साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ

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अपने भाई समान दोस्त की बीबी को देखते ही राज के दिल में कुछ अजीब सी हलचल होने लगती थी। उसको कुमुद की पतली कमर और उसपर भी तने हुए कर्रारे स्तन मंडल और नोकीली और सुरम्य नाक बड़ी लुभावनी लगती थी। राज का एक हाथ कुमुद के कधों पर था और इधर उधर जाने के लिए बेकरार हो रहा था।

कमल सोने का ढोंग करके बिस्तर पर पड़ा पड़ा सारा नजारा देख रहा था। राज ने कुमुद से पूछा की क्या हुआ था। कुमुद थोड़ी सहमा कर राज से बोली, "आपके दोस्त मुझसे आजकल लड़ते हैं और बड़ी उटपटांग बातें करते हैं। लगता है जैसे वह मुझसे संतुष्ट नहीं है।"

राजने जवाब में कहा, "कमल भैया आपसे संतुष्ट नहीं है? कमाल है! आप के जितनी सुन्दर और सभ्य बीबी पाकर तो कोई भी अपने आप को भाग्यशाली समझेगा। रानी भी सुन्दर है पर आपके मुकाबले नहीं। मैं तो कमल भैया की ईर्ष्या करता हूँ की उसे आपके जितनी सेक्सी पत्नी मिली"

राज के मुंहसे अनायास ही "सेक्सी" शब्द निकल गया। कमल बड़ा हैरान हो गया यह सुन कर की उसका प्यारा दोस्त राज जिसको अबतक वह बच्चा समझता था, वह उसी की बीबी को सेक्सी कह रहा था! कमल सोच रहा था की कहीं उस की बीबी कुमुद राज के मुंह से सेक्सी शब्द सुन कर तिलमिला ना उठे। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं।

उलटा कुमुद राज की आँखों में आँखें डाल कर पूछने लगी, "मजाक मत करो राज। मैं कोई सुन्दर नहीं हूँ। अगर मैं सुन्दर होती और तुम्हारे भैयाको पसंद होती तो वह मुझसे इस तरह की उटपटांग बाते न करते। "

कुमुद को इतना करीब पाकर राज की हालत खराब हो रही थी। उसके पजामेमें उसका लण्ड फर्राटे मार रहा था। वह अपने आप को बड़ी मुश्किल से रोक पा रहा था। राज के दिमाग में खून का बहाव एकदम तेज हो रहा था। लगता था कहीं उत्तेजना में उसके बदन में खून की धमनियां फट न जाएँ।

बड़ी मुश्किल से अपने आप को सम्हालते हुए राज ने पूछा "कैसी बातें?" तो कुमुद बोली, "वह हर रात तुम्हारे बारे में....." बोल कर वह शर्मा गयी और बोली, "जाने दो मैं क्या कहूं? मुझे शर्म आती है।" और कुमुद थोड़ी देर चुप हो गयी।

कमरे में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया। राज और कुमुद की गहरी साँसों की आवाज कमल को साफ़ सुनाई दे रही थी। राज के पजामेमें उसका लण्ड खड़ा हो गया था। कुमुद जब राज से लिपट कर खड़ी थी तब राज का लण्ड कुमुद के पाँव के बिच ठोकर मार रहा था। कमल की बीबी कुमुद ने राज के लण्ड को अपने पॉंव के बिच ठोकर मारते हुए महसूस किया तो वह बोल पड़ी, "अरे राज भैया, तुमभी.....? यह ... क्या है?" यह कह कर कुमुद राज से थोड़ा हट कर खड़ी हुई।

राज बेचारा क्या बोलता? ना तो उससे रहा जा रहा था ना उससे सहा जा रहा था। वह लज्जा से तार तार हो रहा था। उसका भेद खुल गया था। उसके लिए तो अब एक ही रास्ता था। वह एकदम करुणा भरी आवाज में कुमुद से क्षमा मांगते हुए बोला, "भाभी, मुझे माफ़ कर दीजिये। मैं पहले से ही कुछ नर्वस था। आपको देखकर, आपकी सुंदरता से मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गया। मैंने फिल्मों में तो सुन्दर लडकियां देखि हैं, पर साक्षात् आपके जितनी सुन्दर लड़की आपके अलावा नहीं देखि। प्लीज आप माफ़ कर दीजिये। आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।"

जब एक औरत अपनी सुंदरता की इतनी भूरी भूरी प्रशंसा सुनती है तो उसे प्रशंसा करने वाले के दोष नहीं दीखते। कमल की बीबी कुमुद अपनी प्रशंसा सुनकर आधा शर्म से और आधा सहानुभूति से राज की और देख कर बोली, "ठीक है बहुत हो गया। मेरी जूठी तारीफ़ करके अब तुम मेरी टांग खींचना बंद करो। मैंने माफ़ किया। बस? "

राज ने कहा, "तो फिर ज़रा हंस भी दो भाभी।"

सुन कर कुमुद हंस पड़ी और राज को कमर में नकली घूँसा मारते हुए बोली, "तुम भी ना, तुम्हारे दोस्त से कम नहीं हो। मुझे लगता है तुम्हारे भाई तुम्हारे बारेमें सच ही कह रहे थे।"

बिस्तर पर लेटा हुआ कमल अपनी बीबी और अपने दोस्त राज के बिच की बातें सुन रहा था।

इस हादसे के बाद राज और कुमुद में थोड़ी और पटने लगी। राज कमल और कुमुद के साथ दो दिन और रुका। जाने से एक दिन पहले शाम को जब सब एक साथ बैठे थे तो कुमुद ने अपने पति कमल से राज के सामने ही बातों बातों में कहा, "कमल, तुम्हारा दोस्त राज, तुमसे कहीं ज्यादा सयाना है।"

कमल जोर से हंसा और बोल पड़ा, "अच्छा? तुझे भी राज पसंद है? मेरा दोस्त है ही ऐसा। अगर वाकई में तुम्हें राज इतना पसंद है तो चल, आज रात राज को हमारे साथ ही सोने के लिए बुला लेते हैं। हम सब मिलकर मौज करेंगे।"

कमल की बात सुन कर राज का मुंह खुला का खुला ही रह गया। कुमुद गुस्से से तिलमिला उठी और कमरे से झाड़ू निकाल कर जोर जोर से चिल्लाकर कमल से कहने लगी, "तुम समझते क्या हो अपने आपको? जो मन में आये सो बोल देते हो?" वह कमल के पीछे झाड़ू ले कर मारने के लिए दौड़ पड़ी। कमल भाग कर घर के बाहर की और दौड़ पड़ा। राज एकदम बिच में आया और कुमुद के हाथ से झाड़ू लेकर कोने में फेंक दिया और कमल के पीछे भागती हुई कुमुद को रोका और अपनी बाहों में खिंच कर दबा कर उसे शांत करने लगा।

उस दिन की तरह राज का लण्ड फिर से एकदम खड़ा होकर कमल की बीबी कुमुद के बदन को टॉच रहा था। इस बार तो दोनों के बदन के हिलने से और राज का कुमुद को अपने काफी करीब दबाने से शक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी की राज का लण्ड कुमुद ने जरूर अनुभव किया था। पर इस बार कुमुद इस बारेमें कुछ नहीं बोली और राज की बाहों में कमल को कोसती रही।

राज कमल की और मुड़ा और बोला, "हद है भैया। आप जो कुछ मन में आता है वह बोलते जा रहे हो। ज़रा अपने आप पर नियत्रण रखो। ऐसा बोलोगे तो फिर मैं तुम्हारे घर नहीं आऊंगा।"

कमल ने कहा, "भाई मैं तो जो मनमें आता है वह बोल देता हूँ। मुझे माफ़ करदे पर ऐसे कभी मत कहना की तू मुझसे दूर हो जाएगा।"

कमल और राज गले लग गए। दोनों की आँखें आंसुओं से नम हो गयी। कुमुद भी उनके पास आयी और उन दोनों से लिपट कर बोली, "यह तो इमोशनल अत्याचार हो गया।अब बस भी करो। तुम दोनों सगे भाई ना होते हुए भी एक दूसरे को इतना चाहते हो की एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हो। यह अद्भुत है। भगवान आप दोनों की जोड़ी सलामत रखे।"

अगले दिन राज को वापस जाना था। उस रात राज, कमल और कुमुद तीनों बिस्तर पर लेटे हुए देर रात तक बातें करते रहे। कुमुद राज और कमल के बिच में लेटी हुई थी। उस रात बातें करते हुए पता नहीं कितनी बार राज और कुमुद में शारीरिक स्पर्श हुआ होगा। देर रात तक बातें चलती रहीं। फिर राज अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। दूसरे दिन राज वापस अहमदावाद चला गया।

जब भी उनकी फोन पर बातचीत होती तो कमल रानी के बारेमें पूछता और राज कुमुद के बारेमें।

एक दिन राज कुछ ज्यादा ही दुखी था। कमल से फ़ोन पर बात करते करते वह बोल पड़ा, "भैया, अब तो जिंदगी बोझ बन गयी हो ऐसा लगता है। शादी के शुरू में तो मेरी और रानी की खूब जमी। हमने खूब मजे किये। पर अब तो सेक्स का जोश धीरे धीरे कम हो गया है। इस लिए नहीं की हमें सेक्स करना अच्छा नहीं लगता, पर इस लिए की सारी नवीनता ख़त्म हो गयी है। मुझसे ज्यादा रानी पर इस का असर दिखाई देने लगा है। क्या बताऊँ? मेरी सेक्स करने की इच्छा को वह अक्सर "थक गयी हूँ।" कह कर टाल देती है या फिर टाँगे फैला कर कहती "चलो जल्दी निपटाओ, मुझे नींद आ रही है। मुझे बड़ा दुःख होता है पर क्या करूँ? मेरी समझ में नहीं आता की क्या किया जाय।"

तब अचानक कमल को वह लेख याद आया जो उसने कोई ब्लॉग में पढ़ा था। कमल ने कहा, "राज मेरे पास एक फॉर्मूला है। अगर तुझे पसंद आता है तो अमल कर।" कमल ने फिर उसका प्लान जो उस ब्लॉग के लेख पर आधारित था, राज को विस्तार से बताया।

सुनकर राज खिल उठा। राज ने कहा, "भाई, तुम्हारे प्लान में दम है। तुम कहो तो मैं इसे आज से ही अमल करना शुरू कर देता हूँ।"

कमल ने कहा, "राज यह पहला सोपान है। इस प्रोग्राम के तीन सोपान है। दुसरा और तीसरा बाद में बताऊंगा। "

राज ने कमल को विश्वास दिलाया की वह उसे एकदम अमल करना शुरू कर देगा और कमल को बताता रहेगा की असर कैसा रहा।

करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा। तब फिर एक दिन अचानक ही राज का फ़ोन आया। राज ने सबसे पहले तो इतने दिन तक फ़ोन न करने के लिए माफ़ी मांगी और फिर तब तक का विस्तार पूर्वक विवरण दिया।

राज ने कमल से कहा, "कमल भैया तुम तो यार कमाल के जादूगर हो। जैसा तूम ने बताया था, मैं रानी को बाहर घुमाने के लिए ले जाने लगा हूँ। पहले मैं खुद तो बाहर घूमता था और नए नए लोगों से मिलता रहता था। शाम को मैं जब घर लौटता तो "थक गया हूँ" कह कर यातो टीवी देखने लगता यातो अखबार पढ़ने। रानी बेचारी रसोई में लगी और घरमें बैठ कर वही पुरानी घिसी पिटी जिंदगी जी रही थी। उसके लिए आज और कल में कोई भी फर्क नहीं था। मैं धीरे धीरे रानी को मेरे साथ शामको बाहर खाने, तो कभी उसकी सहेलियों से मिलने तो कभी क्लब में ले जाने लगा। मेरी बीबी में इस कारण जो परिवर्तन आया वह मुझे हैरान करने वाला था। रानी की मुस्कान लौट आने लगी। भैया वाकई फॉर्मूला जबरदस्त है।"

कमल ने कहा, "मैं जैसा कहता हूँ ऐसा करते जाओ। देखो तुम्हारे जीवन में कैसे बहार लौट आती है। अब दुसरा कदम आगे बढ़ाओ। रानी को थोड़े भड़कीले कपडे पहनने का आग्रह करो। कोई उनको लाइन मारेगा तो वह कभी किसी को थोड़ी छूट भी देगी। चिंता मत करो, तुम्हारी बीबी तुम्हारी ही रहेगी। इस बिच तुम भी कभी कभी किसी की बीबी पर लाइन मारोगे तो रानी भाभी तुम्हें कुछ नहीं कहेगी।"

राज ने कुछ निराशा से कहा, "भैया रानी बाहर जाने के लिए तो तैयार होती है, उसे सजधज ने का भी बड़ा शौक है पर आजकल वह अपने अंग प्रदर्शन करने से डरती है। कहती है, "अब मैं एक माँ बन गयी हूँ। यह सब मुझे शोभा नहीं देता। कॉलेज की बात और थी। ऐसे भड़कीले वेश में मुझे देख कर लोग हँसेंगे। कहेंगे बूढी घोड़ी जवान बनना चाहती है।"

कमल ने हंसकर कहा, "तुम एक काम करो। तुम रानी से कहो की वह शादी के बाद तो और भी सुन्दर और सेक्सी हो गयी है। दूसरे मर्द रानी को देख कर हँसेंगे नहीं, उसे देखकर घूरेंगे और रानी के पति की यानी तेरी इर्षा करेंगे। कहेंगे यह साले बन्दर ने मोरनी को फाँस लिया। देखो राज यह सब कहने की बातें हैं। पर पत्नी को रिझाने के लिए यह बातें हैं बहुत जरुरी। रानी को कहना की तुम्हारे दोस्त तो अभी भी कहते हैं की भाभी शादी के बाद अब तो और भी सुन्दर लग रही है। देखो मेरे शब्दों का बुरा मत मानना, पर तुम रानी भाभी से स्पष्ट शब्दों में कहो की उनके स्तन, उनकी गांड और उनकी कमर, नाभि इत्यादि शादी के बाद तो और आकर्षक रूप से उभरे हैं और बड़े ही सेक्सी लग रहे हैं। उन्हें देखकर अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाता है। दूसरों को उन्हें देखने दो, जलने दो और तुम उसे एन्जॉय करो। अपनी बीबी से यह कहो की, "मेरी बीबी सब की बीबियों से ज्यादा सुन्दर लगनी चाहिए।"

कमल की बात सुन राज हैरान रह गया की उसकी बीबी के बदन के बारेमें कमल कितनी सटीक जानकारी रखता था।

खैर राज ने माना की पहले जब रानी ब्यूटी पार्लर जाने की बात कहती तो राज उसे कहता था, "बगैर मेकअप के ही तुम तो इतनी सुन्दर लग रही हो। जिसको तुम्हें पटाना था वह तो पट गया। अब ब्यूटी पार्लर जाने से क्या फर्क पडेगा?" और रानी निराश होकर ब्यूटी पार्लर जाने का प्रोग्राम कैंसिल कर देती थी।

पर अब राज ने तय किया की वह रानी को न सिर्फ ब्यूटी पार्लर जाने से नहीं रोकेगा बल्कि उसे प्रोत्साहित करेगा।राज ने कमल के इशारे पर प्लान का अमल करना शुरू कर दिया। एक दिन राज ने अपनी बीबी से पूछा, "डार्लिंग आज कल तुम ब्यूटी पार्लर क्यों नहीं जा रही?" तो रानी कुछ अजीब तरीके से राज की और देखने लगी।

राज ने कहा, "तुम कितनी ज्यादा सुन्दर हो, यह तुम्हें नहीं पता। मैं चाहता हूँ यह सुंदरता मेकअप से और निखरे और मेरी बीबी का बदन पूरी दुनिया को ढंढेरा पिट पिट कर पूछे की "है मुझसे कोई और ज्यादा सुन्दर?"

यह सुनकर रानी की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसे सज धज ने का शौक तो था ही। ऊपर से उसे पति का प्रोत्साहन मिला, तो वह जब भी कहीं जाने का प्रोग्राम बनता तो बड़ी खुश होकर पार्लर जाने लगी। आकर राज को सेक्सी पोज़ देकर पूछती, "मैं कैसी लग रही हूँ?"

राज उसे बाहों में लेकर कहता, "वाह भाई। आज तुम्हें देखकर मेरे सारे दोस्त इर्षा से मुझसे जलेंगे। आज तो मेरी बीबी एकदम सेक्स की मूर्ति लग रही है। मुझे यही चिंता हो रही है की तुम्हे देखकर मेरे दोस्त मेरी और इशारा कर कहेंगे यार इस बन्दर को ऐसी सुन्दर मोरनी कैसे मिल गयी? इस पोज़ में तुमको देखकर अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाएगा, और उनका तुम्हें चोदने का मन करेगा। तुम्हंज़ ऐसे देखकर मेरा भी तो मन कर रहा है मैं तुम्हें अभी, यहीं और इसी वक्त चोद डालूं।"

रानी हमेशा उसकी बातें सुनकर खिल जाती और "धत्त, ज्यादा ड्रामा मत करो। ज़रा शर्म करो। धीरज रखो, रातको तुम खूब चोदना।" कह कर हंस पड़ती।

फिर एक दिन राज ने कमल की कही दूसरी बात भी थोड़ी बढ़ाचढ़ा कर अपनी सुन्दर बीबी को कह ही डाली। राज ने रानी को कहा, "रानी डार्लिंग, तुम्हारे स्तन, तुम्हारी गांड और तुम्हारी कमर, नाभि इत्यादि शादी के बाद तो और आकर्षक रूप से उभरे हैं और बड़े ही सेक्सी लग रहे हैं। उन्हें देखकर अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाता है। मैंने तुम्हारी जितनी सुन्दर बीबी किसी की नहीं देखि। तुम्हें अगर मर्द लोग ताकते हैं तो उसे एन्जॉय करो। मैं तुम्हें सबसे ज्यादा सेक्सी देखना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ की तुम जब भी मौक़ा मिले तो भड़कीले कपडे पहनो। मैं चाहता हूँ की गैर मर्द तुम्हें ताकें और तड़पें। वह लोग तो तुम्हारे बारे में सोच कर मुठ मारें और मैं उनपर तरस खाकर तुम्हें प्यार से चोदूँ।"

धीरे धीरे राज की खूबसूरत बीबी रानी अपना रूप और सुंदरता को ऐसे सजाने लगी की सब देखते ही रह जाएँ। रानी को उसे खूबसूरत दिखाने की राज की चाहत बहुत भायी। वह सेक्सी वेश भी पहनने लगी। बल्कि कई बार वह अपनी नाभि के निचे तक साडी पहनके राज के साथ पार्टी में और मार्किट में भी गयी। जब लोग उसे लालच भरी नज़रों से देखते थे तो वह उसका मजा लेने लगी।

राज जिस क्लब का सदस्य था उस क्लब में रानी को शाम को ले जाने लगा। रानी ने उसी क्लब की युवा महिलाओं से मिलकर एक महिला क्रिकेट टीम बनायी और वहाँ और बाहर की टीम के साथ खेलने लगीं। राज ने कमल से यह बात की कमल बड़ा खुश हुआ और बोला की अगर रानी चाहे तो कमल उसे क्रिकेट के बारे में कुछ टिप्स दे सकता है।

उन्ही दिनों में कमल का तीन दिन के लिए क्रिकेट खेलने के लिए अहमदाबाद आने का प्रोग्राम बना। रानी यह सुनकर ख़ुशी के मारे उछल पड़ी। उसने राज से कहा की राज कमल भैया को कहें की वह दो चार दिन उनके वहाँ आकर रुकें और रानी को क्रिकेट की कोचिंग दें। राज ने जब कमल से यह कहा तो कमल ने राज की बात मान ली और कमल का प्रोग्राम तय हो गया। कमल ने बताया की वह तीन दिन तक तो होटल में टीम के साथ रुकेगा पर चार दिन वह राज के साथ गुजारेगा।

राज तो कमल के आने की खबर से मारे ख़ुशी के बाँवरा सा हो गया। उसने कमल भैया की आवभगत के लिए काफी तैयारी की और नया फर्नीचर, परदे, तौलिये और पता नहीं क्या क्या नयी चीज़ें खरीद लाया। राज का उत्साह देखकर उसकी की बीबी रानी हैरान रह गयी। वह जानती तो थी की कमल के लिए राज के मन में खूब प्रेम और सम्मान था, पर इस हद तक का प्रेम और उत्साह तो उसने पहली बार देखा। राज बार बार कहता, "कमल मेरा दोस्त नहीं, भाई भी नहीं, भगवान है। मैं उसके लिए जो भी करूँ कम है। उसने मुझे नयी जिंदगी दी है।"

तीन दिन जब कमल मैच खेल रहा था तो रानी रोज मैच देखने जाती थी। कमल का प्रदर्शन बैटिंग और बोलिंग में सर्वोत्तम रहा। रानी रोज खेल के बाद थोड़ी देर के लिए कमल से जरूर मिलती और मिलकर उसे बधाई देती। मैच खतम होने के दूसरे दिन राज कमल को सुबह ही सुबह घर ले आया।

कमल को जैसे ही घर में प्रवेश कराया की राज ने कमल की आरती उतारी, उसके पाँव खुद छुए और रानी से छूने को कहा। पर कमल ने राज की बीबी रानी को पाँव नहीं छूने दिया, बल्कि प्यार से गले लगाया। फिर राज ने कमल के ललाट पर तिलक लगाया, उसे जलपान कराया और सीधे ही अपने बैडरूम में ले जा कर थोड़ी देर लेट कर आराम करने को बाध्य किया।

कमल के लेटते ही राज पलंग के ऊपर कमल के पाँव के पास बैठकर कमल के पाँव दबाने लगा। एक कोने में खड़ी खड़ी रानी अपने पति का ऐसा मित्र प्रेम देखती रही। राज ने अपनी बीबी रानी को अपने पास बिठाकर उसके कंधे पर एक हाथ रख कर कहा, "रानी डार्लिंग, कमल भैया मेरा सर्वस्व है। जैसा मैं तेरे लिए सबकुछ हूँ वैसे कमल भैया मेरे लिए सब कुछ है। उनकी इच्छा भी मेरे लिए आज्ञा सामान है।"

पति की इतनी गहरी मित्र भक्ति देख कर रानी थोड़ी सी भावुक हो गयी और धीरे से राज के पास पलंग पर बैठ कर कमल का दुसरा पाँव अपनी गोद में लेकर उसे प्यार से दबाने लगी। कमल के मना करने पर भी वह नहीं मानी और जब तक कमल सो नहीं गया तब तक दोनों कमल की पाद सेवा करते रहे।

कमल ने महसूस किया की बरबस ही उसकी नजर न चाहते हुए भी रानी के सुन्दर और कमनीय बदन पर चली जाती थी। कमल को भी ऐसा लगा की रानी भी शर्माते हुए अपनी नजरें निचीं कर हल्का सा मुस्का कर उसे कुछ कुछ प्रतिक्रिया (रिस्पॉन्स) दे रही थी। जब कमल साथ होते तो रानी की बातें ख़तम ही नहीं होती थीं। वह कमल को उसके क्रिकेट के बारे में काफी पूछती रहती थी।

उन चार दिनों में राज तो अपने ऑफिस चला जाता पर रानी रोज कमल को क्लब में ले जाती और कमल और रानी क्लब में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते। कई बार जब क्लब में ज्यादा लोग ना होते तो कमल रानी के पीछे सट कर खड़ा रहता और कैसे बैटिंग करना है वह सिखाता। कई बार कमल रानी के पीछे खड़े होकर रानी की बाहें पीछे से पकड़ कर कैसे गेंद फेंकी जाती है वह दिखाता।

उस समय कमल का लण्ड पतलून में खड़ा हो जाता और रानी को अच्छी तरह अपनी जाँघों के बिच में या फिर अपनी गाँड़ की दरार में कई बार कमल का लण्ड महसूस होता था। रानी जान गई थी की कमल बहुत उत्तेजित हो रहा था। बॉलिंग करते समय कैसे शरीर का संतुलन रखना चाहिए यह सिखाने के लिए कई बार कमल रानी के पीछे खड़ा होकर रानी की छाती पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे सिखाता। ऐसा करते हुए उसे रानी के स्तनों को दबाने का पूरा मौक़ा मिलता।

रानी शायद समझ गयी थी की कमल भैया सिखाने के साथ साथ उसके बदन का मजा ले रहे थे पर वह कुछ नहीं बोलती। रानी कमल भैया की क्रिकेट खेलने की सूझबूझ और सिखाने की लगन से खुश थी। शायद रानी के मनमें भी तो कुछ कुछ सेक्स की आग लगी हुई थी।

उन चार दिनों में रानी कमल के साथ काफी कुछ घुलमिल गयी थी। अब वह पहले की तरह कमल से ज्यादा अतड़ी अलग सी नहीं रहती थी। रानी ने जाते समय कमल को रात ट्रैन में खाने के लिए खाना पैक कर दिया। जब कमल ने डिब्बा खोला तो उसमें से एक पर्ची निकली जिसमें लिखा था "हमारे घर आने का बहोत बहोत शुक्रिया। हमें भूल मत जाना और आते रहना।" कमल की समझ में नहीं आया की वह कोई ख़ास सन्देश था या फिर एक साधारण धन्यवाद।

राज का अपने प्रति इतना बदलाव और राज का रानी को इतनी छूट देना रानी को बहुत अच्छा तो लगा पर रानी के मनमें उत्सुकता हुई की आखिर कुछ न कुछ बात है जिससे की उसका पति रानी की और इतना ध्यान देने लगा है। आखिर बात क्या है? एकदिन राज से रानी ने वह बात पूछ ही डाली जिसका राज को डर था। उसने राज को बात बात में पूछा की, "राज एक बात बताओ। पहले तो आप अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे की मेरी और ज़रा भी ध्यान नहीं देते थे। पर आजकल आप मेरे बारे में, मेरे शरीर के बारेमें और मुझे सेक्सी दिखाने में आपका इंटरेस्ट इतना क्यों बढ़ गया है? आपमें अचानक इतना जबरदस्त परिवर्तन कैसे आया?"

तब राज ने जवाब दिया की "यह सब कमल का कमाल है।" और फिर राज ने रानी को कमल से हुई बातचीत के बारेमें बताया।

रानी राज की बात सुनकर हैरान रह गयी, फिर धीरे से बोली, "कमाल है। कमल भैया बड़े ही समझदार हैं। पत्नी का कैसे ध्यान रखना चाहिए यह वह बखूबी जानते हैं।" राज समझ गया की सेक्स लाइफ में सुधार होने से रानी भी खुश लग रही थी और दूसरे रानी को यह भी शिकायत नहीं थी की उसका पति राज कमल से रानी के बदन के बारेमें खुल्लम खुल्ला बात कर रहे थे।

जब राज ने कमल से यह सब कहा तो कमल ने राज से पूछा, "एक बात तो हमारे पक्षमें है। रानी थोड़ी ही सही पर तैयार तो हो रही है। मैं तुम्हें तो मार्गदर्शन दे रहा हूँ, पर मेरी बीबी को तैयार करने में नाकाम हूँ। अच्छा एक बात बताओ, रानी को कभी ज्यादा रोमांटिक वाली; अरे साफ़ साफ़ कहूं तो ब्लू फिल्म दिखाते हो क्या?"

जब राज ने कहा, "नहीं। अरे मैंने खुद ही कोई ब्लू फिल्म नहीं देखि तो रानी को कहाँसे दिखाऊंगा?"

कमल ने अपना सर पीटते हुए कहा, "तुम तो बड़े भोंदू निकले यार। आजकल यह सब मिल जाता है। ज़रा कोशिश करो। अपनी बीबी रानी को गरमा गरम हॉट ब्लू फिल्म दिखाओ। मैं एक काम करता हूँ। मैं तुम्हें एक लिंक भेजता हूँ। तुम उस ब्लू फिल्म को देखो और भाभी को भी दिखाओ। फिर देखो, भाभी में और कितना बदलाव आता है!"

तब राज ने पूछा, "भैया तुमने यह सब किया है क्या? जब मैं वहाँ आया था तो मुझे लगा की तुम्हारी अपनी विवाहित जिंदगी भी कुछ ज्यादा बढ़िया नहीं चल रही थी।"

कमल एक लम्बी और बड़ी गहरी साँस लेकर बोला, "अरे भाई, यह सब अपने तजुर्बे से ही तो कह रहा हूँ। हम कोई आसमान से नहीं टपके। मुझे किसीने रास्ता दिखाया। अब मैं तुम्हें राह दिखा रहा हूँ। पर हाँ, मेरी कहानी तुमसे थोड़ी अलग है। कुमुद और रानी में अंतर है। मेरे दबाव के कारण कुमुद थोड़ी बदली तो है, पर उसे तैयार करना मेरे लिए तो भाई पहाड़ पर चढ़ने जैसा है। पर मेरी छोडो, जहां आगे बढ़ सकते हैं वहाँ तो कोशिश करें।"

कमल की बात सुन कर राज मन ही मन में दुखी हुआ की कमल भैया और कुमुद भाभी की जोड़ी अच्छी चल नहीं रही थी। शायद कुमुद भैया को कुमुद भाभी को चोदने में भी मजा नहीं आ रहा था। राज की यह बात समझ में नहीं आयी क्यूंकि राज को तो कुमुद बड़ी सेक्सी लगती थी और राज के मनमें एक ख्वाहिश थी की अगर मौक़ा मिले तो और अगर कमल भैया को कोई आपत्ति ना हो तो राज भी कुमुद भाभी को चोदना चाहता था। राज ने फिर दुबारा दृढ निश्चय किया की एक न एक दिन वह जरूर अपनी बीबी रानी को तो कमल भैया से जरूर चुदवायेगा। शायद कमल भैया भी कुमुद को राज से चुदवाने के लिए राजी हो जाएँ। पर सबसे ज्यादा जरुरी यह था की पहले अपनी बीबी रानी को कमल भैया से चुदवाने के लिए तैयार करना।

राज ने कमल से वह ब्लू फिल्म वाली लिंक भेजने को कहा तो कमल ने राज को एक वेबसाइट की लिंक भेजी और कहा, "इसे एकदम गुप्त रूपसे अपने लैपटॉप पर डाउनलोड कर देखना और फिर रानी भाभी को भी दिखाना। फिर मुझे बताना की क्या हुआ?"

राज ने लिंक खोल कर वीडियो देखा तो उस वीडियो में दो मित्र अपनी पत्नियों के साथ कोई हिल स्टेशन जाते हैं। संयोग वश उन्हें एक ही कमरे में रुकना पड़ता है। वहाँ वह एक दूसरे की बीबियों को कम कपड़ों में देखते हैं।

दो पलंग एकसाथ जुड़े हुए होते हैं और रात को दोनों पति अपनी पत्नियों से लिपट कर सोते हैं तभी रातको अचानक ही एक कपल उत्तेजित हो जाता है और पति पत्नी से चोदने की रट लगाने लगता है। आखिर में पत्नी पति की बात मानकर कपडे पहने हुए ही अपना घाघरा ऊंचा करके उसे चोदने देती है।

जब दूसरा कपल यह देखता है तो पति अपनी पत्नी के विरोध करने पर भी अपने और पत्नी के कपडे निकाल कर पत्नी पर चढ़ कर उसे चोदने लगता है। उसे कोई परवाह नहीं की दुसरा कपल उन दोनों को नंगा चोदते हुए देख रहा था। पत्नी भी अपने आपको रोक नहीं पाती है और पति का पूरा साथ देती है। तब पहला कपल हैरान हो कर उन दोनों को चोदते हुए देखता ही रहता है। तब वह पति दूसरे कपल को देखकर अपने सारे कपडे निकाल देता है और अपनी पत्नी को भी नंगी कर चोदने लगता है। दोनों पति एक दूसरे को उछृंखलता से अपनी अपनी बीबियोंको चोदते हुए देखते हैं।

दोनों पत्नियां अपने पति से चुदवाने में मग्न होती हुई अपनी आँखें बंद करके मजा लेती हैं तब एक पति दूसरे पति को आँख मार कर इशारा करता है और फिर एक पति दूसरे की पत्नी की जाँघों पर हाथ रखता है। उसे देख कर दुसरा पति दूसरे की पत्नी के स्तन दबाने लगता है। दोनों में होड़ लगती है और उससे पहले की दोनों पत्नियां अपने पति के खेल को समझे, दोनों पति फुर्ती से अपनी बीबी के ऊपर से हटकर एक दूसरे की पत्नी पर चढ़कर उन्हें चोदने लगते हैं। पत्नियां समझ जाती हैं; पर जैसे असहाय है ऐसा ढोंग करके अपनी आँखें बंद करके इसका मजा लेती हैं और बादमें बिंदास होकर (अपने पति की इजाजत जो मिल गयी) अलग अलग तरीके से दूसरे के पति को चोदती है और उससे चुदवाती है। ऐसे कई तरह से लण्ड चूसना, चूत चाटना, चूँचियों को चूसना और निप्पलों को काटना इत्यादि होता है और आखिर में दोनों पति दूसरे की पत्नियों की चूत में अपना वीर्य निकालते हैं।