महारानी देवरानी 094

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शमशेरा होश में आते हुए सट से अपना सांप जैसा लौड़ा बाहर खीचता है और हाथ में लिए मुठियाने लगता है । फिर वह अपना पानी शुरष्टि के पेट पर गिराने लगता है।

"शमशेरा तुम तो अंदर ही पानी छोड़ देते आज!"

"तो क्या होता रानी मेरे बच्चे की माँ बन जाती।"

"या लोग क्या कहते हैं पति करवास में बंद है और पत्नी बच्चे जन्म रही है।"

शुरष्टि उठ कर अपना बदन साफ़ करती है या अपनी चूत की हालत को देख अफ़सोस करती है।

शमशेरा अपने कपड़े पहन कर शुरष्टि को पकड़ लेता है ।

"क्या हुआ रानी मजा नहीं आया?"

"नहीं ऐसी बात नहीं है । शमशेरा!"

"तो बोलिए आपको इनाम में क्या चाहिए रानी शुरष्टि!"

रानी शुरष्टि मौके पर चौका मार कर सोमनाथ के बारे में पूरी बात शमशेरा को कह देती है ।

"देखो शमशेरा मुझे भूतकाल में अवश्य बलदेव और देवरानी को पसंद नहीं थे । पर जब से तुम सब ने मुझे शाहजेब की चुंगल से बचाया मैं उन्हें सच्चे दिल से अपना मानती हूँ पर ये सोमनाथ ने मेरे बेबसी का फ़ायदा उठाया और मेरे ऊपर अब भी बुरी नज़र गड़ाए रहता है।"

ये कहते हुए रानी शुरष्टि रोने लगी।

शमशेरा उसको गले लगा कर कहता है ।

"रानी साहिबा हम इसका हल निकालेंगे"

"धन्यवाद शमशेरा जी अब आप जाइए!"

ये कह कर रानी शुरष्टि शमशेरा से दूर हट जाती है।

"अरे अचानक आपको क्या हुआ?"

"जाओ शमशेरा किसी ने देख लिया तो मैं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी।"

"ठीक है रानी जी!"

"कृपया आप अपने कक्ष में अति शीघ्र चले जाए ।"

शमशेरा उठ कर चला जाता है और आप अपने कक्ष में। रानी शुरष्टि अपने बिस्तर पर लेट जाती है और थकने के कारण से नींद की आगोश में चली जाती है । उधर शमशेरा भी अपने कक्ष में चूत मार के थक कर जा कर सो जाता है।

सुबह 1 बजे

ऊपर कक्ष में अब भी दोनों माँ बेटे, प्रेमी जोडे जो नए-नए पति पत्नी बने थे सोये नहीं थे।

देवरानी: कितना मालिश करोगे जी? थक जाओगे 1 घंटे से मालिश कर रहे हो आप।

"रानी माँ आपके संगेमरमर शरीर को मैं जीवन भर मालिश करूँ तो भी नहीं थकू।"

"आह राजा इतनी पसंद हूँ मैं।"

"रानी माँ अब कुछ दर्द कम हुआ।"

"बहुत कम हुआ दर्द। ऐसा लग रहा है पूरा अंग-अंग खुल गया ।"

"तो अब करे शुरू!"

"बलदेव जी आप तो मार डालोगे।"

"मां देखो ना मेरे लंड को। आपकी मालिश कर क्या हुआ हाल इसका।"

ये देख तेल में सनी देवरानी उठती है और आगे बढ़ कर बलदेव का लंड हाथ में ले लेती है।

"इसको तो कुछ काम नहीं है बस रह-रह कर मेरी मुनिया पर बुरा नज़र लगाये खड़ा हो जाता है।"

देवरानी बलदेव को लिटा देती है और अपने हाथ में तेल ले कर बलदेव के लौड़े को अपने हाथ में ले कर ऊपर नीचे कर लौड़े की मालिश करने लगती है।

"आआह माँ उआह!"

"कितना बड़ा है ये तेल लगने पर और भी भयानक लग रहा है।"

जारी रहेगी...!

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Anonymous
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1 Comments
AnonymousAnonymous3 months ago

Awesome 👌 story .

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