 14

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छोटी बेगम की सुहागरात की सुबह ​
985 words
4.5
118
00

Part 14 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 14

छोटी बेगम की सुहागरात की सुबह ​

सुबह सुबह ज़ीनत बोली आप तो एक्सपर्ट हो गए हमारे साथ तो वहशीपना दिखाया था अब मेरी भी ऐसी ही चुदाई करना। मेरे साथ आपको क्या हो गया था?

मैंने कहा आपा आप सबसे सुन्दर, गोरी और मेरे से बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो। आपको देखकर मैं पागल हो जाता हूँ। मेरा मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है। आप मेरे दिल की मल्लिक्का हो और आपकी गोल-गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे-भरे गालों के साथ नशीली आंखें मुझे नशे में कर देती हैं।

और जब आपने सुहाग रात में कहा था कि मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो। तो मुझे अलग ही मस्ती चढ़ गयी थी और मेरा मन आपको देख कर आज भी, कर रहा है कि बस आपको चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ! और जब आप कहती थी और जोर से और तेज करो तो मेरा जोश बढ़ जाता था और मैं कर तेज करने लगा।

ये बोल कर मैं जीनत पर चढ़ कर उन्हें बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वह भी मेरा साथ देने लगी और मैंने उसके कपडे निकाल दिए और फिर मेरा ध्यान फिर उसके मम्मो पर चला गया के मम्मे बिल्कुल गुलाबी थे, उनकी जिल्द बहुत ज्यादा चिकनी थी... कोई दाग। कोई धब्बा या किसी पिंपल का नामोनिशान नहीं था।

उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ देखी और गिनी जा सकती थी। मुकम्मल गोलाई लिए हुए जीनत आपा के मम्मे ऐसे लग रहे थे... जैसे 2 प्याले उल्टे रखे हों... इतनी मुकम्मल शेप मैंने आज तक किसी फिल्म में भी नहीं देखी थी। थोड़े बहुत तो लटक ही जाते हैं हर किसी के.। लेकिन जीनत आपा के मम्मे बिल्कुल खड़े थे। कहीं से भी ढलके हुए नज़र नहीं आते थे।

जीनत के गुलाबी मम्मों पर गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे सर्कल थे और उन सर्कल के बीच में भूरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल अपनी बहार फैला रहे थे।

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो। मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो जीनत आपा कराह उठी आह यह आह उनके बूब्स लाल हो चुके थे। फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी। आपा मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी आपा का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला। उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। आपा ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी। मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उनकी चूत गीली होने लगी बदन कांपने लगा और आपा झड़ गयी।

आपा की आह ओह्ह और कराहने सुन कर जूनी भी उठ गयी और मैं उसको लिप किश करने लगा मेरे किस करने से वह सिहरने लगी तो मैंने उसको ममो को दबाना शुरू कर दिया उसकी बूब्स बिलकुल छोटे-छोटे संतरो जैसे थे और उसके निप्पल गुलाबी थे... मैं उसके निप्पल चूसने लगा उसके मोमो मेरे मुँह में पूरे आ गए. मैं अपनी जीभ उसके निप्पलों पर फेरे लगा उसकी सिसकारियाँ छूट रही थी वह ओह्ह्ह आअह्ह्ह कर रही थी।

मैंने उसको अपनी गोद में बिठा कर उसकी टांगों को अपने दोनों तरफ कर दिया उसकी छातिया मेरी छाती से चिपकी हुई थी। बहुत नरम-नरम लग रहा था मेरे को।

फिर मैंने योनि को अपने लिंग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस पर कमरा 'आहह ऊहह...' की आवाजों से गूंज उठा। फिर एक हल्का-सा धक्का मारा और अब लंड बिना किसी रोक टोक अंदर चला गया।

मैंने महसूस किया कि जूनि का शरीर अब काफी रिलैक्स हो गया और उसकी जांघें पूरी तरह से खुल गई थी।

तब मैं धीरे से धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा और साथ ही उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा, उसके लबों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी और अपना मुंह उस के मुँह पर रख कर उसकी जीभ के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा।

उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर अब ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दीये मैंने जीनत आपा की तरफ देखा, उन्होंने आँख के इशारे से कहा-लगे रहो!

फिर मैंने लंड को चूत में ही रखे-रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल-गोल घुमाने लगा।

अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे-जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था जूनी मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वह खुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी।

मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में जूनी हाय! हाय! करते हुए झड़ गई और उसका शरीर झुरझुरी से कम्पित हो गया।

हालाँकि वह झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वह मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी।

अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा-क्यों मेरी छोटी बेगम मज़ा आया या नहीं?

जूनी थोड़ी-सी शरमाई और बोली-बहुत मज़ा आया! आप कमाल के जादूगर हो बहुत मजे देते हो।

कहानी जारी रहेगी

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