जवान पड़ोसन

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वापस आने के बाद हम फिर से एक साथ लेट गये और मैं उसकी चूचियों से खेलने लगा. वो मेरे लंड को सहलाती और दबाती रही. फिर उसने चूस चूस कर मेरे लंड को एक बार फिर से खड़ा कर दिया. अब मैंने उसकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी और वो चुदासी होने लगी.

मेरा लंड तन कर पूरा टाइट हो चुका था और उसकी चूत को फाड़ने के लिए तैयार था.

फिर वो तड़पते हुए बोली- विक्की अब चोद दे यार, अब नहीं रुका जा रहा.

फिर मैंने भी देर न करते हुए उसकी टांगों को चौड़ी किया और अपने लंड को उसकी गीली चूत पर रगड़ने लगा. मेरे लंड पर भी अनु का थूक लगा था और वो पूरा चिकना था. उस रात मैंने अंधेर में उसकी चूत मारी थी मगर आज तो दिन के उजाले में उसे चोद रहा था इसलिए उत्तेजना भी कई गुना ज्यादा थी क्योंकि किसी के आने का डर भी नहीं था.

मैंने लन्ड सेट किया और धक्का लगा कर अंदर डाला और मेरा लंड पहली बार में तो फिसल गया. वो हंसने लगी.

तो मैंने फिर से पोजीशन ली. एक धक्का मारा और अबकी बार लंड का टोपा अंदर घुस गया.

अनु के चेहरे के भाव बदल गये. मेरे लंड ने उसकी चूत में मजा और दर्द देना शुरू कर दिया था.

मुझे पता था कि अगले धक्के पर वो चीखेगी इसलिए मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे लंड के टोपे को चूत में धीरे धीरे आगे पीछे सरकाने लगा. अब मैं हर धक्के के साथ हल्का दबाव बढ़ाता गया और हल्का दर्द देते हुए मैंने उसकी चूत में आधा लंड घुसा लिया.

अब आखिरी चोट की बारी थी. मैंने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया और उसकी जीभ को अपने मुंह में खींचते हुए उसकी किस करने लगा जिससे कि धक्के का असर उस पर कम से कम हो.

फिर मैंने खींच कर एक धक्का मारा और उसकी चूत में पूरा लंड उतार दिया. वो छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसको दबोचे रखा. मैं पूरा लंड घुसा कर उसके ऊपर लेट गया. पांच मिनट तक उसको चूसता रहा और अब उसका दर्द कम होता चला गया.

जब वो नीचे से गांड को हिलाने लगी तो धीरे धीरे मैंने भी उसकी चूत चोदनी शुरू कर दी. पांच मिनट बाद ही मेरे लंड से चुदते हुए वो सिसकारने लगी- आह्ह विक्की ... आई लव यू ... जोर से करो ... मजा आ रहा है ... आह्ह ... आह्ह ... उफ्फ ... आह्ह। जानू चोद दे ... आज से मैं तेरी हूं. ओह्ह जान ... चोद दे ... आह्ह।

मैं उसकी कामुकता देखकर जोश में आ गया और मजा लेते हुए उसकी चूत को पेलने लगा.

10 मिनट तक उसकी चूत चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना लिया. जब वो घोड़ी बनी तो मेरा ध्यान उसकी गांड के छेद पर गया.

अब मेरे मन में आया कि क्यों न इसकी गांड चुदाई कर दूं! मैंने लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और रगड़ने लगा.

वो एकदम से हट कर बोली- नहीं, पीछे वाले में नहीं विक्की। वहां बहुत दर्द होता है.

मैं समझ गया कि ये पहले भी अपनी गांड चुदवा चुकी है. इसलिए उसको अनुभव है.

मैंने कहा- मैं तो बस टच कर रहा हूं.

ये कह कर मैं उसकी गांड के छेद में लंड को रगड़ता रहा और उसे मजा आने लगा.

फिर मैंने उसकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया. दोस्तो, मैंने ये सब पोर्न देख देख कर सीखा था. मैं भी वैसे ही करता जा रहा था. उसकी गांड चाटने के दौरान वो अपनी गांड को मेरे मुंह पर धकेलने लगी. शायद वो चुदवाना चाह रही थी.

मैंने फिर उसकी गांड के ऊपर लंड रखा और सुपाड़े को उसके छेद में लगा कर धक्के देने लगा और हल्के हल्के आगे पीछे होने लगा.

अनु- मान जाओ विक्की, वहां मत चोदो.

मैंने कहा- बस थोड़ा मन बहलाने दो जान ... चुदाई नहीं करूंगा.

ऐसे बोल बोल कर मैंने उसकी गांड के छेद में सुपारा घुसाना शुरू कर दिया. सुपारा अंदर जाने लगा. वो कुछ नहीं बोल रही थी. मैंने उसकी पीठ पर झुक कर उसकी चूचियों को भींचना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन के पास पीठ पर चूमना शुरू कर दिया.

धीरे धीरे मैं फोर्स बढ़ाते हुए गांड में लंड घुसाता जा रहा था. धीरे धीरे करके मैंने आधा लंड उसकी गांड में घुसा दिया और फिर उसको चोदने लगा. आधे लंड से ही मैं अंदर बाहर करने लगा. वो कुछ नहीं बोल रही थी.

मैं उसकी गांड चुदाई करने लगा और उसको भी मजा आने लगा. दोस्तो, उसकी गांड इतनी टाइट थी कि लंड फंस फंस कर अंदर जा रहा था लेकिन मजा भी बहुत मिल रहा था. फिर मैंने पूरा लंड घुसा कर चोदना शुरू कर दिया और वो दर्द भरी सिसकारियों के साथ चुदने लगी.

दस मिनट तक चोदने के बाद मेरा स्खलन करीब आने लगा. मैंने उसकी गांड में से लंड निकाला और फिर से उसकी चूत में देकर चोदने लगा. पांच मिनट के बाद मेरा निकलने हो गया.

मैंने कहा- जान निकलने वाला है, कहां गिराऊं?

वो बोली- अंदर नहीं पागल, कुछ गड़बड़ हो जायेगी. मेरा भी होने वाला है, बस दो मिनट और।

मैं उसको चोदता रहा और दोनों जोर जोर से सिसकारने लगे. अब मैं नहीं रुक सकता था. मेरे लंड ने एकदम से उसकी चूत में पिचकारी मार दी और मैं झटके दर झटके झड़ता चला गया. उसी वक्त अनु का भी पानी छूट गया.

हम दोनों हांफते हुए एक दूसरे से लिपट कर गिर गये. शांत होने के बाद मैंने उससे पूछा- तुम पहले भी कर चुकी हो ना?

वो बोली- हां स्कूल के एक बॉयफ्रेंड के साथ मेरा हो चुका था. मगर फिर हमारा ब्रेक अप हो गया. मगर उसके साथ ऐसा मजा नहीं आया जैसे तुम्हारे साथ आया.

मैं समझ गया कि वो चुदाई का पूरा मजा लेने वाली लड़की है. खैर मुझे तो चूत चाहिए थी और वो पड़ोस में ही मिल गयी थी. उस दिन के बाद से अनु मेरी दीवानी हो गयी और जब भी मैं उसे बोलता तो वो चूत देने के लिए तैयार हो जाती थी.

इस तरह से मैंने अपनी पड़ोसन लड़की के साथ चुदाई के खूब मजे लिये.

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